एक नगर में भद्रसेन नाम का राजा रहता था । उसकी कन्या रत्नवती बहुत रुपवती थी। उसे हर समय यही डर रहता था कि कोई राक्षस उसका अपहरण न करले । उसके महल के चारों ओर पहरा रहता था, फिर भी वह सदा डर से कांपती रहती थी । रात के समय उसका डर और भी बढ़ जाता था । एक रात एक राक्षस पहरेदारों की नज़र बचाकर रत्नवती के...
Category - मनोहर कहानियाँ
एक तालाब में भारण्ड नाम का एक विचित्र पक्षी रहता था । इसके मुख दो थे, किन्तु पेट एक ही था । एक दिन समुद्र के किनारे घूमते हुए उसे एक अमृतसमान मधुर फल मिला । यह फल समुद्र की लहरों ने किनारे पर फैंक दिया था । उसे खाते हुए एक मुख बोला-“ओः, कितना मीठा है यह फल ! आज तक मैंने अनेक फल खाये, लेकिन...
बैताल पचीसी (वेताल पचीसी या बेताल पच्चीसी) पच्चीस कथाओं से युक्त एक ग्रन्थ है। इसके रचयिता प्रसिद्ध राजा विक्रम के नौ रत्नों में से एक थे । ये कथायें राजा विक्रम की न्याय-शक्ति का बोध कराती हैं । बेताल प्रतिदिन एक कहानी सुनाता है और अन्त में राजा से ऐसा प्रश्न कर देता है कि राजा को उसका उत्तर देना...
बहुत पुरानी बात है। धारा नगरी में गंधर्वसेन नाम का एक राजा राज करते थे। उसके चार रानियाँ थीं। उनके छ: लड़के थे जो सब-के-सब बड़े ही चतुर और बलवान थे। संयोग से एक दिन राजा की मृत्यु हो गई और उनकी जगह उनका बड़ा बेटा शंख गद्दी पर बैठा। उसने कुछ दिन राज किया, लेकिन छोटे भाई विक्रम ने उसे मार डाला और...
काशी में प्रतापमुकुट नाम का राजा राज्य करता था। उसके वज्रमुकुट नाम का एक बेटा था। एक दिन राजकुमार दीवान के लड़के को साथ लेकर शिकार खेलने जंगल गया। घूमते-घूमते उन्हें तालाब मिला। उसके पानी में कमल खिले थे और हंस किलोल कर रहे थे। किनारों पर घने पेड़ थे, जिन पर पक्षी चहचहा रहे थे। दोनों मित्र वहाँ रुक...
यमुना के किनारे धर्मस्थान नामक एक नगर था। उस नगर में गणाधिप नाम का राजा राज करता था। उसी में केशव नाम का एक ब्राह्मण भी रहता था। ब्राह्मण यमुना के तट पर जप-तप किया करता था। उसकी एक पुत्री थी, जिसका नाम मालती था। वह बड़ी रूपवती थी। जब वह ब्याह के योग्य हुई तो उसके माता, पिता और भाई को चिन्ता हुई।...
वर्धमान नगर में रूपसेन नाम का राजा राज करता था। एक दिन उसके यहाँ वीरवर नाम का एक राजपूत नौकरी के लिए आया। राजा ने उससे पूछा कि उसे ख़र्च के लिए क्या चाहिए तो उसने जवाब दिया, हज़ार तोले सोना। सुनकर सबको बड़ा आश्चर्य हुआ। राजा ने पूछा, “तुम्हारे साथ कौन-कौन है?” उसने जवाब दिया, “मेरी स्त्री, बेटा और...
भोगवती नाम की एक नगरी थी। उसमें राजा रूपसेन राज करता था। उसके पास चिन्तामणि नाम का एक तोता था। एक दिन राजा ने उससे पूछा, “हमारा ब्याह किसके साथ होगा?” तोते ने कहा, “मगध देश के राजा की बेटी चन्द्रावती के साथ होगा।” राजा ने ज्योतिषी को बुलाकर पूछा तो उसने भी यही कहा। उधर मगध देश की राज-कन्या के पास...
उज्जैन में महाबल नाम का एक राजा रहता था। उसके हरिदास नाम का एक दूत था जिसके महादेवी नाम की बड़ी सुन्दर कन्या थी। जब वह विवाह योग्य हुई तो हरिदास को बहुत चिन्ता होने लगी। इसी बीच राजा ने उसे एक दूसरे राजा के पास भेजा। कई दिन चलकर हरिदास वहाँ पहुँचा। राजा ने उसे बड़ी अच्छी तरह से रखा। एक दिन एक...
धर्मपुर नाम की एक नगरी थी। उसमें धर्मशील नाम का राजा राज करता था। उसके अन्धक नाम का दीवान था। एक दिन दीवान ने कहा, “महाराज, एक मन्दिर बनवाकर देवी को बिठाकर पूजा की जाए तो बड़ा पुण्य मिलेगा।” राजा ने ऐसा ही किया। एक दिन देवी ने प्रसन्न होकर उससे वर माँगने को कहा। राजा के कोई सन्तान नहीं थी।...