बिल गेट्स के अनमोल विचार

Quote 1: Whether it’s Google or Apple or free software, we’ve got some fantastic competitors and it keeps us on our toes. चाहे वो गूगल हो या एप्पल या फ्री सॉफ्टवेयर, हमारे कुछ शानदार प्रतिस्पर्धी हैं जो हमें चौकन्ना रखते हैं। Quote 2: There are people who don’t like capitalism, and people who don’t like PCs. But there’s no-one who likes the PC who...

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चोर ज़ोर-ज़ोर से क्यों रोया और फिर हँसा? – बेताल पच्चीसी – चौदहवीं कहानी!

अयोध्या नगरी में वीरकेतु नाम का राजा राज करता था। उसके राज्य में रत्नदत्त नाम का एक साहूकार था, जिसके रत्नवती नाम की एक लड़की थी। वह सुन्दर थी। वह पुरुष के भेस में रहा करती थी और किसी से भी ब्याह नहीं करना चाहती थी। उसका पिता बड़ा दु:खी था। इसी बीच नगर में खूब चोरियाँ होने लगी। प्रजा दु:खी हो गयी। कोशिश करने पर भी जब चोर पकड़ में न आया तो राजा...

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डाकू अंगुलिमाल और महात्मा बुद्ध

बहुत पुरानी बात है मगध राज्य में एक सोनापुर नाम का गाँव था। उस गाँव के लोग शाम होते ही अपने घरों में आ जाते थे। और सुबह होने से पहले कोई कोई भी घर के बाहर कदम भी नहीं रखता था।इसका कारण डाकू अंगुलीमाल था। डाकू अंगुलीमाल मगध के जंगलों की गुफा में रहता था। वह लोगों को लूटता था और जान से भी मार देता था। लोगों को डराने के लिए वह जिसे भी मारता उसकी एक...

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ईमानदारी का हकदार

एक बार 2 पडोसीयों के बीच आम के पेड को लेकर झगडा हो गया, झगडे ने इतना उग्र रूप धारण कर लिया कि एक पडोसी केशव ने बादशाह के यहां जाकर फरियाद की कि उदयवीर नामक मेरा पडोसी मेरे लगाये हुए पेड पर कब्जा करना चाहता हैं. जबकि 7 सालों से मैं उसकी देखभाल कर रहा हूं, इसलिए मुझे न्याय दिया जाये। इस मामले का निपटारा करने का हुक्म बीरबल को मिला, आज्ञा पाकर बीरबल...

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सहिष्णुता का व्रत -जातक कथा

कुण्डक कुमार नाम का एक संयासी एक बार ठंड के दिनों में हिमालय से उत्तर वाराणसी पहुँचा । वहाँ उसके बचपन का मित्र एक सेनापति था । उसने संयासी को राज-उद्यान में स्वच्छन्द भ्रमण की अनुमति दी । एक दिन कुण्डक कुमार उद्यान में बैठा तप कर रहा था कि तभी वाराणसी का एक दुराचारी राजा अपनी प्रेमिकाओं के साथ वहाँ प्रविष्ट हुआ । वहाँ वह उन सुन्दरियों के साथ आमोद...

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पुजारी का पत्नी और तिल के बीज ~ पंचतंत्र

एक बार की बात है एक निर्धन ब्राह्मण(वैदिक वर्ण व्यवस्था के ऊँची सामाजिक पहचान; जो की पुजा करने की वृत्ति करते हैं; निर्जीव मूर्तियों को संस्कृत की मंत्र यानी गाना सुनाते हैं और उन निर्जीव मूर्तियों के आगे जीवित प्राणी के हत्या करवाते हैं) परिवार रहता था, एक समय उनके यहाँ कुछ अतिथि आये, घर में खाने पीने का सारा सामान ख़त्म हो चुका था, इसी बात को...

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जैसे करनी वैसी भरनी

यात्रा लंबी थी इसलिए मोतीचंद को अपने शहर लौटने में तीन वर्ष लग गये घर में आकर उसने देखा की किवाड खुले पडे हैं और उसके घर का सारा सामान गायब है. यह देखकर उसने समझा कि उसके घर का सारा सामान रामदास अपने घर ले गया होगा. मोतीचंद रामदास के घर गया और उसका हाल पूछा, रामदास ने उसको कोई खास सम्मान नहीं दिया फिर मोतीचंद ने उससे अपना माल असबाब मांगा इस पर...

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आध्यात्मिक साधक

कोरिया में एक भिक्षुणी स्त्री, एक रात एक गांव में भटकती हुई पहूंची । रास्ता भटक गयी थी और जिस गांव में पहूचंना चाहती थी वहां न पहूचंकर, दूसरे गाँव पहूच गयी । उसने जाकर एक घर का दरवाजा खटखटाया, आधी रात थी दरवाजा खुला लेकिन उस गांव के लोग दुसरे धर्म को मानते थे और वह भिक्षुणी दूसरे धर्म की थी। उस दरवाजे के मालिक ने दरवाजा बंद कर लिया और कहा- देवी यह...

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चाणक्य नीति : ग्यारहवां अध्याय

1. उदारता, वचनों में मधुरता, साहस, आचरण में विवेक ये बाते एक अच्छा व्यक्तित्व की पहचान होनी चाहिए. 2. जो अपने अच्छी समाज को छोड़कर दुसरे की गलत समाज को जा मिलता है, वह उसी राजा की तरह नष्ट हो जाता है जो अधर्म के मार्ग पर चलता है. 3. हाथी का शरीर कितना विशाल है लेकिन एक छोटे से अंकुश से नियंत्रित हो जाता है. एक दिया घने अन्धकार का नाश करता है, क्या...

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तीन मुर्तिया

एक बुजुर्ग शिल्पी ने तीन मूर्तिया बनायी थी, तीनों मूर्तिया देखने में एक जैसी ही थी पर मूर्तियोे की आतंरिक रचनाओं मे फर्क था। शिल्पी इन तीनों मूर्तियों को लेकर बादशाह अकबर के दरबार में आया और बोला हूजूर यह तीनों मूर्तिंयां देखनें में तो एक जैसी हैं, लेकिन इनमें से एक र्मूिंर्त दो से श्रेष्ठ है। आप बीरबल से कहिये की वह श्रेष्ठ मूर्तिं की पहचान करें...

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गौरैया और बन्दर ~ पंचतंत्र

किसी जंगल के एक घने वृक्ष की शाखाओं पर चिड़ा-चिडी़ का एक जोड़ा रहता था । अपने घोंसले में दोनों बड़े सुख से रहते थे । सर्दियों का मौसम था । एक दिन हेमन्त की ठंडी हवा चलने लगी और साथ में बूंदा-बांदी भी शुरु हो गई । उस समय एक बन्दर बर्फीली हवा और बरसात से ठिठुरता हुआ उस वृक्ष की शाखा पर आ बैठा। जाड़े के मारे उसके दांत कटकटा रहे थे । उसे देखकर चिड़िया ने...

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चाणक्य नीति : चौदहवां अध्याय

1. गरीबी, दुःख और एक बंदी का जीवन यह सब व्यक्ति के किए हुए कर्म का ही फल है. 2. आप दौलत, मित्र, पत्नी और राज्य गवाकर वापस पा सकते है लेकिन यदि आप अपनी काया गवा देते है तो वापस नहीं मिलेगी. 3. यदि हम बड़ी संख्या में एकत्र हो जाए तो दुश्मन को हरा सकते है. उसी प्रकार जैसे घास के तिनके एक दुसरे के साथ रहने के कारण भारी बारिश में भी क्षय नहीं होते. 4...

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आदमी एक खूबियाँ तीन

एक बार अकबर और बीरबल बागीचे में बैठे थे। अचानक अकबर ने बीरबल से पूछा कि क्या तुम किसी ऐसे इन्सान को खोज सकते हो जिसमें अलग-अलग बोली बोलने की खूबी हों? बीरबल ने कहा, क्यों नहीं, मै एक आदमी जानता हूँ जो तोते की बोली बोलता है, शेर की बोली बोलता है, और गधे की बोली भी बोलता है। अकबर इस बात को सुन कर हैरत में पड़ गए। उन्होने बीरबल को कहा किअगले दिन उस...

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मुल्ला और पड़ोसी

एक पड़ोसी मुल्ला नसरुद्दीन के द्वार पर पहुंचा . मुल्ला उससे मिलने बाहर निकले . “ मुल्ला क्या तुम आज के लिए अपना गधा मुझे दे सकते हो , मुझे कुछ सामान दूसरे शहर पहुंचाना है ? ” मुल्ला उसे अपना गधा नहीं देना चाहते थे , पर साफ़ -साफ़ मन करने से पड़ोसी को ठेस पहुँचती इसलिए उन्होंने झूठ कह दिया , “ मुझे माफ़ करना मैंने तो आज सुबह ही अपना गधा किसी उर को...

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साम -जातक कथा

पिता दुकुलक और माता पारिका से पुत्र साम का जन्म हुआ । एक दिन पिता दुकुलक और माता पारिका जब एक वन में घूम रहे थे तो तेज वर्षा आरम्भ हुई। उन्होंने एक पेड़ के नीचे शरण ली और बारिश से अपने बचाव करना चाहा । किन्तु उनके शरीर और वस्र से रिसते पानी से एक भयंकर विषधर साँप भीगने लगा जो उनके पैरों के नीचे चीटियों के एक बिल में निवास का रहा था। वृद्ध साँप ने...

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आप सोने की तलाश में हैं या मिट्टी की

Andrew Carnegie अपने बचपन के दिनों में हि Scotland से America चलें गए थे। उन्होंने छोटे-मोटे कामो से शुरूआत क़ी और अंत में आख़िरकार America में Steel बनाने वाली सबसें बडी Company के मालिक बन गए। उनके पास एक़ ऐसा वक्त भी आया जब उनके लिये 43 करोडपति काम करते थे । करोड़ों रूपये इस ज़माने में भी बहूत होते हैं लेक़िन सन 1920 के आसपास तो उनकी क़ीमत बहूत ज़्यादा...

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तीसरी पुतली चन्द्रकला ~ पुरुषार्थ और भाग्य में कौन बड़ा!

तीसरी पुतली चन्द्रकला ने जो कथा सुनाई वह इस प्रकार है। एक बार पुरुषार्थ और भाग्य में इस बात पर ठन गई कि कौन बड़ा है। पुरुषार्थ कहता कि बगैर मेहनत के कुछ भी सम्भव नहीं है जबकि भाग्य का मानना था कि जिसको जो भी मिलता है भाग्य से मिलता है परिश्रम की कोई भूमिका नहीं होती है। उनके विवाद ने ऐसा उग्र रुप ग्रहण कर लिया कि दोनों को देवराज इन्द्र के पास जाना...

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किसानों के बारे में – व्ला.इ. लेनिन

“…वर्ग-चेतन मज़दूर के लाल झण्डे का पहला मतलब है, कि हम अपनी पूरी शक्ति के साथ पूरी आज़ादी और पूरी ज़मीन के लिए किसानों के संघर्ष का समर्थन करते हैं; दूसरे, इसका अर्थ है कि हम यहीं नहीं रुकते बल्कि इससे आगे जाते हैं। हम आज़ादी और ज़मीन के साथ ही समाजवाद के लिए युद्ध छेड़ रहे हैं। समाजवाद के लिए संघर्ष पूँजी के शासन के विरुद्ध संघर्ष है। यह सर्वप्रथम और...

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बुद्ध की यात्रा -जातक कथा

संबोधि-प्राप्ति के पाँचवे वर्ष में बुद्ध वैशाली के कूटागारसाला में विहार कर रहे थे। तभी वहाँ एक दिन उन्होंने अपने पिता को मृत्यु-शय्या पर पड़ने का सुचना प्राप्ति हुई । उनके पिता अर्हत् की योग्यता प्राप्त कर चुके थे। अत: वह समय उनके पिता को धम्म-देसना देने के लिए उपयुक्त था। इसके अतिरिक्त बुद्ध कपिलवस्तु के शाक्य और कोलनगर (व्याधपज्ज) के कोलों के...

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लोहा खा गया घुन

एक बार की बात है दो व्यक्ति थे, जिनका नाम था मामा और फूफा। मामा और फूफा दोनों व्यापार करते थे और दोनों व्यापार में सहभागी थे। मामा ने फूफा से कहा,” फूफा क्यों ना हम कोई ऐसी वस्तु खरीद लें जो जल्दी खराब ना हो और उसकी कीमत भी बढती रहे; फिर हम उसे कुछ वर्षो बाद बेचें जिससे उसके मूलधन से ज्यादा दाम मिले।” फूफा ने कहा,”ठीक है मामा, तुम्हारी बात तो सही...

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किसी भी विज्ञापन को विश्वास करने से पहले जांच करें ।

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