1. वह व्यक्ति जिसका ह्रदय हर प्राणी मात्र के प्रति करुणा से पिघलता है. उसे जरुरत क्या है किसी ज्ञान की, मुक्ति की, सर के ऊपर जटाजूट रखने की और अपने शारीर पर राख मलने की. 2. काँटों से और दुष्ट लोगो से बचने के दो उपाय है. पैर में पदत्राण(जुते) पहनो और उन्हें इतना शर्मसार करो की वो अपना सर उठा ना सके और आपसे दूर रहे. 3. जब व्यक्ति दौलत खोता है तो...
खीरा के मुख काटि के मलियत लोन लगाय रहिमन करूक मुखन को चहिय यही सजाय । खीरा के तिक्त स्वाद को दूर करने के लिये उसके मुॅह को काट कर उसे नमक के साथ रगड़ा जाता है । इसी तरह तीखा वचन बोलने बालों को भी यही सजा मिलनी चाहिये।कठोर वचन बोलने बालों का त्याग और नम्र बचन बाले लोगों का स्वागत करना चाहिये। अनुचित बचन न मानिये जदपि गुराइसु गाढि है रहीम रघुनाथ ते...
इकत्तीसवीं पुतली – कौशल्या ने अपनी कथा इस प्रकार कही- राजा विक्रमादित्य वृद्ध हो गए थे तथा अपने योगबल से उन्होंने यह भी जान लिया कि उनका अन्त अब काफी निकट है। वे राज-काज और धर्म कार्य दोनों में अपने को लगाए रखते थे। उन्होंने वन में भी साधना के लिए एक आवास बना रखा था। एक दिन उसी आवास में एक रात उन्हें अलौकिक प्रकाश कहीं दूर से आता मालूम पड़ा।...
हे दयालु सुंदरी, मेरी कहानी बहुत ही आश्चर्यकारी है। इन दोनों शहजादों की दाहिनी आँखें परिस्थितिवश गईं किंतु मेरी आँख मेरी ही मूर्खता और मेरे ही अपराध के कारण फूटी। मैं इसका विस्तृत वर्णन करता हूँ। मेरा नाम अजब है और मैं महा ऐश्वर्यशाली बादशाह किसब का बेटा हूँ। पिता के स्वर्गवास के बाद मैं सिंहासनारूढ़ हुआ और उसी नगर में रहने लगा जिसे मेरे पिता ने...
अपनी श्रम-शक्ति बेच कर-और वर्तमान व्यवस्था में उसे यह बेचनी ही पड़ती है-मज़दूर अपनी श्रम-शक्ति पूँजीपति को इस्तेमाल करने के लिए सौंप देता है,-पर कुछ तर्कसंगत सीमाओं के भीतर। मज़दूर अपनी श्रम-शक्ति को क़ायम रखने के लिए उसे बेचता है, नष्ट करने के लिए नहीं,-हाँ, इस्तेमाल के दौरान में वह भले ही थोड़ी घिस जाये, या कम हो जाये। यह भी पहले से मान लिया जाता है...
किसी पेड़ पर एक गौरैया अपने पति के साथ रहती थी। वह अपने घोंसले में अंडों से चूजों के निकलने का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी। एक दिन की बात है गौरैया अपने अंडों को से रही थी और उसका पति भी रोज की तरह खाने के इन्तेजाम के लिए बाहर गया हुआ था। तभी वहां एक गुस्सैल हाथी आया और आस-पास के पेड़ पौधों को रौंदते हुए तोड़-फोड़ करने लगा। उसी तोड़ फोड़ के दौरान वह...
चार्वाक दर्शन एक भौतिकवादी तार्किक दर्शन है। यह मात्र प्रत्यक्ष प्रमाण को मानता है तथा पारलौकिक सत्ताओं को यह सिद्धांत स्वीकार नहीं करता है। चार्वाक दर्शन को मानने वाले प्राचीन इंडिया में अनीश्वरवादी और तार्किक थे; ये तार्किक मत के प्रवर्तक बृहस्पति के शिष्य माने जाते थे । बृहस्पति और चार्वाक कब हुए इसका कुछ भी पता नहीं है। बृहस्पति को चाणक्य ने...
एक बार एक राजा शिकार के उद्देश्य से अपने काफिले के साथ किसी जंगल से गुजर रहा था. दूर-दूर तक शिकार नजर नहीं आ रहा था, वे धीरे धीरे घनघोर जंगल में प्रवेश करते गए. अभी कुछ ही दूर गए थे की उन्हें कुछ डाकुओं के छिपने की जगह दिखाई दी. जैसे ही वे उसके पास पहुचें कि पास के पेड़ पर बैठा तोता बोल पड़ा – पकड़ो पकड़ो एक राजा आ रहा है इसके पास बहुत सारा सामान...
बम का दर्शन राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान क्रांतिकारियों की निंदा में गाँधी जी ब्रिटिश सरकार से एक कदम आगे रहते थे। 23 दिसंबर, 1929 को क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद के स्तम्भ वाइसराय की गाड़ी को उड़ाने का प्रयास किया, जो असफल रहा। गाँधी जी ने इस घटना पर एक कटुतापूर्ण लेख ‘बम की पूजा’ लिखा, जिसमें उन्होनें वाइसराय को देश का शुभचिंतक और...
एक दिन स्कूल में छुट्टी की घोषणा होने के कारण, एक दर्जी का बेटा, अपने पापा की दुकान पर चला गया ।वहाँ जाकर वह बड़े ध्यान से अपने पापा को काम करते हुए देखने लगा । उसने देखा कि उसके पापा कैंची से कपड़े को काटते हैं और कैंची को पैर के पास टांग से दबा कर रख देते हैं । फिर सुई से उसको सीते हैं और सीने के बाद सु ई को अपनी टोपी पर लगा लेते हैं । जब उसने...
एक बार एक शक्तिशाली राजा घने वन में शिकार खेल रहा था। अचानक आकाश में बादल छा गए और मूसलाधार वर्षा होने लगी। सूर्य अस्त हो गया और धीरे-धीरे अँधेरा छाने लगा। अँधेरे में राजा अपने महल का रास्ता भूल गया और सिपाहियों से अलग हो गया। भूख प्यास और थकावट से व्याकुल राजा जंगल के किनारे एक टीले पर बैठ गया। थोड़ी देर बाद उसने वहाँ तीन बालकों को देखा। तीनों...
बात 1920s की है। हंगरी आर्मी का एक नौजवान लड़का था जिसकी ज़िन्दगी में बस एक ही मकसद था; उसका मकसद था दुनिया का सबसे अच्छा pistol shooter बनना। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वो दिन-रात मेहनत करता, घंटो प्रैक्टिस करता, और इसी का परिणाम था कि वो अपने देश के टॉप पिस्टल शूटर्स में गिना जाने लगा। सन 1938 में , 28 साल का होते-होते उसने देश-विदेश की कई...
एक बार की बात हैं, सर्दी का मौसम था, अकबर और बीरबल तालाब के नजदीक टहल रहे थे | तभी बीरबल को यह विचार आया की मनुष्य पेसो के लिए कुछ भी कर सकता है | बीरबल ने अपनी भावनाओ को अकबर के सामने व्यकत कि | तभी अकबर ने अपनी एक उंगली तालाब के पानी में डाली और झट से उंगली को बाहर निकाली क्योंकि पानी बहुत ठंडा था | और अकबर बोले मुझे नहीं लगता है की कोई व्यक्ति...
एक समुराई जिसे उसके शौर्य ,इमानदारी और सज्जनता के लिए जाना जाता था , एक जेन सन्यासी से सलाह लेने पहुंचा । जब सन्यासी ने ध्यान पूर्ण कर लिया तब समुराई ने उससे पूछा , “ मैं इतना हीन क्यों महसूस करता हूँ ? मैंने कितनी ही लड़ाइयाँ जीती हैं , कितने ही असहाय लोगों की मदद की है । पर जब मैं और लोगों को देखता हूँ तो लगता है कि मैं उनके सामने कुछ नहीं हूँ ...
बाबा अब्दुल्ला ने कहा कि मैं इसी बगदाद नगर में पैदा हुआ था। मेरे माँ बाप मर गए तो उनका धन उत्तराधिकार में मैंने पाया। वह धन इतना था कि उससे मैं जीवन भर आराम से रह सकता था किंतु मैंने भोग-विलास में सारा धन शीघ्र उड़ा दिया। फिर मैंने जी तोड़ कर धनार्जन किया और उससे अस्सी ऊँट खरीदे। मैं उन ऊँटों को किराए पर व्यापारियों को दिया करता था। उनके किराए से...
एक पांच साल का लड़का अपने पापा के साथ दिल्ली की एक सुपरमार्केट में घूमने गया । जब शॉपिंग करते-करते वे टॉयज सेक्शन के करीब पहुंचे तो वहन मौजूद रंग-बिरंगे खिलौनों को देखकर उसका जी मचल गया । “पापा-पापा… मुझे ये कार लेना है…प्लीज न पापा”, लड़के ने पापा का हाथ खींचते हुए कहा । पापा अपने बेटे को बहुत मानते थे और उसकी ये रिक्वेस्ट ठुकरा नहीं पाए । “ठीक...
Quote 1: A good decision is based on knowledge and not on numbers. In Hindi: एक अच्छा निर्णय ज्ञान पर आधारित होता है नंबरों पर नहीं. Quote 2: A hero is born among a hundred, a wise man is found among a thousand, but an accomplished one might not be found even among a hundred thousand men. In Hindi: एक नायक सौ में एक पैदा होता है, एक बुद्धिमान...
एक आदमीं सुबह को समुद्र के किनारे टहल रहा था. उसने देखा की लहरों के साथ सैंकड़ों स्टार मछलियां तट पर आ जाती है, जब लहरें पीछे जाती हैं तो मछलियां किनारे पर ही रह जाती हैं और धुप से मर जाती हैं. लहरें उसी समय लोटी थी, और स्टार मछलियां अभी जीवित थी. वह आदमी कुछ कदम आगे बढ़ा, उसने एक मछली उठाई और पानी में फेंक दी. वह ऐसा बार-बार करता रहा. उस आदमी के...
एक शिष्य अपने गुरु के पास पहुंचा और बोला, ” लोगों को खुश रहने के लिए क्या चाहिए?” “तुम्हे क्या लगता है?”, गुरु ने शिष्य से खुद इसका उत्तर देने के लिए कहा. शिष्य एक क्षण के लिए सोचने लगा और बोला, “मुझे लगता है कि अगर किसी की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी हो रही हों… खाना-पीना मिल जाए …रहने के लिए जगह हो…एक अच्छी सी नौकरी या कोई काम हो… सुरक्षा हो…तो वह...
भगत सिंह और बुटकेश्वर दत्त की ओर से जेल से भेजा गया यह पत्र 19अक्तूबर, 1929 को पंजाब छात्र संघ, लाहौर के दूसरे अधिवेशन में पढ़कर सुनाया गया था। अधिवेशन के सभापित थे सुभाषचंद्र बोस।- सं. इस समय हम नौजवानों से यह नहीं कह सकते कि वे बम और पिस्तौल उठाएँ। आज विद्यार्थियों के सामने इससे भी अधिक महत्वपूर्ण काम है। आनेवाले लाहौर अधिवेशन में कांग्रे़स देश...