एक हीरा व्यापारी था जो हीरे का बहुत बड़ा विशेषज्ञ माना जाता था, किन्तु गंभीर बीमारी के चलते अल्प आयु में ही उसकी मृत्यु हो गयी। अपने पीछे वह अपनी पत्नी और बेटा छोड़ गया। जब बेटा बड़ा हुआ तो उसकी माँ ने कहा- “बेटा, मरने से पहले तुम्हारे पिताजी ये पत्थर छोड़ गए थे, तुम इसे लेकर बाज़ार जाओ और इसकी कीमत का पता लगा, ध्यान रहे कि तुम्हे केवल कीमत पता...
हिमालय की पर्वत-कंदराओं में कभी एक प्रतिष्ठित संन्यासी रहा करता था, जिसके हज़ारों अनुयायी थे। एक बार वर्षा-काल में वे पहाडों से उतर वाराणसी पहुँचे, जहाँ उन्हें वाराणसी नरेश द्वारा राजकीय सम्मान एवं आतिथ्य प्राप्त हुआ। वर्षा-काल जब शेष हुआ और वे वापिस हिमालय पर वापिस लौटने की तैयारी करने लगे तो राजा ने सन्यासी से वहीं रुकने का आग्रह किया। अत:...
उस ने कहा कि दोस्तो, मेरा पिता बगदाद का रहनेवाला था और खलीफा हारूँ रशीद के जमाने में था। मैं भी उसी समय पैदा हुआ। मेरा पिता यद्यपि धनवान तथा बड़े व्यापारियों में गिना जाता था तथापि वह बहुत ही विलासी और व्यसनी था। इसीलिए व्यापार की ठीक तरह देख-भाल नहीं कर पाता था और उसमें काफी गड़बड़ होती थी। जब वह मरा तो मुझे मालूम हुआ कि न जाने कितने लोगों से उस...
बत्तीसवीं पुतली रानी रूपवती ने राजा भोज को सिंहासन पर बैठने की कोई रुचि नहीं दिखाते देखा तो उसे अचरज हुआ। उसने जानना चाहा कि राजा भोज में आज पहले वाली व्यग्रता क्यों नहीं है। राजा भोज ने कहा कि राजा विक्रमादित्य के देवताओं वाले गुणों की कथाएँ सुनकर उन्हें ऐसा लगा कि इतनी विशेषताएँ एक मनुष्य में असम्भव हैं और मानते हैं कि उनमें बहुत सारी कमियाँ है।...
मेहमान को पहचानना बीरबल को एक अमीर आदमी द्वारा दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया गया था। बीरबल उस आदमी के घर गया और उसे लोगों से भरे हुए एक हॉल में मिला। उसके मेजबान ने बीरबल का गर्मजोशी से स्वागत किया “मुझे नहीं पता था कि इतने सारे मेहमान होंगे,” बीरबल ने कहा कि वह बडी सभाओं से नफरत करता है। आदमी ने कहा, “वे मेहमान नहीं हैं” “वे मेरे कर्मचारी...
प्राचीन काल में विक्रमादित्य नाम के एक आदर्श राजा हुआ करते थे। अपने साहस, पराक्रम और शौर्य के लिए राजा विक्रम मशहूर थे। ऐसा भी कहा जाता है कि राजा विक्रम अपनी प्राजा के जीवन के दुख दर्द जानने के लिए रात्री के पहर में भेष बदल कर नगर में घूमते थे। और दुखियों का दुख भी दूर करते थे। राजा विक्रम और बेताल के किस्सों पर कई सारी किताबें और कहानियाँ...
“धन-दौलत” की सार्विक सत्ता जनवादी जनतन्त्र में ज़्यादा यक़ीनी इसलिए भी होती है कि वह राजनीतिक मशीनरी की अलग-अलग कमियों, पूँजीवाद के निकम्मे राजनीतिक खोल पर निर्भर नहीं होती। जनवादी जनतन्त्र पूँजीवाद के लिए श्रेष्ठतर सम्भव राजनीतिक खोल है और इसलिए (पालचीन्स्की, चेर्नोव, त्सेरेतेली और मण्डली की मदद से) इस श्रेष्ठतम खोल पर अधिकार करके पूँजी अपनी...
1. सोने की परख उसे घिस कर, काट कर, गरम कर के और पीट कर की जाती है. उसी तरह व्यक्ति का परीक्षण वह कितना त्याग करता है, उसका आचरण कैसा है, उसमे गुण कौनसे है और उसका व्यवहार कैसा है इससे होता है. 2. यदि आप पर मुसीबत आती नहीं है तो उससे सावधान रहे. लेकिन यदि मुसीबत आ जाती है तो किसी भी तरह उससे छुटकारा पाए. 3. एक ही गर्भ से पैदा क्यों न हुए हो, वे एक...
एक किसान था । वह एक बड़े से खेत में खेती किया करता था । उस खेत के बीचो-बीच पत्थर का एक हिस्सा ज़मीन से ऊपर निकला हुआ था जिससे ठोकर खाकर वह कई बार गिर चुका था और ना जाने कितनी ही बार उससे टकराकर खेती के औजार भी टूट चुके थे । रोजाना की तरह आज भी वह सुबह-सुबह खेती करने पहुंचा पर जो सालों से होता आ रहा था एक वही हुआ , एक बार फिर किसान का हल पत्थर से...
काशी में प्रतापमुकुट नाम का राजा राज्य करता था। उसके वज्रमुकुट नाम का एक बेटा था। एक दिन राजकुमार दीवान के लड़के को साथ लेकर शिकार खेलने जंगल गया। घूमते-घूमते उन्हें तालाब मिला। उसके पानी में कमल खिले थे और हंस किलोल कर रहे थे। किनारों पर घने पेड़ थे, जिन पर पक्षी चहचहा रहे थे। दोनों मित्र वहाँ रुक गये और तालाब के पानी में हाथ-मुँह धोकर ऊपर महादेव...
बहुत समय पहले की बात है, सुब्रोतो लगभग 20 साल का एक लड़का था और कलकत्ता की एक कॉलोनी में रहता था। उसके पिताजी एक भट्टी चलाते थे जिसमे वे दूध को पका-पका कर खोया बनाने का काम करते थे। सुब्रोतो वैसे तो एक अच्छा लड़का था लेकिन उसमे फिजूलखर्ची की एक बुरी आदत थी। वो अक्सर पिताजी से पैसा माँगा करता और उसे खाने-पीने या सिनेमा देखने में खर्च कर देता। एक दिन...
एक बार एक ग्राहक चित्रो की दुकान पर गया । उसने वहाँ पर अजीब से चित्र देखे । पहले चित्र मे चेहरा पूरी तरह बालो से ढँका हुआ था और पैरोँ मे पंख थे । एक दूसरे चित्र मे सिर पीछे से गंजा था। ग्राहक ने पूछा – यह चित्र किसका है? दुकानदार ने कहा – अवसर का । ग्राहक ने पूछा – इसका चेहरा बालो से ढका क्यो है? दुकानदार ने कहा -क्योंकि अक्सर जब अवसर आता है तो...
कभी किसी ने एक घमण्डी साधु को चमड़े की धोती दान में दे दी जिसे पहन कर वह साधु अपने को अन्य साधुओं से श्रेष्ठ समझाने लगा। एक दिन वह उसी वस्र को पहन कर भिक्षाटन के लिए घूम रहा था। रास्ते में उसे एक बड़ा सा जंगली भेड़ मिला। वह भेड़ पीछे को जाकर अपना सिर झटक-झटक कर नीचे करने लगा। साधु ने समझा कि निश्चय ही वह भेड़ झुक कर उसका अभिवादन करना चाहता था, क्योंकि...
अकबर ने कडकड़ाती सर्दियों के मौसम में एक दिन यह ऐलान किया की अगर कोई व्यक्ति पूरी रात भर पानी के अंदर छाती तक डूब कर खड़ा रह पाएगा तो उसे 1000 मोहरों का इनाम दिया जाएगा। इस चुनौती को पार करना काफी कठिन था। पर फिर भी एक गरीब ब्राह्मण अपनी बेटी के विवाह के लिए धन जोड़ने की खातिर तैयार हो गया। जैसे-तैसे कर के उसने कांपते, ठिठुरते रात निकाल ली। और सुबह...
1. झूठ बोलना, कठोरता, छल करना, बेवकूफी करना, लालच, अपवित्रता और निर्दयता ये औरतो के कुछ नैसर्गिक दुर्गुण है। 2. भोजन के योग्य पदार्थ और भोजन करने की क्षमता, सुन्दर स्त्री और उसे भोगने के लिए काम शक्ति, पर्याप्त धनराशी तथा दान देने की भावना – ऐसे संयोगों का होना सामान्य तप का फल नहीं है। 3. उस व्यक्ति ने धरती पर ही स्वर्ग को पा लिया : १...
गंगा के किनारे एक तपस्वी रहता था । एक दिन जब वह नदी के स्नान कर बाहर आया तो उसी स्थान पर जाकर एक हिरणी ने पानी पिया जिससे वह तत्काल गर्भवती हो गई। संयासी ने जब हिरणी की अवस्था को देखा तो उसे यह ज्ञात हुआ कि वह उसके बच्चे की माँ बनने वाली थी। कुछ ही दिनों के बाद हिरणी ने एक बच्चे को जन्म दिया। तपस्वी ने उसका नाम इसिसंग रखा। वह संयासी पुत्र भी पिता...
एक बार बीरबल को दरबार में आने में देर हो गई | जब वह आए तो अकबर ने उनसे पूछा बीरबल ! आज आने में तुम्हें देर कैसे हुई ? हम कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं | हमें तुमसे एक खास सवाल करना है |” बीरबल ने कहा, जहाँपनाह ! रोज-रोज आप ही मुझसे सवाल पूछते हैं, यह तो बड़ा ही अन्याय है | आज मुझे आपसे एक सवाल पूछना है | यदि आप अनुमति दें, तो में आपसे प्रश्न...
दास प्रथा के दिनों में एक मालिक के पास अनेकों गुलाम हुआ करते थे। उन्हीं में से एक था लुक़मान । लुक़मान था तो सिर्फ एक गुलाम लेकिन वह बड़ा ही चतुर और बुद्धिमान था। उसकी ख्याति दूर दराज़ के इलाकों में फैलने लगी थी। एक दिन इस बात की खबर उसके मालिक को लगी, मालिक ने लुक़मान को बुलाया और कहा- सुनते हैं, कि तुम बहुत बुद्धिमान हो। मैं तुम्हारी बुद्धिमानी की...
सुन्दर वन में ठण्ड दस्तक दे रही थी , सभी जानवर आने वाले कठिन मौसम के लिए तैयारी करने में लगे हुए थे . सुगरी चिड़िया भी उनमे से एक थी , हर साल की तरह उसने अपने लिए एक शानदार घोंसला तैयार किया था और अचानक होने वाली बारिश और ठण्ड से बचने के लिए उसे चारो तरफ से घांस -फूंस से ढक दिया था . सब ...
उपर्युक्त कहानी के मध्य में एक यात्रा में जैनुस्सनम के दरियाबार देश मे जाने का भी उल्लेख है। वहाँ की एक चित्ताकर्षक कथा उस ने सुनी थी। वह कथा भी इस जगह कही जाती है। हैरन नगर में एक बड़ा प्रतापी बादशाह था जिसे भगवान ने सब कुछ दे रखा था। किंतु उस के कोई संतान नहीं थी। एक रात को उसे सपने में दिखाई दिया कि एक दिव्य पुरुष उस से कह रहा है, उठ, भगवान...