Category - मनोहर कहानियाँ

पुजारी, चोर, और दानव की कथा ~ पंचतंत्र

एक गाँव में द्रोण नाम का पुजारी रहता था । भिक्षा माँग कर उसकी जीविका चलती थी । सर्दी-गर्मी रोकने के लिये उसके पास पर्याप्त वस्त्र भी नहीं थे । एक बार किसी यजमान ने पुजारी पर दया करके उसे बैलों की जोड़ी दे दी । पुजारी ने उनका भरन-पोषण बड़े यत्न से किया । आस-पास से घी-तेल-अनाज माँगकर भी उन बैलों को...

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दो सांपों की कथा ~ पंचतंत्र

एक नगर में देवशक्ति नाम का राजा रहता था । उसके पुत्र के पेट में एक साँप चला गया था । उस साँप ने वहीं अपना बिल बना लिया था । पेट में बैठे साँप के कारण उसके शरीर का प्रति-दिन क्षय होता जा रहा था । बहुत उपचार करने के बाद भी जब स्वास्थ्य में कोई सुधार न हुआ तो अत्यन्त निराश होकर राजपुत्र अपने राज्य से...

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चुहिया का स्वयंवर ~ पंचतंत्र

एक नदी के किनारे एक तपस्वियों का आश्रम था । वहाँ एक मुनि रहते थे । मुनिवर एक नदी के किनारे जल लेकर आचमन कर रहे थे कि पानी से भरी हथेली में ऊपर से एक चुहिया गिर गई । उस चुहिया को आकाश मेम बाज लिये जा रहा था । उसके पंजे से छूटकर वह नीचे गिर गई । मुनि ने उसे पीपल के पत्ते पर रखा और फिर से गंगाजल में...

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सुनहरे विष्ठा की कथा ~ पंचतंत्र

एक पर्वतीय प्रदेश के महाकाय वृक्ष पर सिन्धुक नाम का एक पक्षी रहता था । उसकी विष्ठा में स्वर्ण-कण होते थे । एक दिन एक व्याध उधर से गुजर रहा था । व्याध को उसकी विष्ठा के स्वर्णमयी होने का ज्ञान नहीं था । इससे सम्भव था कि व्याध उसकी उपेक्षा करके आगे निकल जाता । किन्तु मूर्ख सिन्धुक पक्षी ने वृक्ष के...

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शेर और मूर्ख गधा ~ पंचतंत्र

एक घने जंगल में एक शेर रहता था । उसके साथ एक गीदड़ भी सदा सेवाकार्य के लिए रहा करता था । शेर को एक बार एक मत्त हाथी से लड़ना पड़ा था, तब से उसके शरीर पर कई घाव हो गये थे । एक टाँग भी इस लड़ाई में टूट गई थी । उसके लिये एक क़दम चलना भी कठिन हो गया था । जंगल में पशुओं का शिकार करना उसकी शक्ति से बाहर था...

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कुम्हार की कहानी ~ पंचतंत्र

एक कुम्हार एक बार टूटे हुए घड़े के नुकीले ठीकरे से टकरा कर गिर गया । गिरते ही वह ठीकरा उसके माथे में घुस गया । खून बहने लगा । घाव गहरा था, दवा-दारु से भी ठीक न हुआ । घाव बढ़ता ही गया । कई महीने ठीक होने में लग गये । ठीक होने पर भी उसका निशान माथे पर रह गया । कुछ दिन बाद अपने देश में दुर्भिक्ष पड़ने...

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गीदड़ गीदड़ ही रहता है ~ पंचतंत्र

एक जंगल में शेर-शेरनी का युगल रहता था । शेरनी के दो बच्चे हुए । शेर प्रतिदिन हिरणों को मारकर शेरनी के लिये लाता था । दोनों मिलकर पेट भरते थे । एक दिन जंगल में बहुत घूमने के बाद भी शाम होने तक शेर के हाथ कोई शिकार न आया । खाली हाथ घर वापिस आ रहा था तो उसे रास्ते में गीदड़ का बच्चा मिला। बच्चे को...

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गधा और धोबी ~ पंचतंत्र

एक शहर में एक धोबी रहता था । उसके पास एक गधा भी था । घास न मिलने से वह बहुत दुबला हो गया । धोबी ने तब एक उपाय सोचा । कुछ दिन पहले जंगल में घूमते-घूमते उसे एक मरा हुआ शेर मिला था, उसकी खाल उसके पास थी । उसने सोचा यह खाल गधे को ओढ़ा कर खेत में भेज दूंगा, जिससे खेत के रखवाले इसे शेर समझकर डरेंगे और इसे...

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कुत्ता जो विदेश चला गया ~ पंचतंत्र

एक गाँव में एक कुत्ता रहता था । वहां दुर्भिक्ष पड़ गया । अन्न के अभाव में कई कुत्तों का वंशनाश हो गया । अन्न के अभाव में कई कुत्तों का वंशनाश हो गया ।  कुत्ता ने भी दुर्भिक्ष से बचने के लिये दूसरे गाँव की राह ली । वहाँ पहुँच कर उसने एक घर में चोरी से जाकर भरपेट खाना खा लिया । जिसके घर खाना खाया था...

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अविवेक का मूल्य ~ पंचतंत्र

एक गांव में उज्वलक नाम का बढ़ई रहता था । वह बहुत गरीब था । ग़रीबी से तंग आकर वह गांव छो़ड़कर दूसरे गांव के लिये चल पड़ा । रास्ते में घना जंगल पड़ता था । वहां उसने देखा कि एक ऊंटनी प्रसवपीड़ा से तड़फड़ा रही है । ऊँटनी ने जब बच्चा दिया तो वह उँट के बच्चे और ऊँटनी को लेकर अपने घर आ गया । वहां घर के बाहर...

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