हिमाचल पर्वत पर गंधर्वों का एक नगर था, जिसमें जीमूतकेतु नामक राजा राज करता था। उसके एक लड़का था, जिसका नाम जीमूतवाहन था। बाप-बेटे दोनों भले थे। धर्म-कर्म मे लगे रहते थे। इससे प्रजा के लोग बहुत स्वच्छन्द हो गये और एक दिन उन्होंने राजा के महल को घेर लिया। राजकुमार ने यह देखा तो पिता से कहा कि आप चिन्ता न करें। मैं सबको मार भगाऊँगा। राजा बोला...
एक दिन किसी गरीब ने रात में सपना देखा कि उसे अपने मित्र से 100 रुपये उधार मिले है। सवेरे जब नींद खुली तो उसका अच्छा या बूरा फल जानने की इच्छा हुई, उसने अपने मित्रों में बैठकर इस बात की चर्चा की । धीरे-धीरे यह खबर बिजली की तरह फेल गयी यहां तक कि उस मित्र ने भी इस बात को सुना जिससे कि गरीब ने सपने में 100 रुपये लिये थे। उसे लालच आ गया, उसने सोचा कि...
जापान के टोक्यो शहर के निकट एक कस्बा अपनी खुशहाली के लिए प्रसिद्द था . एक बार एक व्यक्ति उस कसबे की खुशहाली का कारण जानने के लिए सुबह -सुबह वहाँ पहुंचा . कस्बे में घुसते ही उसे एक कॉफ़ी -शॉप दिखायी दी। उसने मन ही मन सोचा कि मैं यहाँ बैठ कर चुप -चाप लोगों को देखता हूँ , और वह धीरे -धीरे आगे बढ़ते हुए शॉप के अंदर लगी एक कुर्सी पर जा कर बैठ गया . कॉफ़ी...
महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में एक दिन एक अरब प्रदेश का व्यापारी घोड़े बेचने आता है। वह अपने घोड़ो का बखान कर के महाराज कृष्णदेव राय को सारे घोड़े खरीदने के लिए राजी कर लेता है तथा अपने घोड़े बेच जाता है। अब महाराज के घुड़साल इतने अधिक घोड़े हो जाते हैं कि उन्हें रखने की जगह नहीं बचती, इसलिए महाराज के आदेश पर बहुत से घोड़ों को विजयनगर के आम नागरिकों और...
एक बार अकबर और बीरबल बागीचे में बैठे थे। अचानक अकबर ने बीरबल से पूछा कि क्या तुम किसी ऐसे इन्सान को खोज सकते हो जिसमें अलग-अलग बोली बोलने की खूबी हों? बीरबल ने कहा, क्यों नहीं, मै एक आदमी जानता हूँ जो तोते की बोली बोलता है, शेर की बोली बोलता है, और गधे की बोली भी बोलता है। अकबर इस बात को सुन कर हैरत में पड़ गए। उन्होने बीरबल को कहा किअगले दिन उस...
ये एक लड़की की सच्ची कहानी है जो हमें कठिन से कठिन परिस्थितियों के बावजूद जीवन को सकारात्मक तरीके से जीने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा देती है . 25 सितम्बर , 2000 की बात है . तब Maricel Apatan ( मैरिकेल ऐप्टैन) महज 11 साल की थी . उस दिन वो अपने अंकल के साथ पानी लाने के लिए बाहर निकली हुई थी. रास्ते में उन्हें चार -पांच लोगों ने घेर...
ऊँचे पहाड़ पर चढ़ने के बारे में; हताशा से हानि; व्यापार की उपयोगिता, मेनशेविको के प्रति रवैया, इत्यादि[1] रचना काल: फरवरी, 1922 के अन्त में लिखित प्रथम प्रकाशन: प्रावदा अंक 87 में 16 अप्रैल 1924 को प्रकाशित, पाण्डुलिपि के अनुसार प्रकाशित स्रोत: लेनिन, कलेक्टेड वकर्स, द्वितीय अंग्रेजी संसकरण, मास्को, 1965, खण्ड 33, पृष्ठ 204-211, अंग्रेजी अनुवाद:...
तीसरी पुतली चन्द्रकला ने जो कथा सुनाई वह इस प्रकार है। एक बार पुरुषार्थ और भाग्य में इस बात पर ठन गई कि कौन बड़ा है। पुरुषार्थ कहता कि बगैर मेहनत के कुछ भी सम्भव नहीं है जबकि भाग्य का मानना था कि जिसको जो भी मिलता है भाग्य से मिलता है परिश्रम की कोई भूमिका नहीं होती है। उनके विवाद ने ऐसा उग्र रुप ग्रहण कर लिया कि दोनों को देवराज इन्द्र के पास जाना...
किसी नगर में एक व्यापारी का पुत्र रहता था। दुर्भाग्य से उसकी सारी संपत्ति समाप्त हो गई। इसलिए उसने सोचा कि किसी दूसरे देश में जाकर व्यापार किया जाए। उसके पास एक भारी और मूल्यवान तराजू था। उसका वजन बीस किलो था। उसने अपने तराजू को एक सेठ के पास धरोहर रख दिया और व्यापार करने दूसरे देश चला गया। कई देशों में घूमकर उसने व्यापार किया और खूब धन कमाकर वह...
एक आदमी कहीं से गुजर रहा था, तभी उसने सड़क के किनारे बंधे हाथियों को देखा, और अचानक रुक गया. उसने देखा कि हाथियों के अगले पैर में एक रस्सी बंधी हुई है, उसे इस बात का बड़ा अचरज हुआ की हाथी जैसे विशालकाय जीव लोहे की जंजीरों की जगह बस एक छोटी सी रस्सी से बंधे हुए हैं!!! ये स्पष्ठ था कि हाथी जब चाहते तब अपने बंधन तोड़ कर कहीं भी जा सकते थे, पर किसी...
जुबैदा ने खलीफा के सामने सर झुका कर निवेदन किया है राजाधिराज, मेरी कहानी बड़ी ही विचित्र है, आपने इस प्रकार की कोई कहानी नहीं सुनी होगी। मैं और वे दोनों काली कुतियाँ तीनों सगी बहिनें हैं और यह दो स्त्रियाँ जो मेरे साथ बैठी हैं मेरी सौतेली बहनें हैं। जिस स्त्री के कंधों पर काले निशान हैं उसका नाम अमीना है, जो अन्य स्त्री मेरे साथ है उसका नाम साफी...
मेरा पिता बगदाद के सम्मानित व्यक्तियों में से था और हम लोग आनंदपूर्वक वहाँ रह रहे थे। मैं अपने पिता का अकेला बेटा था। जिस समय मेरे पिता की मृत्यु हुई उस समय तक मैं न केवल विद्याध्ययन पूरा कर चुका था बल्कि व्यापार के कार्य में भी प्रवीण हो गया था। मेरे पिता ने अपने जीवनकाल ही में अपनी संपत्ति मेरे नाम कर दी थी। मैं धन के व्यय में होशियारी से काम...
एक धर्म गुरु एक हवाई जहाज पर एक छोटी लड़की के बगल में बैठा था और वह उसके पास गया और कहा, “क्या आप बात करना चाहते हैं? अगर आप अपने साथी यात्री के साथ वार्तालाप करते हैं तो उड़ानें तेज हो जाती हैं। “ छोटी लड़की, जो एक विज्ञान की पुस्तक को पढ़ना शुरू ही किया था, अजनबी धर्म गुरु को जवाब दिया, “आप किस बारे में बात करना चाहते हैं...
उदर समाता मांगि लै, ताको नाहि दोश कहि कबीर अधिका गहै, ताको गति ना मोश। पेट भरने योग्य भिक्षा माॅंगने में कोई बुराई नहीं है। परंतु जो जमा करने के लिये अधिक भीख मांगता है- कबीर कहते है की उसकी मुक्ति मोक्ष कतई संभव नहीं है। Udar samata mangi lai,tako nahi dosh Kahai Kabir adhika gahai,tako gati na mosh. There is no defect in demanding to fill the...
एक हीरा व्यापारी था जो हीरे का बहुत बड़ा विशेषज्ञ माना जाता था, किन्तु गंभीर बीमारी के चलते अल्प आयु में ही उसकी मृत्यु हो गयी। अपने पीछे वह अपनी पत्नी और बेटा छोड़ गया। जब बेटा बड़ा हुआ तो उसकी माँ ने कहा- “बेटा, मरने से पहले तुम्हारे पिताजी ये पत्थर छोड़ गए थे, तुम इसे लेकर बाज़ार जाओ और इसकी कीमत का पता लगा, ध्यान रहे कि तुम्हे केवल कीमत पता...
मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त कर रहे कुछ स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स डेवलप करने के बारे में बताया जा रहा था। कुछ देर पढ़ाने के बाद प्रोफेसर ने बच्चों को एक केस स्टडी सोल्व करने को दी। जापान की एक साबुन बनाने वाली कम्पनी अपनी क्वालिटी और वर्ल्ड क्लास प्रोसेसेज के लिए जानी जाती थी। पर आज उनके सामने एक अजीब समस्या आ खड़ी हुई , उन्हें...
उन्नीसवी पुतली – रूपरेखा नामक उन्नीसवी पुतली ने जो कथा सुनाई वह इस प्रकार है: राजा विक्रमादित्य के दरबार में लोग अपनी समस्याएँ लेकर न्याय के लिए तो आते ही थे कभी-कभी उन प्रश्नों को लेकर भी उपस्थित होते थे जिनका कोई समाधान उन्हें नहीं सूझता था। विक्रम उन प्रश्नों का ऐसा सटीक हल निकालते थे कि प्रश्नकर्त्ता पूर्ण सन्तुष्ट हो जाता था। ऐसे ही एक...
हिमालय के घने वनों में कभी सफेद हाथियों की दो विशिष्ट प्रजातियाँ हुआ करती थीं – छद्दन्त और उपोसथ। छद्दन्त हाथियों का रंग सफेद हुआ करता था । छद्दन्त हाथियों का राजा एक कंचन गुफा में निवास करता था। उसके मस्तक और पैर माणिक के समान लाल और चमकीले थे। उसकी दो रानियाँ थी – महासुभद्दा और चुल्लसुभद्दा। एक दिन गजराज और उसकी रानियाँ अपने दास...
फ्रेडी मेंढक एक तालाब के पास से गुजर रहा था , तभी उसे किसी की दर्द भरी आवाज़ सुनाई दी . उसने रुक के देखा तो फ्रैंक नाम का एक मेंढक उदास बैठा हुआ था . ” क्या हुआ , तुम इतने उदास क्यों हो ?” , फ्रेडी ने पुछा . ” देखते नहीं ये तालाब कितना गन्दा है …यहाँ ज़िन्दगी कितनी कठिन है ,” फ्रैंक ने बोलना शुरू किया , “पहले यहाँ इतने सारे कीड़े-मकौड़े हुआ करते थे...
एक तरफ़, धन और ऐशो-आराम बराबर बढ़ते जा रहे हैं और दूसरी तरफ़, करोड़ों-करोड़ आदमी, जो अपनी मेहनत से उस सारे धन को पैदा करते हैं, निर्धन और बेघरबार बने रहते हैं। किसान भूखों मरते हैं, मज़दूर बेकार हो इधर-उधर भटकते हैं, जबकि व्यापारी करोड़ों पूद* अनाज रूस से बाहर दूसरे देशों में भेजते हैं और कारख़ाने तथा फै़क्टरियाँ इसलिए बन्द कर दी जाती हैं कि माल बेचा...