असेम्बली हॉल में फेंका गया पर्चा – भगत सिंह (1929)

8 अप्रैल, सन् 1929 को असेम्बली में बम फेंकने के बाद भगतसिंह और बटुकेश्वर दत्त द्वारा बाँटे गए अंग्रेजी पर्चे का हिन्दी अनुवाद।- सं. ‘हिन्दुस्तान समाजवादी प्रजातान्त्रिक सेना’ सूचना “बहरों को सुनाने के लिए बहुत ऊँची आवाज की आवश्यकता होती है,” प्रसिद्ध फ्रांसीसी अराजकतावादी शहीद वैलियाँ के यह अमर शब्द हमारे काम के औचित्य के साक्षी हैं। पिछले दस...

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पांडु पुत्र भीम

भीमसेन का अभिमान पांडु पुत्र भीम को अपनें बलशाली होने पर अत्यंत गर्व हो जाता है। वनवास काल के दौरान एक दिन वह वन की ओर विचरते हुए दूर निकल जाते हैं। रास्ते में उन्हे एक वृद्ध वानर मिलता है। वानर की पूँछ भीमसेन के रास्ते में बिछी होती है। तभी भीम उसे अपनी पूँछ दूर हटा लेने को कहते हैं। परंतु वृद्ध वानर कहता है, “अब इस आयु में मुझसे बार-बार हिला...

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आखिरी पड़ाव

सुंदरबन इलाके में रहने वाले ग्रामीणों पर हर समय जंगली जानवरों का खतरा बना रहता था . खासतौर पर जो युवक घने जंगलों में लकड़ियाँ चुनने जाते थे उनपर कभी भी बाघ हमला कर सकते थे . यही वजह थी की वे सब पेड़ों पर तेजी से चढ़ने-उतरने का प्रशिक्षण लिया करते थे .प्रशिक्षण, गाँव के ही एक बुजुर्ग दिया करते थे ; जो अपने समय में इस कला के महारथी माने जाते थे ...

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व्याघ्री-कथा -जातक कथा

कुलीन वंश में पैदा हो कर एक बार एक ज्ञानी संसार से वितृष्ण हो संन्यासी का जीवन-यापन करने लगा । उसके आध्यात्मिक विकास और संवाद से प्रभावित हो कुछ ही दिनों में अनेक सन्यासी उसके अनुयायी हो गये। एक दिन अपने प्रिय शिष्य अजित के साथ जब वह एक वन में घूम रहा था तब उसकी दृष्टि वन के एक खड्ड पर पड़ी जहाँ भूख से तड़पती एक व्याघ्री अपने ही नन्हे-नन्हे बच्चों...

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मूर्ख साधू और ठग ~ पंचतंत्र

एक बार की बात है, किसी गाँव के मंदिर में एक प्रतिष्ठित साधू रहता था। गाँव में सभी उसका सम्मान करते थे। उसे अपने भक्तों से दान में तरह तरह के वस्त्र, उपहार, खाद्य सामग्री और पैसे मिलते थे। उन वस्त्रों को बेचकर साधू ने काफी धन जमा कर लिया था। साधू कभी किसी पर विश्वास नहीं करता था और हमेशा अपने धन की सुरक्षा के लिए चिंतित रहता था। वह अपने धन को एक...

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खुद से पूंछे की क्या आपको आपके शास्त्र, धर्म से कोई मतलब है?

शास्त्रों से ज्यादा सत्य के मार्ग में और कोई बाधा नहीं है। लेकिन हमें बडी चोट पहूंचती है। सुबह एक मित्र ने आकर कहा, वेद आप कहते हैं क्या वह सत्य नहीं है ? उन्हें पीडा पहूंची होगी। इसलिए नहीं कि वेद सत्य नही है। बल्कि इसलिए कि वेद उनका शास्त्र है। एक मुसलमान को कोई चोट नहीं पहूंचेगी इस बात से कि वेद में कुछ भी नहीं है। क्योंकि वेद उसका शास्त्र नही...

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प्राथना की शक्ति

एक दिन तुर्कीस्तान के बादशाह ने अकबर की बुद्धि की परीक्षा लेने का विचार किया. उसने एक दूत को पत्र देकर सीपाहींयों के साथ दिल्ली भेजा, पत्र का आशय था बादशाह अकबर मुझे सुनने में आया हैं कि आपके इंडिया मे कोई ऐसा पेड़ होता हैं जिसके पत्ते खाने से मनुष्य की आयु बड जाती है. (प्राथना करने से क्या होता है, प्राथना करने के लाभ व प्राथना की शक्ति के बारे...

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बंद मुट्ठी – खुली मुट्ठी

एक आदमी के दो पुत्र थे राम और श्याम। दोनों थे तो सगे भाई पर एक दुसरे के बिलकुल विपरीत , जहाँ राम बहुत कंजूस था वहीँ श्याम को फिजूलखर्ची की आदत थी। दोनों की पत्नियां भी उनकी इस आदत से परेशान थीं। घरवालों ने दोनों को समझाने के बहुत प्रयास किये पर ना राम अपनी कंजूसी छोड़ता और ना ही श्याम अपनी फिजूलखर्ची से बाज आता। एक बार गाँव के करीब ही एक सिद्ध...

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शिवाजी और मुखिया

शिवाजी के समक्ष एक बार उनके सैनिक किसी गाँव के मुखिया को पकड़ कर ले लाये . मुखिया बड़ी-घनी मूछों वाला बड़ा ही रसूखदार व्यक्ति था, पर आज उसपर एक विधवा की इज्जत लूटने का आरोप साबित हो चुका था. उस समय शिवाजी मात्र १४ वर्ष के थे, पर वह बड़े ही बहादुर, निडर और न्याय प्रिय थे और विशेषकर महिलाओं के प्रति उनके मन में असीम सम्मान था. उन्होंने तत्काल अपना...

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सोमदन्त -जातक कथा

हिमालय के वन में निवास करते एक सन्यासी ने हाथी के एक बच्चे को अकेला पाया । उसे उस बच्चे पर दया आयी और वह उसे अपनी कुटिया में ले आया। कुछ ही दिनों में उसे उस बच्चे से मोह हो गया और बड़े ममत्व से वह उसका पालन-पोषण करने लगा। प्यार से वह उसे सोमदन्त पुकारने लगा और उसके खान-पान के लिए प्रचुर सामग्री जुटा देता। एक दिन जब सन्यासी कुटिया से बाहर गया हुआ था...

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दरजी और बादशाह के कुबड़े सेवक के हत्या की कहानी – अलिफ लैला

दूसरी रात को मलिका शहरजाद ने पिछले पहर अपनी बहन दुनियाजाद के कहने से यह कहानी सुनाना आरंभ किया। पुराने जमाने में तातार देश के समीपवर्ती नगर काशगर में एक दरजी था जो अपनी दुकान में बैठ कर कपड़े सीता था। एक दिन वह अपनी दुकान में काम कर रहा था कि एक कुबड़ा एक दफ (बड़ी खंजरी जैसा बाजा) ले कर आया और उसकी दुकान के नीचे बैठ कर गाने लगा। दरजी उसका गाना सुन...

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गौरैया और हाथी ~पंचतंत्र

किसी पेड़ पर एक गौरैया अपने पति के साथ रहती थी। वह अपने घोंसले में अंडों से चूजों के निकलने का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी। एक दिन की बात है गौरैया अपने अंडों को से रही थी और उसका पति भी रोज की तरह खाने के इन्तेजाम के लिए बाहर गया हुआ था। तभी वहां एक गुस्सैल हाथी आया और आस-पास के पेड़ पौधों को रौंदते हुए तोड़-फोड़ करने लगा। उसी तोड़ फोड़ के दौरान वह...

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वेस्सभू बुद्ध -जातक कथा

वेस्सभू बुद्ध पालि परम्परा में इक्कीसवें बुद्ध के रुप में मान्य हैं । उनके पिता का नाम सुप्पतित्त तथ माता का नाम यसवती था। उनका जन्म अनोम नगर में हुआ था तथा उनका नाम वेस्सभू रखा गया । उनकी पत्नी का नाम सुचित्रा तथा पुत्र का नाम सुप्पबुद्ध था।  उन्होंने अपने प्रथम उपदेश अपने दो भाई सोन और उत्तर को दिये थे, जो कि उनके दो प्रमुख शिष्यों के रुप में...

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मुल्ला नसरुदीन का प्रवचन

एक बार मुल्ला नसरुदीन को प्रवचन देने के लिए आमंत्रित किया गया . मुल्ला समय से पहुंचे और स्टेज पर चढ़ गए , “ क्या आप जानते हैं मैं क्या बताने वाला हूँ ? मुल्ला ने पूछा . “नहीं ” बैठे हुए लोगों ने जवाब दिया . यह सुन मुल्ला नाराज़ हो गए ,” जिन लोगों को ये भी नहीं पता कि मैं क्या बोलने वाला हूँ मेरी उनके सामने बोलने की कोई इच्छा नहीं है . “ और ऐसा कह...

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शेख चिल्ली की चिट्ठी

शेख चिल्ली की “चिट्ठी” एक बार मियां शेख चिल्ली के भाई बीमार पड़ गए। इस बात की खबर पाते ही मियां शेख चिल्ली नें अपनें भाई की खैरियत पूछने के लिए चिट्ठी लिखने की सोची। पूर्व काल में डाक व्यवस्था और फोन जैसी आधुनिक सुविधाएं थी नहीं तो खत और चिट्ठियाँ मुसाफिर (लोगों) के हाथों ही भिजवाई जाती थीं। मियां शेख चिल्ली नें अपनें गाँव में नाई से चिट्ठी...

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सम्पूर्ण जातक कथाएँ

जातक या जातक पालि या जातक कथाएँ बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक का भाग है ।  जातक कथाओं को विश्व की प्राचीनतम लिखित कहानियों में गिना जाता है जिसमे लगभग 600 कहानियाँ संग्रह की गयी है। इन कथाओं मे मनोरंजन के माध्यम से नीति और धर्म को समझाने का प्रयास किया गया है। चूंकि ‘जातक कथाएँ’ बुद्ध के सम्बन्धी कथाएँ है इसलिए अधिकतर कहानियों में वे ही प्रधान पात्र के रूप...

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ओपरा विनफ्रे के अनमोल विचार

Quote 1: As you become more clear about who you really are, you’ll be better able to decide what is best for you – the first time around. In Hindi: जैसे जैसे आपको स्पष्ठ हो जायेगा की आप सचमुच कौन हैं, आप और भी अच्छे से तय कर पायेंगे की आपके लिए सबसे अच्छा क्या है- पहली बार में ही. Quote 2: Be thankful for what you have; you’ll end up having more...

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जियोवान्नी समाजवादी कैसे बना – मैक्सिम गोर्की

अंगूरों के पुराने बगीचे की घनी अंगूर लताओं के बीच छिपी-सी सफेद कैण्टीन के दरवाजे के पास, हरिणपदी तथा छोटे-छोटे चीनी गुलाबों से जहाँ-तहाँ गुँथी इन्हीं लताओं के चँदवे के नीचे शराब की सुराही सामने रखे हुए दो आदमी मेज़ पर बैठे हैं। इनमें से एक हैं रंगसाज विंचेंत्सो और दूसरा है फिटर जियोवान्नी। रंगसाज नाटा-सा, दुबला-पतला और काले बालोंवाला है। उसकी काली...

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अधिक साहसी कौन : बेताल पच्चीसी – सत्रहवीं कहानी!

चन्द्रशेखर नगर में रत्नदत्त नाम का एक सेठ रहता था। उसके एक लड़की थी। उसका नाम था उन्मादिनी। जब वह बड़ी हुई तो रत्नदत्त ने राजा के पास जाकर कहा कि आप चाहें तो उससे ब्याह कर लीजिए। राजा ने तीन दासियों को लड़की को देख आने को कहा। उन्होंने उन्मादिनी को देखा तो उसके रुप पर मुग्ध हो गयीं, लेकिन उन्होंने यह सोचकर कि राजा उसके वश में हो जायेगा, आकर कह...

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सूत पुत्र कर्ण

कर्ण की निष्ठा एक राज पुत्र होते हुए भी कर्ण सूत पुत्र कहा गया। कर्ण एक महान दानवीर था। अपनें प्रण और वचन के लिए कर्ण अपनें प्राणों की भी बलि दे सकता था। पांडवों की शिक्षा खतम होने के बाद आयोजित रंग-भूमि में आकर कर्ण अर्जुन को ललकारता है कि अगर वह संसार का सर्वश्रेष्ठ धनुरधर है तो उससे मुक़ाबला कर के सिद्ध करे। कर्ण एक सूत के घर पला-बढ़ा होता है...

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किसी भी विज्ञापन को विश्वास करने से पहले जांच करें ।

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