तेरहवीं पुतली – कीर्तिमती ने इस प्रकार कथा कही- एक बार राजा विक्रमादित्य ने एक महाभोज का आयोजन किया। उस भोज में असंख्य विद्धान, ब्राह्मण, व्यापारी तथा दरबारी आमन्त्रित थे। भोज के मध्य में इस बात पर चर्चा चली कि संसार में सबसे बड़ा दानी कौन है। सभी ने एक स्वर से विक्रमादित्य को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ दानवीर घोषित किया। राजा विक्रमादित्य लोगों...
एक वन में ’चतुर्दन्त’ नाम का महाकाय हाथी रहता था । वह अपने हाथीदल का मुखिया था । बरसों तक सूखा पड़ने के कारण वहा के सब झील, तलैया, ताल सूख गये, और वृक्ष मुरझा गए । सब हाथियों ने मिलकर अपने गजराज चतुर्दन्त को कहा कि हमारे बच्चे भूख-प्यास से मर गए, जो शेष हैं मरने वाले हैं । इसलिये जल्दी ही किसी बड़े तालाब की खोज की जाय । बहुत देर सोचने के बाद...
एक बार एक ब्राह्मण(वैदिक वर्ण व्यवस्था के ऊँची सामाजिक पहचान; जो की पुजा करने की वृत्ति करते हैं; निर्जीव मूर्तियों को संस्कृत की मंत्र यानी गाना सुनाते हैं और उन निर्जीव मूर्तियों के आगे जीवित प्राणी के हत्या करवाते हैं) के घर जिस दिन पुत्र का जन्म हुआ उसी दिन उसके घर में रहने वाली नकुली ने भी एक नेवले को जन्म दिया । ब्राह्मण की पत्नी बहुत दयालु...
किसी शहर में मोहन नाम का एक व्यक्ति रहता था। वह बहुत ही मेहनती और ईमानदार था , साथ ही वह लोगों की मदद के लिए भी हमेशा तैयार रहता था। पर बावजूद इन गुणों के उसे जीवन में सफलता नहीं मिल पा रही थी। वह जो सपनो का घर भी पाना चाहता उसके लिए खूब मेहनत करता , पर अंततः उसे नहीं पा पाता। जीवन यूँही बीतता गया और अंत में एक दिन उसकी मृत्यु हो गयी। चूँकि...
एक बार की बात है एक निर्धन ब्राह्मण(वैदिक वर्ण व्यवस्था के ऊँची सामाजिक पहचान; जो की पुजा करने की वृत्ति करते हैं; निर्जीव मूर्तियों को संस्कृत की मंत्र यानी गाना सुनाते हैं और उन निर्जीव मूर्तियों के आगे जीवित प्राणी के हत्या करवाते हैं) परिवार रहता था, एक समय उनके यहाँ कुछ अतिथि आये, घर में खाने पीने का सारा सामान ख़त्म हो चुका था, इसी बात को...
मेरे लिए यह कल्पना करना कठिन है कि एक बेरोज़गार भूखा व्यक्ति किस तरह की “निजी स्वतन्त्रता” का आनन्द उठाता है। वास्तविक स्वतन्त्रता केवल वहीं हो सकती है जहाँ एक व्यक्ति द्वारा दूसरे का शोषण और उत्पीड़न न हो; जहाँ बेरोज़गारी न हो, और जहाँ किसी व्यक्ति को अपना रोज़गार, अपना घर और रोटी छिन जाने के भय में जीना न पड़ता हो। केवल ऐसे ही समाज में निजी और किसी...
Quote 1: Winners don’t do different things, they do things differently. In Hindi: जीतने वाले अलग चीजें नहीं करते, वो चीजों को अलग तरह से करते हैं. Quote 2: Winners see the gain; losers see the pain. In Hindi: जीतने वाले लाभ देखते हैं, हारने वाले दर्द. Quote 3: Under Adverse conditions – some people break down, some break records In Hindi: विपरीत...
पारमिता को सिद्ध करने के लिए नागराज चंपेय्य ने संन्यास वरण किया। बौद्धों में यह अवधारणा है कि दान, शील, धैर्य आदि दस गुणों के परम आचरण से बुद्धत्व की प्राप्ति होती है, और उसकी संपूर्ण सिद्धि पारमिता कहलाती है। संन्यास वरण कर चंपेय्य पर्वत पर जाकर साधना में लीन हो गये । वहाँ एक दुष्ट ब्राह्मण ने आपने मंद बुद्धि और बाहु बल से उनको अपने दास बना लिया...
एक औरत अपने घर से निकली, उसने घर के सामने सफ़ेद लम्बी दाढ़ी में तीन साधू-महात्माओं को बैठे देखा। वह उन्हें पहचान नही पायी। उसने कहा, ” मैं आप लोगों को नहीं पहचानती, बताइए क्या काम है ?” ” हमें भोजन करना है।”, साधुओं ने बोला। ” ठीक है ! कृपया मेरे घर में पधारिये और भोजन ग्रहण कीजिये।” ” क्या तुम्हारा पति घर में है ?”, एक साधू ने प्रश्न किया। “नहीं...
“ना मजबूत प्रजातियां ना बुद्धिमान प्रजातियां सर्वाइव करते हैं, बल्कि सबसे ज्यादा बदलाव/परिवर्तन को अपनाने वाला प्रजातियां ही ज्यादा देर सर्वाइव करते हैं।” – चार्ल्स डार्विन “It is not the strongest of the species that survives, nor the most intelligent, but the one most responsive to change.” – Charles Darwin कहा जाता है कि...
दो छोटे लड़के घर से कुछ दूर खेल रहे थे । खेलने में वे इतने मस्त थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि वे भागते-भागते कब एक सुनसान जगह पहुँच गए । उस जगह एक पुराना कुंवा था , और उनमे से एक लड़का गलती से उस कुवें में जा गिरा । “बचाओ-बचाओ”, वो चीखने लगा। दूसरा लड़का एकदम से डर गया और मदद के लिए चिल्लाने लगा , पर उस सुनसान जगह कहाँ कोई मदद को आने वाला था। फिर...
अरीद्वपुरा देश के राजा सिवि बड़े दान-पारमी थे । एक बार उन्होंने संकल्प लिया कि क्यों न मांगे जाने पर वे अपना अंग भी याचक को दान में दे दे। उनके संकल्प को देख शक्र (इन्द्र) ने उनकी दानवीरता की परीक्षा लेनी चाही और एक दिन वे राज-दरबार में एक साधु के भेष में जा पहुँचे । वहाँ उन्होंने सिवि से उसकी दोनों आँखें मांगी । राजा ने सहर्ष अपनी दोनों आँखें...
योगी राजा को और मुर्दे को देखकर बहुत प्रसन्न हुआ। बोला, “हे राजन्! तुमने यह कठिन काम करके मेरे साथ बड़ा उपकार किया है। तुम सचमुच सारे राजाओं में श्रेष्ठ हो।” इतना कहकर उसने मुर्दे को उसके कंधे से उतार लिया और उसे स्नान कराकर फूलों की मालाओं से सजाकर रख दिया। फिर मंत्र-बल से बेताल का आवाहन करके उसकी पूजा की। पूजा के बाद उसने राजा से...
एक बार एक आदमी को अपने garden में टहलते हुए किसी टहनी से लटकता हुआ एक तितली का कोकून दिखाई पड़ा. अब हर रोज़ वो आदमी उसे देखने लगा , और एक दिन उसने notice किया कि उस कोकून में एक छोटा सा छेद बन गया है. उस दिन वो वहीँ बैठ गया और घंटो उसे देखता रहा. उसने देखा की तितली उस खोल से बाहर निकलने की बहुत कोशिश कर रही है , पर बहुत देर तक प्रयास करने के बाद...
Quote 1: If you want to succeed you should strike out on new paths, rather than travel the worn paths of accepted success. In Hindi: यदि आप सफल होना चाहते हैं तो आपको स्वीकार्य सफलता के घिसे -पिटे रास्तों की बजाये नए रास्तों पर चलना चाहिए। Quote 2: A friendship founded on business is better than a business founded on friendship. In Hindi: व्यवसाय...
किसी वन में मदोत्कट नाम का सिंह निवास करता था। बाघ, कौआ और सियार, ये तीन उसके नौकर थे। एक दिन उन्होंने एक ऐसे उंट को देखा जो अपने गिरोह से भटककर उनकी ओर आ गया था। उसको देखकर सिंह कहने लगा, “अरे वाह! यह तो विचित्र जीव है। जाकर पता तो लगाओ कि यह वन्य प्राणी है अथवा कि ग्राम्य प्राणी” यह सुनकर कौआ बोला, “स्वामी! यह ऊंट नाम का जीव ग्राम्य-प्राणी है और...
एक तालाब में दो मछ़लियाँ रहती थीं । एक थी शतबुद्धि (सौ बुद्धियों वाली), दूसरी थी सहस्त्रबुद्धि (हजार बुद्धियों वाली) । उसी तालाब में एक मेंढक भी रहता था । उसका नाम था एकबुद्धि । उसके पास एक ही बुद्धि थी । इसलिये उसे बुद्धि पर अभिमान नहीं था । शतबुद्धि और सहस्त्रबुद्धि को अपनी चतुराई पर बड़ा अभिमान था। एक दिन सन्ध्या समय तीनों तालाब के किनारे बात...
कभी किसी ने एक घमण्डी साधु को चमड़े की धोती दान में दे दी जिसे पहन कर वह साधु अपने को अन्य साधुओं से श्रेष्ठ समझाने लगा। एक दिन वह उसी वस्र को पहन कर भिक्षाटन के लिए घूम रहा था। रास्ते में उसे एक बड़ा सा जंगली भेड़ मिला। वह भेड़ पीछे को जाकर अपना सिर झटक-झटक कर नीचे करने लगा। साधु ने समझा कि निश्चय ही वह भेड़ झुक कर उसका अभिवादन करना चाहता था, क्योंकि...
राहुल एक समझदार लड़का था, लेकिन वह पढाई के मामले में हमेशा मेहनत करने से बचता था। एक बार जब उसका पसंदीदा कप टूट गया तो माँ ने उसे बाज़ार से खुद जाकर एक अच्छा कप लाने को कहा। पहली बार राहुल को इस तरह का कोई काम मिला था, वह मन ही मन खुश हो रहा था कि चलो इसी बहाने उसे बाहर जाने को मिलेगा और उतनी देर कोई पढने के लिए नहीं कहेगा। वह पास के बाजार में...
बुद्ध के सौतेले भाई तथा उनकी माता की छोटी बहन के पुत्र नंद जिस दिन जनपद कल्याणी के साथ परिणय-सूत्र में बँधने वाले थे उसी दिन बुद्ध उनके महल में पहुँचे । फिर उनसे अपने भिक्षाटन के कटोरे को उठा अपने साथ अपने विहार ले आये । विहार लाकर बुद्ध ने उन्हें भी भिक्षु बना दिया । नंद ने भी भिक्षुत्व स्वीकार किया किन्तु उनका मन बार-बार जनपद-कल्याणी की ओर खींच...