हज़ारों साल पहले किसी वन में एक बुद्धिमान बंदर रहता था। वह हज़ार बंदरों का राजा भी था। एक दिन वह और उसके साथी वन में कूदते-फाँदते ऐसी जगह पर पहुँचे जिसके निकट क्षेत्र में कहीं भी पानी नहीं था। नयी जगह और नये परिवेश में प्यास से व्याकुल नन्हे वानरों के बच्चे और उनकी माताओं को तड़पते देख उसने अपने अनुचरों को तत्काल ही पानी के किसी स्रोत को ढूंढने की...
सिकंदर महान ने अपने रण कौशल से ग्रीस, इजिप्ट समेत उत्तर भारत तक अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया था। सालों से युद्ध करती सिकंदर की सेना बहुत थक चुकी थी और अब वो अपने परिवारों के पास वापस लौटना चाहती थी। सिकंदर को भी अपने सैनिकों की इच्छा का सम्मान करना पड़ा और उसने भी भारत से लौटने का मन बना लिया। पर जाने से पहले वह किसी ज्ञानी व्यक्ति को अपने साथ ले...
शाम के वक्त दो बौद्ध भिक्षुक आश्रम को लौट रहे थे . अभी-अभी बारिश हुई थी और सड़क पर जगह जगह पानी लगा हुआ था . चलते चलते उन्होंने देखा की एक खूबसूरत नवयुवती सड़क पार करने की कोशिश कर रही है पर पानी अधिक होने की वजह से ऐसा नहीं कर पा रही है . दोनों में से बड़ा बौद्ध भिक्षुक युवती के पास गया और उसे उठा कर सड़क की दूसरी और ले आया . इसके बाद वह अपने...
एक बार एक शिष्य ने विनम्रतापूर्वक अपने गुरु जी से पूछा- ‘गुरु जी,कुछ लोग कहते हैं कि जीवन एक संघर्ष है, कुछ अन्य कहते हैं कि जीवन एक खेल है और कुछ जीवन को एक उत्सव की संज्ञा देते हैं | इनमें कौन सही है?’ गुरु जी ने तत्काल बड़े ही धैर्यपूर्वक उत्तर दिया- पुत्र,जिन्हें गुरु नहीं मिला उनके लिए जीवन एक संघर्ष है; जिन्हें गुरु मिल गया उनका जीवन एक खेल...
एक नदी के किनारे एक जामुन के पेड़ पर एक बन्दर रहता था जिसकी मित्रता उस नदी में रहने वाले मगरमच्छ के साथ हो गयी।वह बन्दर उस मगरमच्छ को भी खाने के लिए जामुन देता रहता था।एकदिन उस मगरमच्छ ने कुछ जामुन अपनी पत्नी को भी खिलाये। स्वादिष्ट जामुन खाने के बाद उसने यह सोचकर कि रोज़ाना ऐसे मीठे फल खाने वाले का दिल भी खूब मीठा होगा ;अपने पति से उस बन्दर का दिल...
हिम-वन में कभी दो वानर-बन्धु रहते थे । बड़े का नाम नंदक और छोटे का नाम चुल्लनंदक था। वे दोनों वहाँ रहने वाले अस्सी हज़ार वानरों के मुखिया थे। एक बार वे दोनों वानर-बन्धु अपने साथियों के साथ कूदते-फाँदते किसी दूरस्थ वन में चले गये ; और अपने साथियों के साथ नये-नये के फलों का आनन्द लेते रहे । उनकी बूढ़ी माँ भी थी, जो वृद्धावस्था में कूद-फाँद नहीं कर...
एक नगर में भद्रसेन नाम का राजा रहता था । उसकी कन्या रत्नवती बहुत रुपवती थी। उसे हर समय यही डर रहता था कि कोई राक्षस उसका अपहरण न करले । उसके महल के चारों ओर पहरा रहता था, फिर भी वह सदा डर से कांपती रहती थी । रात के समय उसका डर और भी बढ़ जाता था । एक रात एक राक्षस पहरेदारों की नज़र बचाकर रत्नवती के घर में घुस गया । घर के एक अंधेरे कोने में जब वह...
सिंदबाद ने कहा कि घर आकर मैं सुखपूर्वक रहने लगा। कुछ ही दिनों में जैसे पिछली दो यात्राओं के कष्ट और संकट भूल गया और तीसरी यात्रा की तैयारी शुरू कर दी। मैंने बगदाद से व्यापार की वस्तुएँ लीं और कुछ व्यापारियों के साथ बसरा के बंदरगाह पर जाकर एक जहाज पर सवार हुआ। हमारा जहाज कई द्वीपों में गया जहाँ व्यापार करके हम लोगों ने अच्छा लाभ कमाया। किंतु एक दिन...
एक औरत अपने घर से निकली, उसने घर के सामने सफ़ेद लम्बी दाढ़ी में तीन साधू-महात्माओं को बैठे देखा। वह उन्हें पहचान नही पायी। उसने कहा, ” मैं आप लोगों को नहीं पहचानती, बताइए क्या काम है ?” ” हमें भोजन करना है।”, साधुओं ने बोला। ” ठीक है ! कृपया मेरे घर में पधारिये और भोजन ग्रहण कीजिये।” ” क्या तुम्हारा पति घर में है ?”, एक साधू ने प्रश्न किया। “नहीं...
एक प्रदेश में एक धनिक महाजन रहता था । लोक-सेवा और धर्मकार्यों में रत रहने से उसके धन-संचय में कुछ़ कमी आ गई, समाज में मान घट गया । इससे महाजन को बहुत दुःख हुआ । दिन-रात चिन्तातुर रहने लगा । यह चिन्ता निष्कारण नहीं थी । धनहीन मनुष्य के गुणों का भी समाज में आदर नहीं होता। उसके शील-कुल-स्वभाव की श्रेष्ठता भी दरिद्रता में दब जाती है । बुद्धि, ज्ञान और...
अंतर यही बिचारिया, साखी कहो कबीर भौ सागर में जीव है, सुनि कै लागे तीर। प्रभु ने कबीर को प्रेरणा दी कि स्वरुप बखान करें। हम सभी जीव जगत इस सागर में डूब रहें है और इसे सुनकर हम इसेे पार कर सकते है। Anter yahi bichariya,sakhi kaho Kabir Bhau sagar mein jiv hai, suni kai lage teer. Think it inside,Kabir says about the form The soul is in the sea of...
बैताल पचीसी (वेताल पचीसी या बेताल पच्चीसी) पच्चीस कथाओं से युक्त एक ग्रन्थ है। इसके रचयिता प्रसिद्ध राजा विक्रम के नौ रत्नों में से एक थे । ये कथायें राजा विक्रम की न्याय-शक्ति का बोध कराती हैं । बेताल प्रतिदिन एक कहानी सुनाता है और अन्त में राजा से ऐसा प्रश्न कर देता है कि राजा को उसका उत्तर देना ही पड़ता है। उसने शर्त लगा रखी है कि अगर राजा...
एक कालेज स्टूडेंट था जिसका नाम था रवि। वह बहुत चुपचाप सा रहता था। किसी से ज्यादा बात नहीं करता था इसलिए उसका कोई दोस्त भी नहीं था। वह हमेशा कुछ परेशान सा रहता था। पर लोग उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे। एक दिन वह क्लास में पढ़ रहा था। उसे गुमसुम बैठे देख कर सर उसके पास आये और क्लास के बाद मिलने को कहा। क्लास खत्म होते ही रवि सर के रूम में पहुंचा।...
शहर से कुछ दूर एक बुजुर्ग दम्पत्ती रहते थे . वो जगह बिलकुल शांत थी और आस -पास इक्का -दुक्का लोग ही नज़र आते थे . एक दिन भोर में उन्होंने देखा की एक युवक हाथ में फावड़ा लिए अपनी साइकिल से कहीं जा रहा है , वह कुछ देर दिखाई दिया और फिर उनकी नज़रों से ओझल हो गया .दम्पत्ती ने इस बात पर अधिक ...
अंग देश के एक गाँव मे एक धनी ब्राह्मण रहता था । उसके तीन पुत्र थे। एक बार ब्राह्मण ने एक यज्ञ करना चाहा। उसके लिए एक कछुए की जरूरत हुई। उसने तीनों भाइयों को कछुआ लाने को कहा। वे तीनों समुद्र पर पहुँचे। वहाँ उन्हें एक कछुआ मिल गया। बड़े ने कहा, “मैं भोजनचंग हूँ, इसलिए कछुए को नहीं छुऊँगा।” मझला बोला, “मैं नारीचंग हूँ, मैं नहीं ले...
एक बार एक ग्राहक चित्रो की दुकान पर गया । उसने वहाँ पर अजीब से चित्र देखे । पहले चित्र मे चेहरा पूरी तरह बालो से ढँका हुआ था और पैरोँ मे पंख थे । एक दूसरे चित्र मे सिर पीछे से गंजा था। ग्राहक ने पूछा – यह चित्र किसका है? दुकानदार ने कहा – अवसर का । ग्राहक ने पूछा – इसका चेहरा बालो से ढका क्यो है? दुकानदार ने कहा -क्योंकि अक्सर जब अवसर आता है तो...
एक नन्हा परिंदा अपने परिवार-जनों से बिछड़ कर अपने आशियाने से बहुत दूर आ गया था । उस नन्हे परिंदे को अभी उड़ान भरने अच्छे से नहीं आता था… उसने उड़ना सीखना अभी शुरू ही किया था ! उधर नन्हे परिंदे के परिवार वाले बहुत परेशान थे और उसके आने की राह देख रहे थे । इधर नन्हा परिंदा भी समझ नहीं पा रहा था कि वो अपने आशियाने तक कैसे पहुंचे? वह उड़ान भरने की काफी...
एक बार राजा भोज की सभा में एक व्यापारी ने प्रवेश किया। राजा ने उसे देखा तो देखते ही उनके मन में आया कि इस व्यापारी का सबकुछ छीन लिया जाना चाहिए। व्यापारी के जाने के बाद राजा ने सोचा – मै प्रजा को हमेशा न्याय देता हूं। आज मेेरे मन में यह अन्याय पूर्ण भाव क्यों आ गया कि व्यापारी की संपत्ति छीन ली जाये? उसने अपने मंत्री से सवाल किया मंत्री ने कहा...
बहुत समय पहले की बात है, किसी नगर में एक बेहद प्रभावशाली महंत रहते थे । उन के पास शिक्षा लेने हेतु कई शिष्य आते थे। एक दिन एक शिष्य ने महंत से सवाल किया, ” स्वामीजी आपके गुरु कौन है ? आपने किस गुरु से शिक्षा प्राप्त की है ?” महंत शिष्य का सवाल सुन मुस्कुराए और बोले, ” मेरे हजारो गुरु हैं ! यदि मै उनके नाम गिनाने बैठ जाऊ तो शायद महीनो लग जाए। लेकिन...
एक बार की बात है कि एक समृद्ध व्यापारी , जो सदैव अपने गुरू से परामर्श करके कुछ न कुछ सुकर्म किया करता था, गुरु से बोला-“गुरुदेव, धनार्जन हेतु मैं अपना गाँव पीछे ज़रूर छोड़ आया हूँ, पर हर समय मुझे लगता रहता है कि वहाँ पर एक ऐसा देवालय (मंदिर, मस्जिद, चर्च इत्यादि …) बनाया जाये जिसमें पूजन के साथ-साथ भोजन की भी व्यवस्था हो,अच्छे संस्कारों से...