बुद्ध के सम्बोधि-प्राप्ति के पश्चात् सुद्धोदन ने उन्हें कई बार अपने दूतों को भेज कर बुलवाने की चेष्टा की, किन्तु हर दूत बुद्ध से प्रभावित हो उनका अनुयायी बन संघ में प्रविष्ट हो जाता। अंतत: सुद्धोदन ने बुद्ध को बचपन के मित्र कालुदायी को दूत बना बुद्ध के पास अपने संदेश के साथ भेजा । कालुदायी भी भिक्षु बन उनके संघ में प्रविष्ट हो गये, किन्तु उन्हें...
उपर्युक्त कहानी के मध्य में एक यात्रा में जैनुस्सनम के दरियाबार देश मे जाने का भी उल्लेख है। वहाँ की एक चित्ताकर्षक कथा उस ने सुनी थी। वह कथा भी इस जगह कही जाती है। हैरन नगर में एक बड़ा प्रतापी बादशाह था जिसे भगवान ने सब कुछ दे रखा था। किंतु उस के कोई संतान नहीं थी। एक रात को उसे सपने में दिखाई दिया कि एक दिव्य पुरुष उस से कह रहा है, उठ, भगवान...
यूनान देश के एक गाँव का लड़का जंगल में लकड़ियाँ काट के शाम को पास वाले शहर के बाजार मे बेचकर अपना गुजारा करता था. एक दिन एक विद्वान व्यक्ति बाजार से जा रहा था. उसने देखा कि उस बालक का गट्ठर बहुत ही कलात्मक रूप से बंधा हुआ है. उसने उस लड़के से पूछा- “क्या यह गट्ठर तुमने बांधा है?” लड़के ने जवाब दिया : “जी हाँ, मै दिनभर लकड़ी काटता हूँ, स्वयं गट्ठर...
Andrew Carnegie अपने बचपन के दिनों में हि Scotland से America चलें गए थे। उन्होंने छोटे-मोटे कामो से शुरूआत क़ी और अंत में आख़िरकार America में Steel बनाने वाली सबसें बडी Company के मालिक बन गए। उनके पास एक़ ऐसा वक्त भी आया जब उनके लिये 43 करोडपति काम करते थे । करोड़ों रूपये इस ज़माने में भी बहूत होते हैं लेक़िन सन 1920 के आसपास तो उनकी क़ीमत बहूत ज़्यादा...
ज्ञान क्या है? जब से वर्ग-समाज बना है दुनिया में सिर्फ़ दो ही प्रकार का ज्ञान देखने में आया है-उत्पादन के संघर्ष का ज्ञान और वर्ग-संघर्ष का ज्ञान। प्राकृतिक विज्ञान और सामाजिक विज्ञान उक्त दो प्रकार के ज्ञान का निचोड़ है तथा दर्शनशास्त्र प्रकृति संबंधी ज्ञान और सामाजिक ज्ञान का सामान्यीकरण और समाकलन है। क्या ज्ञान की और भी कोई किस्म है? नहीं। अब हम...
एक शहर में एक धोबी रहता था । उसके पास एक गधा भी था । घास न मिलने से वह बहुत दुबला हो गया । धोबी ने तब एक उपाय सोचा । कुछ दिन पहले जंगल में घूमते-घूमते उसे एक मरा हुआ शेर मिला था, उसकी खाल उसके पास थी । उसने सोचा यह खाल गधे को ओढ़ा कर खेत में भेज दूंगा, जिससे खेत के रखवाले इसे शेर समझकर डरेंगे और इसे मार कर भगाने की कोशिश नहीं करेंगे । धोबी की चाल...
एक बार बीरबल से जलने वालों दरबारियों ने शाही नाई का सहारा लिया। नाई ने एक दिन अकबर से कहा, “महाराज, आप सबका ख्याल रखते हैं पर अपने पूर्वजों के बारे में कयों नहीं सोचते?” “मैं उनके लिये क्या कर सकता हूँ ?” अकबर ने पूछा। “आप उनके लिए एक चतुर आदमी भेज दिजिए, बीरबल इस काम के लिए ठीक रहेगा” अकबर को नाई की बात जँच गई. अकबर ने बीरबल को अपने पूर्वजों के...
रात काफी हो गयी थी जब मैं उस घर से विदा हुआ जहाँ मित्रों की एक गोष्ठी में अपनी प्रकाशित कहानियों में से एक का मैंने अभी पाठ किया था। उन्होंने तारीफ के पुल बांधने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी और मैं धीरे-धीरे मगन भाव से सड़क पर चल रहा था, मेरा हृदय आनंद से छलक रहा था और जीवन के एक ऐसा सुख का अनुभव मैं कर रहा था जैसा पहले कभी नहीं किया था। फरवरी का...
अंखियाॅ तो झैन परि, पंथ निहार निहार जीव्या तो छाला पारया, हरि पुकार पुकार। प्रभु की राह देखते-देखते आॅंखें में काला झम्ई पड़ गया है और हरि का नाम पुकारते-पुकारते जीव मे छाला पड़ गया है। प्रभु तुम कब आओगे। Aakhiyan to jhain pari , panth nihar nihar Jivya to chhala parya , Hari pukar pukar . There has been darkness around my eyes continuously seeing...
आज का हर एक भक्त भक्ति करके मानो एहसान कर रहा हो, भक्ति का अर्थ होता है प्रेम, लगाव न की सौदेबाजी लेकिन आज के भक्त यही कर रहे है. वह मंदिर जाते है इसलिए नहीं की उन्हें भगवान से प्रेम है, लगाव है; नहीं! बल्कि वह अपनी इच्छाओ की पूर्ति के लिये भगवान की भक्ति करते है. वह चाहते है की भगवान उनकी सेवा करे. यह गुरु भक्ति की कहानी पड़े. एक साधु नदी के...
रामदास का एक व्यापारी मित्र मोतीचंद था. उन दोनों में काफी गहरी मित्रता थी. एक दिन मोतीचंद को सपरिवार यात्रा पर किसी दूसरे शहर जाना पडा, उसने अपना सारा सामान रामदास के हवाले कर दिया और बेफिक्र होकर चला गया. यात्रा लंबी थी इसलिए मोतीचंद को अपने शहर लौटने में तीन वर्ष लग गये घर में आकर उसने देखा की किवाड खुले पडे हैं और उसके घर का सारा सामान गायब है...
सर्दियों के दिन थे, अकबर का दरबार लगा हुआ था। तभी फारस के राजा का भेजा एक दूत दरबार में उपस्थित हुआ। राजा को नीचा दिखाने के लिए फारस के राजा ने मोम से बना शेर का एक पुतला बनवाया था और उसे पिंजरे में बंद कर के दूत के हाथों अकबर को भिजवाया, और उन्हे चुनौती दी की इस शेर को पिंजरा खोले बिना बाहर निकाल कर दिखाएं। बीरबल की अनुपस्थिति के कारण अकबर सोच पड़...
तिब्बत में बहुत दिन पहले की बात है, दो आश्रम थे एक आश्रम तिब्बत की राजधानी लहासा में था और इसकी एक शाखा दूर कहीं पहाड़ों के भीतर थी। वह लामा, जो इस आश्रम का प्रधान था, बूढ़ा हो रहा था और वह चाहता था कि प्रमुख आश्रम से उसका उत्तराधिकारी बनने के लिए किसी को वहां भेजा जाए। उसने एक संदेश भेजा। एक लामा वहां गया–यह कुछ सप्ताह का पैदल मार्ग था।...
अधूरापन शब्द सुनते ही मन में एक नेगेटिव थॉट आ जाती है। क्योंकि यह शब्द अपने आप में जीवन की किसी कमी को दर्शाता है। पर सोचिये कि अगर ये थोड़ी सी कमी जीवन में ना हो तो जीवन खत्म सा नहीं हो जायेगा? अगर आप ध्यान दीजिए तो आदमी को काम करने के लिए प्रेरित ही यह कमी करती है। कोई भी कदम, हम इस खालीपन को भरने की दिशा में ही उठाते हैं। साइकोलॉजिस्ट का कहना...
कब्रिस्तान का वह कोना, जहाँ भिखारी दफ़नाये जाते हैं। पत्तों से छितरे, बारिश से बहे और आँधियों से जर्जर कब्रों के ढूहों के बीच, दो मरियल-से बर्च वृक्षों के जालीदार साये में, जिघम के फटे-पुराने कपड़े पहने और सिर पर काली शॉल डाले एक स्त्री एक कब्र के पास बैठी थी। सफ़ेद पड़ चले बालों की एक लट उसके मुरझाये हुए गाल के ऊपर झूल रही थी, उसके महीन होंठ कसकर...
एक बार एक शिक्षक संपन्न परिवार से सम्बन्ध रखने वाले एक युवा शिष्य के साथ कहीं टहलने निकले . उन्होंने देखा की रास्ते में पुराने हो चुके एक जोड़ी जूते उतरे पड़े हैं , जो संभवतः पास के खेत में काम कर रहे गरीब मजदूर के थे जो अब अपना काम ख़त्म कर घर वापस जाने की तयारी कर रहा था . शिष्य को मजाक सूझा उसने शिक्षक से कहा , “ गुरु जी क्यों न हम ये जूते कहीं...
एक दिन गुरुकुल के शिष्यों में इस बात पर बहस छिड़ गयी कि आखिर इस संसार की सबसे शक्तिशाली वस्तु क्या है ? कोई कुछ कहता, तो कोई कुछ…जब पारस्परिक विवाद का कोई निर्णय ना निकला तो फिर सभी शिष्य गुरुजी के पास पहुँचे। सबसे पहले गुरूजी ने उन सभी शिष्यों की बातों को सुना और कुछ सोचने के बाद बोले- तुम सबों की बुद्धि ख़राब हो गयी है! क्या ये अनाप-शनाप निरर्थक...
एक दिन अकबर ने बीरबल से कहा: “क्या आप मुझे बता सकते हैं कि तुम्हारी पत्नी कितनी चूड़ी पहनती हैं?” बीरबल ने कहा कि वह नहीं बता सकते । “तुम बता नहीं सकते?” अकबर ने कहा “तुम हर दिन उसके हाथ देखते हो जब वह खाना बनाती है। फिर भी आप नहीं जानते कि उनके हाथ में कितने चूड़ियां हैं? यह कैसे है?” बीरबल ने कहा, “हम बगीचे में चलते हैं, महाराज,” फिर मैं आपको...
एक बार किसी ने दो तोते-भाइयों को पकड़ कर एक राजा को भेंट में दिया। तोतों के गुण और वर्ण से प्रसन्न हो राजा ने उन्हें सोने के पिंजरे में रखा, उनका यथोचित सत्कार करवाया और प्रतिदिन शहद और भुने मक्के का भोजन करवाता रहा। उन तोतों में बड़े का नाम राधा और छोटे का नाम पोट्ठपाद था। एक दिन एक वनवासी राजा को एक काले, भयानक बड़े-बड़े हाथों वाला एक लंगूर भेंट में...
शहरजाद की कहानी रात रहे समाप्त हो गई तो दुनियाजाद ने कहा – बहन, यह कहानी तो बहुत अच्छी थी, कोई और भी कहानी तुम्हें आती है? शहरजाद ने कहा कि आती तो है किंतु बादशाह की अनुमति हो तो कहूँ। बादशाह ने अनुमति दे दी और शहरजाद ने कहना शुरू किया। खलीफा हारूँ रशीद के राज्य में बगदाद में एक मजदूर रहता था। वह स्वभाव का बड़ा हँसमुख और बातूनी था। एक दिन...