दार्शनिक सुकरात दिखने में कुरुप थे। वह एक दिन अकेले बैठे हुए आईना हाथ मे लिए अपना चेहरा देख रहे थे। तभी उनका एक शिष्य कमरे मे आया ; सुकरात को आईना देखते हुए देख उसे कुछ अजीब लगा । वह कुछ बोला नही सिर्फ मुस्कराने लगा। विद्वान सुकरात शिष्य की मुस्कराहट देख कर सब समझ गए और कुछ देर बाद बोले ,”मैं तुम्हारे मुस्कराने का मतलब समझ रहा हूँ…….शायद तुम सोच...
जेा रहीम उत्तम प्रकृति का करि सकत कुसंग चंदन विश ब्यापत नहीं लिपटे रहत भुजंग । अच्छे चरित्र के स्वभाव बालों पर बुरे लोगो के साथ का कोई असर नहीं होता। चंदन के बृक्ष पर साॅप लिपटा रहने से विश का कोई प्रभाव नही होता है । यद्पि अवनि अनेक हैैं कूपवंत सरताल रहिमन मान सरोवर हिं मनसा करत मराल । संसार में अनेकानेक तालाब जलाशय कुॅआ आदि हैं किंतु हंस को केवल...
बुद्ध के सौतेले भाई तथा उनकी माता की छोटी बहन के पुत्र नंद जिस दिन जनपद कल्याणी के साथ परिणय-सूत्र में बँधने वाले थे उसी दिन बुद्ध उनके महल में पहुँचे । फिर उनसे अपने भिक्षाटन के कटोरे को उठा अपने साथ अपने विहार ले आये । विहार लाकर बुद्ध ने उन्हें भी भिक्षु बना दिया । नंद ने भी भिक्षुत्व स्वीकार किया किन्तु उनका मन बार-बार जनपद-कल्याणी की ओर खींच...
एक मंत्री की उदास शक्ल देख बादशाह अकबर ने उसकी उदासी का कारण पूछा। तब मंत्री बोले कि आप सारे महत्वपूर्ण कार्य बीरबल को सौप कर उसे महत्ता देते हैं। जिस कारण हमें अपनी प्रतिभा साबित करने का मौका ही नहीं मिलता है। इस बात को सुन कर अकबर ने उस मंत्री को तीन रूपये दिये और कहा कि आप बाज़ार जा कर इन तीन रुपयों को तीन चीजों पर बराबर-बराबर खर्च करें…यानी हर...
शहरयार को सिंदबाद की यात्राओं की कहानी सुन कर बड़ा आनंद हुआ। उसने शहरजाद से और कहानी सुनाने को कहा। शहरजाद ने कहा कि खलीफा हारूँ रशीद का नियम था कि वह समय-समय पर वेश बदल कर बगदाद की सड़कों पर प्रजा का हाल जानने के लिए घूमा करता था। एक रोज उसने अपने मंत्री जाफर से कहा कि आज रात मैं वेश बदल कर घूमँगा, अगर देखूँगा कि कोई पहरेवाला अपने कार्य को छोड़...
1. सोने की परख उसे घिस कर, काट कर, गरम कर के और पीट कर की जाती है. उसी तरह व्यक्ति का परीक्षण वह कितना त्याग करता है, उसका आचरण कैसा है, उसमे गुण कौनसे है और उसका व्यवहार कैसा है इससे होता है. 2. यदि आप पर मुसीबत आती नहीं है तो उससे सावधान रहे. लेकिन यदि मुसीबत आ जाती है तो किसी भी तरह उससे छुटकारा पाए. 3. एक ही गर्भ से पैदा क्यों न हुए हो, वे एक...
हिमालय के घने वनों में कभी सफेद हाथियों की दो विशिष्ट प्रजातियाँ हुआ करती थीं – छद्दन्त और उपोसथ। छद्दन्त हाथियों का रंग सफेद हुआ करता था । छद्दन्त हाथियों का राजा एक कंचन गुफा में निवास करता था। उसके मस्तक और पैर माणिक के समान लाल और चमकीले थे। उसकी दो रानियाँ थी – महासुभद्दा और चुल्लसुभद्दा। एक दिन गजराज और उसकी रानियाँ अपने दास...
एक बार की बात है दो व्यक्ति थे, जिनका नाम था मामा और फूफा। मामा और फूफा दोनों व्यापार करते थे और दोनों व्यापार में सहभागी थे। मामा ने फूफा से कहा,” फूफा क्यों ना हम कोई ऐसी वस्तु खरीद लें जो जल्दी खराब ना हो और उसकी कीमत भी बढती रहे; फिर हम उसे कुछ वर्षो बाद बेचें जिससे उसके मूलधन से ज्यादा दाम मिले।” फूफा ने कहा,”ठीक है मामा, तुम्हारी बात तो सही...
एक धर्म गुरु एक हवाई जहाज पर एक छोटी लड़की के बगल में बैठा था और वह उसके पास गया और कहा, “क्या आप बात करना चाहते हैं? अगर आप अपने साथी यात्री के साथ वार्तालाप करते हैं तो उड़ानें तेज हो जाती हैं। “ छोटी लड़की, जो एक विज्ञान की पुस्तक को पढ़ना शुरू ही किया था, अजनबी धर्म गुरु को जवाब दिया, “आप किस बारे में बात करना चाहते हैं...
मित्रो, पहली यात्रा में मुझ पर जो विपत्तियाँ पड़ी थीं उनके कारण मैंने निश्चय कर लिया था कि अब व्यापार यात्रा न करूँगा और अपने नगर में सुख से रहूँगा। किंतु निष्क्रियता मुझे खलने लगी, यहाँ तक कि मैं बेचैन हो गया और फिर इरादा किया कि नई यात्रा करूँ और नए देशों और नदियों, पहाड़ों आदि को देखूँ। अतएव मैंने भाँति-भाँति की व्यापारिक वस्तुएँ मोल लीं और...
दसवीं पुतली – प्रभावती ने जो कथा सुनाई वह इस प्रकार है- एक बार राजा विक्रमादित्य शिकार खेलते-खेलते अपने सैनिकों की टोली से काफी आगे निकलकर जंगल में भटक गए। उन्होंने इधर-उधर काफी खोजा, पर उनके सैनिक उन्हें नज़र नहीं आए। उसी समय उन्होंने देखा कि एक सुदर्शन युवक एक पेड़ पर चढ़ा और एक शाखा से उसने एक रस्सी बाँधी। रस्सी में फंदा बना था उस फन्दे में...
एक जंगल में महाचतुरक नामक सियार रहता था। एक दिन जंगल में उसने एक मरा हुआ हाथी देखा। उसकी बांछे खिल गईं। उसने हाथी के मृत शरीर पर दांत गड़ाया पर चमड़ी मोटी होने की वजह से, वह हाथी को चीरने में नाकाम रहा। वह कुछ उपाय सोच ही रहा था कि उसे सिंह आता हुआ दिखाई दिया। आगे बढ़कर उसने सिंह का स्वागत किया और हाथ जोड़कर कहा, “स्वामी आपके लिए ही मैंने इस हाथी...
1. वह एक धन्य गृहस्थ है जिसके घर में एक आनंदमय माहौल है. जिसके बच्चे गुणी है. जिसकी पत्नी मधुर वाणी बोलती है. जिसके पास अपनी जरूरते पूरा करने के लिए पर्याप्त धन है. जो अपनी पत्नी से सुखपूर्ण सम्बन्ध रखता है. जिसके नौकर उसका कहा मानते है. जिसके घर में मेहमान का स्वागत किया जाता है. 2. वे लोग जो इस दुनिया में सुखी है, जो अपने संबंधियों के प्रति उदार...
हज़ारों साल पहले किसी वन में एक बुद्धिमान बंदर रहता था। वह हज़ार बंदरों का राजा भी था। एक दिन वह और उसके साथी वन में कूदते-फाँदते ऐसी जगह पर पहुँचे जिसके निकट क्षेत्र में कहीं भी पानी नहीं था। नयी जगह और नये परिवेश में प्यास से व्याकुल नन्हे वानरों के बच्चे और उनकी माताओं को तड़पते देख उसने अपने अनुचरों को तत्काल ही पानी के किसी स्रोत को ढूंढने की...
धर्मपुर नाम की एक नगरी थी। उसमें धर्मशील नाम का राजा राज करता था। उसके अन्धक नाम का दीवान था। एक दिन दीवान ने कहा, “महाराज, एक मन्दिर बनवाकर देवी को बिठाकर पूजा की जाए तो बड़ा पुण्य मिलेगा।” राजा ने ऐसा ही किया। एक दिन देवी ने प्रसन्न होकर उससे वर माँगने को कहा। राजा के कोई सन्तान नहीं थी। उसने देवी से पुत्र माँगा। देवी बोली, “अच्छी...
दान में प्राप्त बछड़े को एक ब्राह्मण ने बड़े ही ममत्व के साथ पाला-पोसा और उसका नाम नन्दीविसाल रखा । कुछ ही दिनों में वह बछड़ा एक बलिष्ठ बैल बन गया । नन्दीविसाल बलिष्ठ ही नहीं एक बुद्धिमान और स्वामिभक्त बैल था । उसने एक दिन ब्राह्मण के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा, ” हे ब्राह्मण ! आपने वर्षों मेरा पालन-पोषण किया है। आपने तन-मन और धन से...
अत्यंत गरीब परिवार का एक बेरोजगार युवक नौकरी की तलाश में किसी दूसरे शहर जाने के लिए रेलगाड़ी से सफ़र कर रहा था | घर में कभी-कभार ही सब्जी बनती थी, इसलिए उसने रास्ते में खाने के लिए सिर्फ रोटीयां ही रखी थी | आधा रास्ता गुजर जाने के बाद उसे भूख लगने लगी, और वह टिफिन में से रोटीयां निकाल कर खाने लगा | उसके खाने का तरीका कुछ अजीब था , वह रोटी का एक...
लकडहारे को लकडी काटते देख पेड की आखों में एक दम ही आंसू की धारा बहने लगी। यू तो वह हर दृष्टि से द्रढ़ था, उसकी जड भी गहरी थी, काया भी हृष्ट-पुष्ट सभी तरह से मजबूत लेकिन आज अपने आप कुछ सोच-सोच कर वह मन ही मन पश्यताप कर रहा था। कुल्हाडी की तीखी चोंटे बाराबर उसके तने पर पड रही थी। लगातार कुल्हाडी चलाने से हथेली में आया हुआ पसीना भेट पर लग जाने के कारण...
एक नगर में भद्रसेन नाम का राजा रहता था । उसकी कन्या रत्नवती बहुत रुपवती थी। उसे हर समय यही डर रहता था कि कोई राक्षस उसका अपहरण न करले । उसके महल के चारों ओर पहरा रहता था, फिर भी वह सदा डर से कांपती रहती थी । रात के समय उसका डर और भी बढ़ जाता था । एक रात एक राक्षस पहरेदारों की नज़र बचाकर रत्नवती के घर में घुस गया । घर के एक अंधेरे कोने में जब वह...
बहुत समय पहले की बात है, एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था । वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्याति दूर -दूर तक फैली थी। एक दिन एक औरत उसके पास पहुंची और अपना दुखड़ा रोने लगी , ” बाबा, मेरा पति मुझसे बहुत प्रेम करता था , लेकिन वह जबसे युद्ध से लौटा है ठीक से बात तक नहीं करता ।” सन्यासी की जड़ी-बूटी ” युद्ध लोगों के...