एक बार दरबार में राजा कृष्णदेव रॉय ने एक मंत्री से पूछा मानव में काम-वासना कितनी उम्र तक रहती हैं | वहां मौजूद मंत्रिगण में से कुछ ने 28 साल की उम्र, किसी ने 50 साल की उम्र तक की बताई | जब तेनाली राम से पूछा गया तो उन्होंने कहा – “मरते दम तक” |
राजा कृष्णदेव रॉय को तेनाली राम की बात पर यकीन नहीं आया | उन्होंने तेनाली से कहा – यह बात हम कैसे मानले, हमें इस पर यकीन नहीं आता और हमें यकीन दिलाने के लिए तुम्हें यह सिद्ध करना पड़ेगा | तेनाली ने राजा कृष्णदेव को उत्तर देते हुए कहा, वक्त आने पर में यह सिद्ध कर के दिखाऊंगा |
कुछ दिनों बाद तेनाली भागते हुए कृष्णदेव राय के पास मदद के लिए आए और घबरा कर बोले – “कृपया आप इसी समय राजकुमारी को साथ में लेकर मेरे साथ चलें | राजा कृष्णदेव जान गए थे की तेनाली की हर बात में कुछ न कुछ कारण होते | कृष्णदेव उसी वक्त सुन्दर राजकुमारी को साथ में लेकर तेनाली के पीछे-पीछे चल पड़े |
तेनाली उन दोनों को एक वृद्ध आदमी के पास ले गया | जो की सभी प्रकार से समृद्ध था, लेकिन उस समय वह वृद्ध आदमी बहुत बीमार था वह मरने के करीब था | तेनाली ने कृष्णदेव से बोले की आप इस आदमी के पास बैठ जाये और इसे गौर से देखते रहे |
उस के बाद तेनाली ने राजकुमारी को वहां बुलाया | उस बीमार आदमी ने राजकुमारी को ऐसी नजर से देखा की कृष्णदेव रॉय को सब समझ में आ गया | महल लौटते वक्त कृष्णदेव तेनाली से बोले – तुम्हारे वचन सत्य थे, तुम बिल्कुल सही थे | मरते-मरते भी खूबसूरत स्त्री की एक झलक भी आदमी के अंदर हलचल मचा देती है |