एक बार बीरबल को शहर के लोगों ने आकर एक लालची बर्तनों के दूकानदार के बारे में शिकायत की कि वह बहुत लालची है। उसे सबक सिखाओ। यह सुनकर बीरबल दुकानदार के पास गए और वहां से तीन बड़े-बड़े पतीले खरीद लाए। कुछ दिन के बाद वह एक बहुत छोटी-सी पतीली लेकर लालची दुकानदार के पास पहुंचे और बोले, “यह आपके बड़े पतीले ने बच्चा दिया, कृपया इसे रख लें। ” दूकानदार बहुत खुश हुआ और ख़ुशी-ख़ुशी छोटी पतीली ले ली। कुछ दिन के बाद बीरबल एक बड़ा पतीला लेकर दूकानदार के पास गए और बोले, “मुझे यह पतीली पसंद नहीं आई, आप मेरे पैसे मुझे वापस कर दीजिये। दुकानदार बोला, “लेकिन यह तो सिर्फ एक ही है, जबकि मैंने तुम्हें तीन पतीले दिए थे।
बीरबल ने कहा, “जी, असल में दो पतिलों कि मृत्यु हो गई है ” दुकानदार ने जवाब दिया, “जाओ-जाओ क्यों बेवक़ूफ़ बनाते हो ? क्या पतिलों कि मृत्यु होती हैं ?” बीरबल ने जवाब दिया, ” क्यों नहीं, जब पतिलों के बच्चे पैदा हो सकते हैं, तो मृत्यु भी हो सकती है
दुकानदार को बीरबल के पैसे वापस करने पड़े। और दुकानदार को “सेर का सवा सैर” भी मिल गया। बीरबल कि होशियारी का कोई जवाब नहीं, उनके जैसे बुद्धिमान पुरुष के किस्से बहुत ही काम सुनने को मिलते हैं।