Category - शिक्षाप्रद कहानियाँ

भिखारी कि आत्म-सम्मान

एक भिखारी किसी स्टेशन पर पेँसिलोँ से भरा कटोरा लेकर बैठा हुआ था। एक युवा व्यवसायी उधर से गुजरा और उसनेँ कटोरे मेँ 50 रूपये डाल दिया, लेकिन उसनेँ कोई पेँसिल नहीँ ली । उसके बाद वह ट्रेन मेँ बैठ गया । डिब्बे का दरवाजा बंद होने ही वाला था कि अधिकारी एकाएक ट्रेन से उतर कर भिखारी के पास लौटा और कुछ...

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सबसे कीमती चीज

सबसे कीमती चीज एक जाने-माने स्पीकर ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सेमीनार शुरू की । हाल में बैठे सैकड़ों लोगों से उसने पूछा ,” ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?” हाथ उठना शुरू हो गए । सबसे कीमती चीज फिर उसने कहा ,” मैं इस नोट को आपमें से किसी एक को दूंगा पर उससे पहले मुझे ये कर लेने...

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दोस्त का जवाब

बहुत समय पहले की बात है , दो दोस्त बीहड़ इलाकों से होकर शहर जा रहे थे  । गर्मी बहुत अधिक होने के कारण वो बीच -बीच में रुकते और आराम करते  । उन्होंने अपने साथ खाने-पीने की भी कुछ चीजें रखी हुई थीं  । जब दोपहर में उन्हें भूख लगी तो दोनों ने एक जगह बैठकर खाने का विचार किया  । खाना खाते – खाते दोनों...

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प्रेरणा का स्रोत

दोस्तों ,जिंदगी है तो संघर्ष हैं,तनाव है,काम का दबाव है, ख़ुशी है,डर है !लेकिन अच्छी बात यह है कि ये सभी स्थायी नहीं हैं!समय रूपी नदी के प्रवाह में से सब प्रवाहमान हैं!कोई भी परिस्थिति चाहे ख़ुशी की हो या ग़म की, कभी स्थाई नहीं होती ,समय के अविरल प्रवाह में विलीन हो जाती है! प्रेरणा का स्रोत ऐसा...

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एक चुटकी ईमानदारी

रामू काका अपनी ईमानदारी और नेक स्वाभाव के लिए पूरे गाँव में प्रसिद्द थे। एक बार उन्होंने अपने कुछ मित्रों को खाने पर आमंत्रित किया। वे अक्सर इस तरह इकठ्ठा हुआ करते और साथ मिलकर अपनी पसंद का भोजन बनाते। आज भी सभी मित्र बड़े उत्साह से एक दुसरे से मिले और बातों का दौर चलने लगा। जब बात खाने को लेकर शुरू...

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माता-पिता की सेवा

एक समय की बात है, एक जंगल में सेब का एक बड़ा पेड़ था । एक बच्चा रोज उस पेड़ पर खेलने आया करता था । वह कभी पेड़ की डाली से लटकता, कभी फल तोड़ता, कभी उछल कूद करता था, सेब का पेड़ भी उस बच्चे से काफ़ी खुश रहता था । कई साल इस तरह बीत गये । अचानक एक दिन बच्चा कहीं चला गया और फिर लौट के नहीं आया, पेड़ ने...

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सफलता की राह

बिक्रम एक बहुरास्ट्रीय कंपनी में सिनियर मेनेजर था। उसका रिकॉर्ड था, की उसकी टीम हमेशा कंपनी की सबसे बेहतरीन टीमो में एक होती थी। सिर्फ काम में ही नही, बल्कि आपसी तालमेल और व्यक्तिगत तरक्की में भी बिक्रम की टीम सबसे बेहतर मानी जाती थी। बिक्रम की टीम के जितने भी सदस्य थे, सब बिक्रम को अपने परिवार के...

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श्रवण कुमार

पौराणिक युग में शांतुनु नामक एक सिद्ध साधू थे, इनकी पत्नी भी एक सिद्ध धर्म परायण नारि थी  ।  कहानी उस समय की हैं, जब शांतुनु और उनकी पत्नी बहुत वृद्ध हो चुके थे और उनकी आँखों की रोशनी भी चली गई थी  ।  इन दोनों का एक पुत्र था जिसका नाम था श्रवण कुमार  ।  श्रवण कुमार बहुत ही सरल स्वभाव का व्यक्ति था...

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गन्दी शुरुआत

हरिया एक गांव में ही खेती करता था। खेती के लिए जमीन तो बहुत ज्यादा नहीं थी लेकिन हरिया के छोटे से परिवार के पालन पोषण के लिए काफी थी। हरिया सुबह बैल लेकर खेत की ओर निकलता फिर शाम को ही वापस आता था। एक दिन हरिया का बैल बीमार पड़ गया। 2 बैलों की जोड़ी में अब केवल एक ही बैल बचा था, दूसरे बैल को तेज...

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फुरतीला कार्य

एक गाँव में एक गरीब लड़का रहता था जिसका नाम मोहन था । मोहन बहुत मेहनती था लेकिन थोड़ा कम पढ़ा लिखा होने की वजह से उसे नौकरी नहीं मिल पा रही थी । ऐसे ही एक दिन भटकता भटकता एक लकड़ी के व्यापारी के पास पहुँचा । उस व्यापारी ने लड़के की दशा देखकर उसे जंगल से पेड़ कटाने का काम दिया । मोहन अब एक लकड़हारा बन गया...

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