बादशाह अकबर खाने के बहुत शौक़ीन थे इसलिए आये दिन महल में दावतों को आयोजन होता रहता था. इन दावतों में अकबर दरबारीयों के साथ बैठकर तरह-तरह के व्यंजनों को स्वाद लिया करते थे और ऐसे में जब बीरबल भी साथ होते तो फिर कहना ही क्या. एक बार ऐसी ही एक दावत चल रही थी, बीरबल अकबर के पास बैठे थे भोजन के बाद खजूर की कटोरियां आई, अकबर और बीरबल खजूर खाते और...
सिंदबाद ने कहा कि मेरी विचित्र दशा थी। चाहे जितनी मुसीबत पड़े मैं कुछ दिनों के आनंद के बाद उसे भूल जाता था और नई यात्रा के लिए मेरे तलवे खुजाने लगते थे। इस बार भी यही हुआ। इस बार मैंने अपनी इच्छानुसार यात्रा करनी चाही। चूँकि कोई कप्तान मेरी निर्धारित यात्रा पर जाने को राजी नहीं हुआ इसलिए मैंने खुद ही एक जहाज बनवाया। जहाज भरने के लिए सिर्फ मेरा माल...
क्या आपने भी सुखद भविष्य की तैयारी की हैं जैसे आज की प्रथा हैं कि प्रेसिडेंट कुछ वर्षाे के लिए होते है। फिर नया चुनाव होता है । उसी तरह किसी एक देश में यह प्रथा थी कि हर साल में शासक बदले जाते थे। राजा बदल दिये जाते थे। जब राजा बदले जाते, तब पुराने राजा के सभी कपडे उतरावा लिये जाते थे और एक लंगोटी पहना दी जाती थी और बदन पर एक चादर डाल दिया जाता...
असेम्बली बम काण्ड पर यह अपील भगतसिंह द्वारा जनवरी, 1930 में हाई कोर्ट में की गयी थी। इसी अपील में ही उनका यह प्रसिद्द वक्तव्य था : “पिस्तौल और बम इंकलाब नहीं लाते, बल्कि इंकलाब की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है और यही चीज थी, जिसे हम प्रकट करना चाहते थे।” माई लॉर्ड, हम न वकील हैं, न अंग्रेजी विशेषज्ञ और न हमारे पास डिगरियां हैं। इसलिए हमसे...
एक धोबी का गधा था । वह दिन भर कपडों के गट्ठर इधर से उधर ढोने में लगा रहता । धोबी स्वयं कंजूस और निर्दयी था। अपने गधे के लिए चारे का प्रबंध नहीं करता था। बस रात को चरने के लिए खुला छोड देता । निकट में कोई चरागाह भी नहीं थी। शरीर से गधा बहुत दुर्बल हो गया था। एक रात उस गधे की मुलाकात एक गीदड़ से हुई । गीदड़ ने उससे पूछा ‘कहिए महाशय, आप इतने...
एक बार अकबर बादशाह ने एक कारीगर को बख्तर बंद लोहे का वस्त्र, जिसे फौजी युद्ध के अवसर पर धारण करते हैं बनाने का आदेश दिया। राजा के आदेशनुसार कुछ दिन के बाद कारीगर ने बख्तर बंद तैयार करके बादशाह के सामने हाजिर कर दिया। इसे बनाने में कारीगर ने कोई कसर बाकी नहीं रखी थी। अकबर बादशाह को वह लोहे का वस्त्र बहुत पंसद आया, लेकिन दूसरे ही क्षण उन्हें उसकी...
एक साधु था , वह रोज घाट के किनारे बैठ कर चिल्लाया करता था ,”जो चाहोगे सो पाओगे”, जो चाहोगे सो पाओगे।” बहुत से लोग वहाँ से गुजरते थे पर कोई भी उसकी बात पर ध्यान नहीँ देता था और सब उसे एक पागल आदमी समझते थे। एक दिन एक युवक वहाँ से गुजरा और उसनेँ उस साधु की आवाज सुनी , “जो चाहोगे सो पाओगे”, जो चाहोगे सो पाओगे।” ,और आवाज सुनते ही उसके पास चला गया।...
यह लेख भगत सिंह ने जेल में रहते हुए लिखा था और यह 27 सितम्बर 1931 को लाहौर के अखबार “ द पीपल “ में प्रकाशित हुआ । इस लेख में भगतसिंह ने ईश्वर कि उपस्थिति पर अनेक तर्कपूर्ण सवाल खड़े किये हैं और इस संसार के निर्माण , मनुष्य के जन्म , मनुष्य के मन में ईश्वर की कल्पना के साथ साथ संसार में मनुष्य की दीनता , उसके शोषण , दुनिया में व्याप्त अराजकता और और...
बादशाह सलामत, आपको यह मालूम ही है कि हजारों वर्ष से फारस में नौरोज यानी वर्ष का प्रथम दिवस बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। उसमें सभी लोग विशेषतः अग्निपूजक, भाँति-भाँति के नृत्यों और खेल-तमाशों का आयोजन करते हैं। बादशाहों और सामंतों को उनके प्रशंसक और सहायक अच्छी-अच्छी भेंटें देते हैं, देश-विदेश की सुंदर और दुर्लभ वस्तुएँ उन्हें भेंट में दी जाती...
1. जैसे मछली दृष्टी से, कछुआ ध्यान देकर और पंछी स्पर्श करके अपने बच्चो को पालते है, वैसे ही सद् जन पुरुषों की सद गुण मनुष्य का पालन पोषण करती है. 2. जब आपका शरीर स्वस्थ है और आपके नियंत्रण में है उसी समय कुल की रक्षा का उपाय कर लेना चाहिए क्योंकि मृत्यु हो जाने के बाद कोई कुछ नहीं कर सकता है. 3. सैकड़ों गुणरहित पुत्रों से अच्छा एक गुणी पुत्र है...
एक बार एक शिकारी जंगल में शिकार करने के लिए गया। बहुत प्रयास करने के बाद उसने जाल में एक बाज पकड़ लिया। शिकारी जब बाज को लेकर जाने लगा तब रास्ते में बाज ने शिकारी से कहा, “तुम मुझे लेकर क्यों जा रहे हो?” शिकारी बोला, “ मैं तुम्हे मारकर खाने के लिए ले जा रहा हूँ।” बाज ने सोचा कि अब तो मेरी मृत्यु निश्चित है। वह कुछ देर यूँही शांत रहा और फिर कुछ...
1. स्त्री (यहाँ लम्पट स्त्री या पुरुष अभिप्रेत है) का ह्रदय पूर्ण नहीं है वह बटा हुआ है. जब वह एक आदमी से बात करती है तो दुसरे की ओर वासना से देखती है और मन में तीसरे को चाहती है. 2. मुर्ख को लगता है की वह हसीन लड़की उसे प्यार करती है. वह उसका गुलाम बन जाता है और उसके इशारो पर नाचता है. 3. ऐसा यहाँ कौन नहीं है जिसमे दौलत पाने के बाद गर्व नहीं आई...
दुनिया के मजदूरों एकजुट हो जाओ ; तुम्हारे पास खोने को कुछ भी नहीं है ,सिवाय अपनी जंजीरों के. Quote 1: From each according to his abilities, to each according to his needs. In Hindi: हर किसी से उसकी क्षमता के अनुसार , हर किसी को उसकी ज़रुरत के अनुसार . Quote 2: History repeats itself, first as tragedy, second as farce. In Hindi: इतिहास खुद को...
बहुत सी तीरंदाजी प्रतियोगिताएँ जीतने के बाद एक नौजवान तीरंदाज खुद को सबसे बड़ा धनुर्धर मानने लगा । वह जहाँ भी जाता लोगों को उससे मुकाबला करने की चुनौती देता, और उन्हें हरा कर उनका मज़ाक उड़ाता । एक बार उसने एक प्रसिद्द ज़ेन मास्टर को चुनौती देने का फैसला किया और सुबह -सुबह पहाड़ों के बीच स्थित उनके मठ जा पहुंचा । “मास्टर मैं आपको तीरंदाजी मुकाबले के...
विज्ञान के इतिहास में मार्क्स ने जिन महत्त्वपूर्ण बातों का पता लगाकर अपना नाम अमर किया है, उनमें से हम यहाँ दो का ही उल्लेख कर सकते हैं। पहली तो विश्व इतिहास की सम्पूर्ण धारणा में ही वह क्रान्ति है, जो उन्होंने सम्पन्न की। इतिहास का पहले का पूरा दृष्टिकोण इस धारणा पर आधारित था कि सभी तरह के ऐतिहासिक परिवर्तनों का मूल कारण मनुष्यों के परिवर्तनशील...
एक हीरा व्यापारी था जो हीरे का बहुत बड़ा विशेषज्ञ माना जाता था, किन्तु गंभीर बीमारी के चलते अल्प आयु में ही उसकी मृत्यु हो गयी। अपने पीछे वह अपनी पत्नी और बेटा छोड़ गया। जब बेटा बड़ा हुआ तो उसकी माँ ने कहा- “बेटा, मरने से पहले तुम्हारे पिताजी ये पत्थर छोड़ गए थे, तुम इसे लेकर बाज़ार जाओ और इसकी कीमत का पता लगा, ध्यान रहे कि तुम्हे केवल कीमत पता...
एक नन्हा परिंदा अपने परिवार-जनों से बिछड़ कर अपने आशियाने से बहुत दूर आ गया था । उस नन्हे परिंदे को अभी उड़ान भरने अच्छे से नहीं आता था… उसने उड़ना सीखना अभी शुरू ही किया था ! उधर नन्हे परिंदे के परिवार वाले बहुत परेशान थे और उसके आने की राह देख रहे थे । इधर नन्हा परिंदा भी समझ नहीं पा रहा था कि वो अपने आशियाने तक कैसे पहुंचे? वह उड़ान भरने की काफी...
सोसिओपैथ शब्द के वारे में बहुत कम लोग जानते होंगे लेकिन आप की जिंदगी में और आपके आसपास वह हमेशा होते हैं । ऐसे भी होसकता आपके फैमिली मेंबर भी में कोई सोसिओपैथ हो । आपने बहुत सारे चैनल में हिट सीरियल देखी होंगी जैसे “सास भी कभी बहु थी” इत्यादि सोप इसीलिए हिट हो जाते हैं क्यों के मुख्य कलाकार या चरित्र घर में या सगी संबद्ध, दोस्त, या...
कक्षा में उसका प्रदर्शन हमेशा ही खराब रहता था । और बच्चे उसका मजाक उड़ाने से कभी नहीं चूकते थे । पढने जाना तो मानो एक सजा के समान हो गया था , वह जैसे ही कक्षा में घुसता और बच्चे उस पर हंसने लगते , कोई उसे महामूर्ख तो कोई उसे बैलों का राजा कहता , यहाँ तक की कुछ अध्यापक भी उसका मजाक उड़ाने से बाज नहीं आते । इन सबसे परेशान होकर उसने स्कूल जाना ही...
एक बार कुछ बच्चे एक नाग को मार रहे थे। एक राजा ने उसकी रक्षा की। राजा पर प्रसन्न हो नाग ने उस राजा को जानवरों की भाषा समझने और बोलने का वर प्रदान किया था । किन्तु उसे यह चेतावनी भी दी थी कि यदि वह उस बात की चर्चा यदि कभी भी किसी से करेगा तो उसके प्राण चले जाएंगे। एक दिन राजकीय काम-काज के बाद राजा जब अपनी प्रिय रानी के साथ एक बाग में बैठा कुछ खा पी...