किसी गांव में बरगद का एक पेड़ बहुत वर्षों से खड़ा था। गांव के सभी लोग उसकी छाया में बैठते थे, गांव की महिलाएं त्यौहारों पर उस वृक्ष की पूजा किया करती थीं। ऐसे ही समय बीतता गया। और कई वर्षों बाद वृक्ष सूखने लगा। उसकी शाखाएं टूटकर गिरने लगीं और उसकी जड़ें भी अब कमजोर हो चुकी थीं। गांववालों ने विचार किया कि अब इस पेड़ को काट दिया जाये और इसकी लकड़ियों से...
बहुत समय पहले की बात है. एक बार एक गुरु जी गंगा किनारे स्थित किसी गाँव में अपने शिष्यों के साथ स्नान कर रहे थे . तभी एक राहगीर आया और उनसे पूछा , ” महाराज, इस गाँव में कैसे लोग रहते हैं, दरअसल मैं अपने मौजूदा निवास स्थान से कहीं और जाना चाहता हूँ ?” गुरु जी बोले, ” जहाँ तुम अभी रहते हो वहां किस प्रकार के लोग रहते हैं ?” ” मत पूछिए महाराज , वहां तो...
मोहन काका डाक विभाग के कर्मचारी थे। बरसों से वे माधोपुर और आस पास के गाँव में चिट्ठियां बांटने का काम करते थे। एक दिन उन्हें एक चिट्ठी मिली, पता माधोपुर के करीब का ही था लेकिन आज से पहले उन्होंने उस पते पर कोई चिट्ठी नहीं पहुंचाई थी। रोज की तरह आज भी उन्होंने अपना थैला उठाया और चिट्ठियां बांटने निकला पड़े। सारी चिट्ठियां बांटने के बाद वे उस नए पते...
जब वाराणसी के कुछ व्यापारी बावेरु द्वीप पहुँचे तो वे अपने साथ एक कौवा भी ले गये। उस देश के लोगों ने कभी भी किसी कौवे को नहीं देखा था। इसलिए उन्होंने मुँह माँगा दाम दे उस कौवे को खरीद लिया। कौवे की तब अच्छी आवभगत हुई। उसे सोने के पिंजरे में रखा गया और नाना प्रकार के फल व मांस से उसका सत्कार किया गया। दर्शनार्थी उसे देख कहते, ” वाह इस पक्षी की...
अरीद्वपुरा देश के राजा सिवि बड़े दान-पारमी थे । एक बार उन्होंने संकल्प लिया कि क्यों न मांगे जाने पर वे अपना अंग भी याचक को दान में दे दे। उनके संकल्प को देख शक्र (इन्द्र) ने उनकी दानवीरता की परीक्षा लेनी चाही और एक दिन वे राज-दरबार में एक साधु के भेष में जा पहुँचे । वहाँ उन्होंने सिवि से उसकी दोनों आँखें मांगी । राजा ने सहर्ष अपनी दोनों आँखें...
एक बार एक शिक्षक संपन्न परिवार से सम्बन्ध रखने वाले एक युवा शिष्य के साथ कहीं टहलने निकले . उन्होंने देखा की रास्ते में पुराने हो चुके एक जोड़ी जूते उतरे पड़े हैं , जो संभवतः पास के खेत में काम कर रहे गरीब मजदूर के थे जो अब अपना काम ख़त्म कर घर वापस जाने की तयारी कर रहा था . शिष्य को मजाक सूझा उसने शिक्षक से कहा , “ गुरु जी क्यों न हम ये जूते कहीं...
एक दिन एक बौद्ध सन्यासी अपने शिष्यों के साथ एकदम शांत बैठे हुए थे। उन्हें इस प्रकार बैठे हुए देख उनके शिष्य चिंतित हुए कि कहीं वे अस्वस्थ तो नहीं हैं। एक शिष्य ने उनसे पूछा कि आज वह मौन क्यों बैठे हैं। क्या शिष्यों से कोई गलती हो गई है ? इसी बीच एक अन्य शिष्य ने पूछा कि क्या वह अस्वस्थ हैं ? पर बौद्ध सन्यासी मौन रहे। तभी कुछ दूर खड़ा व्यक्ति जोर...
संबोधि-प्राप्ति के पाँचवे वर्ष में बुद्ध वैशाली के कूटागारसाला में विहार कर रहे थे। तभी वहाँ एक दिन उन्होंने अपने पिता को मृत्यु-शय्या पर पड़ने का सुचना प्राप्ति हुई । उनके पिता अर्हत् की योग्यता प्राप्त कर चुके थे। अत: वह समय उनके पिता को धम्म-देसना देने के लिए उपयुक्त था। इसके अतिरिक्त बुद्ध कपिलवस्तु के शाक्य और कोलनगर (व्याधपज्ज) के कोलों के...
विश्व के सफलतम entrepreneurs में से एक, जिसने अपनी कम्पनी Amazon.Com के माध्यम से ऑनलाइन शॉपिंग की दुनिया में क्रांति ला दी… हम बात कर रहे हैं Jeff Bezos की. दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग रिटेलर अमेज़न.कॉम के संस्थापक. २०१८ को जेफ़ बेज़ोस दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए. Quote 1: If you double the number of experiments you do per year you’re...
काशी की महारानी चंदादेवी की कोई संतान नहीं थी। चूँकि वह शीलवती थी इसलिए उसने नियोग के जरिये पुत्र गर्भस्थ किया और उसका नाम तेमिय रखा गया। तेमिय राज सुख से ना खुश होकर राजा न बनने के लिए उसने सोलह वर्षों तक गूंगा और अक्रियमाण बने रहने का स्वांग रचा । लोगों ने जब उसे भविष्य में राजा बनने के योग्य नहीं पाया तो राजा को यह सलाह दी गई कि तेमिय को...
एक बार दरबार में राजा कृष्णदेव रॉय ने एक मंत्री से पूछा मानव में काम-वासना कितनी उम्र तक रहती हैं | वहां मौजूद मंत्रिगण में से कुछ ने 28 साल की उम्र, किसी ने 50 साल की उम्र तक की बताई | जब तेनाली राम से पूछा गया तो उन्होंने कहा – “मरते दम तक” | राजा कृष्णदेव रॉय को तेनाली राम की बात पर यकीन नहीं आया | उन्होंने तेनाली से कहा – यह बात हम कैसे मानले...
फाँसी पर लटकाए जाने से 3 दिन पूर्व- 20 मार्च, 1931 को- सरदार भगतसिंह तथा उनके सहयोगियों श्री राजगुरु एवमं श्री सुखदेव ने निम्नांकित पत्र के द्वारा सम्मिलित रूप से पंजाब के गवर्नर से माँग की थी की उन्हें युद्धबन्दी माना जाए तथा फाँसी पर लटकाए जाने के बजाय गोली से उड़ा दिया जाए। यह पत्र इन राष्ट्रवीरों की प्रतिभा, राजनीतिक मेधा, साहस एव शौर्य की...
गौड़ देश में वर्धमान नाम का एक नगर था, जिसमें गुणशेखर नाम का राजा राज करता था। उसके अभयचन्द्र नाम का दीवान था। उस दीवान के समझाने से राजा ने अपने राज्य में शिव और विष्णु की पूजा, गोदान, भूदान, पिण्डदान आदि सब बन्द कर दिये। नगर में डोंडी पिटवा दी कि जो कोई ये काम करेगा, उसका सबकुछ छीनकर उसे नगर से निकाल दिया जायेगा। एक दिन दीवान ने कहा...
वह प्राइमरी स्कूल की टीचर थी | सुबह उसने बच्चो का टेस्ट लिया था और उनकी कॉपिया जाचने के लिए घर ले आई थी | बच्चो की कॉपिया देखते देखते उसके आंसू बहने लगे | उसका पति वही लेटे TV देख रहा था | उसने रोने का कारण पूछा । टीचर बोली , “सुबह मैंने बच्चो को ‘मेरी सबसे बड़ी ख्वाइश’ विषय पर कुछ पंक्तिया लिखने को कहा था ; एक बच्चे ने इच्छा जाहिर करी है की भगवन...
मई, 1928 के ‘किरती’ में यह लेख छपा। जिसमें भगत सिंह ने धर्म की समस्या पर प्रकाश डाला है। अमृतसर में 11-12-13 अप्रैल को राजनीतिक कान्फ्रेंस हुई और साथ ही युवकों की भी कान्फ्रेंस हुई। दो-तीन सवालों पर इसमें बड़ा झगड़ा और बहस हुई। उनमें से एक सवाल धर्म का भी था। वैसे तो धर्म का प्रश्न कोई न उठाता, किन्तु साम्प्रदायिक संगठनों के विरुद्ध प्रस्ताव पेश हुआ...
कभी सुदास नामक एक राजा एक घने वन में शिकार खेलता अपने साथियों से बिछुड़ गया। थकान से चूर, घोड़े से उतर वह एक पेड़ के नीचे बैठ गया वहाँ बैठते ही उसे गहरी नींद आ गई। तभी उसके सुन्दर शरीर के देख एक सिंहनी (आदिवासी/जंगल में रहने वाली योध्या कन्या) आकृष्ट हुई और प्यार से उसके पैरों को दबाने लगी। जब सुदास की नींद टूटी तो उसे भी सिंहनी से प्रेम हो गया ।...
एक नगर में कोई कंजूस ब्राह्मण रहता था । उसने भिक्षा से प्राप्त सत्तुओं में से थोडे़ से खाकर शेष से एक घड़ा भर लिया था । उस घड़े को उसने रस्सी से बांधकर खूंटी पर लटका दिया और उसके नीचे पास ही खटिया डालकर उसपर लेटे-लेटे विचित्र सपने लेने लगा, और कल्पना के हवाई घोड़े दौड़ाने लगा । उसने सोचा कि जब देश में अकाल पड़ेगा तो इन सत्तुओं का मूल्य १०० रुपये हो...
किसी गाँव में एक दिन कुश्ती स्पर्धा का आयोजन किया गया । हर साल की तरह इस साल भी दूर -दूर से बड़े-बडें पहलवान आये । उन पहलवानो में ऐक पहलवान ऐसा भी था, जिसे हराना सब के बस की बात नहीं थी। जाने-माने पहलवान भी उसके सामने ज्यादा देर टिक नही पाते थे। स्पर्धा शुरू होने से पहले मुखिया जी आये और बोले , ” भाइयों , इस वर्ष के विजेता को हम 3 लाख रूपये इनाम...
Quote 1: A house is not a home unless it contains food and fire for the mind as well as the body. एक मकान तब तक घर नहीं बन सकता जब तक उसमे दिमाग और शरीर दोनों के लिए भोजन और भभक ना हो. Quote 2: At twenty years of age the will reigns; at thirty, the wit; and at forty, the judgment. बीस साल की उम्र में इंसान अपनी इच्छा से चलता है,तीस में बुद्धि से...
एक समुराई जिसे उसके शौर्य ,इमानदारी और सज्जनता के लिए जाना जाता था , एक जेन सन्यासी से सलाह लेने पहुंचा । जब सन्यासी ने ध्यान पूर्ण कर लिया तब समुराई ने उससे पूछा , “ मैं इतना हीन क्यों महसूस करता हूँ ? मैंने कितनी ही लड़ाइयाँ जीती हैं , कितने ही असहाय लोगों की मदद की है । पर जब मैं और लोगों को देखता हूँ तो लगता है कि मैं उनके सामने कुछ नहीं हूँ ...