उदर समाता मांगि लै, ताको नाहि दोश
कहि कबीर अधिका गहै, ताको गति ना मोश।
पेट भरने योग्य भिक्षा माॅंगने में कोई बुराई नहीं है। परंतु जो जमा करने के लिये अधिक भीख मांगता है-
कबीर कहते है की उसकी मुक्ति मोक्ष कतई संभव नहीं है।
Udar samata mangi lai,tako nahi dosh
Kahai Kabir adhika gahai,tako gati na mosh.
There is no defect in demanding to fill the belly
One who demands more, says Kabir, is not qualified for liberation.
उदर समाता अन्न ले, तन ही समाता चीर
अधिक ही संग्रह ना करें, तिस्का नाम फकीर।
जो पेट भर अन्न लेकर और शरीर ढ़कने के लिये बस्त्र मांगकर संतुष्ट हो तथा
इससे अधिक जमा नहीं करता हो-वस्तुतः वही फकीर या सन्यासी है।
Udar samata ann le,tan hi samata chir
Adhik hi sangrah na kare,tiska nam fakir.
Take grains just to fill your belly and cloth only to wrap your body
One who does not collect any more is a true recluse.
अनमांगा तो अति भला, मांगि लिया नहि दोश
उदर समाता लेय, निश्चय पाबै मोक्ष।
बिना मांगे यदि भिक्षा मिले तो यह अत्यंत अच्छा है। मोगने में भी कोई दोष नहीं है।
अगर वह केवल पेट भरने के लिये मांगता है तो निश्चय ही वह मुक्ति का अधिकारी है।
Anmanga to ati bhala, mangi liya nahi dosh
Udar samata mangi ley,nishchai pabai moksh.
Its great to get without asking, to demand is not bad either
If one demands only to satisfy hunger, he is certain to get liberation.
अनमांगा उत्तिम कहा, मध्यम मांगि जु लेय
कहै कबीर निकृस्ट सो, पर घर धरना देय।
बिना मांगे मिलना उत्तम है और मांग कर लेना मध्यम मार्ग है। कबीर कहते है की ईच्छित
वस्तु प्राप्त करने के लिये किसी अन्य के घर धरना देना निकृष्ट बात है।
Anmanga uttim kaha,madhayam mangi ju leya
Kahai Kabir nikrist so,par ghar dharna deya.
Getting without asking is best, getting on demand is still good
It is worst, says Kabir, if one pickets others house to get anything.
आब गया आदर गया, नैनन गया सनेह
येह तीनो तभी गया, जभी कहा कछु देह।
आदर गया,प्रतिष्ठा गई, आॅंखों से स्नेह चला गया।
यह तीनों तब गया जब आपने किसी से कुछ देने के लिये कहा।
Aab gaya aadar gaya,nainan gaya saneh
Yeh tino tabhi gaye,jabhi kaha kachhu deh.
Prestige lost, honour lost and affection lost in all eyes
All these three are lost,when you ask to be given something.
आजहु तेरा सब मिटय, जो मानय गुरु सीख
जब लग तु घर मे रहै, मति कहुॅ मांगे भीख।
आज ही तेरे दूखों का अन्त को जायेगा-यदि तुम गुरु की शिक्षा मान लो।
जब तक तुम गृहस्थ जीवन में रहो-किसी से कभी भी भिक्षा मत मांगों।
Aajahu tera sab mitay,jo manay Guru sikh
Jab lag tu ghar me rahai, mati kahun mangai bheekh.
All your distress can end today if you agree with Guru’s teachings
So long you are a householder, never ask for alms anywhere.
मांगन मरन समान है, तोही दियो मैं सीख
कहै कबीर समुझाय के, मति कोयी मांगे भीख।
मांगना मृत्यु के समान है। मैं तुम्हें यह शिक्षा देता हूॅं कबीर समझा कर यह कहते है
की कोई भी कभी भीख मत मांगो। कबीर परिश्रम से जीवन यापन की शिक्षा पर वल देते है।
Magan maran saman hai, tohi dayee main sikh
Kahai Kabir samujhai ke,mati koyee mangai bheekh.
Asking is equal to death, So do i surmise
So warns Kabir, no body should ever ask for alms.
सहज मिलै सो दूध है, मांगि मिलै सो पानी
कहै कबीर वह रक्त है, जामे एैचा तानी।
सुगमता से मिलने वाला दूध और मांगने वाली वस्तु पानी के समान है।
कबीर कहते है की वह वस्तु खून के समान है जो खींचतान,झंझट,वकझक से प्राप्त होता है।
Sahaj milay so dudh hai,mangi milay so pani
Kahai Kabir wah rakat hai,jame eaicha tani.
What you get easily is akin to milk, what you get on asking is akin to water
What you get from a tug of war is akin to blood.
मांगन मरन समान है, मति कोयी मांगो भीख
मांगन ते मरना भला, येह सतगुरु की सीख।
भीख मांगना मरने के समान है। कोई व्यक्ति कभी भीख न मांगे।
मांगने से मर जाना अच्छा है। यही अच्छे गुरु की शिक्षा है।
Magan maran saman hai,mati koyee mango bheekh
Magan te marna bhala,yeh satguru ki seekh.
Begging for something is like death, no body should ask for alm
Dying is better than asking, this is the teaching of a good Guru.
मांगन गये सो मर रहे, मरै जु मांगन जाहि
तिनते पहिले वे मरे, होत करत है नाहि।
यदि कोई किसी से कुछ मांगने जाता है तो समझो की वह मर गया लेकिन
उसके पहले वह मर चुका होता है-जो दान देने के लायक होकर भी देने से मुकर जाता है।
Mangan gaye so mar rahe,marai ju mangan janhi
Tinte pahile we mare,hot karat hai nahi.
One who has gone to beg, think him dead
One who can give but denies to donate died even earlier.
मागन मरन समान है, सीख दयी मैं तोहि
कहैं कबीर सतगुरु सुनो, मति रे मांगौ मोहि।
मांगना मृत्यु के समान है। मैं तुम्हें यह शिक्षा देता हूॅ।
कबीर कहते हैं की हे प्रभु मुझे कभी भी किसी से मांगने के लिये मजबूर नहीं होने देना।
Magan maran saman hai,seekh dayee mai tohi
Kahain Kabir satguru suno,mati re mangau mohi.
Begging is like dying, take this as my sermon
O God,says Kabir, never put me so down as to beg.
खर कूकर की भीख जो, निकृष्ट कहाबै सोये
कहै कबीर इस भीख मे, मुक्ति ना कबहु होये।
कुत्ते एंव गदहे की तरह जबर्दस्ती करके ली गई भिक्षा अति निम्न स्तर की है।
कबीर कहते है की इस प्रकार की भिक्षा एंव दान से किसी को मोक्ष नहीं प्राप्त हो सकता है।
Khar kookar ki bheekh jo,nikrist kahabai soye
Kahai Kabir is bheekh me,mukti na kabhu hoye.
The alm of the ass and dog is said to be the worst
Says Kabir in this alm,one can never get the salvation.
भवर भीख मध्यम कही, सुनो संत चित लाये
कहै कबीर ताके गहै, माध्यम मनहि समाये।
भौरे की तरह धूम-धूम दौड़-दौड़ कर भीख जुटाना मध्यम श्रेणी का तरीका है।
कबीर कहते है की इस प्रकार के भिक्षाटन से मध्यम गति की मुक्ति मिलती है।
Bhawar bheekh madhyam kahi,suno sant chit laye
Kahai Kabir take gahai,madhyam manhi samai.
The alm of the bees is of medium grade, hear saints mindfully
One who does so, says Kabir, gets the medium state of salvation.