एक समुराई

एक समुराई जिसे उसके शौर्य ,इमानदारी और सज्जनता के लिए जाना जाता था , एक जेन सन्यासी से सलाह लेने पहुंचा । जब सन्यासी ने ध्यान पूर्ण कर लिया तब समुराई ने उससे पूछा , “ मैं इतना हीन क्यों महसूस करता हूँ ? मैंने कितनी ही लड़ाइयाँ जीती हैं , कितने ही असहाय लोगों की मदद की है । पर जब मैं और लोगों को देखता हूँ तो लगता है कि मैं उनके सामने कुछ नहीं हूँ ...

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कबीर के दोहे – वेश/garb

अजार धन अतीत का, गिरही करै आहार निशचय होयी दरीदरी, कहै कबीर विचार। सन्यासी को दान में प्राप्त धन यदि कोई गृहस्थ खाता है तो वह निश्चय ही दरिद्र हो जायेगा। ऐसा कबीर का सुबिचारित मत है। Ajar dhan aateet ka,girhi karai aahar Nishchay hoyee daridri,kahai Kabir vichar. The wealth of an ascetic is not liable to decay,if the householder eats it It is sure...

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दैत्य का संदूक -जातक कथा

हिमालय की तराई में कभी एक बौद्ध साधु रहता था, जिसके उपदेश सुनने एक दबंग दुष्ट (दैत्य) भी आता था। किन्तु दबंग दुष्ट अपनी दानवी(दमन करने की वृत्ति) प्रवृत्ति के कारण राहगीरों को लूटता था और उन्हें मारता था । एक बार उसने काशी के एक धनी सेठ की पुत्री और उसके अनुचरों की सवारी पर आक्रमण किया । दैत्य को देखते ही उस कन्या के सारे अनुचर अपने अस्र-शस्र छोड़...

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चिड़िया का घोंसला

सर्दियाँ आने को थीं और चिंकी चिड़िया का घोंसला पुराना हो चुका था। उसने सोचा चलो एक नया घोंसला बनाते हैं ताकि ठण्ड के दिनों में कोई दिक्कत न हो। अगली सुबह वो उठी और पास के एक खेत से चुन-चुन कर तिनके लाने लगी। सुबह से शाम तक वो इसी काम में लगी और अंततः एक शानदार घोंसला तैयार कर लिया। पर पुराने घोंसले से अत्यधिक लगाव होने के कारण उसने सोचा चलो आज एक...

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मूर्ख बगुला और नेवला ~ पंचतंत्र

जंगल के एक बड़े वट-वृक्ष की खोल में बहुत से बगुले रहते थे । उसी वृक्ष की जड़ में एक साँप भी रहता था । वह बगलों के छोटे-छोटे बच्चों को खा जाता था । एक बगुला साँप द्वार बार-बार बच्चों के खाये जाने पर बहुत दुःखी और विरक्त सा होकर नदी के किनारे आ बैठा । उसकी आँखों में आँसू भरे हुए थे । उसे इस प्रकार दुःखमग्न देखकर एक केकड़े ने पानी से निकल कर उसे कहा :...

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कबीर के दोहे – माया/Illusion

कबीर दुनिया से दोस्ती, होेये भक्ति मह भंग एंका ऐकी हरि सो, कै साधुन के संग। कबीर का कहना है की दुनिया के लोगों से मित्रता करने पर भक्ति में बाधा होती है। या तो अकेले में प्रभु का सुमिरन करो या संतो की संगति करो। Kabir dunia se dosti, hoye bhakti mah bhang Eka eki Hari so, kai sadhun ke sang. Kabir says friendship with the world, hinders my...

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मुल्ला बने कम्युनिस्ट

एक बार खबर फैली की मुल्ला नसरुदीन कम्युनिस्ट बन गए हैं . जो भी सुनता उसे आश्चर्य होता क्योंकि सभी जानते थे की मुल्ला अपनी चीजों को लेकर कितने पोजेसिव हैं . जब उनके परम मित्र ने ये खबर सुनी तो वो तुरंत मुल्ला के पास पहुंचा . मित्र : “ मुल्ला क्या तुम जानते हो कम्युनिज्म का मतलब क्या है ?” मुल्ला : “हाँ , मुझे पता है .” मित्र : “ क्या तुम्हे पता है...

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चाणक्य नीति : ग्यारहवां अध्याय

1. उदारता, वचनों में मधुरता, साहस, आचरण में विवेक ये बाते एक अच्छा व्यक्तित्व की पहचान होनी चाहिए. 2. जो अपने अच्छी समाज को छोड़कर दुसरे की गलत समाज को जा मिलता है, वह उसी राजा की तरह नष्ट हो जाता है जो अधर्म के मार्ग पर चलता है. 3. हाथी का शरीर कितना विशाल है लेकिन एक छोटे से अंकुश से नियंत्रित हो जाता है. एक दिया घने अन्धकार का नाश करता है, क्या...

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आरी

एक बार की बात है एक बढ़ई था। वह दूर किसी शहर में एक सेठ के यहाँ काम करने गया। एक दिन काम करते-करते उसकी आरी टूट गयी। आरी के बिना वह काम नहीं कर सकता था, और वापस अपने गाँव लौटना भी मुश्किल था, इसलिए वह शहर से सटे एक गाँव पहुंचा। इधर-उधर पूछने पर उसे लोहार का पता चल गया। वह लोहार के पास गया और बोला- भाई मेरी आरी टूट गयी है, तुम मेरे लिए एक अच्छी सी...

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कबीर के दोहे – बुद्धि/Wisdom

जिनमे जितनी बुद्धि है, तितनो देत बताय वाको बुरा ना मानिये, और कहां से लाय। जिसे जितना ज्ञान एंव बुद्धि है उतना वह बता देते हैं। तुम्हें उनका बुरा नहीं मानना चाहिये। उससे अधिक वे कहाॅं से लावें। यहाॅं संतो के ज्ञान प्राप्ति के संबंध कहा गया है। jinme jitni budhi hai,titno det batai Wake bura na maniye,aur kahan se lai. One can tell only as much as...

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दांव-पेंच

किसी गाँव में एक दिन कुश्ती स्पर्धा का आयोजन किया गया । हर साल की तरह इस साल भी दूर -दूर से बड़े-बडें पहलवान आये । उन पहलवानो में ऐक पहलवान ऐसा भी था, जिसे हराना सब के बस की बात नहीं थी। जाने-माने पहलवान भी उसके सामने ज्यादा देर टिक नही पाते थे। स्पर्धा शुरू होने से पहले मुखिया जी आये और बोले , ” भाइयों , इस वर्ष के विजेता को हम 3 लाख रूपये इनाम...

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जनपद कल्याणी की आध्यात्मिक यात्रा -जातक कथा

जब नन्द के प्रत्यावर्तन की सभी आशाएँ विफल हो गईं, तो शनै:-शनै: जनपद कल्याणी इस दु:ख से उबरने लगीं। थोड़े समय बाद, उन्हें लगा कि उनका सम्पूर्ण जीवन व्यर्थ और उद्देश्यहीन हो चुका है, सो उन्होंने संघ में शरण लेने का विचार बनाया। प्रजापति के निर्देशन में उन्होंने सांसारिक जीवन का परित्याग कर दिया और संघ में शरण ले ली। तब तक बुद्ध ने संघ में भिक्षुणियों...

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संदीप माहेश्वरी के बेहद प्रेरक विचारों

Quote 1: If you are searching for that person who will change your life, take a look in the Mirror. In Hindi: अगर आप उस इंसान की तलाश कर रहे हैं जो आपकी ज़िन्दगी बदलेगा, तो आईने में देख लें. Quote 2: No hill is tough to climb, see you at the top. In Hindi: कोई पहाड़ चढ़ना मुश्किल नहीं है, शिखर पर मिलते हैं. Quote 3: If you have more than you need...

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महाजनक का संयास -जातक कथा

मिथिला के एक राजा की मृत्यु के पश्चात् उसके दो बेटों में भयंकर युद्ध हुआ । अंतत: बड़ा भाई मारा गया और छोटा भाई राजा बना । बड़े भाई की पत्नी अपने पुत्र को लेकर एक वन में किसी संयासी की शरण में रहने लगी । वहीं उसने अपने बढ़ते पुत्र को अपने दादा और पिता के राज्य को पुन: प्राप्त करने के लिए उत्प्रेरित किया। सोलह वर्ष की अवस्था में पुत्र ने पैतृक राज्य...

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चार दृश्य -जातक कथा

पिता सुद्धोदन को सिद्धार्थ गौतम का संन्यास बनना चिंतित किया था ।  सिद्धार्थ जब उनतीस वर्ष के थे तब एक उद्यान में भ्रमण करने का समय वहाँ उन्होंने लाठी के सहारे चलते एक वृद्ध को देखा और चिंतित हो गये; तब उन्हें यह ज्ञान हुआ कि वे भी एक दिन वैसे ही हो जाएंगे; सभी एक दिन वैसी ही अवस्था को प्राप्त होते हैं । वितृष्ण-भाव से वे लौट आये । जब पिता सुद्धोदन...

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राजा भोज और सत्य

एक दिन राजा भोज गहरी निद्रा में सोये हुए थे। उन्हें उनके स्वप्न में एक अत्यंत तेजस्वी वृद्ध पुरुष के दर्शन हुए। राजन ने उनसे पुछा- “महात्मन! आप कौन हैं?” वृद्ध ने कहा- “राजन मैं सत्य हूँ और तुझे तेरे कार्यों का वास्तविक रूप दिखाने आया हूँ। मेरे पीछे-पीछे चल आ और अपने कार्यों की वास्तविकता को देख!” राजा भोज उस वृद्ध के पीछे-पीछे चल दिए। राजा भोज...

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बन्दर और सुगरी

सुन्दर  वन  में  ठण्ड  दस्तक  दे  रही  थी , सभी  जानवर  आने  वाले  कठिन  मौसम  के  लिए  तैयारी   करने  में  लगे  हुए  थे . सुगरी  चिड़िया  भी  उनमे  से  एक  थी  , हर  साल  की  तरह  उसने  अपने  लिए  एक  शानदार  घोंसला  तैयार  किया  था  और  अचानक  होने  वाली  बारिश  और  ठण्ड  से  बचने के लिए उसे  चारो  तरफ  से  घांस -फूंस  से  ढक  दिया  था . सब ...

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बगदाद के व्यापारी अली ख्वाजा की कहानी – अलिफ लैला

खलीफा हारूँ रशीद के राज्य काल में बगदाद में अलीख्वाजा नामक एक छोटा व्यापारी रहता था। वह अपने पुश्तैनी मकान में, जो छोटा-सा ही था, अकेला रहता था। उसने विवाह नहीं किया था और उसके माता पिता की भी मृत्यु हो गई थी। उसका बहुत छोटा व्यापार था और सिर्फ दो-चार आदमी ही उसे जानते थे। उनमें उसका एक सौदागर घनिष्ट मित्र था। उक्त व्यापारी ने लगातार तीन रातों तक...

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दड़बे की मुर्गी !

एक शिष्य अपने गुरु के पास पहुंचा और बोला, ” लोगों को खुश रहने के लिए क्या चाहिए?” “तुम्हे क्या लगता है?”, गुरु ने शिष्य से खुद इसका उत्तर देने के लिए कहा. शिष्य एक क्षण के लिए सोचने लगा और बोला, “मुझे लगता है कि अगर किसी की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी हो रही हों… खाना-पीना मिल जाए …रहने के लिए जगह हो…एक अच्छी सी नौकरी या कोई काम हो… सुरक्षा हो…तो वह...

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लक्खण मृग की -जातक कथा

हजारों साल पहले मगध जनपद के एक निकटवर्ती वन में हजार हिरणों का एक समूह रहता था जिसके राजा के दो पुत्र थे- लक्खण और काल। जब मृगराज वृद्ध होने लगा तो उसने अपने दोनों पुत्रों को उत्तराधिकारी घोषित किया और प्रत्येक के संरक्षण में पाँच-पाँच सौ मृग प्रदान किए ताकि वे सुरक्षित आहार-विहार का आनंद प्राप्त कर सकें। उन्हीं दिनों फसल काटने का समय भी निकट था...

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किसी भी विज्ञापन को विश्वास करने से पहले जांच करें ।

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