निक व्युजेसिक के प्रेरक कथन

Quote 1: If you can’t get a miracle, become one. In Hindi: अगर आपके साथ चमत्कार नहीं हो सकता, तो खुद एक चमत्कार बन जाइए । Quote 2: If I fail, I try again, and again, and again. If YOU fail, are you going to try again? In Hindi: यदि मैं फेल होता हूँ, मैं बार-बार, बार-बार कोशिश करता हूँ। यदि आप फेल होते हैं, तो क्या आप दुबारा कोशिश करेंगे? Quote 3:...

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गरीबी और अमीरी

अकबर बीरबल से तरह-तरह के अजीबो-गरीब प्रश्न पूछा करते थे. कुछ प्रश्न ऐसे भी होते थे जो वह बीरबल की बुद्धि की परीक्षा लेने के लिए पुछते थे. एक बार बादशाह अकबर बीरबल से बोले – बीरबल इस दुनिया में कोई अमीर है कोई गरीब हैं ऐसा क्यों होता है ? सब लोग ईश्वर को परमपिता कहते हैं इस नाते सभी आदमी उनके पुत्र ही हुए. पिता अपने बच्चों को सदा खुशाल देखना चाहता...

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रहीम जी के प्रसिद्द दोहे – चेतावनी

खीरा के मुख काटि के मलियत लोन लगाय रहिमन करूक मुखन को चहिय यही सजाय । खीरा के तिक्त स्वाद को दूर करने के लिये उसके मुॅह को काट कर उसे नमक के साथ रगड़ा जाता है । इसी तरह तीखा वचन बोलने बालों को भी यही सजा मिलनी चाहिये।कठोर वचन बोलने बालों का त्याग और नम्र बचन बाले लोगों का स्वागत करना चाहिये। अनुचित बचन न मानिये जदपि गुराइसु गाढि है रहीम रघुनाथ ते...

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इंडिया का बुद्ध सभ्यता

हमारा देश का नाम ना भारत था, ना हिन्दुस्तान था, ना इंडिया; ये विशाल भूखंड सदियों छोटे बड़े राज्यों का मिश्रित समूह रहा, ये भूखंड समय के साथ राजाओं के राज से जाना जाता था । ये भूखंड अनेक भाषीय सभ्यता का भूखंड है । आज भी यहाँ १२२ प्रमुख भाषा और १५९९ अन्य भाषाएं देखने मिलते हैं । जितने तरह की प्रमुख भाषाएं है उतने ही भाषीय सभ्यता इस भूखंड पैदा किया ।...

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धर्म और हमारा स्वतन्त्रता संग्राम – भगत सिंह (1928)

मई, 1928 के ‘किरती’ में यह लेख छपा। जिसमें भगत सिंह ने धर्म की समस्या पर प्रकाश डाला है। अमृतसर में 11-12-13 अप्रैल को राजनीतिक कान्फ्रेंस हुई और साथ ही युवकों की भी कान्फ्रेंस हुई। दो-तीन सवालों पर इसमें बड़ा झगड़ा और बहस हुई। उनमें से एक सवाल धर्म का भी था। वैसे तो धर्म का प्रश्न कोई न उठाता, किन्तु साम्प्रदायिक संगठनों के विरुद्ध प्रस्ताव पेश हुआ...

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शराबी शिष्य

एक जेन मास्टर के सैकड़ों शिष्य थे . वे सभी नियमों का पालन करते थे और समय पर पूजा करते थे . लेकिन उनमे से एक शिष्य शराबी था , वो न नियमों का पालन करता था और न ही समय पर पूजा करता था. मास्टर वृद्ध हो रहे थे . आश्रम में  यही चर्चा थी कि मास्टर किसे अपने रहस्य  बताएँगे और अपना उत्तराधिकारी घोषित करेंगे … सभी का अनुमान था कि मास्टर के कुछ प्रिय शिष्यों...

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गेंहू के दाने

एक समय की बात है जब श्रावस्ती नगर के एक छोटे से गाँव में अमरसेन नामक व्यक्ति रहता था। अमरसेन बड़ा होशियार था, उसके चार पुत्र थे जिनके विवाह हो चुके थे और सब अपना जीवन जैसे-तैसे निर्वाह कर रहे थे परन्तु समय के साथ-साथ अब अमरसेन वृद्ध हो चला था ! पत्नी के स्वर्गवास के बाद उसने सोचा कि अब तक के संग्रहित धन और बची हुई संपत्ती का उत्तराधिकारी किसे बनाया...

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क्या चोरी की गयी चीज़ पर चोर का अधिकार होता है: बेताल पच्चीसी पन्द्रहवीं कहानी!

नेपाल देश में शिवपुरी नामक नगर मे यशकेतु नामक राजा राज करता था। उसके चन्द्रप्रभा नाम की रानी और शशिप्रभा नाम की लड़की थी। जब राजकुमारी बड़ी हुई तो एक दिन वसन्त उत्सव देखने बाग़ में गयी। वहाँ एक ब्राह्मण का लड़का आया हुआ था। दोनों ने एक-दूसरे को देखा और प्रेम करने लगे। इसी बीच एक पागल हाथी वहाँ दौड़ता हुआ आया। ब्राह्मण का लड़का राजकुमारी को उठाकर...

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मंदबुद्धि

कक्षा में उसका प्रदर्शन हमेशा ही खराब रहता था । और बच्चे उसका मजाक उड़ाने से कभी नहीं चूकते थे । पढने जाना तो मानो एक सजा के समान हो गया था , वह जैसे ही कक्षा में घुसता और बच्चे उस पर हंसने लगते , कोई उसे महामूर्ख तो कोई उसे बैलों का राजा कहता , यहाँ तक की कुछ अध्यापक भी उसका मजाक उड़ाने से बाज नहीं आते । इन सबसे परेशान होकर उसने स्कूल जाना ही...

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कलयुग की नखरे

सत्ताधारी एक नेता जी के आवास पर जनता की भीड़ लगी थी | उसी भीड़ में एक युवती भी कोने में दुबकी हुई बैठी हुई थी वह हिम्मत नहीं कर पा रही थी की किस प्रकार नेता जी तक पहुंचे | जब नेता जी कहीं बाहर जाने के लिए कुर्सी से उठे, उनकी नजर उस युवती पर पड़ी वह स्वयं ही भीड़ को चीरते हुए उस लड़की के पास गए, उससे आने का कारण पूछा, युवती बोली “पति नहीं रहे परिवार की...

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निश्छल गृहस्थ -जातक कथा

काशी नगरी के पास के गाँव में एक बार भयंकर बाढ़ आई और गाँव वालों की फसल बहा ले गयी। तब गाँव वाले सहायता के लिए गाँव के मुखिया के पास पहुँचे। मुखिया ने उन्हें बैल ॠण में दिया और कहा कि जब उनके मक्के आदि की फसल कटेगी तो वे अपने फसल का कुछ भाग उसे दे अपना ॠण चुका दें। उसी गाँव में एक सीधा-सादा गृहस्थ भी रहता था। उसकी पत्नी पतिव्रता नहीं थी। उन दिनों...

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सड़क को छोटा करवाना

स्थान पर जा रहे थे। यह एक गर्म दिन था और सम्राट यात्रा को लेकर थका हुआ था। उन्होंने कहा, “क्या कोई इस सड़क को छोटा नहीं कर सकता?” बीरबल ने कहा, “मैं कर सकता हूं”। अन्य दरबारियों ने एक-दूसरे को देखा, उलझन के साथ। उन सभी को पता था कि पहाड़ी इलाके के माध्यम से कोई अन्य रास्ता नहीं था। जिस सड़क पर वे यात्रा कर रहे थे वह केवल एक थी जो उन्हें अपने...

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पेड़ की दर्द

लकडहारे को लकडी काटते देख पेड की आखों में एक दम ही आंसू की धारा बहने लगी। यू तो वह हर दृष्टि से द्रढ़ था, उसकी जड भी गहरी थी, काया भी हृष्ट-पुष्ट सभी तरह से मजबूत लेकिन आज अपने आप कुछ सोच-सोच कर वह मन ही मन पश्यताप कर रहा था। कुल्हाडी की तीखी चोंटे बाराबर उसके तने पर पड रही थी। लगातार कुल्हाडी चलाने से हथेली में आया हुआ पसीना भेट पर लग जाने के कारण...

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परिनिब्बान -जातक कथा

राजगीर के गिज्जहकुत पर्वत से, भिक्षुओं के बड़े संघ के साथ, बुद्ध ने अपनी अन्तिम यात्रा प्रारम्भ की। अम्बलथ्थिका और नालन्दा होते हुए वे पाटलिगाम गाँव (आधुनिक पटना, जिसे बाद में पाटलिपुत्र कहा गया) पहुँचे। उत्तरवर्ती काल में मौर्यों की राजधानी बना पाटलि, उन दिनों एक गाँव-मात्र था। पाटलि से उन्होंने गंगा नदी पार की और कोटिगाम और वैशाली होते हुए वे...

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विनाशक यज्ञ

जनमेजय का “सर्प मेघ यज्ञ” एक बार राजा परीक्षित किसी तपस्वी ऋषि का अपमान कर देते हैं। ऋषिवर क्रोधित हो उन्हें सर्प दंश से मृत्यु का श्राप दे देते हैं। बहुत पौराणिक कथाएं के अनुसार सावधानियां रखने के बावजूद ऋषि वाणी अनुसार एक दिन फूलों की टोकरी में कीड़े के रूप में छुपे तक्षक नाग के काटने से परीक्षित की मृत्यु हो जाती है। जब राजा परीक्षित के पुत्र...

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धूर्त बिल्ली का न्याय ~ पंचतंत्र

एक जंगल में विशाल वृक्ष के तने में एक खोल के अन्दर कपिंजल नाम का तीतर रहता था । एक दिन वह तीतर अपने साथियों के साथ बहुत दूर के खेत में धान की नई-नई कोंपलें खाने चला गया। बहुत रात बीतने के बाद उस वृक्ष के खाली पडे़ खोल में ’शीघ्रगो’ नाम का खरगोश घुस आया और वहीँ रहने रहने लगा। कुछ दिन बाद कपिंजल तीतर अचानक ही आ गया । धान की नई-नई कोंपले खाने के बाद...

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मोम का शेर

पुराने समय में बादशाह एक-दुसरे की बुद्धि की परीक्षा लिया करते थे. एक बार पारस के बादशाह ने अकबर को नीचा दिखाने के लिए एक शेर बनवाया और उसे एक पिजंरे में बंद करवा दिया. इस पिंजरे को उसने एक दूत के हाथों बादशाह अकबर के पास भेजा और कहलवा दिया कि यदि उनके दरबार में कोई बुद्धिमान पुरूष होतो “इस शेर को बिना पिंजरा खोले ही बाहर निकाल दें” साथ ही यह शर्त...

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चोर की दाढी मे तिनका

एक बार अकबर को बीरबल की चतुराई परखने की इच्छा हुई। उन्होंने अपनी उंगली से अंगुठी उतारकर अपने एक दरबारी को सौंप दी और उससे कहा इस अंगुठी को तुम अपने पास छिपाकर रख लो। इसके विषय में किसी से कुछ मत कहना। आज हम बीरबल को थोडा परेशान करना चाहते है। थोडी देर बाद जैसे ही बीरबल दरबार में आये अकबर ने कहा – बीरबल आज सुबह मेरी अंगुठी खो गई वह अंगूठी मुझे बेहद...

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अरबी घोड़े

महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में एक दिन एक अरब प्रदेश का व्यापारी घोड़े बेचने आता है। वह अपने घोड़ो का बखान कर के महाराज कृष्णदेव राय को सारे घोड़े खरीदने के लिए राजी कर लेता है तथा अपने घोड़े बेच जाता है। अब महाराज के घुड़साल इतने अधिक घोड़े हो जाते हैं कि उन्हें रखने की जगह नहीं बचती, इसलिए महाराज के आदेश पर बहुत से घोड़ों को विजयनगर के आम नागरिकों और...

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सत्रहवीं पुतली – विद्यावती ~ विक्रमादित्य की परोपकार तथा त्याग की भावना!

सत्रहवीं पुतली – विद्यावती नामक ने जो कथा कही वह इस प्रकार है- महाराजा विक्रमादित्य की प्रजा को कोई कमी नहीं थीं। सभी लोग संतुष्ट तथा प्रसन्न रहते थे। कभी कोई समस्या लेकर यदि कोई दरबार आता था उसकी समस्या को तत्काल हल कर दिया जाता था। प्रजा को किसी प्रकार का कष्ट देने वाले अधिकारी को दण्डित किया जाता था। इसलिए कहीं से भी किसी तरह की शिकायत...

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किसी भी विज्ञापन को विश्वास करने से पहले जांच करें ।

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