कबीर के दोहे – प्रेम/Love

आगि आंचि सहना सुगम, सुगम खडग की धार नेह निबाहन ऐक रास, महा कठिन ब्यबहार। अग्नि का ताप और तलवार की धार सहना आसान है किंतु प्रेम का निरंतर समान रुप से निर्वाह अत्यंत कठिन कार्य है। Aagi aanchi sahna sugam , sugam khadag ki dhar Neh nibahan ek ras , maha kathin byabahar . Bearing heat of fire is easy , the blade of sword is easy Maintaining love in...

Read More

लक्खण मृग की -जातक कथा

हजारों साल पहले मगध जनपद के एक निकटवर्ती वन में हजार हिरणों का एक समूह रहता था जिसके राजा के दो पुत्र थे- लक्खण और काल। जब मृगराज वृद्ध होने लगा तो उसने अपने दोनों पुत्रों को उत्तराधिकारी घोषित किया और प्रत्येक के संरक्षण में पाँच-पाँच सौ मृग प्रदान किए ताकि वे सुरक्षित आहार-विहार का आनंद प्राप्त कर सकें। उन्हीं दिनों फसल काटने का समय भी निकट था...

Read More

असली विजेता

गुरुकुल की परीक्षाएं ख़त्म हो चुकी थीं ! सभी छात्र आश्रम में एकत्रित होकर चर्चा कर रहे थे कि अब छुट्टी के बाद वे सभी घर पहुंचकर क्या-क्या करने वाले हैं । तभी अचानक से गुरूजी ने आश्रम के बाहर से आवाज़ दी और कहा कि सभी छात्र बाहर मैदान में एकत्रित हो जाएँ । सभी छात्र मन ही मन ये सोच रहे थे कि घर जाने से पहले, गुरूजी उन्हें कोई ख़ास तौफ़ा दे सकते हैं…...

Read More

मूर्ख बगुला और नेवला ~ पंचतंत्र

जंगल के एक बड़े वट-वृक्ष की खोल में बहुत से बगुले रहते थे । उसी वृक्ष की जड़ में एक साँप भी रहता था । वह बगलों के छोटे-छोटे बच्चों को खा जाता था । एक बगुला साँप द्वार बार-बार बच्चों के खाये जाने पर बहुत दुःखी और विरक्त सा होकर नदी के किनारे आ बैठा । उसकी आँखों में आँसू भरे हुए थे । उसे इस प्रकार दुःखमग्न देखकर एक केकड़े ने पानी से निकल कर उसे कहा :...

Read More

सिंदबाद जहाजी की सातवीं यात्रा – अलिफ लैला

सिंदबाद ने कहा, दोस्तो, मैंने दृढ़ निश्चय किया था कि अब कभी जल यात्रा न करूँगा। मेरी अवस्था भी इतनी हो गई थी कि मैं कहीं आराम के साथ बैठ कर दिन गुजारता। इसीलिए मैं अपने घर में आनंदपूर्वक रहने लगा। एक दिन अपने मित्रों के साथ भोजन कर रहा था कि एक नौकर ने आ कर कहा कि खलीफा के दरबार से एक सरदार आया है, वह आपसे बात करना चाहता है। मैं भोजन करके बाहर गया...

Read More

बुरी आदत

एक अमीर आदमी अपने बेटे की किसी बुरी आदत से बहुत परेशान था. वह जब भी बेटे से आदत छोड़ने को कहते तो एक ही जवाब मिलता , ” अभी मैं इतना छोटा हूँ..धीरे-धीरे ये आदत छोड़ दूंगा !” पर वह कभी भी आदत छोड़ने का प्रयास नहीं करता. उन्ही दिनों एक महात्मा गाँव में पधारे हुए थे, जब आदमी को उनकी ख्याति के बारे में पता चला तो वह तुरंत उनके पास पहुँचा और अपनी समस्या...

Read More

असित -जातक कथा

सुद्धोदन के पिता के गुरु असित सांसारिक भोगों से विरक्त एक सिद्ध पुरुष थे । वृद्धावस्था में सुखों का परित्याग कर वे एक निर्जन वन में कुटिया बना कर साधनाओं में लीन रहते। सिद्धार्था गौतम की जन्म सूचना से उनकी खुशी की सीमा न रही और वे तत्काल कपिलवस्तु पहुँचे वहाँ पहुँचकर उन्होंने जब बालक को उठाकर अपनी गोद में रखा और अपनी आँखों के निकट लाकर देखा तो...

Read More

शहजादा खुदादाद और दरियाबार की शहजादी की कहानी – अलिफ लैला

उपर्युक्त कहानी के मध्य में एक यात्रा में जैनुस्सनम के दरियाबार देश मे जाने का भी उल्लेख है। वहाँ की एक चित्ताकर्षक कथा उस ने सुनी थी। वह कथा भी इस जगह कही जाती है। हैरन नगर में एक बड़ा प्रतापी बादशाह था जिसे भगवान ने सब कुछ दे रखा था। किंतु उस के कोई संतान नहीं थी। एक रात को उसे सपने में दिखाई दिया कि एक दिव्य पुरुष उस से कह रहा है, उठ, भगवान...

Read More

दुश्मन द्वारा हमला किया जाना बुरी बात नहीं बल्कि अच्छी बात है – माओ त्से-तुङ

क्या वजह है कि जापान-विरोधी सैनिक और राजनीतिक कालेज देशभर में मशहूर हो गया है और विदेशों में भी इसने कुछ प्रतिष्ठा अर्जित की है? क्योंकि जापान-विरोधी सभी संस्थानों में यह सबसे क्रांतिकारी, सबसे प्रगतिशील और राष्ट्रीय मुक्ति तथा सामाजिक स्वतंत्रता के लिए सबसे अच्छा योद्धा है। मेरे खयाल से, यही वह वजह है कि येनान आने पाले लोग इसे देखने के लिए इतने...

Read More

जब हवा चलती है…..

बहुत  समय  पहले  की  बात  है , आइस्लैंड के उत्तरी छोर पर  एक  किसान  रहता  था . उसे  अपने  खेत  में  काम  करने  वालों  की  बड़ी  ज़रुरत  रहती  थी  लेकिन  ऐसी  खतरनाक  जगह , जहाँ  आये  दिन  आंधी  –तूफ़ान  आते  रहते हों , कोई  काम  करने  को  तैयार  नहीं  होता  था . किसान  ने  एक  दिन  शहर  के  अखबार  में  इश्तहार  दिया  कि  उसे   खेत  में   काम ...

Read More

अख़बार केवल सामूहिक प्रचारक और सामूहिक आन्दोलनकर्ता ही नहीं बल्कि सामूहिक संगठनकर्ता का भी काम करता है – वी.आई. लेनिन

हमारी राय में, हमारे कामों की शुरुआत, जिस संगठन को हम बनाना चाहते हैं उसके निर्माण की दिशा में हमारा पहला कदम, एक अखिल रूसी राजनीतिक अख़बार की स्थापना होना चाहिए। हम कह सकते हैं कि वही वह मुख्य सूत्र है जिसे पकड़ कर हम संगठन का लगातार विकास कर सकेंगे और उसे गहरा और विस्तृत बना सकेंगे। हमें सबसे ज्यादा ज़रूरत एक अख़बार की ही है; उसके बिना...

Read More

रॉबिन शर्मा के बेस्ट प्रेरक विचार

Quote 1: Goal-getting matters. And writing down the brave acts and bold dreams you intend to accomplish will provide the spark to get them done. In Hindi: लक्ष्य प्राप्त करना मायने रखता है. और जो बहादुरी भरे काम और साहसिक सपने आप पूरे करना चाहते हैं उनके बारे में लिखना उन्हें पूरा करने के लिए चिंगारी का काम करेगा. Quote 2: If you really want to be...

Read More

कामाख्या मंदिर में योनि की पूजा और साधारण स्त्री से छुआ-छूत ऐसा क्यों ?

हमारे देश का सबसे बड़ा कमजोरी ये है की देश लोगों की आस्था से बंटी हुई है. देश का इतिहासकार, लेखक और तरह तरह की मेडिया हम को सदियों झूठ बोला, पीढ़ी दर पीढ़ियों को उनके आस्था के ऊपर झूठ बोलागया और इक दूसरे से नफ़रत फैलाया गया. हमारा ये भूखंड क्यों आस्थाओं के आधार पर विभाजित हुआ है हम को कभी नहीं बताया गया. ये इस बात का सूचक है की, कुछ लोग खुद की आस्था...

Read More

सभी को काम, सभी को आज़ादी, सभी को बराबरी! – जोसेफ़ स्तालि‍न

मज़दूरों का भी अपना उत्सव होना चाहि‍ए। वह उत्सव है पहली मई का दि‍न और इस पर उन्हें ऐलान करना चाहि‍ए ”सभी को काम, सभी को आज़ादी, सभी को बराबरी!” (इस पर्चे को ‘पहली मई ज़ि‍न्दाबाद’ शीर्षक से मार्च 1912 में रूसी मज़दूरों द्वारा मई दि‍वस मनाने के लि‍ए जोसेफ़ स्तालि‍न द्वारा तैयार और प्रकाशि‍त कि‍या गया था।) साथि‍यो, बहुत समय पहले पि‍छली सदी में, सभी...

Read More

महान ग्रीक फिलॉसफ़र प्लेटो के अनमोल विचार

Quote 1: A good decision is based on knowledge and not on numbers. In Hindi: एक अच्छा निर्णय ज्ञान पर आधारित होता है नंबरों पर नहीं. Quote 2: A hero is born among a hundred, a wise man is found among a thousand, but an accomplished one might not be found even among a hundred thousand men. In Hindi: एक नायक सौ में एक पैदा होता है, एक बुद्धिमान...

Read More

राजा के शिक्षा

बहुत समय पहले की बात है, सुदूर दक्षिण में किसी प्रतापी राजा का राज्य था  । राजा के तीन पुत्र थे, एक दिन राजा के मन में आया कि पुत्रों को को कुछ ऐसी शिक्षा दी जाये कि समय आने पर वो राज-काज सम्भाल सकें । इसी विचार के साथ राजा ने सभी पुत्रों को दरबार में बुलाया और बोला, “ पुत्रों, हमारे राज्य में नाशपाती का कोई वृक्ष नहीं है, मैं चाहता हूँ तुम सब चार...

Read More

पुराना कुंवा

दो छोटे लड़के घर से कुछ दूर खेल रहे थे । खेलने में वे इतने मस्त थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि वे भागते-भागते कब एक सुनसान जगह पहुँच गए । उस जगह एक पुराना कुंवा था , और उनमे से एक लड़का गलती से उस कुवें में जा गिरा । “बचाओ-बचाओ”, वो चीखने लगा। दूसरा लड़का एकदम से डर गया और मदद के लिए चिल्लाने लगा , पर उस सुनसान जगह कहाँ कोई मदद को आने वाला था। फिर...

Read More

शराबी शिष्य

एक जेन मास्टर के सैकड़ों शिष्य थे . वे सभी नियमों का पालन करते थे और समय पर पूजा करते थे . लेकिन उनमे से एक शिष्य शराबी था , वो न नियमों का पालन करता था और न ही समय पर पूजा करता था. मास्टर वृद्ध हो रहे थे . आश्रम में  यही चर्चा थी कि मास्टर किसे अपने रहस्य  बताएँगे और अपना उत्तराधिकारी घोषित करेंगे … सभी का अनुमान था कि मास्टर के कुछ प्रिय शिष्यों...

Read More

वेस्सभू बुद्ध -जातक कथा

वेस्सभू बुद्ध पालि परम्परा में इक्कीसवें बुद्ध के रुप में मान्य हैं । उनके पिता का नाम सुप्पतित्त तथ माता का नाम यसवती था। उनका जन्म अनोम नगर में हुआ था तथा उनका नाम वेस्सभू रखा गया । उनकी पत्नी का नाम सुचित्रा तथा पुत्र का नाम सुप्पबुद्ध था।  उन्होंने अपने प्रथम उपदेश अपने दो भाई सोन और उत्तर को दिये थे, जो कि उनके दो प्रमुख शिष्यों के रुप में...

Read More

मैं सबसे तेज दौड़ना चाहती हूँ !

विल्मा रुडोल्फ का जन्म टेनिसी के एक गरीब परिवार में हुआ था. चार साल की उम्र में उन्हें लाल बुखार के साथ डबल निमोनिया हो गया , जिस वजह से वह पोलियो से ग्रसित हो गयीं. उन्हें पैरों में ब्रेस पहनने पड़ते थे और डॉक्टरों के अनुसार अब वो कभी भी चल नहीं सकती थीं.लेकिन उनकी माँ हमेशा उनको प्रोत्साहित करती रहतीं और कहती कि भगवान् की दी हुई योग्यता ,दृढ़ता...

Read More

किसी भी विज्ञापन को विश्वास करने से पहले जांच करें ।

loading...

क्रमरहित सूची

Recent Posts

ज्ञान, आजाद है; और किसी को भी बिना किसी प्रतिबंध के ज्ञान का आनंद लेने का अधिकार है. इस में प्रकाशित कोई भी कहानी या लेख को आप बिना प्रतिबन्ध के उपयोग कर सकते हो. आप अपने ब्लॉग में यहाँ से कॉपी करके पेस्ट कर सकते हो लेकिन कोई भी फेब्रिकेशन या फाल्सीफिकेशन की जिम्मेदारी आप की होगी. वेबसाइट का सिद्धांत नैतिक ज्ञान फैलाना है, ना कि ज्ञान पर हक़ जताना. ज्ञान की स्वतंत्रता वेबसाइट का आदर्श है; आप जितना चाहते हैं उतना उसकी प्रतिलिपि(Copy) बनाकर बिना प्रतिबन्ध के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक फैला सकते हो.