बात कहने का ढंग

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एक रात बादशाह अकबर को सपना आया कि उनके सारे दांत गिर गये है । और मूंह में केवल एक दांत बचा है। सुबह होते ही अकबर ने एक प्रसिद्ध ज्योतिषी को महल में बुलाया और उससे सपने का अर्थ पूछा । कई ग्रंथों का अध्ययन करने के बाद ज्योतिषी गंभीर हो गया और बोला- बादशाह सलामत आपका सपना अच्छा नही है।

यह सुनकर बादशाह बोले – सपने का जो भी अर्थ हैं साफ-साफ कहो याद रहे कोई बात छिपाना नही है । बादशाह ने अपना मन कडा करके कहा । ज्योतिषी ने कहा– आपके सभी दांत गिर जाने का मतलब हैं कि आपके सभी सगं संबधी आपकी आंखों के सामने एक-एक कर मर जायेगें । आपका एक दांत रह गया मतलब यह हैं कि अंत में आप अकेले ही रह जायेंगे।

ज्योतिषी की बात सुनकर अकबर को बहुत गुस्सा आया । उन्होंने तुरन्त ज्योतिषी को महल से बाहर निकलवा दिया। और आज्ञा दी कि कोई दूसरा ज्योतिषी दरबार में आकर उनके सपने का अर्थ बताये। कुछ घंटों बाद ही एक दूसरा ज्योतिषी आया वह बीरबल का भेजा हुआ था।

बीरबल ने उसे समझा दिया था की वह अपनी बात किस ढंग से कहे । उसने बादशाह से उनका सपना पूछा, अकबर ने उसे अपना सपना सुना दिया । ज्योतिषी थोडी देर तक तो अपने पौथे पथरी पलटता रहा फिर काफी देर तक सोच कर बोला – आपका सपना तो बहुत अच्छा हैं महाराज ।

“आपके सभी सगे संबधीयों की अपेक्षा आपकी उम्र लंबी है”। बहुत समय तक आप सुख से राज करेंगे । और आपके राज्य में प्रजा बहुत सुखी रहेगी।

यह सुनकर अकबर बहुत खुश हुए । उसने ज्योतिषी को ढेर सारा इनाम दिया । ज्योतिषी आशिर्वाद देकर अपने घर लौट आया। बीरबल की सलाह से एक ही बात को दूसरे ढंग से कहने पर ज्योतिषी को काफी लाभ हुआ । दरअसल, किसी को भी कडवी परन्तु सच्ची बात सुनानी अच्छी नहीं लगती लेकिन समझदार व्यक्ति वही होता हैं जो सच्ची बात कह भी देता हैं और सुनने वाले को बुरा भी नही लगता।

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