आरी

एक बार की बात है एक बढ़ई था। वह दूर किसी शहर में एक सेठ के यहाँ काम करने गया। एक दिन काम करते-करते उसकी आरी टूट गयी। आरी के बिना वह काम नहीं कर सकता था, और वापस अपने गाँव लौटना भी मुश्किल था, इसलिए वह शहर से सटे एक गाँव पहुंचा। इधर-उधर पूछने पर उसे लोहार का पता चल गया। वह लोहार के पास गया और बोला- भाई मेरी आरी टूट गयी है, तुम मेरे लिए एक अच्छी सी...

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सीदी नोमान की कहानी – अलिफ लैला

भिखारी की कहानी सुनने के बाद खलीफा ने बराबर घोड़ी दौड़ानेवाले पर ध्यान दिया और उससे पूछा कि तुम्हारा क्या नाम है। उसने अपना नाम सीदी नोमान बताया। खलीफा ने कहा, मैंने बहुत-से घुड़सवारों और साईसों को देखा है कि वह घुड़सवारी सिखाने या घोड़े को सिखाने में बहुत श्रम करते हैं। मैंने स्वयं भी बहुत-से घोड़ों को फेरा है लेकिन तुम्हारी तरह घोड़ी दौड़ाते...

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धूर्त बिल्ली का न्याय ~ पंचतंत्र

एक जंगल में विशाल वृक्ष के तने में एक खोल के अन्दर कपिंजल नाम का तीतर रहता था । एक दिन वह तीतर अपने साथियों के साथ बहुत दूर के खेत में धान की नई-नई कोंपलें खाने चला गया। बहुत रात बीतने के बाद उस वृक्ष के खाली पडे़ खोल में ’शीघ्रगो’ नाम का खरगोश घुस आया और वहीँ रहने रहने लगा। कुछ दिन बाद कपिंजल तीतर अचानक ही आ गया । धान की नई-नई कोंपले खाने के बाद...

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हिजडों को मरवा दिया जाये

ख्वाजासरा नामक एक हिजडा बादशाह अकबर का काफी मूंहलगा था. वह बीरबल से काफी चिढता था इसलिए हर वक्त बीरबल की बुराई करते हुए उनके कान भरा करता था. वह बीरबल को किसी न किसी बहाने दरबार से निकलवा देने की फिराक में रहता था. एक दिन ख्वाजसरा ने बीरबल के खिलाफ बहुत सी बातें बादशाह के कानो में डालकर कहीं – जहांपनाह आपने बैकार में ही बीरबल को अपने दरबार में रखा...

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पेड़ का रहस्य

राज़ की बात…. शहर के बाहरी हिस्से में मल्टी नेशनल कम्पनी में काम करने वाले एक सेल्स मैनेजर अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते थे। वह रोज सुबह काम पर निकल जाते और देर शाम को घर लौटते। एक बार कुछ चोरों ने मैनेजर के घर में चोरी करने का मन बनाया। चोरी करने के दो-चार दिन पहले से ही वे उनके घर के आस-पास चक्कर लगाने लगे और उनकी गतिविधियों पर नज़र रखने...

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दिखावे का फल

मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त एक युवा नौजवान की बहुत अच्छी नौकरी लग जाती है, उसे कंपनी की और से काम करने के लिए अलग से एक केबिन दे दिया जाता है। वह नौजवान जब पहले दिन office जाता है और बैठ कर अपने शानदार केबिन को निहार रहा होता है तभी दरवाजा खट -खटाने की आवाज आती है दरवाजे पर एक साधारण सा व्यक्ति रहता है , पर उसे अंदर आने कहनेँ के बजाय वह युवा...

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मौत का सौदागर

1888 की बात है, एक व्यक्ति सुबह-सुबह उठ कर अखबार पढ़ रहा था , तभी अचानक उसकी नज़र एक “शोक – सन्देश ” पर पड़ी। वह उसे देख दंग रह गया , क्योंकि वहां मरने वाले की जगह उसी का नाम लिखा हुआ था। खुद का नाम पढ़कर वह आश्चर्यचकित तथा भयभीत हो गया। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि अखबार ने उसके भाई लुडविग की मरने की खबर देने की जगह खुस उसके मरने की खबर प्रकाशित कर दी...

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शहादत से पहले साथियों को अन्तिम पत्र – भगत सिंह (1931)

साथियो, स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, मैं इसे छिपाना नहीं चाहता। लेकिन एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ,कि मैं कैद होकर या पाबन्द होकर जीना नहीं चाहता। मेरा नाम हिन्दुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊँचा उठा दिया है- इतना ऊँचा कि जीवित रहने की स्थिति में इससे ऊँचा मैं...

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सूर्य रोज पूर्व दिशा में ही क्यों उगता हैं

एक बार बीरबल को दरबार में आने में देर हो गई | जब वह आए तो अकबर ने उनसे पूछा बीरबल ! आज आने में तुम्हें देर कैसे हुई ? हम कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं | हमें तुमसे एक खास सवाल करना है |” बीरबल ने कहा, जहाँपनाह ! रोज-रोज आप ही मुझसे सवाल पूछते हैं, यह तो बड़ा ही अन्याय है | आज मुझे आपसे एक सवाल पूछना है | यदि आप अनुमति दें, तो में आपसे प्रश्न...

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इंडिया का सबसे बड़ा अंधविश्वास और मानसिक विकृति

बिना सोचे समझे जिस पर बिलीव या भरोसा/विश्वास किया जाता है उसे हम ब्लाइंडबिलीव यानी अंध विश्वास कहते हैं. अगर हम ये जानते हैं जिस पर हम बिलीव या भरोसा/विश्वास कर रहे हैं वह एक ब्लाइंडबिलीव यानी अंध विश्वास है या झूठ और भ्रम है; और अभ्यास के कारण एक लम्बे समय तक करते आ रहे हैं, वह एक मानसिक विकार यानी मानसिक विकृति है. ऐसा ही इंडियन भूखंड में वैदिक...

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अधिक साहसी कौन : बेताल पच्चीसी – सत्रहवीं कहानी!

चन्द्रशेखर नगर में रत्नदत्त नाम का एक सेठ रहता था। उसके एक लड़की थी। उसका नाम था उन्मादिनी। जब वह बड़ी हुई तो रत्नदत्त ने राजा के पास जाकर कहा कि आप चाहें तो उससे ब्याह कर लीजिए। राजा ने तीन दासियों को लड़की को देख आने को कहा। उन्होंने उन्मादिनी को देखा तो उसके रुप पर मुग्ध हो गयीं, लेकिन उन्होंने यह सोचकर कि राजा उसके वश में हो जायेगा, आकर कह...

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बन्दर की सीख

बंदरों का सरदार अपने बच्चे के साथ किसी बड़े से पेड़ की डाली पर बैठा हुआ था . बच्चा बोला , ” मुझे भूख लगी है , क्या आप मुझे खाने के लिए कुछ पत्तियां दे सकते हैं ?” बन्दर मुस्कुराया , ” मैं दे तो सकता हूँ , पर अच्छा होगा तुम खुद ही अपने लिए पत्तियां तोड़ लो. “ ” लेकिन मुझे अच्छी पत्तियों की पहचान नहीं है .”, बच्चा उदास होते हुए बोला . “तुम्हारे पास एक...

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विजेता मेंढक

एक  दिन  मेंढकों  के  दिमाग  में  आया  कि  क्यों  ना  एक  रेस  करवाई  जाए . रेस  में  भाग  लेने  वाली  प्रतियोगीयों  को  खम्भे  पर  चढ़ना  होगा , और  जो  सबसे  पहले  एक  ऊपर  पहुच  जाएगा  वही  विजेता  माना  जाएगा . रेस  का  दिन  आ   पंहुचा , चारो  तरफ   बहुत  भीड़  थी ; आस -पास  के  इलाकों  से  भी  कई  मेंढक  इस  रेस  में  हिस्सा   लेने  पहुचे...

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जनपद कल्याणी नंदा -जातक कथा

बुद्ध के भाई नंद की मंगेतर जनपद कल्याणी नंदा अपने काल की अपूर्व रुपसी थी। उसका नाम ‘जनपद कल्याणी’ इसलिए पड़ा था कि उसका रुप, लावण्य और शोभा और श्री समस्त जनपद के लिए कल्याणकारी माना जाता था । नंद से उसका प्रगाढ प्रेम था और उनसे शादी की आशा में वह फूले न समा रही थी। किन्तु जिस दिन वह नंद के साथ परिणय-सूत्र में बंधने जा रही थी और अपनी...

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आज ही क्यों नहीं

एक बार की बात है कि एक शिष्य अपने गुरु का बहुत आदर-सम्मान किया करता था |गुरु भी अपने इस शिष्य से बहुत स्नेह करते थे लेकिन वह शिष्य अपने अध्ययन के प्रति आलसी और स्वभाव से दीर्घसूत्री था |सदा स्वाध्याय से दूर भागने की कोशिश करता तथा आज के काम को कल के लिए छोड़ दिया करता था | अब गुरूजी कुछ चिंतित रहने लगे कि कहीं उनका यह शिष्य जीवन-संग्राम में पराजित...

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क्या करें? – लेनिन (1902)

क्या करें,किताब का अंश अ. आलोचना की स्वतंत्रता के मायने क्या हैं? ‘आलोचना की स्वतंत्रता’ निस्संदेह मौजूदा समय का सबसे फैशनेबल नारा है। यह सभी देशों और समाजवादियों और जनवादियों के बीच चल रहे विवादों में सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाने वाला मुद्दा है। विवाद में शामिल पार्टियों में से कोई एक अगर आलोचना की स्वतंत्रता के लिए गंभीर अपील करे तो...

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सावत्थि -जातक कथा

चमत्कार बुद्ध कथाओं व आख्यायिकों का महत्त्वपूर्ण अंग है । बुद्ध के जन्म के साथ अनेकों अद्भुत, दैविक एवं चमत्कारिक घटनाओं का प्रचुर आख्यान अनेकों स्थान पर उपलब्ध व प्रचलित हैं । होसकता है बुद्ध की सिक्ष्याओंको आकर्षित करने के लिए उनके छद्म अनुयायियों ने चमत्कार कल्पनाओं को कहानी सिक्ष्याओं में जोडे हो लेकिन बुद्ध की प्रमुख सिक्ष्याओं जैसे अष्टांग...

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ईमानदारी का सुबूत

गोलू एक गरीब लडका था। उसके घर में सिर्फ उसकी माँ और वह खुद दो ही सदस्य थे। गोलू स्कूल जाता और आकर मेहनत मजदूरी का काम करता। उसकी पढाई भी एक दिन छूट गई। गोलू की माँ हमेशा गोलू को अच्छी अच्छी कहानियाँ सुनाती । वह कहती थी कि भगवान अच्छाई और सच्चाई के रास्ते पर चलने वालों की जरूर सुनता है। गोलू भी माँ की बताई हर बात पर अमल करता । गोलू एक सेठ के यहां...

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तीसरे बूढ़े और उसके खच्चर की कहानी – अलिफ लैला

तीसरे बूढ़े ने कहना शुरू किया : ‘हे दैत्य सम्राट, यह खच्चर मेरी पत्नी है। मैं व्यापारी था। एक बार मैं व्यापार के लिए परदेश गया। जब मैं एक वर्ष बाद घर लौटकर आया तो मैंने देखा कि मेरी पत्नी एक हब्शी गुलाम के पास बैठी हास-विलास और प्रेमालाप कर रही है। यह देखकर मुझे अत्यंत आश्चर्य और क्रोध हुआ और मैंने चाहा कि उन दोनों को दंड दूँ। तभी मेरी पत्नी...

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चाणक्य नीति : दसवां अध्याय

1. जिसके पास धन नहीं है पर ज्ञान और बुद्धि है उस को निर्धन और गरीब कहा नहीं जा सकता, लेकिन जिसके पास विद्या और बुद्धि नहीं है वह तो सब प्रकार से निर्धन है. 2. हम अपना हर कदम फूक फूक कर रखे. हम छाना हुआ जल पिए. हम वही बात बोले जो तार्किक है. हम वही काम करे जिसके बारे हम सावधानीपुर्वक सोच चुके है. 3. जिसे अपने इन्द्रियों की तुष्टि चाहिए, वह विद्या...

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किसी भी विज्ञापन को विश्वास करने से पहले जांच करें ।

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