कबीर के दोहे – ईश्वर स्मरण/Remembrance

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सुमिरन मारग सहज का,सदगुरु दिया बताई
सांस सांस सुमिरन करु,ऐक दिन मिलसी आये।

ईश्वर स्मरण का मार्ग अत्यंत सरल है। सदगुरु ने हमें यह बताया है।
हमें प्रत्येक साॅंस में ईश्वर का स्मरण करना चाहिये। एक दिन निश्चय ही प्रभु हमें मिलेंगे।

Sumiran marag sahaj ka, satguru diya batai
Sans sans sumiran karun , ek din milsi aaye .

The path of remembrance is simple , the real guru has told us
You remember God in every breath , one day the God will meet us.

सुमिरन की सुधि यों करो जैसे कामी काम
एक पलक बिसरै नहीें निश दिन आठों जाम।

ईश्वर के स्मरण पर उसी प्रकार ध्यान दो जैसे कोई लोभी कामी अपनी इच्छाओं का स्मरण करता है।
एक क्षण के लिये भी ईश्वर का विस्मरण मत करो। प्रत्येक दिन आठों पहर ईश्वर पर ध्यान रहना चाहिये।

Sumiran ki sudhi yon karo jaise kami kam
Ek palak bisarai nahi nish din aathon jam .

Be attentive to remembrance as the lustful is for his desire
Do not forget for a moment, remember everyday twentyfour hours .

अपने पहरै जागीये ना परि रहीये सोय
ना जानो छिन ऐक मे, किसका पहिरा होय।

आप इस समय जागृत रहें। यह समय सोने का नहीं है।
कोई नहीं जानता किस क्षण आपके जीवन पर दूसरे का अधिकार हो जाये। समय का महत्व समझें।

Aapne pahrai jagiye na pari rahiye soye
Na jano chin ek me , kiska pahira hoye .

Remain awake at this hour , donot sleep at this time
No one knows the moment who will grab this time .

हरि नाम सुमिरन करै, सदगुरु पद निज ध्यान
आतम पूजा जीव दया लहै सो मुक्ति अमान।

जो हरि का सुमिरन और सदगुरु के चरणों का ध्यान करता है,जो आत्मा से ईश्वर की
पूजा करता और जीवों पर दया भाव रखता है-उसे निश्चय हीं मुक्ति प्राप्त होती है।

Hari nam sumiran karai ,sadguru pad nij dhyan
Aatam puja jeev daya lahai so mukti aman .

One who remembers God, keep in mind the lotus feet of guru
One who worships in soul , kind to creatures is sure to get salvation.

सहकामी सुमिरन करै पाबै उत्तम सारी
निहकामी सुमिरन करै पाबै अबिचल हरि।

जो फल की आकांक्षा से प्रभु का स्मरण करता है उसे अति उत्तम फल प्राप्त होता है।
जो किसी इच्छा या आकांक्षा के बिना प्रभु का स्मरण करता है उसे आत्म साक्षातकार का लाभ मिलता है।

Sahkami sumiran karai pabai uttam saari
Nihkami sumiran karai pabai abichal Hari.

One who remembers God for fruit gets very good result
One who remembers without any desire gets self realization.

वाद विवाद मत करो करु नित एक विचार
नाम सुमिर चित लायके, सब करनी मे सार।

बहस-विवाद व्यर्थ है। केवल प्रभु का सुमिरन करो।
पूरे चित एंव मनों योग से उनका नाम स्मरण करो। यह सभी कर्मों का सार है।

Vad vivada mat karo karu nit ek vichar
Nam sumir chit layake , sab karni me sar .

Do not argue or discuss, think only one thing
Remember God with total devotion , the end of all doings.

कबीर सोयी पीर है जो जाने पर पीर
जो पर पीर ना जाने सो काफिर बेपीर।

कबीर के अनुसार जो दुसरों के तकलीफ-पीड़ा को जानता है वह संत है।
जो दूसरों के कष्ट-दुख को नहीं जानता है-वह काफिर है।

Kabir soyee peer hai jo jane par peer
Jo par peer na jane so kafir bepeer.

One who knows the distress of others is a saint
Those who do not know the suffering of others is an atheist.

कबीर वा दिन याद कर पग पर उपर तल शीश
मृत मंडल मे आय के विशरि गया जगदीश।

कबीर कहते है कि हमें वह दिन सदा याद रखनी चाहिये जब हमारा पैर उपर और सिर नीचे होगा।
इस नश्वर संसार में आकर हम सर्वशक्तिमान ईश्वर को भूल गये हैं।

Kabir wa din yad kar pag upar tal sheesh
Mrit mandal me aaye ke vishari gaya Jagdeesh.

Remember the day when the feet was up and head down
After coming in this mortal world you have forgotten the Lord.

पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ पंडित भया ना कोय
ढ़ाई आखर प्रेम का पढ़ै सो पंडित होय।

संसार में लोग धर्म की पोथी पढ़ते-पढ़ते मृतप्राय हैं पर पंडित कोई नहीं हो सका।
जो व्यक्ति प्रेम का ढ़ाई अक्षर मनन कर लिया-वह वास्तविक पंडित यानि ईश्वर तत्व का जानकार है।

Pothi padhi padhi jag mua pandit bhaya na koi
Dhai aakhar prem ka padhai so pandit hoye .

The world has perished by reading scriptures continuously
One who reads two and half letters of love is the real scholar.

सच बराबर तप नही झूठ बराबर पाप
जाके हृदय संच है, ताके हृदय आप।

सत्य का पालन सबसे बड़ी तपस्या है। झूठ से बढ़ कर कोई पाप नहीं।
जिसके हृदय में सत्य का वास है-प्रभु उसके हृदय में निवास करते हैं।

Sanch barabar tap nahi jhuth barabar paap
Jake hirday sanch hai , take hirday aap .

Truth is the greatest penance, falsehood is the biggest impiety
If there is truth in the heart , the God lives in such heart .

जहां दया वहां धरम है, जहां लोभ तहां पाप
जहां क्रोध तहां काल है, जहां क्षमा तहां आप।

जहाॅं दया है वहाॅं धर्म है। जहाॅं लोभ लालच है वहाॅं पाप है। जहाॅं क्रोध है
वहाॅं काल या मृत्यु है। जहाॅं क्षमा है वहाॅं साक्षात प्रभु का वास है।

Jahan daya waha dharm hai , jahan lov tahan pap
Jahan krowdh tahan kal hai , jahan kshma tahan aap .

Where there is compassion there is Virtue,where there is lust there is .impiety.
Where there is anger, there is death.
Where there is forgiveness , there is God .

गुरु गोविंद दोनों खरे काके लागूं पांव
बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बतायें।

कबीर गुरु की महिमा का वर्णन करते हैं। गुरु और भगवान दोनों खड़े हैं
कबीर दुविधा में है कि किसे चरण स्पर्श करु।गुरु को धन्यवाद कि उसने ईश्वर की महानता बतायी।

Guru govind dono khare kake lagu pawn
Balihari guru aapne govind diyo batayen.

The teacher and the God both are standing. Whose blessings should I seek ?
It is the greatness of guru who instructed me to bow down to the greatness of the God.

चाह मिटी चिंता मिटी मनवा बेपरवाह
जिसको कछू नहीं चाहीये वाही शाहंशाह।

इच्छायें ही सभी कष्टों की जड़ है। जिसकी इच्छा समाप्त है उसकी सारी चिन्तायें भी दूर हो गई है
तथा उसका मन भी उल्लासपूर्ण हो जाता है। जिसे कुछभी इच्छा नहीं है वस्तुतः वही इस संसार का राजा है।

Chah miti chinta miti manwa beparwah
Jisko kutchh nahi chahiye wahi shahanshah .

Desires have vanished , all my troubles are gone and I have become carefree .
One who does not need anything is really the king of kings .

कहत कबीर सुनहु रे लोई
हरि बिन राखनहार ना कोई।

कबीर के प्रारंभिक शिष्यों में लोई एक थे। कबीर कहते है कि ओ लोई सुनों।
ईश्वर के बिना कोई तुम्हारा पालन और रक्षा नहीं कर सकता। एकमात्र उसी पर भरोसा करो।

Kahat Kabir sunahu re loi
Hari bin rakhanhar na koi.

Kabir says O Loi , hear me
None can protect you except God .

बूड़ा बंश कबीर का उपजा पूत कमाल
हरि का सुमिरन छोरि के, घर ले आया माल।

कमाल संभवतः कबीर के पुत्र थे। कबीर दुखी हैं कि कमाल ईश्वर का स्मरण छोड़कर
घर में रुपये पैसे लाने की चिंता में लग गया है। इससे तो उनके वंश-खानदान का विनाश हो जायेगा।

Bura bansh Kabir ka upja poot kamaal
Hari ka sumiran chhori ke , ghar le aaya maal .

The lineage of Kabir has gone worse with the birth of son Kamal
Leaving the remembrance of God , has brought home the money .

कबिरा खड़ा बजार मे,सबकी मांगे खैर
ना काहू से दोस्ती, ना काहु से बैर।

दुनिया के भीड़ रुपी बाजार में सबके लिये कबीर शुभेच्छा मांगते हैं।
वे न किसी विशेष के लिये मित्रता और नहीं किसी से दुश्मनी की इच्छा रखते है ।
ईश्वर प्राप्ति हेतु सब के लिये समत्व भाव रखना आवश्यक है।

Kabira khara bajar me , sabki mange khair
Na kahu se dosti , na kahu se bair .

Kabir standing in the market asks good wishes for all
He does not wish friendship nor enimity with anyone .

हरि नाम की लूट है, लूट सके सो लूट
अंत काल पछतायेगा, जब प्रान जायेगा छूट।

ईश्वर का भजन अत्यंत सुगम है। हरि नाम जितना लूटा जाये-हमें अवश्य लूटना चाहिये।
मृत्यु के समय हरि नाम नहीं ले पाने से अत्यंत दुख होगा।

Hari nam ki loot hai ,loot sakai so loot
Aant kal pachhtayega ,jab pran jayega chhoot .

There is loot for the name of God , you plunder as much as you can
You will repent at the last moment ,when the life will vanish .

हरि रहीमा ऐक है, नाम धराया दोई
कहे कबीर दो नाम सूनि, भरम परो मत कोई।

हरि और रहीम एक ही ईश्वर के दो नाम दिये गये हैं। कबीर कहते हैं कि ये दो नाम सुनकर
हमें किसी प्रकार का भ्रम नहीं होना चाहिये । कबीर धर्मिक एकता के पक्षधर थे।

Hari Rahima ek hai, nam dharaya doye
Kahe Kabira do nam suni , bharam paro mati koye .

Hari and Rahim are one, only two names have been given
Kabir says hearing two names, none should be mistaken .

नहाय धोयै क्या भया जो मन मैल ना जाय
मीन सदा जल मे रहे, धोये बास ना जाय।

नहाने धोने से क्या लाभ यदि मन का मैल दूर नहीं हो पाया। मछली तो हमेशा जल में ही रहती है
किंतु उसका दुर्गन्ध दूर नहीं हो पाता। कबीर मनो विकारों को दूर करने पर बल देते हैं।

Nahaye dhoye kya bhaya jo man mail na jaye
Meen sada jal me rahe , dhoye bash na jaye .

What good is bathing and washing , if the mind does not become clean .
Fish always remain in water , still it smells bad .

मन मैला तन उजरा बगुला कपटी अंग
तासौ तो कौआ भला, तन मन एक ही अंग।

यदि मन में मैला हो परंतु शरीर उजला हो जैसे की बगुला का शरीर छलावा
या कपटी होता है तो उससे तो अच्छा कौआ है जिसका मन और शरीर एक समान होता है।

Man maila tan ujara bagula kapti ang
Tason to kauwa bhala , tan man ekahi ang .

Mind is dirty and body is white like a cunning heron
A crow is better than the heron if its mind and body are same .

पापी भगति ना पावै हरि पूजा ना सुहाय
मक्खी चंदन परहरै, जहां बिगध तहां जाय।

एक पापी व्यक्ति को ईश्वर की भक्ति अच्छी नहीं लगती है। उसे परमात्मा की पूजा भी नहीं सुहाती है।
मक्खी कभी भी चंदन पर नहीं बैठती है। जहाॅं दुर्गध होता है-वहीं मक्खी चली जाती है।

Papi bhagati na pabai Hari puja na suhai
Makhi chandan parharai , jahan bigadh tahan jai .

An impious does not get devotion, does not like God;s prayer .
A fly will not sit on sandalwood ,will go where there is foul smell .

हार जलै जुई लाकड़ी केश जलै जूई घास
सब तन जलता देखि करि, भया कबीर उदास।

यह मानव शरीर लकड़ी की भांति और केश घास की तरह जल जाता है।
संपूर्ण शरीर को जलता देख कबीर उदास हो जाता हैं। मानव तन की क्षण भंगुरता से कबीर शिक्षा ग्रहण करने पर बल देते हैं।

Har jalai jui lakri kesh jalai jui ghas
Sab tan jalta dekhi kari , bhaya Kabir udas .

The body burns like wood and the hair like grass
After viewing the whole body burning , Kabir becomes sad .

गंगा तीर जु घर करहि पीवहि निरमल नीर
बिन हरि भगति ना मुक्ति होई, युॅं कहि रमे कबीर।

गंगा के किनारे घर बनाकर बसने और गंगा का पवित्र जल पीने से क्या होगा।
बिना प्रभु की भक्ति के मुक्ति संभव नहीं है। यह कबीर का दृढ़ विश्वास है।

Ganga teer ju ghar karahi ,peebahi nirmal neer
Binu Hari bhagati na mukti hoyee youn kahi rame Kabir .

What is if one lives at the bank of Ganges and drinks pure Ganga water .
There is no salvation without devotion to God ,says Kabir.

कबीर तासै प्रीति करि जाको ठाकुर हरि
पंड़ित राजई भूपती आबहि कौने करी ।

कबीर का मत है कि उन लोगों से प्रेम करें जिनके मालिक हरि हैं।
तुम्हें पंडित, ज्ञानी राजा या दुनिया के शक्तिशाली लोगों से क्या काम है।
कबीर प्रभु भक्तों की संगति पर बल देते हैं।

Kabir tasai priti kari jako thakur hari
Pandit rajai bhupati aabahi kaune kari.

Kabir says love him whose master is God.
You have no need with knowledgeable king or the master of the world.

नर नारी सब नरक है, जब लग देह सकाम
कहै कबीर ते हरि के जो सूमिरै निहकाम।

सभी नर-नारी नरक में हैं जबतक वे सकाम शरीर में हैं।
कबीर कहते हैं कि वे हरि की शरण में हैं जो उनका निष्काम सुमिरन करता है।

Nar nari sab narak hai jab lag deh sakam
Kahai Kabir te Hari ke jo sumirai nihkam .

Men women are all hell so long the body is lustful
Kabir says He belongs to God who remembers without lust or desire.

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क्रमरहित सूची

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