Category - शिक्षाप्रद कहानियाँ

खुद से पूंछे की क्या आपको आपके शास्त्र, धर्म से कोई मतलब है?

शास्त्रों से ज्यादा सत्य के मार्ग में और कोई बाधा नहीं है। लेकिन हमें बडी चोट पहूंचती है। सुबह एक मित्र ने आकर कहा, वेद आप कहते हैं क्या वह सत्य नहीं है ? उन्हें पीडा पहूंची होगी। इसलिए नहीं कि वेद सत्य नही है। बल्कि इसलिए कि वेद उनका शास्त्र है। एक मुसलमान को कोई चोट नहीं पहूंचेगी इस बात से कि वेद...

Read More

भगवान की मदद और हमारी गालियां

एक़ क़सबे में बाढ़ आई | एक़ आदमी के सिवा वहां रहने वाला हर आदमीं किसी सूरक्षित जगह पर जा रहा था | जिस आदमी ने अपनी ज़गह नहीं छोडी, उसका कहना था, “मुझें विशवाश हैं क़ी भगवान मेरी रक्षा करेंगे |” पानी का Level बढने पर उसे बचाने के लिये एक़ जिप आईं | पर उस आदमी ने यह क़ह कर जाने से इन्कार कर दिया की, मुझें...

Read More

मानो मत जानो

मैंने तो नहीं कहा की वह सब गलत है | मैंने तो इतना ही कहा की आप उसे पकड़ लें, तो यह पकड़ लेना गलत है | ऋषि मुनियों से मुझे कोई वास्ता नहीं |क्योंकि ऋषि-मुनि बड़े खतरनाक होते हैं, उनसे वास्ता रखना खतरनाक है | अभी हिंदुस्तान के ऋषि मुनि और शंकराचार्य हाईकोर्ट में मुक़दमा लड़ते हैं | उनसे दोस्ती रखना, उनकी...

Read More

परिस्थितियां दुःख का कारण नहीं है।

असली कारण, जो हम नहीं करना चाहते उसके लिए हमेशा Justification, उसके लिए हमेशा न्यायुक्त कारण खोज लेते है। और बेफिक्र हो जाते हैं। ऐसी कौन सी परिस्थिति हैं जिसमें आदमी शांत न हो सके ? ऐसी कौन सी परिस्थिति हैं जिसमें आदमी प्रेमपूर्ण न हो सके ? ऐसी कौन सी परिस्थिति हें जिसमें आदमी थोडी देर के लिए मौन...

Read More

तुम्हारा पात्र खाली रहेगा

एक फकीर ने एक सम्राट के द्वार पर दस्तक दी । सुबह का वक़्त था और सम्राट बगीचे में घूमने निकला था । सहयोग की बात सामने ही सम्राट मिल गया । फकीर ने अपना पात्र उसके सामने कर दिया सम्राट ने कहा क्या चाहते हो ? फकीर ने कहा कुछ भी दे दो “शर्त एक हैं” मेरा पात्र पूरा भर जाएं । में थक गया हूँ, यह पात्र भरता...

Read More

हज की यात्रा और पानी का जहाज

संत राबियां के पास हसन ठहरा । दोनों बैठे थे एक आदमी आया । उस आदमी ने हसन के चरणों में सोने की अशर्फियां रखीं । हसन तो एक दम नाराज हो गया । उसने कहा तू यह सोना लेकर यहां क्यों आया ? सोना मिटटी है, धूल है । हटा यहां से सोने को । राबियां हंसी । हसन ने पूछा क्यों हस्ती हो ? राबिया ने कहा हसन तो...

Read More

यह वक़्त भी गुजर जायेगा

एक बडी प्रसिद्ध सुफी कहानी है। एक सम्राट ने अपने सारे बुद्धिमानों को बुलाया और उनसे कहा – मैं कुछ ऐसे सुत्र चाहता हूं, जो छोटा हो, बडे शास्त्र नहीं चाहिए, मुझे फुर्सत भी नहीं बडे शास्त्र पढने की। वह ऐसा सुत्र हो जो एक वचन में पूरा हो जाये और जो हर घडी में काम आये। दूख हो या सुख, जीत हो या हार, जीवन...

Read More

सुखद भविष्य की तैयारी

क्या आपने भी सुखद भविष्य की तैयारी की हैं जैसे आज की प्रथा हैं कि प्रेसिडेंट कुछ वर्षाे के लिए होते है। फिर नया चुनाव होता है । उसी तरह किसी एक देश में यह प्रथा थी कि हर साल में शासक बदले जाते थे। राजा बदल दिये जाते थे। जब राजा बदले जाते, तब पुराने राजा के सभी कपडे उतरावा लिये जाते थे और एक लंगोटी...

Read More

डा. अम्बेडकर की 22 प्रतिज्ञाएँ

डा बी.आर. अम्बेडकर ने दीक्षा भूमि, नागपुर, भारत में ऐतिहासिक बौद्ध धर्मं में परिवर्तन के अवसर पर,15 अक्टूबर 1956 को अपने अनुयायियों के लिए 22 प्रतिज्ञाएँ निर्धारित कीं. 800000 लोगों का बौद्ध धर्म में रूपांतरण ऐतिहासिक था क्योंकि यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक रूपांतरण था. उन्होंने इन शपथों को...

Read More

यहां तो सब कारण हैं। लोग शर्तबंदी किए हुए है।

कैसी-कैसी विडंबनाऐं पेैदा हो जाती है। लोग मुहब्बत के लिए वैश्याओं के पास जा रहे है। सोचते हैं, शायद पैसा देने से मिल जाएगा। रुपया देने से प्रेम कैसे मिल सकता है ? प्यार को तो खरीदा नहीं जा सकता। लोग सोचते हैं, जब हम बडे पद पर होंगे, तो मिल जायेगा । पर चाहे हम कितने ही बडे पद पर हो जाए, प्रेम नहीं...

Read More

किसी भी विज्ञापन को विश्वास करने से पहले जांच करें ।

loading...

क्रमरहित सूची

Recent Posts

ज्ञान, आजाद है; और किसी को भी बिना किसी प्रतिबंध के ज्ञान का आनंद लेने का अधिकार है. इस में प्रकाशित कोई भी कहानी या लेख को आप बिना प्रतिबन्ध के उपयोग कर सकते हो. आप अपने ब्लॉग में यहाँ से कॉपी करके पेस्ट कर सकते हो लेकिन कोई भी फेब्रिकेशन या फाल्सीफिकेशन की जिम्मेदारी आप की होगी. वेबसाइट का सिद्धांत नैतिक ज्ञान फैलाना है, ना कि ज्ञान पर हक़ जताना. ज्ञान की स्वतंत्रता वेबसाइट का आदर्श है; आप जितना चाहते हैं उतना उसकी प्रतिलिपि(Copy) बनाकर बिना प्रतिबन्ध के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक फैला सकते हो.