तेरहवीं पुतली – कीर्तिमती~ विक्रमादित्य और सर्वश्रेष्ठ दानवीर!

तेरहवीं पुतली – कीर्तिमती ने इस प्रकार कथा कही- एक बार राजा विक्रमादित्य ने एक महाभोज का आयोजन किया। उस भोज में असंख्य विद्धान, ब्राह्मण, व्यापारी तथा दरबारी आमन्त्रित थे। भोज के मध्य में इस बात पर चर्चा चली कि संसार में सबसे बड़ा दानी कौन है। सभी ने एक स्वर से विक्रमादित्य को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ दानवीर घोषित किया। राजा विक्रमादित्य लोगों...

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नेवले और सांप

समीर बहुत परेशान था। पिछले कुछ दिनों से एक के बाद एक उसे किसी न किसी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। कभी ऑफिस में बॉस के साथ बहस हो जाती तो कभी घर पर वाइफ से तो कभी उसे किसी कलीग की बात ठेस पहुंचा दे रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे इसलिए वो एक आश्रम में अपने गुरु जी के पास पहुंचा और अपनी समस्या बता दी। गुरु जी ने उसकी बात सुनी और कहने...

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धूर्त बिल्ली का न्याय ~ पंचतंत्र

एक जंगल में विशाल वृक्ष के तने में एक खोल के अन्दर कपिंजल नाम का तीतर रहता था । एक दिन वह तीतर अपने साथियों के साथ बहुत दूर के खेत में धान की नई-नई कोंपलें खाने चला गया। बहुत रात बीतने के बाद उस वृक्ष के खाली पडे़ खोल में ’शीघ्रगो’ नाम का खरगोश घुस आया और वहीँ रहने रहने लगा। कुछ दिन बाद कपिंजल तीतर अचानक ही आ गया । धान की नई-नई कोंपले खाने के बाद...

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मछुआरों की समस्या

जापान में हमेशा से ही मछलियाँ खाने का एक ज़रुरी हिस्सा रही हैं । और ये जितनी ताज़ी होतीं हैँ लोग उसे उतना ही पसंद करते हैं । लेकिन जापान के तटों के आस-पास इतनी मछलियाँ नहीं होतीं की उनसे लोगोँ की डिमांड पूरी की जा सके । नतीजतन मछुआरों को दूर समुंद्र में जाकर मछलियाँ पकड़नी पड़ती हैं। जब इस तरह से मछलियाँ पकड़ने की शुरुआत हुई तो मछुआरों के सामने एक...

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खलीफा हारूँ रशीद और बाबा अब्दुल्ला की कहानी – अलिफ लैला

दुनियाजाद के प्रस्ताव और शहरयार की अनुमति से नई कहानी प्रारंभ करते हुए शहरजाद ने कहा कि कभी-कभी आदमी का चित्त प्रसन्न होता है और उसकी कोई साफ वजह भी नहीं होती। ऐसी स्थिति भी होती है जब आदमी खुश तो होता है लेकिन हजार सोचने पर भी उसकी समझ में नहीं आता कि खुशी क्यों हो रही है। ऐसी ही बात कभी-कभी चिंता और उद्विग्नता के बारे में भी होती है कि समझ में...

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बुर्जुआ जनवाद – लेनिन

बुर्जुआ जनवाद : संकीर्ण, पाखण्डपूर्ण, जाली और झूठा; अमीरों के लिए जनवाद और गरीबों के लिए झाँसा- लेनिन ”…केवल संसदीय-सांविधानिक राजतंत्रों में ही नहीं, बल्कि अधिक से अधिक जनवादी जनतंत्रों में भी बुर्जुआ संसदीय व्यवस्था का सच्चा सार कुछ वर्षों में एक बार यह फैसला करना ही है कि शासक वर्ग का कौन सदस्य संसद में जनता का दमन और उत्पीड़न करेगा।” (मार्क्‍स)...

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तीन-तीन गधों का भार

एक बार अकबर अपने दो शहजादों के साथ तालाब में स्नान करने गये हमेशा कि तरह आज भी बीरबल उनके साथ थे, बीरबल को स्नान नहीं करना था इसलिए अकबर और दोनों शहजादों ने अपने-अपने कपडे उतार कर बीरबल को दे दिये. बीरबल ने सभी कपडे अपने कंधे पर रख लिये, अकबर ने पानी में तैरते-तैरते बीरबल की ओर देखा वह मन ही मन सोचने लगे बडा मूर्ख हैं बीरबल यहां नहाने का मजा लेने...

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सीदी नोमान की कहानी – अलिफ लैला

भिखारी की कहानी सुनने के बाद खलीफा ने बराबर घोड़ी दौड़ानेवाले पर ध्यान दिया और उससे पूछा कि तुम्हारा क्या नाम है। उसने अपना नाम सीदी नोमान बताया। खलीफा ने कहा, मैंने बहुत-से घुड़सवारों और साईसों को देखा है कि वह घुड़सवारी सिखाने या घोड़े को सिखाने में बहुत श्रम करते हैं। मैंने स्वयं भी बहुत-से घोड़ों को फेरा है लेकिन तुम्हारी तरह घोड़ी दौड़ाते...

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जनता से जुड़ाव ही क्रान्तिकारियों को अजेय बनाता है! – स्तालिन

जनता के साथ संपर्क, इन संपर्कों को सुदृढ़ बनाना, जनता की आवाज सुनने के लिए तत्पर रहना, इसी में बोल्‍शेविक (कम्युनिस्ट क्रान्तिकारी – सं.) नेतृत्व की शक्ति और अजेयता रहती है। इसे एक नियम के रूप में माना जा सकता है कि जब तक बोल्‍शेविक व्यापक जनता के साथ सम्पर्क रखते हैं, तब तक वे अजेय बने रहेंगे। और इसके विपरीत, बोल्‍शेविकों के लिए बस इतना ही काफी...

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दो सांपों की कथा ~ पंचतंत्र

एक नगर में देवशक्ति नाम का राजा रहता था । उसके पुत्र के पेट में एक साँप चला गया था । उस साँप ने वहीं अपना बिल बना लिया था । पेट में बैठे साँप के कारण उसके शरीर का प्रति-दिन क्षय होता जा रहा था । बहुत उपचार करने के बाद भी जब स्वास्थ्य में कोई सुधार न हुआ तो अत्यन्त निराश होकर राजपुत्र अपने राज्य से बहुत दूर दूसरे प्रदेश में चला गया । और वहाँ...

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सोलहवीं पुतली – सत्यवती ~ राजा विक्रमादित्य और पाताल लोक की यात्रा

सोलहवीं पुतली – सत्यवती ने जो कथा कही वह इस प्रकार है- राजा विक्रमादित्य के शासन काल में उज्जैन नगरी का यश चारों ओर फैला हुआ था। एक से बढ़कर एक विद्वान उनके दरबार की शोभा बढ़ाते थे और उनकी नौ जानकारों की एक समिति थी जो हर विषय पर राजा को परामर्श देते थे, तथा राजा उनके परामर्श के अनुसार ही राज-काज सम्बन्धी निर्णय लिया करते थे। एक बार ऐश्वर्य...

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सरदार वल्लभभाई पटेल के अनमोल विचार

Quote 1: There is something unique in this soil, which despite many obstacles has always remained the abode of great souls. In Hindi: इस मिट्टी में कुछ अनूठा है , जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है. Quote 2: It is the prime responsibility of every citizen to feel that his country is free and to defend its freedom is his duty...

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शहजादा खुदादाद और दरियाबार की शहजादी की कहानी – अलिफ लैला

उपर्युक्त कहानी के मध्य में एक यात्रा में जैनुस्सनम के दरियाबार देश मे जाने का भी उल्लेख है। वहाँ की एक चित्ताकर्षक कथा उस ने सुनी थी। वह कथा भी इस जगह कही जाती है। हैरन नगर में एक बड़ा प्रतापी बादशाह था जिसे भगवान ने सब कुछ दे रखा था। किंतु उस के कोई संतान नहीं थी। एक रात को उसे सपने में दिखाई दिया कि एक दिव्य पुरुष उस से कह रहा है, उठ, भगवान...

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हिंदी कहावतें, मुहावरे और लोकोक्तियों

अ से शुरू होने वाले मुहावरे (Muhavare Starting With अ) 1. अँखियाँ सुख, कलेजा ठंडा 2. अँगूठा दिखाना 3. अँधेरी रात, चार दिन की चाँदनी फिर 4. अँधेरे घर का उजाला 5. अँधेरे में तीर चलाना 6. अँधेरे में रखना 7. अँधेरे-मुँह (मुंह) 8. अंक में भरना 9. अंक लगाना 10. अंकुश देना 11. अंकुश रखना 12. अंकुश लगाना 13. अंकुष में रखना 14. अंकुष लगाना 15. अंकुष होना...

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समाजवाद क्यों? – अल्बर्ट आइंस्टाइन (1949)

क्या किसी ऐसे व्यक्ति के लिए समाजवाद के विषय पर विचार व्यक्त करना उचित है कि जो आर्थिक और सामाजिक मुद्दों का विशेषज्ञ नहीं है? मैं यह मानता हूँ कि अनेक कारणों की वजह से यह (उचित) है। हमें इस प्रश्न पर पहले वैज्ञानिक ज्ञान की दृष्टि से विचार करना चाहिए। ऐसा प्रकट हो सकता है कि खगोल विज्ञान और अर्थशास्त्र के बीच कोई प्रणाली संबंधी मौलिक अंतर नहीं...

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ब्राह्मण और भील

एक पर्वत पर ब्राह्मणवादी वैदिक भगवान शिवजी का एक सुन्दर मंदिर था | वहां बहुत से ब्राह्मणवादी वैदिक अनुगामी शिवजी की पूजा के लिए आते थे | इनमें दो भक्त थे — एक ब्राह्मण और दूसरा भील | ब्राह्मण प्रतिदिन शिवजी का अभिषेक करता, उन पर फूल पत्तियां चढ़ाता, गूगल जलाता और चन्दन का लेप करता | भील के पास ये सब वस्तुए न थी इसलिए वह बेचारा हाथी के मद-जल से...

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सिंह और सियार ~ पंचतंत्र

वर्षों पहले हिमालय की किसी कन्दरा में एक बलिष्ठ शेर रहा करता था। एक दिन वह एक भैंसे का शिकार और भक्षण कर अपनी गुफा को लौट रहा था। तभी रास्ते में उसे एक मरियल-सा सियार मिला जिसने उसे लेटकर दण्डवत् प्रणाम किया। जब शेर ने उससे ऐसा करने का कारण पूछा तो उसने कहा, “सरकार मैं आपका सेवक बनना चाहता हूँ। कुपया मुझे आप अपनी शरण में ले लें। मैं आपकी सेवा...

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भेड़ की खाल में भेड़िया

बहुत समय पहले की बात है, एक चरवाहा था जिसके पास 10 भेड़े थीं। वह रोज उन्हें चराने ले जाता और शाम को बाड़े में डाल देता। सबकुछ ठीक चल रहा था कि एक सुबह जब चरवाहा भेडें निकाल रहा था तब उसने देखा कि बाड़े से एक भेड़ गायब है। चरवाहा इधर-उधर देखने लगा, बाड़ा कहीं से टूटा नहीं था और कंटीले तारों की वजह से इस बात की भी कोई सम्भावना न थी कि बहार से कोई जंगली...

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महाजनक का संयास -जातक कथा

मिथिला के एक राजा की मृत्यु के पश्चात् उसके दो बेटों में भयंकर युद्ध हुआ । अंतत: बड़ा भाई मारा गया और छोटा भाई राजा बना । बड़े भाई की पत्नी अपने पुत्र को लेकर एक वन में किसी संयासी की शरण में रहने लगी । वहीं उसने अपने बढ़ते पुत्र को अपने दादा और पिता के राज्य को पुन: प्राप्त करने के लिए उत्प्रेरित किया। सोलह वर्ष की अवस्था में पुत्र ने पैतृक राज्य...

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अलीबाबा और चालीस लुटेरों की कहानी – अलिफ लैला

अगली रात को मलिका शहरजाद ने नई कहानी शुरू करते हुए कहा कि फारस देश में कासिम और अलीबाबा नाम के दो भाई रहते थे। उन्हें पैतृक संपत्ति थोड़ी ही मिली थी। किंतु कासिम का विवाह एक धनी-मानी व्यक्ति की पुत्री से हुआ था। उसे अपने ससुर के मरने पर उसकी बड़ी दुकान उत्तराधिकार में मिली और जमीन में गड़ा धन भी। इसलिए वह बड़ा समृद्ध व्यापारी बन गया। अलीबाबा की...

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