Category - मनोहर कहानियाँ

सबसे बड़ा काम किसने किया? – बेताल पच्चीसी सोलहवीं कहानी!

हिमाचल पर्वत पर गंधर्वों का एक नगर था, जिसमें जीमूतकेतु नामक राजा राज करता था। उसके एक लड़का था, जिसका नाम जीमूतवाहन था। बाप-बेटे दोनों भले थे। धर्म-कर्म मे लगे रहते थे। इससे प्रजा के लोग बहुत स्वच्छन्द हो गये और एक दिन उन्होंने राजा के महल को घेर लिया। राजकुमार ने यह देखा तो पिता से कहा कि आप...

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अधिक साहसी कौन : बेताल पच्चीसी – सत्रहवीं कहानी!

चन्द्रशेखर नगर में रत्नदत्त नाम का एक सेठ रहता था। उसके एक लड़की थी। उसका नाम था उन्मादिनी। जब वह बड़ी हुई तो रत्नदत्त ने राजा के पास जाकर कहा कि आप चाहें तो उससे ब्याह कर लीजिए। राजा ने तीन दासियों को लड़की को देख आने को कहा। उन्होंने उन्मादिनी को देखा तो उसके रुप पर मुग्ध हो गयीं, लेकिन उन्होंने...

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विद्या क्यों नष्ट हो गयी? बेताल पच्चीसी -अठारहवीं कहानी!

उज्जैन नगरी में महासेन नाम का राजा राज करता था। उसके राज्य में वासुदेव शर्मा नाम का एक ब्राह्मण रहता था, जिसके गुणाकर नाम का बेटा था। गुणाकर बड़ा जुआरी था। वह अपने पिता का सारा धन जुए में हार गया। ब्राह्मण ने उसे घर से निकाल दिया। वह दूसरे नगर में पहुँचा। वहाँ उसे एक योगी मिला। उसे हैरान देखकर उसने...

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पिण्ड दान का अधिकारी कौन – बेताल पच्चीसी – उन्नीसवीं कहानी!

वक्रोलक नामक नगर में सूर्यप्रभ नाम का राजा राज करता था। उसके कोई सन्तान न थी। उसी समय में एक दूसरी नगरी में धनपाल नाम का एक साहूकार रहता था। उसकी स्त्री का नाम हिरण्यवती था और उसके धनवती नाम की एक पुत्री थी। जब धनवती बड़ी हुई तो धनपाल मर गया और उसके नाते-रिश्तेदारों ने उसका धन ले लिया। हिरण्यवती...

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बालक क्यों हँसा? बेताल पच्चीसी – बीसवीं कहानी!

चित्रकूट नगर में एक राजा रहता था। एक दिन वह शिकार खेलने जंगल में गया। घूमते-घूमते वह रास्ता भूल गया और अकेला रह गया। थक कर वह एक पेड़ की छाया में लेटा कि उसे एक ऋषि-कन्या दिखाई दी। उसे देखकर राजा उस पर मोहित हो गया। थोड़ी देर में ऋषि स्वयं आ गये। ऋषि ने पूछा, “तुम यहाँ कैसे आये हो?”...

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सबसे ज्यादा प्रेम में अंधा कौन था? – बेताल पच्चीसी – इक्कीसवीं कहानी!

विशाला नाम की नगरी में पदमनाभ नाम का राजा राज करता था। उसी नगर में अर्थदत्त नाम का एक साहूकार रहता था। अर्थदत्त के अनंगमंजरी नाम की एक सुन्दर कन्या थी। उसका विवाह साहूकार ने एक धनी साहूकार के पुत्र मणिवर्मा के साथ कर दिया। मणिवर्मा पत्नी को बहुत चाहता था, पर पत्नी उसे प्यार नहीं करती थी। एक बार...

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शेर बनाने का अपराध किसने किया? बेताल पच्चीसी – बाईसवीं कहानी!

कुसुमपुर नगर में एक राजा राज्य करता था। उसके नगर में एक ब्राह्मण था, जिसके चार बेटे थे। लड़कों के सयाने होने पर ब्राह्मण मर गया और ब्राह्मणी उसके साथ सती हो गयी। उनके रिश्तेदारों ने उनका धन छीन लिया। वे चारों भाई नाना के यहाँ चले गये। लेकिन कुछ दिन बाद वहाँ भी उनके साथ बुरा व्यवहार होने लगा। तब...

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योगी पहले क्यों रोया, फिर क्यों हँसा? बेताल पच्चीसी – तेईसवीं कहानी!

कलिंग देश में शोभावती नाम का एक नगर है। उसमें राजा प्रद्युम्न राज करता था। उसी नगरी में एक ब्राह्मण रहता था, जिसके देवसोम नाम का बड़ा ही योग्य पुत्र था। जब देवसोम सोलह बरस का हुआ और सारी विद्याएँ सीख चुका तो एक दिन दुर्भाग्य से वह मर गया। बूढ़े माँ-बाप बड़े दु:खी हुए। चारों ओर शोक छा गया। जब लोग...

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माँ-बेटी के बच्चों में क्या रिश्ता हुआ? बेताल पच्चीसी – चौबीसवीं कहानी!

किसी नगर में मांडलिक नाम का राजा राज करता था। उसकी पत्नी का नाम चडवती था। वह मालव देश के राजा की लड़की थी। उसके लावण्यवती नाम की एक कन्या थी। जब वह विवाह के योग्य हुई तो राजा के भाई-बन्धुओं ने उसका राज्य छीन लिया और उसे देश-निकाला दे दिया। राजा रानी और कन्या को साथ लेकर मालव देश को चल दिया। रात को...

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बेताल पच्चीसी – पच्चीसवीं कहानी!

योगी राजा को और मुर्दे को देखकर बहुत प्रसन्न हुआ। बोला, “हे राजन्! तुमने यह कठिन काम करके मेरे साथ बड़ा उपकार किया है। तुम सचमुच सारे राजाओं में श्रेष्ठ हो।” इतना कहकर उसने मुर्दे को उसके कंधे से उतार लिया और उसे स्नान कराकर फूलों की मालाओं से सजाकर रख दिया। फिर मंत्र-बल से बेताल का...

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