घतकुमार -जातक कथा

वाराणसी में राज्य करता हुआ घतकुमार नाम के एक राजा ने अपने हरम में एक मंत्री के दुर्व्यवहार को देखा। उसने उस मंत्री को दण्डित करते हुए अपने राज्य से निष्कासित कर दिया। उस मंत्री ने तब श्रावस्ती के राजा वंक के पास शरण ली। कुछ दिनों के बाद उस मंत्री ने राजा वंक को वाराणसी राज्य के कई भेद बताये। जिससे वंक ने वाराणसी पर आक्रमण किया और उस राज्य को अपने...

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अधूरापन

अधूरापन शब्द सुनते ही मन में एक नेगेटिव थॉट आ जाती है। क्योंकि यह शब्द अपने आप में जीवन की किसी कमी को दर्शाता है। पर सोचिये कि अगर ये थोड़ी सी कमी जीवन में ना हो तो जीवन खत्म सा नहीं हो जायेगा? अगर आप ध्यान दीजिए तो आदमी को काम करने के लिए प्रेरित ही यह कमी करती है। कोई भी कदम, हम इस खालीपन को भरने की दिशा में ही उठाते हैं। साइकोलॉजिस्ट का कहना...

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नाई के कुबड़े भाई की कहानी – अलिफ लैला

सरकार, मेरा सबसे बड़ा भाई जिसका नाम बकबक था, कुबड़ा था। उसने दरजीगीरी सीखी और जब यह काम सीख लिया तो उसने अपना कारबार चलाने के लिए एक दुकान किराए पर ली। उस की दुकान के सामने ही एक आटा चक्कीवाले की दुकान थी। चक्कीवाले का काम अच्छा चलता था और वह बहुत धनवान था किंतु मेरे भाई का काम नया था और वह बेचारा रोज कमाता और रोज खाता था। एक दिन मेरा भाई काम कर...

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शिवाजी और मुखिया

शिवाजी के समक्ष एक बार उनके सैनिक किसी गाँव के मुखिया को पकड़ कर ले लाये . मुखिया बड़ी-घनी मूछों वाला बड़ा ही रसूखदार व्यक्ति था, पर आज उसपर एक विधवा की इज्जत लूटने का आरोप साबित हो चुका था. उस समय शिवाजी मात्र १४ वर्ष के थे, पर वह बड़े ही बहादुर, निडर और न्याय प्रिय थे और विशेषकर महिलाओं के प्रति उनके मन में असीम सम्मान था. उन्होंने तत्काल अपना...

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दर्जी की सीख

एक दिन स्कूल में छुट्टी की घोषणा होने के कारण, एक दर्जी का बेटा, अपने पापा की दुकान पर चला गया ।वहाँ जाकर वह बड़े ध्यान से अपने पापा को काम करते हुए देखने लगा । उसने देखा कि उसके पापा कैंची से कपड़े को काटते हैं और कैंची को पैर के पास टांग से दबा कर रख देते हैं । फिर सुई से उसको सीते हैं और सीने के बाद सु ई को अपनी टोपी पर लगा लेते हैं । जब उसने...

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बेंगन की सब्जी

एक बार अकबर बीरबल शाही दावत का आनंद ले रहे थे तभी अकबर ने बैंगन की सब्जी खाई तो वे बोले, “यह तो बहुत स्वादिष्ट है, मैं इसे बहुत पसंद करता हूँ। ” “जी हांँ, हुजूर! यह तो सब्जियों का सरताज है, इसके बिना दावत अधूरी है। ” बीरबल ने कहा। कुछ दिनों बाद फिर दावत थी, अबकी बार अकबर ने कहा “मेरा मन अब बैंगन से उब गया है, मैं इसे ज्यादा पसंद नहीं करता” “हुजूर...

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हर काम अपने समय पर ही होता है

एकबार एक व्यक्ति भगवान् के दर्शन करने पर्वतों पर गया| जब पर्वत के शिखर पर पहुंचा तो उसे भगवान् के दर्शन हुए | वह व्यक्ति बड़ा खुश हुआ | उसने भगवान से कहा – भगवान् लाखों साल आपके लिए कितने के बराबर हैं ? भगवान ने कहा – केवल 1 मिनट के बराबर फिर व्यक्ति ने कहा – भगवान् लाखों रुपये आपके लिए कितने के बराबर हैं ? भगवान ने कहा – केवल 1 रुपये के बराबर तो...

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बुद्ध का व्यक्तित्व -जातक कथा

बुद्ध के व्यक्तित्व के संदर्भ में कम ही जानकारियाँ प्राप्त हैं । उनके विरोधी और आलोचकों को भी यह स्वीकार्य है कि वे “सुन्दर” और “आकर्षक” व्यक्तित्व के स्वामी थे । रुप-लावण्य, कद-काठी और तेजस्विता से वे सभी का मन मोह लेते थे । दीर्घनिकाय के ‘लक्खण-सुत’ के अनुसार अन्य बुद्धों की तरह वे भी अनेक गुणों से सम्पन्न थे...

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सर्वश्रेष्ठ वर कौन – बेताल पच्चीसी – नवीं कहानी!

चम्मापुर नाम का एक नगर था, जिसमें चम्पकेश्वर नाम का राजा राज करता था । उसके सुलोचना नाम की रानी थी और त्रिभुवनसुन्दरी नाम की लड़की। राजकुमारी यथा नाम तथा गुण थी। जब वह बड़ी हुई तो उसका रूप और निखर गया। राजा और रानी को उसके विवाह की चिन्ता हुई। चारों ओर इसकी खबर फैल गयी। बहुत-से राजाओं ने अपनी-अपनी तस्वीरें बनवाकर भेंजी, पर राजकुमारी ने किसी को भी...

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टोनी रॉबिंस के अनमोल विचार

Quote 1: Setting goals is the first step in turning the invisible into the visible. In Hindi: लक्ष्य  बनाना  अदृश्य  को  दृश्य  में  बदलने  का  पहला  कदम  है । Quote 2: To effectively communicate, we must realize that we are all different in the way we perceive the world and use this understanding as a guide to our communication with others. In...

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पेड़ों की समस्या

एक राजा बहुत दिनों बाद अपने बागीचे में सैर करने गया , पर वहां पहुँच उसने देखा कि सारे पेड़- पौधे मुरझाए हुए हैं । राजा बहुत चिंतित हुआ, उसने इसकी वजह जानने के सभी पेड़-पौधों से एक-एक करके सवाल पूछने लगा । ओक वृक्ष ने कहा, वह मर रहा है क्योंकि वह देवदार जितना लंबा नहीं है। राजा ने देवदार की और देखा तो उसके भी कंधे झुके हुए थे क्योंकि वह अंगूर लता...

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चोर की दाढी मे तिनका

एक बार अकबर को बीरबल की चतुराई परखने की इच्छा हुई। उन्होंने अपनी उंगली से अंगुठी उतारकर अपने एक दरबारी को सौंप दी और उससे कहा इस अंगुठी को तुम अपने पास छिपाकर रख लो। इसके विषय में किसी से कुछ मत कहना। आज हम बीरबल को थोडा परेशान करना चाहते है। थोडी देर बाद जैसे ही बीरबल दरबार में आये अकबर ने कहा – बीरबल आज सुबह मेरी अंगुठी खो गई वह अंगूठी मुझे बेहद...

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बीरबल का न्याय

एक बार की बात है बादशाह अकबर दरबार में बैठे हुए थे, ठीक तभी एक तेली और कसाई परस्पर लडते-झगडते हुए आये, बीरबल ने पूछा- तुम दोनों में से शिकायत कौन लेकर आया है? इस पर तेली ने कहा- हूजूर मैं वादी हूं, कसाई ने कहा – मैं प्रतिवादी हूं हूजूर. बीरबल ने उन दोनों से लडाई का कारण पूछा इस पर तेली ने कहा- गरीब परवर मैं अपनी दुकान पर बैठा हुआ हिसाब लिख रहा था...

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कौवे की परेशानी

यदि आपको सुखी रहना है तो किसी से अपनी तुलना नहीं करो । ‘आप’ आप ही हो। आप के समान कोई नहीं। फिर क्यों दूसरों से अपनी तुलना करना, इर्षा करना ? आइये इस बात को एक कहानी के माध्यम से समझते हैं – एक कौआ जंगल में रहता था और अपने जीवनसे संतुष्ट था। एक दिन उसने एक हंस को देखा,  “यह हंस कितना सफ़ेद है, कितना सुन्दर लगता है।” , उसने मन ही मन सोचा। उसे लगा कि...

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व्यवहार के बारे में (ज्ञान और व्यवहार, जानने और कर्म करने के आपसी संबंध के बारे में) – माओ त्से–तुङ, जुलाई 1937

हमारी पार्टी में कुछ साथी कठमुल्लावादी थे, जिन्होंने एक लंबे समय तक चीनी क्रांति के अनुभव को अस्वीकार किया और इस सत्य को नहीं माना कि “मार्क्सवाद कोई कठमुल्ला–सूत्र नहीं बल्कि कर्म का मार्गदर्शक है”। वे लोग मार्क्सवादी रचनाओं के वाक्यों और वाक्यांशों को उनके प्रसंग से अलग करके उन्हें रट लेते थे और उनके जरिए लोगों पर रोब गालिब करते थे। कुछ साथी...

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सबसे बड़ा पुण्य

एक राजा बहुत बड़ा प्रजापालक था, हमेशा प्रजा के हित में प्रयत्नशील रहता था. वह इतना कर्मठ था कि अपना सुख, ऐशो-आराम सब छोड़कर सारा समय जन-कल्याण में ही लगा देता था . यहाँ तक कि जो मोक्ष का साधन है अर्थात भगवत-भजन, उसके लिए भी वह समय नहीं निकाल पाता था. एक सुबह राजा वन की तरफ भ्रमण करने के लिए जा रहा था कि उसे एक देव के दर्शन हुए. राजा ने देव को प्रणाम...

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हिरों से भरा ख़ेत

हफ़ीज अफ़्रीका का एक़ किसान था वह अपनी ज़िन्दगी से ख़ुश और संतुश्ट था। हफ़ीज ख़ुश ईसलिए था क़्योंकि वह संतुश्ट था। वह संतुश्ट ईसलिए था क्योंकि वह ख़ुश था। एक़ दिन एक़ अक़्लमन्द आदमी उसके पास आया और हफ़ीज को हिरों के महत्त्व और उनसें जुङी ताकत के बारे मेँ बताया। उसनें हफ़ीज से कहा- अग़र तुम्हारे पास अंगूठे जीतना भी बडा हीरा हो तो तुम पुरा शहर ख़रीद सकते हो। और अग़र...

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शिवाजी और चीते

तब पुणे के करीब नचनी गाँव में एक भयानक चीते का आतंक छाया हुआ था . वह अचानक ही कहीं से हमला करता था और जंगल में ओझल हो जाता. डरे हुए गाँव वाले अपनी समस्या लेकर शिवाजी के पास पहुंचे . ” हमें उस भयानक चीते से बचाइए . वह ना जाने कितने बच्चों को मार चुका है , ज्यादातर वह तब हमला करता है जब हम सब सो रहे होते हैं.” शिवाजी ने धैर्यपूर्वक ग्रामीणों को सुना...

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मैक्सिम गोर्की का पत्र रूसी कामरेडों के नाम – Maxim Gorky(1906)

1 जनवरी, 1906 कामरेड, गरीबी की क्रूरता के विरुद्ध संघर्ष का अर्थ है, दुनिया में फैले उत्पीडऩ के जाल से मुक्ति के लिए छेडी गई जंग, और ढेरों असभ्य विरोधाभासों से भरी इस लड़ाई को लोग बहुत ही कमजोर तरीके से लड़ रहे हैं. आप पुरुषोचित तरीके से पूरी ताकत के साथ इस जाल को काटने की कोशिशों में लगे हैं, उधर आपके दुश्मन आपकी कोशिशों को तोडऩे और आप को हर संभव...

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इन्क़लाब ज़िन्दाबाद – भगत सिंह (1929)

भगतसिंह ने अपने विचार स्पष्ट रूप से इंडियन जनता के सामने रखे। उनके विचार में, क्रांति की तलवार विचारों की धार से ही तेज होती है। वे विचारधारात्मक क्रान्तिकारी हालात के लिए संघर्ष कर रहे थे। अपने विचारों पर हुए सभी वारों का उन्होंने तर्कपूर्ण उत्तर दिया। यह वार अंग्रेजी सरकार की ओर से किए गए या देशी नेताओं की ओर से अखबारों में। शहीद यतीन्द्रनाथ दास...

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