महानता के बीज

यूनान देश के एक गाँव का लड़का जंगल में लकड़ियाँ काट के शाम को पास वाले शहर के बाजार मे बेचकर अपना गुजारा करता था. एक दिन एक विद्वान व्यक्ति बाजार से जा रहा था. उसने देखा कि उस बालक का गट्ठर बहुत ही कलात्मक रूप से बंधा हुआ है. उसने उस लड़के से पूछा- “क्या यह गट्ठर तुमने बांधा है?” लड़के ने जवाब दिया : “जी हाँ, मै दिनभर लकड़ी काटता हूँ, स्वयं गट्ठर...

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जो अपने को नहीं भूल सकता उसे मरना पडता है

एक बार की बात है. युनान में एक बहुत बडा मूर्तिकार हुआ. उस मूर्तिकार की बडी बहूत प्रशंसा थी सारे दूर-दूर के देशों तक. और लोग कहते थे कि अगर उसकी मूर्ति रखी हो बनी हुई और जिस आदमी की उसने मूर्ति बनाई है वह आदमी भी असके पडोस में खडा हो जाए श्वास बंद करके, तो बताना मुश्किल है कि मूल कौन है और मूर्ति कौन है. दोनों एक से मालूम होने लगते हैं. उस...

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हड़तालों के विषय में – लेनिन

1899 के अन्त में लिखित।पहले पहल 1924 में प्रकाशित। अंग्रेजी से अनूदित इधर कुछ वर्षों से रूस में मजदूरों की हड़तालें बारम्बार हो रही हैं। एक भी ऐसी औद्योगिक गुबेर्निया नहीं है, जहाँ कई हड़तालें न हुई हों। और बड़े शहरों में तो हड़तालें कभी रुकती ही नहीं। इसलिए यह बोधगम्य बात है कि वर्ग-सचेत मजदूर तथा समाजवादी हड़तालों के महत्‍व, उन्हें संचालित करने...

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मार -जातक कथा

बौद्ध-परम्परा में मार मृत्यु, कुकृत बल और प्रलोभक के रुप में जाना जाता है जिसे आधुनिक भाषा में शैतान का रुप समझा जा सकता हैं। जब यह कहा जाता है कि ‘मार’ तो वह क्लेश अथवा मृत्यु का द्योतक है। मार को नमुचि का नाम दिया गया है क्योंकि कोई भी उससे नहीं बच सकता। उसे वसवत्ती भी कहा जाता हैं क्योंकि वह हर कोई को अपने वश में करता हैं। जब भी वह...

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नाई के छठे भाई कबक की कहानी – अलिफ लैला

नाई ने कहा कि अब मेरे आखिरी भाई शाह कबक का वृत्तांत रह गया है। इसे भी सुन लीजिए, फिर मैं आप से विदा लूँ। इस भाई का नाम शाह कबक था और उसके होंठ खरगोश की तरह ऊपर को चढ़े हुए थे और वह चलता भी खरगोश की तरह कूद-कूद कर था। पिता के मरने पर उसे अपने हिस्से के रुपए मिले और उसने उनसे व्यापार किया जिससे उसे काफी मुनाफा हुआ किंतु कुछ दिनों बाद दुर्भाग्य से...

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इन्क़लाब ज़िन्दाबाद – भगत सिंह (1929)

भगतसिंह ने अपने विचार स्पष्ट रूप से इंडियन जनता के सामने रखे। उनके विचार में, क्रांति की तलवार विचारों की धार से ही तेज होती है। वे विचारधारात्मक क्रान्तिकारी हालात के लिए संघर्ष कर रहे थे। अपने विचारों पर हुए सभी वारों का उन्होंने तर्कपूर्ण उत्तर दिया। यह वार अंग्रेजी सरकार की ओर से किए गए या देशी नेताओं की ओर से अखबारों में। शहीद यतीन्द्रनाथ दास...

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सीदी नोमान की कहानी – अलिफ लैला

भिखारी की कहानी सुनने के बाद खलीफा ने बराबर घोड़ी दौड़ानेवाले पर ध्यान दिया और उससे पूछा कि तुम्हारा क्या नाम है। उसने अपना नाम सीदी नोमान बताया। खलीफा ने कहा, मैंने बहुत-से घुड़सवारों और साईसों को देखा है कि वह घुड़सवारी सिखाने या घोड़े को सिखाने में बहुत श्रम करते हैं। मैंने स्वयं भी बहुत-से घोड़ों को फेरा है लेकिन तुम्हारी तरह घोड़ी दौड़ाते...

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सच्ची दोस्ती

वह शाम को ऑफिस से घर लौटा, तो पत्नी ने कहा कि आज तुम्हारे बचपन के दोस्त आए थे, उन्हें दस हजार रुपए की तुरंत आवश्यकता थी, मैंने तुम्हारी आलमारी से रुपए निकालकर उन्हें दे दिए। कहीं लिखना हो, तो लिख लेना। इस बात को सुनकर उसका चेहरा हतप्रभ हो गया, आंखें गीली हो गईं, वह अनमना-सा हो गया। पत्नी ने देखा-अरे! क्या बात हो गई। मैंने कुछ गलत कर दिया क्या...

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अच्छे लोग बुरे लोग !

बहुत समय पहले की बात है. एक बार एक गुरु जी गंगा किनारे स्थित किसी गाँव में अपने शिष्यों के साथ स्नान कर रहे थे . तभी एक राहगीर आया और उनसे पूछा , ” महाराज, इस गाँव में कैसे लोग रहते हैं, दरअसल मैं अपने मौजूदा निवास स्थान से कहीं और जाना चाहता हूँ ?” गुरु जी बोले, ” जहाँ तुम अभी रहते हो वहां किस प्रकार के लोग रहते हैं ?” ” मत पूछिए महाराज , वहां तो...

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मेहमान और बीरबल का किस्सा

मेहमान को पहचानना बीरबल को एक अमीर आदमी द्वारा दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया गया था। बीरबल उस आदमी के घर गया और उसे लोगों से भरे हुए एक हॉल में मिला। उसके मेजबान ने बीरबल का गर्मजोशी से स्वागत किया “मुझे नहीं पता था कि इतने सारे मेहमान होंगे,” बीरबल ने कहा कि वह बडी सभाओं से नफरत करता है। आदमी ने कहा, “वे मेहमान नहीं हैं” “वे मेरे कर्मचारी...

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मजदूर की कहानी – अलिफ लैला

मजदूर बोला, ‘हे सुंदरी, मैं तुम्हारी आज्ञानुसार ही अपना हाल कहूँगा और यह बताऊँगा कि मैं यहाँ क्यों आया। आज सवेरे मैं अपना टोकरा लिए काम की तलाश में बाजार में खड़ा था। तभी तुम्हारी बहन ने मुझे बुलाया। मुझे लेकर पहले वह शराब बेचने वाले के यहाँ गई। फिर कुँजड़े की दुकान पर उसने ढेर-सी तरकारियाँ खरीदीं और फल वाले के यहाँ से बहुत-से फल लिए। गोश्त...

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मुसीबत का सामना

जंगली भैंसों का एक झुण्ड जंगल में घूम रहा था , तभी एक  बछड़े (पाड़ा) ने पुछा , ” पिताजी, क्या इस जंगल में ऐसी कोई चीज है जिससे डरने की ज़रुरत है ?” ” बस शेरों से सावधान रहना …”, भैंसा बोला . “हाँ , मैंने भी सुना है कि शेर बड़े खतरनाक होते हैं . अगर कभी मुझे शेर दिखा तो मैं जितना हो सके उतनी तेजी से दौड़ता हुआ भाग जाऊँगा ..”, बछड़ा बोला . “नहीं , इससे...

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बेंजामिन फ्रैंकलिन के अनमोल विचार

Quote 1: A house is not a home unless it contains food and fire for the mind as well as the body. एक मकान तब तक घर नहीं बन सकता जब तक उसमे दिमाग और शरीर दोनों के लिए भोजन और भभक ना हो. Quote 2: At twenty years of age the will reigns; at thirty, the wit; and at forty, the judgment. बीस साल की उम्र में इंसान अपनी इच्छा से चलता है,तीस में बुद्धि से...

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विद्यार्थी और राजनीति – भगत सिंह (1928)

इस महत्वपूर्ण राजनीतिक मसले पर यह लेख जुलाई, 1928 में ‘किरती’ में छपा था। उन दिनों अनेक नेता विद्यार्थियों को राजनीति में हिस्सा न लेने की सलाहें देते थे, जिनके जवाब में यह लेख बहुत महत्वपूर्ण है। यह लेख सम्पादकीय विचारों में छपा था, और सम्भवतः भगतसिंह का लिखा हुआ है।- सं. इस बात का बड़ा भारी शोर सुना जा रहा है कि पढ़ने वाले नौजवान(विद्यार्थी)...

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चार दृश्य -जातक कथा

पिता सुद्धोदन को सिद्धार्थ गौतम का संन्यास बनना चिंतित किया था ।  सिद्धार्थ जब उनतीस वर्ष के थे तब एक उद्यान में भ्रमण करने का समय वहाँ उन्होंने लाठी के सहारे चलते एक वृद्ध को देखा और चिंतित हो गये; तब उन्हें यह ज्ञान हुआ कि वे भी एक दिन वैसे ही हो जाएंगे; सभी एक दिन वैसी ही अवस्था को प्राप्त होते हैं । वितृष्ण-भाव से वे लौट आये । जब पिता सुद्धोदन...

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बूढा आदमी, युवा पत्नी और चोर ~ पंचतंत्र

किसी ग्राम में किसान दम्पती रहा करते थे। किसान तो वृद्ध था पर उसकी पत्नी युवती थी। अपने पति से संतुष्ट न रहने के कारण किसान की पत्नी सदा पर-पुरुष की टोह में रहती थी, इस कारण एक क्षण भी घर में नहीं ठहरती थी। एक दिन किसी ठग ने उसको घर से निकलते हुए देख लिया। उसने उसका पीछा किया और जब देखा कि वह एकान्त में पहुँच गई तो उसके सम्मुख जाकर उसने कहा...

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सबसे बड़ा धन “विद्या” है

एक बार एक शक्तिशाली राजा घने वन में शिकार खेल रहा था। अचानक आकाश में बादल छा गए और मूसलाधार वर्षा होने लगी। सूर्य अस्त हो गया और धीरे-धीरे अँधेरा छाने लगा। अँधेरे में राजा अपने महल का रास्ता भूल गया और सिपाहियों से अलग हो गया। भूख प्यास और थकावट से व्याकुल राजा जंगल के किनारे एक टीले पर बैठ गया। थोड़ी देर बाद उसने वहाँ तीन बालकों को देखा। तीनों...

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चमत्कारी ताबीज

किसी गांव में राम नाम का एक नवयुवक रहता था। वह बहुत मेहनती थे, पर हमेशा अपने मन में एक शंका लिए रहता कि वो अपने कार्यक्षेत्र में सफल होगा या नहीं! कभी-कभी वो इसी चिंता के कारण आवेश में आ जाता और दूसरों पर क्रोधित भी हो उठता। एक दिन उसके गांव में एक प्रसिद्ध महात्मा जी का आगमन हुआ। खबर मिलते ही राम, महात्मा जी से मिलने पहुंचा और बोला, “ महात्मा जी...

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ओशो के अनमोल विचार

Quote 1: Only those who are ready to become nobodies are able to love. In Hindi: केवल वो लोग जो कुछ भी नहीं बनने के लिए तैयार हैं प्रेम कर सकते हैं. Quote 2: Nobody is here to fulfill your dream. Everybody is here to fulfill his own destiny, his own reality. In Hindi: यहाँ कोई भी आपका सपना पूरा करने के लिए नहीं है. हर कोई अपनी तकदीर और अपनी हक़ीकत...

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पंचतंत्र की सम्पूर्ण कहानियाँ

नीतिकथाओं में पंचतंत्र का पहला स्थान माना जाता है। एक राज्य का राजा के तीन पुत्र मुर्ख और अहंकारी थे । राजा ने उन्हें व्यवहारिक शिक्षा देने की बहुत कोशिश की, परन्तु किसी भी प्रकार से बात नहीं बनी । हारकर एक दिन राजा ने अपने मंत्रियो से मंत्रणा की । राजा के मंत्रिमंडल में कई कुशल, दूरदर्शी और योग्य मंत्री थे, उन्हीं में से एक मंत्री  ने राजा को...

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