कोई डेढ़ हजार वर्ष पहले चीन के सम्राट ने सारे राज्य के चित्रकारों को खबर की कि वह राज्य की मुहर बनाना चाहता है। मुहर पर एक बांग देता हुआ, बोलता हुआ मुर्गा, उसका चित्र बनाना चाहता है। जो चित्रकार सबसे जीवंत चित्र बनाकर ला सकेगा, वह पुरस्कृत भी होगा, राज्य का कलागुरु भी नियुक्त हो जायेगा । और बड़े पुरस्कार की घोषणा की गयी। देश के दूर-दूर कोनों से...
तेरहवीं पुतली – कीर्तिमती ने इस प्रकार कथा कही- एक बार राजा विक्रमादित्य ने एक महाभोज का आयोजन किया। उस भोज में असंख्य विद्धान, ब्राह्मण, व्यापारी तथा दरबारी आमन्त्रित थे। भोज के मध्य में इस बात पर चर्चा चली कि संसार में सबसे बड़ा दानी कौन है। सभी ने एक स्वर से विक्रमादित्य को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ दानवीर घोषित किया। राजा विक्रमादित्य लोगों...
एक वन में एक हिरण रहता था जो हिरणों के गुर(Tricks) और कलाबाजियों में अत्यंत पटु था । एक दिन उसकी बहन अपने एक नन्हे हिरण खरदीय को लेकर उसके पास आई और उससे कहा, “भाई! तुम्हारा भाँजा निठल्ला है; और हिरणों के गुर से भी अनभिज्ञ। अच्छा हो यदि तुम इसे अपने सारे गुर सिखला दो।” हिरण ने अपने नन्हे भाँजे को एक निश्चित समय पर आने के लिए कहा और फिर...
एक आदमी ने शराब पि ली थी और वह रात बेहोश हो गया। आदत के वश अपने घर चला आया, पैर चले आए घर लेकिन बेहोश था घर पहचान नहीं सका। सीढियों पर खडे होकर पास-पडोस के लागों से पूछने लगा कि मैं अपना घर भूल गया हूं, मेरा घर कहां हैं मुझे बता दो लोगों ने कहा, यही तुम्हारा घर है। उसने कहा, मुझे भरमाओ मत, मुझे मेरे घर जाना है, मेरी बुढी मां मेरा रास्ता देखती...
एक शिक्षक था, जवान लडको को पेंड़ो पर चढना सिखाता था। एक लडके को सिखा रहा था। वहां एक राजकुमार सीखने के लिए आया हुआ था। राजकुमार ऊपर की चोंटी तक चढ गया था, वृक्ष की ऊपर की शाखाओं तक। फिर उतर रहा था, वह बूढा (teacher) चुपचाप पेड़ के नीचे बैठा हुआ देख रहा था। कोई दस फ़ीट नीचे रह गया होगा वह लड़का, तब वह बूढा खडा हुआ और चिल्लाया, सावधान! बेटे सावधान होकर...
एक बार कुछ साइंटिस्ट्स ने एक बड़ा ही इंटरेस्टिंग एक्सपेरिमेंट किया .उन्होंने 5 बंदरों को एक बड़े से केज में बंद कर दिया और बीचों -बीच एक सीढ़ी लगा दी जिसके ऊपर केले लटक रहे थे . जैसा की एक्सपेक्टेड है जैसे ही एक बन्दर की नज़र केलों पर पड़ी वो उन्हें खाने के लिए दौड़ा , पर जैसे ही उसने कुछ सीढ़ियां चढ़ीं उसपर ठण्डे पानी की तेज धार डाल दी गयी और उसे उतर कर...
1888 की बात है, एक व्यक्ति सुबह-सुबह उठ कर अखबार पढ़ रहा था , तभी अचानक उसकी नज़र एक “शोक – सन्देश ” पर पड़ी। वह उसे देख दंग रह गया , क्योंकि वहां मरने वाले की जगह उसी का नाम लिखा हुआ था। खुद का नाम पढ़कर वह आश्चर्यचकित तथा भयभीत हो गया। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि अखबार ने उसके भाई लुडविग की मरने की खबर देने की जगह खुस उसके मरने की खबर प्रकाशित कर दी...
किसी नगर में एक व्यापारी का पुत्र रहता था। दुर्भाग्य से उसकी सारी संपत्ति समाप्त हो गई। इसलिए उसने सोचा कि किसी दूसरे देश में जाकर व्यापार किया जाए। उसके पास एक भारी और मूल्यवान तराजू था। उसका वजन बीस किलो था। उसने अपने तराजू को एक सेठ के पास धरोहर रख दिया और व्यापार करने दूसरे देश चला गया। कई देशों में घूमकर उसने व्यापार किया और खूब धन कमाकर वह...
एक हिन्दू सन्यासी अपने शिष्यों के साथ गंगा नदी के तट पर नहाने पहुंचा. वहां एक ही परिवार के कुछ लोग अचानक आपस में बात करते-करते एक दूसरे पर क्रोधित हो उठे और जोर-जोर से चिल्लाने लगे . संयासी यह देख तुरंत पलटा और अपने शिष्यों से पुछा ; ” क्रोध में लोग एक दूसरे पर चिल्लाते क्यों हैं ?’ शिष्य कुछ देर सोचते रहे, एक ने उत्तर दिया, ” क्योंकि हम क्रोध में...
आरत कैय हरि भक्ति करु, सब कारज सिध होये करम जाल भव जाल मे, भक्त फंसे नहि कोये। प्रभु की भक्ति आर्त स्वर में करने से आप के सभी कार्य सफल होंगे। सांसारिक कर्मों के सभी जाल भक्तों को कमी फाॅंस नहीं सकते हैं। प्रभु भक्तों की सब प्रकार से रक्षा करते है। Aarat kai Hari bhakti karu,sab karaj sidh hoye Karam jal bhav jal me,bhakt fase nahi koye. If one...
एक नगर में चार ब्राह्मण(वैदिक वर्ण व्यवस्था के ऊँची सामाजिक पहचान; जो की पुजारी वृत्ति करते हैं; निर्जीव मूर्तियों को संस्कृत की मंत्र यानी गाना सुनाते हैं और उन निर्जीव मूर्तियों के आगे जीवित प्राणी के हत्या करवाते हैं) पुत्र रहते थे । चारों में गहरी मैत्री थी । चारों ही निर्धन थे । निर्धनता को दूर करने के लिए चारों चिन्तित थे । उन्होंने अनुभव कर...
एक राजा के अस्तबल में महिलामुख नाम का एक हाथी रहता था जो बहुत ही सौम्य था तथा अपने महावत के लिए परम स्वामिभक्त और आज्ञाकारी भी। एक बार अस्तबल के पास ही चोरों ने अपना अड्डा बना लिया। वे रात-बिरात वहाँ आते और अपनी योजनाओं और अपने कर्मों का बखान वहाँ करते। उनके कर्म तो उनकी क्रूरता आदि दुष्कर्मों के परिचायक मात्र ही होते थे। कुछ ही दिनों में उनकी...
सबसे कीमती चीज एक जाने-माने स्पीकर ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सेमीनार शुरू की । हाल में बैठे सैकड़ों लोगों से उसने पूछा ,” ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?” हाथ उठना शुरू हो गए । सबसे कीमती चीज फिर उसने कहा ,” मैं इस नोट को आपमें से किसी एक को दूंगा पर उससे पहले मुझे ये कर लेने दीजिये ।” और उसने नोट को अपनी मुट्ठी में चिमोड़ना...
अमर एक multi national company का ग्रुप लीडर था। काम करते-करते उसे अचानक ऐसा लगा की उसके टीम में मतभेद बढने लगे हैं। और सभी एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हुए हैं। इससे निबटने के लिए उसने एक तरकीब सोची। उसने एक meeting बुलाई और team members से कहा – Sunday को आप सभी के लिए एक साइकिल race का आयोजन किया जा रहा है। कृपया सब लोग सुबह सात बजे अशोक नगर...
दूसरी पुतली चित्रलेखा की कथा इस प्रकार है- एक दिन राजा विक्रमादित्य शिकार खेलते-खेलते एक ऊँचे पहाड़ पर आए। वहाँ उन्होंने देखा एक साधु तपस्या कर रहा है। साधु की तपस्या में विघ्न नहीं पड़े यह सोचकर वे उसे श्रद्धापूर्वक प्रणाम करके लौटने लगे। उनके मुड़ते ही साधु ने आवाज़ दी और उन्हें रुकने को कहा। विक्रमादित्य रुक गए और साधु ने उनसे प्रसन्न होकर उन्हें...
कैसोवैरी चिड़िया को बचपन से ही बाकी चिड़ियों के बच्चे चिढाते थे। कोई कहता, ” जब तू उड़ नहीं सकती तो चिड़िया किस काम की।”, तो कोई उसे ऊपर पेड़ की डाल पर बैठ कर चिढाता कि,” अरे कभी सकारात्मक सोच पर कहानी सुनने हमारे पास भी आ जाया करो…जब देखो जानवरों की तरह नीचे चरती रहती हो…” और ऐसा बोलकर सब के सब खूब हँसते! कैसोवैरी चिड़िया शुरू-शुरू में इन बातों का बुरा...
पन्द्रहवीं पुतली – सुंदरवती की कथा इस प्रकार है- राजा विक्रमादित्य के शासन काल में उज्जैन राज्य की समृद्धि आकाश छूने लगी थी। व्यापारियों का व्यापार अपने देश तक ही सीमित नहीं था, बल्कि दूर के देशों तक फैला हुआ था। उन दिनों एक सेठ हुआ जिसका नाम पन्नालाल था। वह बड़ा ही दयालु तथा परोपकारी था। चारों ओर उसका यश था। वह दीन-दुखियों की सहायता के लिए...
अकबर बीरबल से तरह-तरह के अजीबो-गरीब प्रश्न पूछा करते थे. कुछ प्रश्न ऐसे भी होते थे जो वह बीरबल की बुद्धि की परीक्षा लेने के लिए पुछते थे. एक बार बादशाह अकबर बीरबल से बोले – बीरबल इस दुनिया में कोई अमीर है कोई गरीब हैं ऐसा क्यों होता है ? सब लोग ईश्वर को परमपिता कहते हैं इस नाते सभी आदमी उनके पुत्र ही हुए. पिता अपने बच्चों को सदा खुशाल देखना चाहता...
फारस देश भी हिंदुस्तान और चीन के समान था और कई नरेश उसके अधीन थे। वहाँ का राजा महाप्रतापी और बड़ा तेजस्वी था और न्यायप्रिय होने के कारण प्रजा को प्रिय था। उस बादशाह के दो बेटे थे जिनमें बड़े लड़के का नाम शहरयार और छोटे लड़के का नाम शाहजमाँ था। दोनों राजकुमार गुणवान, वीर धीर और शीलवान थे। जब बादशाह का देहांत हुआ तो शहजादा शहरयार गद्दी पर बैठा और...
जो कोई करै सो स्वार्थी, अरस परस गुन देत बिन किये करै सो सूरमा, परमारथ के हेत। जो अपने हेतु किये गये के बदले में कुछ करता है वह स्वार्थी है। जो किसी के किये गये उपकार के बिना किसी का उपकार करता है। वह व्स्तुतः परमार्थ के लिये करता है। Jo koi karai so swarthi,aaras paras gun det Bin kiye karai so surma,parmarath ke het. One who does in exchange of...