अरीद्वपुरा देश के राजा सिवि बड़े दान-पारमी थे । एक बार उन्होंने संकल्प लिया कि क्यों न मांगे जाने पर वे अपना अंग भी याचक को दान में दे दे। उनके संकल्प को देख शक्र (इन्द्र) ने उनकी दानवीरता की परीक्षा लेनी चाही और एक दिन वे राज-दरबार में एक साधु के भेष में जा पहुँचे । वहाँ उन्होंने सिवि से उसकी दोनों आँखें मांगी । राजा ने सहर्ष अपनी दोनों आँखें...
एक नौजवान चीता पहली बार शिकार करने निकला। अभी वो कुछ ही आगे बढ़ा था कि एक लकड़बग्घा उसे रोकते हुए बोला, ” अरे छोटू , कहाँ जा रहे हो तुम ?” “मैं तो आज पहली बार खुद से शिकार करने निकला हूँ !”, चीता रोमांचित होते हुए बोला। “हा-हा-हा-“, लकड़बग्घा हंसा ,” अभी तो तुम्हारे खेलने-कूदने के दिन हैं , तुम इतने छोटे हो , तुम्हे शिकार करने का कोई अनुभव भी नहीं...
विजेता से कभी नहीं पूछा जायेगा कि क्या उसने सच कहा था. सभी महान आन्दोलन लोक्रप्रिय आन्दोलन होते हैं। वे मानवीय जूनून और भावनाओं का विस्फोट होते हैं , जो कि विनाश की देवी या लोगों के बीच बोले गए शब्दों की मशाल के द्वारा क्रियान्वित किये जाते हैं . सभी प्रचार लोकप्रिय होने चाहिए और इन्हें जिन तक पहुचाना है उनमे से सबसे कम बुद्धिमान व्यक्ति के भी...
एक सम्राट के दरबार में एक आदमी ने आकर कहा कि में स्वर्ग से कपडे ला सकता हूं, वह भी सिर्फ आपके लिए. उस सम्राट ने कहा स्वर्ग के वस्त्र सुना नहीं कभी, देखें नहीं कभी. उस आदमी ने कहा में ले आउंगा उन्हें, फिर आप देख भी सकेंगे और पहन भी सकेंगे. लेकिन बहुत पैसे खर्च करने पडेंगे कई करोडो रुपये खर्च हो जायेंगे क्योंकी रिश्वत की आदत दैवताओ तक पहुंच गयी है...
वाराणसी के निकट कभी एक शीलवान गृहस्थ रहता था, जिसके घर के सामने का मार्ग वाराणसी को जाता था। उस मार्ग के किनारे एक गहरा कुआँ था जिसके निकट लोगों ने पुण्य-लाभ हेतु जानवरों को पानी पिलाने के लिए एक द्रोणि बाँध रखी थी । अनेक आते-जाते राहगीर जब कुएँ से पानी खींचते तो जानवरों के लिए भी द्रोणि में पानी भर जाते । एक दिन वह गृहस्थ भी उस राह से गुजरा । उसे...
एक स्थान पर एक ब्राह्मण(वैदिक वर्ण व्यवस्था के ऊँची सामाजिक पहचान; जो की पुजा करने की वृत्ति करते हैं; निर्जीव मूर्तियों को संस्कृत की मंत्र यानी गाना सुनाते हैं और उन निर्जीव मूर्तियों के आगे जीवित प्राणी के हत्या करवाते हैं) और उसकी पत्नी बड़े प्रेम से रहते थे । किन्तु ब्राह्मणी का व्यवहार ब्राह्मण के कुटुम्बियों से अच्छा़ नहीं था । परिवार में...
“ना मजबूत प्रजातियां ना बुद्धिमान प्रजातियां सर्वाइव करते हैं, बल्कि सबसे ज्यादा बदलाव/परिवर्तन को अपनाने वाला प्रजातियां ही ज्यादा देर सर्वाइव करते हैं।” – चार्ल्स डार्विन “It is not the strongest of the species that survives, nor the most intelligent, but the one most responsive to change.” – Charles Darwin कहा जाता है कि...
एक बार एक आदमी को अपने garden में टहलते हुए किसी टहनी से लटकता हुआ एक तितली का कोकून दिखाई पड़ा. अब हर रोज़ वो आदमी उसे देखने लगा , और एक दिन उसने notice किया कि उस कोकून में एक छोटा सा छेद बन गया है. उस दिन वो वहीँ बैठ गया और घंटो उसे देखता रहा. उसने देखा की तितली उस खोल से बाहर निकलने की बहुत कोशिश कर रही है , पर बहुत देर तक प्रयास करने के बाद...
एक नगर में चार ब्राह्मण(वैदिक वर्ण व्यवस्था के ऊँची सामाजिक पहचान; जो की पुजारी वृत्ति करते हैं; निर्जीव मूर्तियों को संस्कृत की मंत्र यानी गाना सुनाते हैं और उन निर्जीव मूर्तियों के आगे जीवित प्राणी के हत्या करवाते हैं) पुत्र रहते थे । चारों में गहरी मैत्री थी । चारों ही निर्धन थे । निर्धनता को दूर करने के लिए चारों चिन्तित थे । उन्होंने अनुभव कर...
कलिंग देश में शोभावती नाम का एक नगर है। उसमें राजा प्रद्युम्न राज करता था। उसी नगरी में एक ब्राह्मण रहता था, जिसके देवसोम नाम का बड़ा ही योग्य पुत्र था। जब देवसोम सोलह बरस का हुआ और सारी विद्याएँ सीख चुका तो एक दिन दुर्भाग्य से वह मर गया। बूढ़े माँ-बाप बड़े दु:खी हुए। चारों ओर शोक छा गया। जब लोग उसे लेकर श्मशान में पहुँचे तो रोने-पीटने की आवाज़...
कस्सप बुद्ध पालि परम्परा में परिगणित चौबीसवें बुद्ध थे । इनका जन्म सारनाथ के इसिपतन भगदाय में हुआ था, जहाँ गौतम बुद्ध ने वर्षों बाद अपना पहला उपदेश दिया था । काश्यप के धर्मपत्नी का नाम सुनन्दा था, तथा पुत्र का नाम विजितसेन। सम्बोधि के पूर्व उनकी धर्मपत्नी ने उन्हें खीर खिलाई थी और सोम नामक एक व्यक्ति ने आसने के लिए घास दिये थे। उनका बोधि-वृक्ष एक...
दसवीं पुतली – प्रभावती ने जो कथा सुनाई वह इस प्रकार है- एक बार राजा विक्रमादित्य शिकार खेलते-खेलते अपने सैनिकों की टोली से काफी आगे निकलकर जंगल में भटक गए। उन्होंने इधर-उधर काफी खोजा, पर उनके सैनिक उन्हें नज़र नहीं आए। उसी समय उन्होंने देखा कि एक सुदर्शन युवक एक पेड़ पर चढ़ा और एक शाखा से उसने एक रस्सी बाँधी। रस्सी में फंदा बना था उस फन्दे में...
बच्चों के प्रति बुद्ध का अनुराग सर्वविदित है। दो सोपकों, चुल्लपंथक, दब्बमल्लपुत्र और कुमार कस्सप की कथाएँ उपर्युक्त मान्यता के परिचायक हैं। एक बार श्रावस्ती की एक महिला संघ में प्रवेश करने को आतुर थी किन्तु उसके माता-पिता ने उसे भिक्षुणी बनने की अनुमति नहीं दी और उसका विवाह एक श्रेष्ठी से करा दिया। कालांतर में उसने अपने पति से अनुमति लेकर भिक्षुणी...
सबसे कीमती चीज एक जाने-माने स्पीकर ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सेमीनार शुरू की । हाल में बैठे सैकड़ों लोगों से उसने पूछा ,” ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?” हाथ उठना शुरू हो गए । सबसे कीमती चीज फिर उसने कहा ,” मैं इस नोट को आपमें से किसी एक को दूंगा पर उससे पहले मुझे ये कर लेने दीजिये ।” और उसने नोट को अपनी मुट्ठी में चिमोड़ना...
यूनान देश के एक गाँव का लड़का जंगल में लकड़ियाँ काट के शाम को पास वाले शहर के बाजार मे बेचकर अपना गुजारा करता था. एक दिन एक विद्वान व्यक्ति बाजार से जा रहा था. उसने देखा कि उस बालक का गट्ठर बहुत ही कलात्मक रूप से बंधा हुआ है. उसने उस लड़के से पूछा- “क्या यह गट्ठर तुमने बांधा है?” लड़के ने जवाब दिया : “जी हाँ, मै दिनभर लकड़ी काटता हूँ, स्वयं गट्ठर...
मुझे एक बार मेरी जान-पहचान वाले एक व्यहक्ति ने यह घटना बताई थी। उन दिनों मैं मास्को में पढ़ता था। मेरे पड़ोस में एक ऐसी महिला रहती थी,जिसकी प्रतिष्ठाम को वहां सन्दिग्ध माना जाना था। वह पोलैंड की रहने वाली थी और उसका नाम टेरेसा था। मर्दों की तरह लम्बा कद, गठीला डील-डौल,काली घनी भौंहे, जानवरों जैसी चमकती काली आंखें, भारी आवाज,कोचवान जैसी चाल, बेहद...
किसी शहर से कुछ दूर एक किसान अपने गाँव में रहता था । वैसे तो वह संपन्न था पर फिर भी वो अपने जीवन से खुश नहीं था । एक दिन उसने निश्चय किया कि वो अपनी सारी ज़मीन -जायदाद बेच कर किसी अच्छी जगह बस जाएगा । अगले ही दिन उसने एक जान -पहचान के रियल एस्टेट एजेंट को बुलाया और बोला , ” भाई , मुझे तो बस किसी तरह ये जगह छोड़नी है, बस कोई सही प्रॉपर्टी दिला दो तो...
वेस्सभू बुद्ध पालि परम्परा में इक्कीसवें बुद्ध के रुप में मान्य हैं । उनके पिता का नाम सुप्पतित्त तथ माता का नाम यसवती था। उनका जन्म अनोम नगर में हुआ था तथा उनका नाम वेस्सभू रखा गया । उनकी पत्नी का नाम सुचित्रा तथा पुत्र का नाम सुप्पबुद्ध था। उन्होंने अपने प्रथम उपदेश अपने दो भाई सोन और उत्तर को दिये थे, जो कि उनके दो प्रमुख शिष्यों के रुप में...
जंगल के बीचो बीच जामुन का एक बहुत पुराना वृक्ष था. पीढ़ियों से गिलहरियों का एक परिवार उस वृक्ष पर रहता आ रहा था. वह वृक्ष उन्हें हर वो चीज देता आ रहा था जो जीने के लिए ज़रूरी थी…खाने के लिए फल, रहने के लिए अपने खोखले तनों में आसरा और खतरनाक पक्षीयों और जानवरों से सुरक्षा. यही वजह थी कि आज तक गिलहरियों के कुनबे में से किसी ने कहीं और जाने की नहीं...
अकबर बादशाह दरबार लगा कर बैठे थे। तभी राघव और केशव नाम के दो व्यक्ति अपने घर के पास स्थित आम के पेड़ का मामला ले कर आए। दोनों व्यक्तियों का कहना था कि वे ही आम के पेड़ के असल मालिक हैं और दुसरा व्यक्ति झूठ बोल रहा है। चूँकि आम का पेड़ फलों से लदा होता है, इसलिए दोनों में से कोई उसपर से अपना दावा नहीं हटाना चाहता। मामले की सच्चाई जानने के लिए अकबर...