महान मर्कट -जातक कथा

हिमवंत के निर्जन वन में कभी एक महान मर्कट रहा करता था। शीलवान्, दयावान और एकांतप्रिय वह सदा ही फल-फूल और सात्विक आहार के साथ अपना जीवन- यापन करता था। एक दिन एक चरवाहा अपने जानवरों की खोज में रास्ता भूल उसी वन में भटक गया। भूख प्यास से व्याकुल जब उसने एक पेड़ की छाँव में विश्राम करना आरम्भ किया तभी उसकी नजर फलों से लदे एक तिंदुक के पेड़ पर पड़ी। पलक...

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अलादीन और जादुई चिराग की कहानी – अलिफ लैला

चीन की राजधानी में मुस्तफा नाम का एक दरजी रहता था। वह गरीब आदमी था और बड़ी कठिनाई से अपने परिवारवालों का पेट भरता था। उस के पुत्र का नाम अलादीन था जो कुछ काम-काज नहीं करता था सिर्फ खेल-कूद में समय बिताता था। माता-पिता की बातों की उपेक्षा कर के सवेरे ही घर से निकल जाता और अपनी ही तरह के आवारा लड़कों के साथ दिन भर खेलता रहता। वह कुछ बड़ा हुआ तो उस...

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मुट्ठी भर लोग

हर साल गर्मी की छुट्टियों में नितिन अपने दोस्तों के साथ किसी पहाड़ी इलाके में माउंटेनियरिंग के लिए जाता था ।  इस साल भी वे इसी मकसद से ऋषिकेश पहुंचे ।  गाइड उन्हें एक फेमस माउंटेनियरिंग स्पॉट पर ले गया ।  नितिन और उसके दोस्तों ने सोचा नहीं था कि यहाँ इतनी भीड़ होगी ।  हर तरफ लोग ही लोग नज़र आ रहे थे ।  एक दोस्त बोला, ” यार यहाँ तो शहर जैसी भीड़...

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कौवों की कहानी -जातक कथा

वर्षों पहले एक समुद्र में एक नर और एक मादा कौवा मदमस्त हो कर जल-क्रीड़ा कर रहे थे। तभी समुद्र की एक लौटती लहर में कौवी बह गयी, जिसे समुद्र की किसी मछली ने निगल लिया। नर कौवे को इससे बहुत दु:ख हुआ। वह चिल्ला-चिल्ला कर विलाप करने लगा। पल भर में र्तृकड़ों कौवे भी वहाँ आ पहुँचे। जब अन्य कौवों ने उस दु:खद घटना को सुना तो वे भी जोर-जोर से काँव-काँव करने...

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रुरु मृग -जातक कथा

रुरु एक मृग था। सोने के रंग में ढला उसका सुंदर सजीला बदन; माणिक, नीलम और पन्ने की कांति की चित्रांगता से शोभायमान था। मखमल से मुलायम उसके रेशमी बाल, आसमानी आँखें तथा तराशे स्फटिक-से उसके खुर और सींग सहज ही किसी का मन मोह लेने वाले थे। तभी तो जब भी वह वन में चौकडियाँ भरता तो उसे देखने वाला हर कोई आह भर उठता। जाहिर है कि रुरु एक साधारण मृग नहीं था।...

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मछुआरों की समस्या

जापान में हमेशा से ही मछलियाँ खाने का एक ज़रुरी हिस्सा रही हैं । और ये जितनी ताज़ी होतीं हैँ लोग उसे उतना ही पसंद करते हैं । लेकिन जापान के तटों के आस-पास इतनी मछलियाँ नहीं होतीं की उनसे लोगोँ की डिमांड पूरी की जा सके । नतीजतन मछुआरों को दूर समुंद्र में जाकर मछलियाँ पकड़नी पड़ती हैं। जब इस तरह से मछलियाँ पकड़ने की शुरुआत हुई तो मछुआरों के सामने एक...

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तिनके का सहारा

बादशाह अकबर अपने कुछ दरबारीयों के साथ नौका विहार के लिये गये। जब नोका नदी के बीचों-बीच पहूंची तो बादशाह को मजाक सुझा बीरबल सहित अपने दरबारीयों को एक तिनका दिखाकर वह बोले- जो इस तिनके के सहारेे नदी पार कर लेगा, उसे मैं एक दिन के लिए बादशाह बना दूंगा।  बीरबल बोले यह काम मैं काम कर सकता हूं मगर बादशाह बनने के बाद। बादशाह अकबर बाले- ठीक है आज के दिन...

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करोड़पति कैसे होते हैं – मैक्सिम गोर्की

संयुक्त राज्य अमेरिका के इस्पात और तेल के सम्राटों और बाकी सम्राटों ने मेरी कल्पना को हमेशा तंग किया है। मैं कल्पना ही नहीं कर सकता कि इतने सारे पैसेवाले लोग सामान्य नश्वर मनुष्य हो सकते हैं। मुझे हमेशा लगता रहा है कि उनमें से हर किसी के पास कम से कम तीन पेट और डेढ़ सौ दाँत होते होंगे। मुझे यकीन था कि हर करोड़पति सुबह छः बजे से आधी रात तक खाना...

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तीन गांठें

ज्ञानी बुद्ध अक्सर अपने शिष्यों को शिक्षा प्रदान किया करते थे । एक दिन प्रातः काल बहुत से भिक्षुक उनका प्रवचन सुनने के लिए बैठे थे । बुद्ध समय पर सभा में पहुंचे, पर आज शिष्य उन्हें देखकर चकित थे क्योंकि आज पहली बार वे अपने हाथ में कुछ लेकर आए थे । करीब आने पर शिष्यों ने देखा कि उनके हाथ में एक रस्सी थी । बुद्ध ने आसन ग्रहण किया और बिना किसी से कुछ...

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डा. अम्बेडकर की 22 प्रतिज्ञाएँ

डा बी.आर. अम्बेडकर ने दीक्षा भूमि, नागपुर, भारत में ऐतिहासिक बौद्ध धर्मं में परिवर्तन के अवसर पर,15 अक्टूबर 1956 को अपने अनुयायियों के लिए 22 प्रतिज्ञाएँ निर्धारित कीं. 800000 लोगों का बौद्ध धर्म में रूपांतरण ऐतिहासिक था क्योंकि यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक रूपांतरण था. उन्होंने इन शपथों को निर्धारित किया ताकि वैदिक/हिंदू धर्म के बंधनों को पूरी...

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एक चुटकी ईमानदारी

रामू काका अपनी ईमानदारी और नेक स्वाभाव के लिए पूरे गाँव में प्रसिद्द थे। एक बार उन्होंने अपने कुछ मित्रों को खाने पर आमंत्रित किया। वे अक्सर इस तरह इकठ्ठा हुआ करते और साथ मिलकर अपनी पसंद का भोजन बनाते। आज भी सभी मित्र बड़े उत्साह से एक दुसरे से मिले और बातों का दौर चलने लगा। जब बात खाने को लेकर शुरू हुई तभी काका को एहसास हुआ कि नमक तो सुबह ही ख़त्म...

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अंगूठी का गुम हो जाना

एक व्यक्ति ने नसीरुद्दीन को अपने दरवाजे के बाहर जमीन का आशयपूर्वक निरीक्षण करते देखा। “मुल्ला,” उन्होंने कहा, “आप क्या ढूँढ रहे हैं?” नस्रुद्दीन ने कहा, “मैं एक अंगूठी की तलाश में हूं जो मैंने गिरा दी थी “। “ओह,” उस व्यक्ति ने जवाब दिया जैसे उसने खोज शुरू कर दिया। “ठीक है, ठीक है, जब आप यहाँ खड़े थे तब कहाँ गिरी थी। ” “मेरे शयनकक्ष में,” नसरुद्दीन...

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साधु और नर्तकी

किसी गाँव मेँ एक साधु रहता था जो दिन भर लोगोँ को उपदेश दिया करता था। उसी गाँव मेँ एक नर्तकी थी, जो लोगोँ के सामनेँ नाचकर उनका मन बहलाया करती थी। एक दिन गाँव मेँ बाढ़ आ गयी और दोनोँ एक साथ ही मर गये। मरनेँ के बाद जब ये दोनोँ यमलोक पहूँचे तो इनके कर्मोँ और उनके पीछे छिपी भावनाओँ के आधार पर इन्हेँ स्वर्ग या नरक दिये जानेँ की बात कही गई। साधु खुद को...

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वृद्ध सन्यासी

बहुत समय पहले की बात है, एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था । वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्याति दूर -दूर तक फैली  थी। एक दिन एक औरत उसके पास पहुंची और अपना दुखड़ा रोने लगी , ” बाबा, मेरा पति मुझसे बहुत प्रेम करता था , लेकिन वह जबसे युद्ध से लौटा है ठीक से बात तक नहीं करता ।” सन्यासी की जड़ी-बूटी ” युद्ध लोगों के...

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मातंग : अस्पृश्यता का पहला सेनानी -जातक कथा

यह बात उस समय की है जब अस्पृश्यता अपने चरम पर थी। एक बार एक धनी सेठ की कन्या अपनी सहेलियों के साथ क्रीड़ा के लिए एक उद्यान जा रही थी। तभी मार्ग में उसे मातंग नाम का एक व्यक्ति दिखा जो जाति से चाण्डाल था। अस्पृश्यता की परंपरा को मानने वाली वह कन्या मातंग को देखते ही उल्टे पाँव लौट गई। उस कन्या के वापिस लौटने से उसकी सहेलियाँ और दासियाँ बहुत क्रुद्ध...

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अनाज के व्यापारी की कहानी – अलिफ लैला

अनाज का व्यापारी बोला कि कल मैं एक धनी व्यक्ति की पुत्री के विवाह में गया था। नगर के बहुत-से प्रतिष्ठित व्यक्ति उसमें शामिल थे। शादी की रस्में पूरी होने पर दावत हुई और नाना प्रकार के व्यंजन परोसे गए। एक थाल में एक मसालेदार स्वादिष्ट लहसुन का व्यंजन रखा था जिन्हें उठा-उठा कर हर आदमी रुचिपूर्वक खा रहा था। किंतु एक आदमी उसे नहीं खाता था। पूछने पर उस...

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पुराना रिवाज़

रेगिस्तान के बीच बसे एक शहर में फलों की बहुत कमी थी . भगवान ने अपने दूत को भेजा कि जाओ और लोगों से कह दो कि हो सके तो वो एक दिन में बस एक ही फल खाएं . सभी लोग ऐसा ही करने लगे . पीढ़ी दर पीढ़ी ऐसा ही होता चला आया और वहां का पर्यावरण संरक्षित हो गया . चूँकि बचे हुए फलों के बीजों से और भी पेड़ निकल आते , कुछ दशकों में ही पूरा शहर हरा-भरा हो गया . अब...

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परीक्षा राजा की

सादा-जीवन और उच्च विचार रखने वाले कबीर दास की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई थी और बनारस के राजा बीर सिंह भी कबीर दास जी के भक्तों में से एक थे। जब कभी कबीरदास राजा से मिलने जाते तो राजा स्वयं कबीर दास जी के चरणों  में बैठ जाते और उन्हें राज-गद्दी पर बैठा देते।एक दिन कबीर दास ने सोचा की बीर सिंह की परीक्षा ली जाए कि क्या वो सचमुच इतने बड़े भक्त हैं...

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हथेली पर बाल

एक बार अकबर भरे दरबार में बैठे थे। अकबर के मन में अचानक एक विचार आया और उन्होंने सभी दरबारीयों से एक सवाल पूछा- क्या आप बता सकते हैं कि मेरी हथेलियों पर बाल क्यों नहीं है ? जहांपनाह हथेलीयों पर बाल होते ही नहीं है. सभी दरबारीयों ने एक स्वर में कहा और गर्व से फूल गये कि उन्होंने बादशाह के सवाल का तुरन्त जवाब दिया मगर अकबर बादशाह को इस सीधे सादे...

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कितने सेब हैं ?

एक 7 साल की लड़की को मैथ्स पढ़ा रहे टीचर ने पूछा ,” अगर मैं तुम्हे एक सेब दूं , फिर एक और सेब दूं , और फिर एक और सेब दूं , तो तुम्हारे पास कितने सेब हो जायेंगे ?” बोलो कितने सेब? लड़की ने कुछ देर सोचा और , और अपनी ऊँगली पर जोड़ने लगी … ” चार ” , लड़की का उत्तर आया . टीचर थोड़ा निराश हो गया, उसे लगा कि ये तो कोई भी बता सकता था. “शायद बच्चे ने ठीक...

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किसी भी विज्ञापन को विश्वास करने से पहले जांच करें ।

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