एक बार खबर फैली की मुल्ला नसरुदीन कम्युनिस्ट बन गए हैं . जो भी सुनता उसे आश्चर्य होता क्योंकि सभी जानते थे की मुल्ला अपनी चीजों को लेकर कितने पोजेसिव हैं .
जब उनके परम मित्र ने ये खबर सुनी तो वो तुरंत मुल्ला के पास पहुंचा .
मित्र : “ मुल्ला क्या तुम जानते हो कम्युनिज्म का मतलब क्या है ?”
मुल्ला : “हाँ , मुझे पता है .”
मित्र : “ क्या तुम्हे पता है अगर तुम्हारे पास दो कार है और किसी के पास एक भी नहीं तो तुम्हे अपनी एक कार देनी पड़ेगी ”
मुल्ला : “ हाँ , और मैं अपनी इच्छा से देने के लिए तैयार हूँ .”
मित्र : “ अगर तुम्हारे पास दो बंगले हैं और किसी के पास एक भी नहीं तो तुम्हे अपना एक बंगला देना होगा ?”
मुल्ला : “ हाँ , और मैं पूरी तरह से देने को तैयार हूँ .”
मित्र :” और तुम जानते हो अगर तुम्हारे पास दो गधे हैं और किसी के पास एक भी नहीं तो तुम्हे अपना एक गधा देना पड़ेगा ?”
मुल्ला : “ नहीं , मैं इस बात से मतलब नहीं रखता , मैं नहीं दे सकता , मैं बिलकुल भी ऐसा नहीं कर सकता .”
मित्र : “ पर क्यों , यहाँ भी तो वही तर्क लागू होता है ?”
मुल्ला : “ क्योंकि मेरे पास कार और बंगले तो नहीं हैं , पर दो गधे ज़रूर हैं .”