एक बार अकबर ने बीरबल को बताया, ‘बीरबल, एक पेंटिंग बनाएं। इसमें कल्पना का प्रयोग करें ‘लेकिन हूज़ुर, मैं मंत्री हूं, मैं कैसे पेंट कर सकता हूं?’ राजा गुस्से में था और कहा, ‘अगर मुझे एक हफ्ते से अच्छी पेंटिंग नहीं मिलती तो आपको फांसी दी जाएगी!’ चतुर बीरबल को एक विचार आया ।
एक हफ्ते के बाद, वह दरबार में गया और एक कवर फ्रेम ले लिया। अकबर यह देखकर प्रसन्न था कि बीरबल ने उसके आदेश का पालन किया था, जब तक वह कवर नहीं खोला । दरबारियों ने यह देखा कि क्या गलत था। उन्होंने जो देखा उसे देखकर बहुत खुश महसूस किया। आखिरकार, वे बीरबल को दरबार में नहीं देख पाएंगे! चित्रकला में जमीन और आकाश के सिवा कुछ भी नहीं था।
जमीन पर हरे रंग के कुछ निशान थे। सम्राट ने गुस्से में कहा, ‘यह क्या है?’ जिसके जवाब में ‘एक गाय घास खा रही थी !’ अकबर ने कहा ‘गाय और घास कहाँ है?’ और बीरबल ने कहा ‘मैंने अपनी कल्पना का इस्तेमाल किया गाय घास खा गई और अपने घर को लौट गईं!