बिक्रम एक बहुरास्ट्रीय कंपनी में सिनियर मेनेजर था। उसका रिकॉर्ड था, की उसकी टीम हमेशा कंपनी की सबसे बेहतरीन टीमो में एक होती थी। सिर्फ काम में ही नही, बल्कि आपसी तालमेल और व्यक्तिगत तरक्की में भी बिक्रम की टीम सबसे बेहतर मानी जाती थी। बिक्रम की टीम के जितने भी सदस्य थे, सब बिक्रम को अपने परिवार के सदस्य जैसा मानते थे। कंपनी ने तय किया कि बिक्रम को खासतौर पर सम्मानित किया जाय। इसके लिए एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कंपनी के सभी बडे अधिकारियों को न्योता भेजा गया। आर्यांन की टीम को खासतौर पर बुलाया गया,जिससे की वे अपने अनुभवों को सबके साथ साझा कर सके। साथ ही कंपनी के सभी बड़े स्तर के मनेजरों को भी बुलाया गया। ताकि वो बिक्रम की जिन्दगी से कुछ सिख सकें। बिक्रम बहुत ही सौम्य स्वभाव का था। जब उसको मंच पर सम्मानित करने के लिए बुलाया गया, और उनसे पूछा गया कि वह कौन सी सोच है, जो आपमें और आपकी टीम में इतनी ऊर्जा भर देती है। बिक्रम बोला, आज मैं आपलोगों को अपने जीवन एक अनुभव सुनाता हूँ। मेरा बचपन बहुत ही साधारण रहा है। मेरी माँ दूसरों के घर में साफ़ सफाई का काम किया करती थी। और मेरे पिता जी प्रति-दिन के हिसाब से मजदूरी किया करते थे। हालाकि मेरी पढ़ाई या किसी भी जरुरत में उन्होंने कभी कोई कमी नही आने दी। और ना ही मैंने कभी कोई कमी महसूस किया। बिना जिम अगर पेट की चर्बी पिघलाना है तो अपनाएं 1 घरेलू उपाय मुझे याद है, एक दिन रोटी सेकने में काफी जल गयी मैं बैठा देख रहा था कि कौन कैसे खाता है? पिता जी पर तो जैसे कोई असर ही नही था, उन्होंने रोटी उठायी और सब्जी के खूब मजे से स्वाद लेकर खाना शुरू कर दिया। माँ ने देखा और बोली माफ़ करना आज जल्दबाजी में रोटी थोडीसी जल गयी है। पिता जी बोले, मुझे जली हुईं रोटी तो ज्यादा पसंद हैं और इसमें स्वाद भी है। जब माँ वहाँ से चली गयी तो मैंने पिता जी से पूछा, क्या आपको सच में जली रोटी अच्छी लगती है? पिता जी बोले आज तुम्हारी माँ बहुत थक गई थी। और रही जली रोटी खाने की, तो एक दिन जली रोटी खाने से मैं बीमार थोड़े न हो जाउंगा। लेकिन तुम्हारी माँ थोड़ी शान्ति से सो पाएगी । दोस्तों मैंने उसी दिन सिखा कि हममें से हर इंसान के अन्दर कमी होती है। हममें से हर इंसान कभी ना कभी गलती करता है। लेकिन हम उन गलतियों को उभारने की बजाय सुधारने का काम करें, एक दुसरे की ताकत बने, तो एक बेहतर कल का निर्माण कर सकते है।
दोस्तों कमियाँ तो सभी में होती है, लेकिन हमें देखना की हम उन कमियों से भी कौन सी ऐसी चीज है जो हमें सफल करने में सहायता कर सकती है। दूसरों की हर एक्टिविटी में काम की बात को एक्सेप्ट करों बाकी चीजों को नकार दो।