परमात्मा और किसान

एक बार एक  किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया ! कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये! हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी ख़राब हो जाये! एक  दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा ,देखिये प्रभु, आप परमात्मा हैं , लेकिन लगता है आपको खेती-बाड़ी की ज्यादा जानकारी नहीं है ,एक प्रार्थना है कि एक साल मुझे...

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श्रवण कुमार

पौराणिक युग में शांतुनु नामक एक सिद्ध साधू थे, इनकी पत्नी भी एक सिद्ध धर्म परायण नारि थी  ।  कहानी उस समय की हैं, जब शांतुनु और उनकी पत्नी बहुत वृद्ध हो चुके थे और उनकी आँखों की रोशनी भी चली गई थी  ।  इन दोनों का एक पुत्र था जिसका नाम था श्रवण कुमार  ।  श्रवण कुमार बहुत ही सरल स्वभाव का व्यक्ति था  ।  माता-पिता के लिए उसके मन में बहुत प्रेम एवम...

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मियां शेख चिल्ली चले चोरी करने

मियां शेख चिल्ली चले चोरों के संग “चोरी करने” एक बार अंधेरी रात में मियां शेख चिल्ली अपने घर की ओर चले जा रहे थे। तभी अचानक उनके पास से चार चोर गुज़रे। चुप-चाप दबे पाँव आगे बढ़ रहे चोरों के पास जा कर मियां शेख चिल्ली नें उनसे पूछा कि आप सब इस वक्त कहाँ जा रहे हैं। चोरों नें सोचा कि मियां शेख चिल्ली भी उन्ही की तरह कोई चोर है और साफ-साफ बता दिया कि...

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कबीर के दोहे – बन्धन/Chain

आंखो देखा घी भला, ना मुख मेला तेल साधु सोन झगरा भला, ना साकुत सोन मेल। धी देखने मात्र से ही अच्छा लगता है पर तेल मुॅुह में डालने पर भी अच्छा नहीं लगता है। संतो से झगड़ा भी अच्छा है पर दुष्टों से मेल-मिलाप मित्रता भी अच्छा नहीं है। Aakhon dekha ghee bhala,na mukh mela tel Sadhu son jhagra bhala,na sakut son mel. Ghee looks good even to see but oil...

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ककुसन्ध बुद्ध -जातक कथा

पालि-परम्परा में ककुसन्ध बाईसवें बुद्ध हैं । ये खेमा वन में जन्मे थे। इनकी माता का नाम विशाखा था। इनकी पत्नी का नाम विरोचमना और पुत्र का नाम उत्तर था। शिरीष-वृक्ष के नीचे इन्हें ज्ञान-प्राप्ति हुई और अपना प्रथम उपदेश इन्होंने मकिला के निकट एक उद्यान में, चौरासी हज़ार भिक्षुओं को दिया। भिक्षुओं में विधुर एवं संजीव इनके पट्टशिष्य थे और भिक्षुणियों...

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शहरयार और शाहजमाँ की कहानी – अलिफ़ लैला

फारस देश भी हिंदुस्तान और चीन के समान था और कई नरेश उसके अधीन थे। वहाँ का राजा महाप्रतापी और बड़ा तेजस्वी था और न्यायप्रिय होने के कारण प्रजा को प्रिय था। उस बादशाह के दो बेटे थे जिनमें बड़े लड़के का नाम शहरयार और छोटे लड़के का नाम शाहजमाँ था। दोनों राजकुमार गुणवान, वीर धीर और शीलवान थे। जब बादशाह का देहांत हुआ तो शहजादा शहरयार गद्दी पर बैठा और...

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काबिलियत की पहचान

किसी  जंगल  में  एक  बहुत  बड़ा  तालाब  था . तालाब  के   पास  एक बागीचा  था , जिसमे  अनेक  प्रकार  के पेड़  पौधे  लगे थे . दूर- दूर  से  लोग  वहाँ  आते  और बागीचे  की  तारीफ  करते . गुलाब के पेड़ पे लगा पत्ता हर रोज लोगों को आते-जाते और फूलों की तारीफ करते देखता, उसे लगता की हो सकता है एक दिन कोई  उसकी भी तारीफ करे. पर जब काफी दिन बीत जाने के बाद भी...

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मेहनत का महत्त्व

राहुल एक समझदार लड़का था, लेकिन वह पढाई के मामले में हमेशा मेहनत करने से बचता था। एक बार जब उसका पसंदीदा कप टूट गया तो माँ ने उसे बाज़ार से खुद जाकर एक अच्छा कप लाने को कहा। पहली बार राहुल को इस तरह का कोई काम मिला था, वह मन ही मन खुश हो रहा था कि चलो इसी बहाने उसे बाहर जाने को मिलेगा और उतनी देर कोई पढने के लिए नहीं कहेगा। वह पास के बाजार में...

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शांति की खोज

कथा है कि चीन के सम्राट ने बोधिधर्म से पूछाः ‘मेरा चित्त अशांत है, बेचैन है। मेरे भीतर निरंतर अशांति मची रहती है । मुझे थोड़ी शांति दें या मुझे कोई गुप्त मंत्र बताएं कि कैसे मैं आंतरिक मौन को उपलब्ध होऊं।’’ बोधिधर्म ने सम्राट से कहाः ‘आप सुबह ब्रह्यमुहुर्त में यहां आ जाएं, चार बजे सुबह आ जाएं। जब यहां कोई भी न हो, जब मैं यहां अपने झोपड़े में अकेला...

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अंधे बाबा अब्दुल्ला की कहानी – अलिफ लैला

बाबा अब्दुल्ला ने कहा कि मैं इसी बगदाद नगर में पैदा हुआ था। मेरे माँ बाप मर गए तो उनका धन उत्तराधिकार में मैंने पाया। वह धन इतना था कि उससे मैं जीवन भर आराम से रह सकता था किंतु मैंने भोग-विलास में सारा धन शीघ्र उड़ा दिया। फिर मैंने जी तोड़ कर धनार्जन किया और उससे अस्सी ऊँट खरीदे। मैं उन ऊँटों को किराए पर व्यापारियों को दिया करता था। उनके किराए से...

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चतुर खरगोश और शेर ~ पंचतंत्र

किसी घने वन में एक बहुत बड़ा शेर रहता था। वह रोज शिकार पर निकलता और एक ही नहीं, दो नहीं कई-कई जानवरों का काम तमाम देता। जंगल के जानवर डरने लगे कि अगर शेर इसी तरह शिकार करता रहा तो एक दिन ऐसा आयेगा कि जंगल में कोई भी जानवर नहीं बचेगा। सारे जंगल में सनसनी फैल गई। शेर को रोकने के लिये कोई न कोई उपाय करना ज़रूरी था। एक दिन जंगल के सारे जानवर इकट्ठा...

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लोभी नाई ~ पंचतंत्र

एक प्रदेश में एक धनिक महाजन रहता था । लोक-सेवा और धर्मकार्यों में रत रहने से उसके धन-संचय में कुछ़ कमी आ गई, समाज में मान घट गया । इससे महाजन को बहुत दुःख हुआ । दिन-रात चिन्तातुर रहने लगा । यह चिन्ता निष्कारण नहीं थी । धनहीन मनुष्य के गुणों का भी समाज में आदर नहीं होता। उसके शील-कुल-स्वभाव की श्रेष्ठता भी दरिद्रता में दब जाती है । बुद्धि, ज्ञान और...

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शहादत से पहले साथियों को अन्तिम पत्र – भगत सिंह (1931)

साथियो, स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, मैं इसे छिपाना नहीं चाहता। लेकिन एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ,कि मैं कैद होकर या पाबन्द होकर जीना नहीं चाहता। मेरा नाम हिन्दुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊँचा उठा दिया है- इतना ऊँचा कि जीवित रहने की स्थिति में इससे ऊँचा मैं...

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बख्तर की परीक्षा

एक बार अकबर बादशाह ने एक कारीगर को बख्तर बंद लोहे का वस्त्र, जिसे फौजी युद्ध के अवसर पर धारण करते हैं बनाने का आदेश दिया। राजा के आदेशनुसार कुछ दिन के बाद कारीगर ने बख्तर बंद तैयार करके बादशाह के सामने हाजिर कर दिया। इसे बनाने में कारीगर ने कोई कसर बाकी नहीं रखी थी। अकबर बादशाह को वह लोहे का वस्त्र बहुत पंसद आया, लेकिन दूसरे ही क्षण उन्हें उसकी...

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चाणक्य नीति : नवां अध्याय

1. यदि तुम पाप के चक्र से मुक्त होना चाहते हो तो जिन विषयो के पीछे तुम इन्द्रियों की संतुष्टि के लिए भागते फिरते हो उन्हें ऐसे त्याग दो जैसे तुम विष को त्याग देते हो. इन सब को छोड़कर सहनशीलता, ईमानदारी का आचरण, दया, शुचिता और सत्य का अमृत पियो. 2. वो शातिर बेईमान लोग जो दूसरो की गुप्त खामियों को उजागर करते हुए फिरते है, वह उसी तरह नष्ट हो जाते है...

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छत्रपति शिवाजी महाराज के अनमोल विचार

Quote 1: स्वतंत्रता एक वरदान है, जिसे पाने का अधिकारी हर कोई है। Quote 2: यदि एक पेड़, जोकि इतनी उच्च जीवित सत्ता नहीं है, इतना सहिष्णु और दयालु हो सकता है कि किसी के द्वारा मारे जाने पर भी  उसे मीठे आम दे; तो एक राजा होकर, क्या मुझे एक पेड़ से अधिक सहिष्णु और दयालु नहीं होना चाहिए? Quote 3: नारी के सभी अधिकारों में, सबसे महान अधिकार माँ बनने का है...

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एक चुटकी ईमानदारी

रामू काका अपनी ईमानदारी और नेक स्वाभाव के लिए पूरे गाँव में प्रसिद्द थे। एक बार उन्होंने अपने कुछ मित्रों को खाने पर आमंत्रित किया। वे अक्सर इस तरह इकठ्ठा हुआ करते और साथ मिलकर अपनी पसंद का भोजन बनाते। आज भी सभी मित्र बड़े उत्साह से एक दुसरे से मिले और बातों का दौर चलने लगा। जब बात खाने को लेकर शुरू हुई तभी काका को एहसास हुआ कि नमक तो सुबह ही ख़त्म...

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सफलता का रहस्य

एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या  है? सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो. वो मिले. फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा.और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया. लड़का बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगा ...

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परोपकार की ईंट

बहुत समय पहले की बात है एक विख्यात ऋषि गुरुकुल में बालकों को शिक्षा प्रदान किया करते थे. उनके गुरुकुल में बड़े-बड़े रजा महाराजाओं के पुत्रों से लेकर साधारण परिवार के लड़के भी पढ़ा करते थे। वर्षों से शिक्षा प्राप्त कर रहे शिष्यों की शिक्षा आज पूर्ण हो रही थी और सभी बड़े उत्साह के साथ अपने अपने घरों को लौटने की तैयारी कर रहे थे कि तभी ऋषिवर की तेज आवाज...

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विपस्सी बुद्ध -जातक कथा

पालि परम्परा में विपस्सी उन्नीसवें बुद्ध माने जाते हैं। उनका जन्म बन्धुमती के खेम-उद्यान में हुआ था । उनकी माता का नान भी बन्धुमती था । उनके पिता का नाम बन्धुम था । उनका विवाह सूतना के साथ हुआ था जिससे उन्हें समवत्तसंघ नामक पुत्र की प्राप्ति हुई थी। एक रथ पर सवार हो उन्होंने अपने गृहस्थ-जीवन का परित्याग किया था। तत: आठ महीने के तप के बाद उन्होंने...

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