एक नौजवान चीता पहली बार शिकार करने निकला। अभी वो कुछ ही आगे बढ़ा था कि एक लकड़बग्घा उसे रोकते हुए बोला, ” अरे छोटू , कहाँ जा रहे हो तुम ?” “मैं तो आज पहली बार खुद से शिकार करने निकला हूँ !”, चीता रोमांचित होते हुए बोला। “हा-हा-हा-“, लकड़बग्घा हंसा ,” अभी तो तुम्हारे खेलने-कूदने के दिन हैं , तुम इतने छोटे हो , तुम्हे शिकार करने का कोई अनुभव भी नहीं...
कुलीन वंश में पैदा हो कर एक बार एक ज्ञानी संसार से वितृष्ण हो संन्यासी का जीवन-यापन करने लगा । उसके आध्यात्मिक विकास और संवाद से प्रभावित हो कुछ ही दिनों में अनेक सन्यासी उसके अनुयायी हो गये। एक दिन अपने प्रिय शिष्य अजित के साथ जब वह एक वन में घूम रहा था तब उसकी दृष्टि वन के एक खड्ड पर पड़ी जहाँ भूख से तड़पती एक व्याघ्री अपने ही नन्हे-नन्हे बच्चों...
एकबार एक व्यक्ति भगवान् के दर्शन करने पर्वतों पर गया| जब पर्वत के शिखर पर पहुंचा तो उसे भगवान् के दर्शन हुए | वह व्यक्ति बड़ा खुश हुआ | उसने भगवान से कहा – भगवान् लाखों साल आपके लिए कितने के बराबर हैं ? भगवान ने कहा – केवल 1 मिनट के बराबर फिर व्यक्ति ने कहा – भगवान् लाखों रुपये आपके लिए कितने के बराबर हैं ? भगवान ने कहा – केवल 1 रुपये के बराबर तो...
एक दिन चतुर बीरबल और तानसेन में कुछ विवाद छिड गया वे दोनों अपने आप को एक-दूसरे से गुणी बता रहे थे. बादशाह अकबर ने कहा- इस तरह तुम लोगों का विवाद नहीं मिट सकता इसके लिए किसी को मुखिया बनाकर अपना न्याय कर लो. महाराज! आपकी बातें शिरोधार्य हैं, हम दोनों इस बात पर सहमत हैं लेकिन हमारी समझ में यह नहीं आ रहा हैं कि किसको अपना मुखिया बनायें, कृपया आप ही...
एक बार की बात है कि एक जंगल में एक कछुए और एक खरगोश में रेस हो गयी। अभी दौड़ते-दौड़ते थोड़ा ही समय गुज़रा था कि खरगोश ने पीछे मुड़कर देखा कि कछुआ काफी पीछे रह गया है। उसने सोचा कि कछुए की चाल तो बहुत ही धीमी है इसलिए मैं थोड़ी देर विश्राम कर लेता हूँ । अब वह एक पेड़ की ठंडी छाँव में ऐसा सोया कि कछुआ, धीमी चाल होने के बावजूद भी, उससे आगे निकल कर अपने...
Quote 1: Incredible things can be done simply if we are committed to making them happen. In Hindi: अविश्वसनीय चीजें आसानी से की जा सकती हैं यदि हम उन्हें करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। Quote 2: Frustration, discouragement, and depression mean you are working against yourself. In Hindi: कुंठा, निराशा और अवसाद का मतलब है कि आप अपने खिलाफ काम कर रहे हैं।...
एक शिष्य अपने गुरु के पास पहुंचा और बोला, ” लोगों को खुश रहने के लिए क्या चाहिए?” “तुम्हे क्या लगता है?”, गुरु ने शिष्य से खुद इसका उत्तर देने के लिए कहा. शिष्य एक क्षण के लिए सोचने लगा और बोला, “मुझे लगता है कि अगर किसी की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी हो रही हों… खाना-पीना मिल जाए …रहने के लिए जगह हो…एक अच्छी सी नौकरी या कोई काम हो… सुरक्षा हो…तो वह...
Quote 1: My greatest challenge has been to change the mindset of people. Mindsets play strange tricks on us. We see things the way our minds have instructed our eyes to see. In Hindi: मेरी सबसे बड़ी चुनौती लोगों की मानसिकता बदलना रही है. मानसिकता हम पर अजीब चालें खेलती है। हम चीजों को उस तरह से देखते हैं जिस तरह हमारे दिमाग ने हमारी आँखों को...
पिता सुद्धोदन को सिद्धार्थ गौतम का संन्यास बनना चिंतित किया था । सिद्धार्थ जब उनतीस वर्ष के थे तब एक उद्यान में भ्रमण करने का समय वहाँ उन्होंने लाठी के सहारे चलते एक वृद्ध को देखा और चिंतित हो गये; तब उन्हें यह ज्ञान हुआ कि वे भी एक दिन वैसे ही हो जाएंगे; सभी एक दिन वैसी ही अवस्था को प्राप्त होते हैं । वितृष्ण-भाव से वे लौट आये । जब पिता सुद्धोदन...
राजा महेन्द्रनाथ हर वर्ष अपने राज्य में एक प्रतियोगिता का आयोजन करते थे, जिसमें हजारों की संख्या में प्रतियोगी भाग लिया करते थे और विजेता को पुरुस्कार से सम्मानित किया जाता है। एक दिन राजा ने सोचा कि प्रजा की सेवा को बढ़ाने के लिए उन्हें एक राजपुरूष की आवश्यकता है जो बुद्धिमान हो और समाज के कार्य में अपना योगदान दे सके। उन्होंने राजपुरूष की...
एक बार एक शक्तिशाली राजा घने वन में शिकार खेल रहा था। अचानक आकाश में बादल छा गए और मूसलाधार वर्षा होने लगी। सूर्य अस्त हो गया और धीरे-धीरे अँधेरा छाने लगा। अँधेरे में राजा अपने महल का रास्ता भूल गया और सिपाहियों से अलग हो गया। भूख प्यास और थकावट से व्याकुल राजा जंगल के किनारे एक टीले पर बैठ गया। थोड़ी देर बाद उसने वहाँ तीन बालकों को देखा। तीनों...
पच्चीसवीं पुतली – त्रिनेत्री नामक पच्चीसवीं पुतली की कथा इस प्रकार है: राजा विक्रमादित्य अपनी प्रजा के सुख दुख का पता लगाने के लिए कभी-कभी वेश बदलकर घूमा करते थे तथा खुद सारी समस्या का पता लगाकर निदान करते थे। उनके राज्य में एक दरिद्र ब्राह्मण और भाट रहते थे। वे दोनों अपना कष्ट अपने तक ही सीमित रखते हुए जीवन-यापन कर रहे थे तथा कभी किसी के...
एक दिन एक बौद्ध सन्यासी अपने शिष्यों के साथ एकदम शांत बैठे हुए थे। उन्हें इस प्रकार बैठे हुए देख उनके शिष्य चिंतित हुए कि कहीं वे अस्वस्थ तो नहीं हैं। एक शिष्य ने उनसे पूछा कि आज वह मौन क्यों बैठे हैं। क्या शिष्यों से कोई गलती हो गई है ? इसी बीच एक अन्य शिष्य ने पूछा कि क्या वह अस्वस्थ हैं ? पर बौद्ध सन्यासी मौन रहे। तभी कुछ दूर खड़ा व्यक्ति जोर...
शहर की तंग गलियों के बीच एक पुरानी ताले की दूकान थी। लोग वहां से ताला-चाबी खरीदते और कभी-कभी चाबी खोने पर डुप्लीकेट चाबी बनवाने भी आते। ताले वाले की दुकान में एक भारी-भरकम हथौड़ा भी था जो कभी-कभार ताले तोड़ने के काम आता था। हथौड़ा अक्सर सोचा करता कि आखिर इन छोटी-छोटी चाबियों में कौन सी खूबी है जो इतने मजबूत तालों को भी चुटकियों में खोल देती हैं जबकि...
मिथिला के एक राजा की मृत्यु के पश्चात् उसके दो बेटों में भयंकर युद्ध हुआ । अंतत: बड़ा भाई मारा गया और छोटा भाई राजा बना । बड़े भाई की पत्नी अपने पुत्र को लेकर एक वन में किसी संयासी की शरण में रहने लगी । वहीं उसने अपने बढ़ते पुत्र को अपने दादा और पिता के राज्य को पुन: प्राप्त करने के लिए उत्प्रेरित किया। सोलह वर्ष की अवस्था में पुत्र ने पैतृक राज्य...
किसी शहर में दो भाई रहते थे . उनमे से एक शहर का सबसे बड़ा बिजनेसमैन था तो दूसरा एक ड्रग -एडिक्ट था जो अक्सर नशे की हालत में लोगों से मार -पीट किया करता था . जब लोग इनके बारे में जानते तो बहुत आश्चर्य करते कि आखिर दोनों में इतना अंतर क्यों है जबकि दोनों एक ही माता-पिता की संताने हैं , एक जैसी...
एक बार इरान के राजा ने बीरबल की परीक्षा लेने के लिए उसे अपने दरबार में बुलाया बीरबल ने दरबार में जाकर देखा कि वहा बादशाह की शक्ल के पांच लोग बैठे हैं वह किसे प्रणाम करे? कुछ पल बाद बीरबल ने महाराज के सामने जाकर कहा “महाराज की जय हो!” महाराज अचरज में पड गये. बोले तुम्हें कैसे पता चला कि असली राजा कोन है? महाराज बाकी चार लोग आपकी नकल करने की कोशिश...
एक बार एक राजा शिकार के उद्देश्य से अपने काफिले के साथ किसी जंगल से गुजर रहा था. दूर-दूर तक शिकार नजर नहीं आ रहा था, वे धीरे धीरे घनघोर जंगल में प्रवेश करते गए. अभी कुछ ही दूर गए थे की उन्हें कुछ डाकुओं के छिपने की जगह दिखाई दी. जैसे ही वे उसके पास पहुचें कि पास के पेड़ पर बैठा तोता बोल पड़ा – पकड़ो पकड़ो एक राजा आ रहा है इसके पास बहुत सारा सामान...
फारस देश में एक रूमा नामक नगर था। उस नगर के बादशाह का नाम गरीक था। उस बादशाह को कुष्ठ रोग हो गया। इससे वह बड़े कष्ट में रहता था। राज्य के वैद्य-हकीमों ने भाँति-भाँति से उसका रोग दूर करने के उपाय किए किंतु उसे स्वास्थ्य लाभ नहीं हुआ। संयोगवश उस नगर में दूबाँ नामक एक हकीम का आगमन हुआ। वह चिकित्सा शास्त्र में अद्वितीय था, जड़ी-बूटियों की पहचान उससे...
अमीना ने कहा, ‘जुबैदा की कहानी आप उसके मुँह से सुन चुके, अब मैं अपनी कहानी आपके सम्मुख प्रस्तुत करती हूँ। मेरी माँ मुझे लेकर अपने घर में आई कि रँड़ापे का अकेलापन उसे न खले। फिर उसने मेरा विवाह इसी नगर के बड़े आदमी के पुत्र के साथ कर दिया। दुर्भाग्यवश एक ही वर्ष बीता था कि मेरा पति मर गया। किंतु उसकी सारी संपत्ति जिसका मूल्य लगभग नब्बे हजार...