संत राबियां के पास हसन ठहरा । दोनों बैठे थे एक आदमी आया । उस आदमी ने हसन के चरणों में सोने की अशर्फियां रखीं । हसन तो एक दम नाराज हो गया । उसने कहा तू यह सोना लेकर यहां क्यों आया ? सोना मिटटी है, धूल है । हटा यहां से सोने को । राबियां हंसी । हसन ने पूछा क्यों हस्ती हो ? राबिया ने कहा हसन तो तुम्हारा सोने से मोह अभी तक गया नहीं ? सोने से मोह हसन ने...
पन्द्रहवीं पुतली – सुंदरवती की कथा इस प्रकार है- राजा विक्रमादित्य के शासन काल में उज्जैन राज्य की समृद्धि आकाश छूने लगी थी। व्यापारियों का व्यापार अपने देश तक ही सीमित नहीं था, बल्कि दूर के देशों तक फैला हुआ था। उन दिनों एक सेठ हुआ जिसका नाम पन्नालाल था। वह बड़ा ही दयालु तथा परोपकारी था। चारों ओर उसका यश था। वह दीन-दुखियों की सहायता के लिए...
बहुत समय पहले की बात है, एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था । वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्याति दूर -दूर तक फैली थी। एक दिन एक औरत उसके पास पहुंची और अपना दुखड़ा रोने लगी , ” बाबा, मेरा पति मुझसे बहुत प्रेम करता था , लेकिन वह जबसे युद्ध से लौटा है ठीक से बात तक नहीं करता ।” सन्यासी की जड़ी-बूटी ” युद्ध लोगों के...
अट्ठाईसवीं पुतली का नाम वैदेही था और उसने अपनी कथा इस प्रकार कही- एक बार राजा विक्रमादित्य अपने शयन कक्ष में गहरी निद्रा में लीन थे। उन्होंने एक सपना देखा। एक स्वर्ण महल है जिसमें रत्न, माणिक इत्यादि जड़े हैं। महल में बड़े-बड़े कमरे हैं जिनमें सजावट की अलौकिक चीज़े हैं। महल के चारों ओर उद्यान हैं और उद्यान में हज़ारों तरह के सुन्दर-सुन्दर फूलों से लदे...
एक बार बादशाह अकबर किसी व्यापारी के पास से तोता खरीद कर लाये। वह तोता देखने में अत्यंत सुंदर था और उसकी बोली भी बड़ी मीठी थी। अकबर ने उस तोते की रखवाली के लिए एक सेवक को नियुक्त कर दिया, और उसे साफ़ हिदायत दे दी कि – अगर तोता मरा तो तुम्हें मृत्यु दंड दे दूंगा। और इसके अलावा जिसने भी अपने मुंह से कहा कि ‘तोता मर चुका है‘ उसे भी मौत की सज़ा मिलेगी ।...
बात 1920s की है। हंगरी आर्मी का एक नौजवान लड़का था जिसकी ज़िन्दगी में बस एक ही मकसद था; उसका मकसद था दुनिया का सबसे अच्छा pistol shooter बनना। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वो दिन-रात मेहनत करता, घंटो प्रैक्टिस करता, और इसी का परिणाम था कि वो अपने देश के टॉप पिस्टल शूटर्स में गिना जाने लगा। सन 1938 में , 28 साल का होते-होते उसने देश-विदेश की कई...
वाराणसी में एक राजा राज करता था। उसके दो ही शौक थे। एक तो वह अतिविशिष्ट व्यंजनों का भोजन करना चाहता था ; और दूसरा वह यह चाहता था कि लोग उसे खाता हुआ देखें। एक दिन जब वह लोगों के सामने बैठा नाना प्रकार की चीजें खा रहा था, तभी एक व्यक्ति चिल्लाता हुआ उस के पास आया। वह कह रहा था, ” वह एक दूत है।” सिपाहियों ने जब उसे रोकना चाहा तो राजा ने...
हमारी राय में, हमारे कामों की शुरुआत, जिस संगठन को हम बनाना चाहते हैं उसके निर्माण की दिशा में हमारा पहला कदम, एक अखिल रूसी राजनीतिक अख़बार की स्थापना होना चाहिए। हम कह सकते हैं कि वही वह मुख्य सूत्र है जिसे पकड़ कर हम संगठन का लगातार विकास कर सकेंगे और उसे गहरा और विस्तृत बना सकेंगे। हमें सबसे ज्यादा ज़रूरत एक अख़बार की ही है; उसके बिना...
एक नदी के किनारे उसी नदी से जुडा एक बडा जलाशय था। जलाशय में पानी गहरा होता हैं, इसलिए उसमें काई तथा मछलियों का प्रिय भोजन जलीय सूक्ष्म पौधे उगते हैं। ऐसे स्थान मछलियों को बहुत रास आते हैं। उस जलाशय में भी नदी से बहुत-सी मछलियां आकर रहती थी। अंडे देने के लिए तो सभी मछलियां उस जलाशय में आती थी। वह जलाशय लम्बी घास व झाडियों द्वारा घिरा होने के कारण...
1. वह विद्वान जिसने असंख्य किताबो का अध्ययन बिना सदगुरु के कर लिया वह विद्वानों की सभा में एक सच्चे विद्वान के रूप में सम्मानित नहीं होता, जिस प्रकार एक नाजायज औलाद को दुनिया में कोई प्रतिष्ठा हासिल नहीं होती. 2. हमें दुसरो से जो मदद प्राप्त हुई है उसे हमें लौटना चाहिए. उसी प्रकार यदि किसीने हमसे यदि दुष्टता की है तो हमें भी उससे दुष्टता करनी...
एक बार की बात है एक बढ़ई था। वह दूर किसी शहर में एक सेठ के यहाँ काम करने गया। एक दिन काम करते-करते उसकी आरी टूट गयी। आरी के बिना वह काम नहीं कर सकता था, और वापस अपने गाँव लौटना भी मुश्किल था, इसलिए वह शहर से सटे एक गाँव पहुंचा। इधर-उधर पूछने पर उसे लोहार का पता चल गया। वह लोहार के पास गया और बोला- भाई मेरी आरी टूट गयी है, तुम मेरे लिए एक अच्छी सी...
जुलाई, 1928 के ‘किरती’ में छपे इस लेख में भगतसिंह ने सुभाषचन्द्र बोस और जवाहरलाल नेहरू के विचारों की तुलना की है। असहयोग आन्दोलन की असफलता के बाद जनता में बहुत निराशा और मायूसी फैली। हिन्दू-मुस्लिम झगड़ों ने बचा-खुचा साहस भी खत्म कर डाला। लेकिन देश में जब एक बार जागृति फैल जाए तब देश ज्यादा दिन तक सोया नहीं रह सकता। कुछ ही दिनों बाद जनता बहुत जोश...
एक बड़ा व्यापारी था जिसके गाँव में बहुत-से घर और कारखाने थे जिनमें तरह-तरह के पशु रहते थे। एक दिन वह अपने परिवार सहित कारखानों को देखने के लिए गाँव गया। उसने अपनी पशुशाला भी देखी जहाँ एक गधा और एक बैल बँधे हुए थे। उसने देखा कि वे दोनों आपस में वार्तालाप कर रहे हैं। वह व्यापारी पशु-पक्षियों की बोली समझता था। वह चुपचाप खड़ा होकर दोनों की बातें सुनने...
छारि अठारह नाव पढ़ि छाव पढ़ी खोया मूल कबीर मूल जाने बिना,ज्यों पंछी चनदूल। जिसने चार वेद अठारह पुरान,नौ व्याकरण और छह धर्म शास्त्र पढ़ा हो उसने मूल तत्व खो दिया है। कबीर मतानुसार बिना मूल तत्व जाने वह केवल चण्डूल पक्षी की तरह मीठे मीठे बोलना जानता है। Chhari atharah naw padhi chhaw padhi khoya mool Kabir mool janai bina , jyon panchhi chandool. One...
एक बार बीरबल से जलने वालों दरबारियों ने शाही नाई का सहारा लिया। नाई ने एक दिन अकबर से कहा, “महाराज, आप सबका ख्याल रखते हैं पर अपने पूर्वजों के बारे में कयों नहीं सोचते?” “मैं उनके लिये क्या कर सकता हूँ ?” अकबर ने पूछा। “आप उनके लिए एक चतुर आदमी भेज दिजिए, बीरबल इस काम के लिए ठीक रहेगा” अकबर को नाई की बात जँच गई. अकबर ने बीरबल को अपने पूर्वजों के...
अमावस्या का दिन था। एक व्यक्ति उसी दिन समुद्र-स्नान करने के लिए गया, किन्तु स्नान करने के बजाय वह किनारे बैठा रहा। किसी ने पूछा, “स्नान करने आये हो तो किनारे पर ही क्यों बैठे हो ? स्नान कब करोगे ? उस व्यक्ति ने उत्तर दिया कि “इसी समय समुद्र अशान्त है। उसमे ऊँची-ऊँची लहरे उठ रही है; जब लहरे बंद होगी और जब उपयुक्त समय आएगा तब मैं स्नान कर लूंगा। ”...
जुबैदा ने खलीफा के सामने सर झुका कर निवेदन किया है राजाधिराज, मेरी कहानी बड़ी ही विचित्र है, आपने इस प्रकार की कोई कहानी नहीं सुनी होगी। मैं और वे दोनों काली कुतियाँ तीनों सगी बहिनें हैं और यह दो स्त्रियाँ जो मेरे साथ बैठी हैं मेरी सौतेली बहनें हैं। जिस स्त्री के कंधों पर काले निशान हैं उसका नाम अमीना है, जो अन्य स्त्री मेरे साथ है उसका नाम साफी...
दो मित्र धर्मबुद्धि और पापबुद्धि हिम्मत नगर में रहते थे। एक बार पापबुद्धि के मन में एक विचार आया कि क्यों न मैं मित्र धर्मबुद्धि के साथ दूसरे देश जाकर धनोपार्जन कर्रूँ। बाद में किसी न किसी युक्ति से उसका सारा धन ठग-हड़प कर सुख-चैन से पूरी जिंदगी जीऊँगा। इसी नियति से पापबुद्धि ने धर्मबुद्धि को धन और ज्ञान प्राप्त होने का लोभ देते हुए अपने साथ बाहर...
“धन-दौलत” की सार्विक सत्ता जनवादी जनतन्त्र में ज़्यादा यक़ीनी इसलिए भी होती है कि वह राजनीतिक मशीनरी की अलग-अलग कमियों, पूँजीवाद के निकम्मे राजनीतिक खोल पर निर्भर नहीं होती। जनवादी जनतन्त्र पूँजीवाद के लिए श्रेष्ठतर सम्भव राजनीतिक खोल है और इसलिए (पालचीन्स्की, चेर्नोव, त्सेरेतेली और मण्डली की मदद से) इस श्रेष्ठतम खोल पर अधिकार करके पूँजी अपनी...
Quote 1: You cannot climb the ladder of success dressed in the costume of failure. In Hindi: असफलता के कपड़े पहन कर आप सफलता की सीढियां नहीं चढ़ सकते. Quote 2: What you get by achieving your goals is not as important as what you become by achieving your goals. In Hindi: अपने लक्ष्य प्राप्त करके आपको जो मिलता है वो इतना ज़रूरी नहीं है जितना कि अपना...