एक नौजवान मार्शल आर्टिस्ट को सालों की मेहनत के बाद ब्लैक बेल्ट देने के लिए चयनित किया गया . ये बेल्ट एक समारोह में मास्टर सेन्सेइ द्वारा दी जानी थी .समारोह वाले दिन नवयुवक मास्टर सेन्सेइ के समक्ष ब्लैक – बेल्ट प्राप्त करने पहुंचा .
“ बेल्ट देने से पहले , तुम्हे एक और परीक्षा देनी होगी ,” सेन्सेइ बोले . “मैं तैयार हूँ ,” नवयुवक बोला ; उसे लगा की शायद उसे किसी से मुकाबला करना होगा . लेकिन सेंसेई के दिमाग में तो कुछ और ही चल रहा था . उन्होंने पूछा , “ तुम्हे इस प्रश्न का उत्तर देना होगा : ब्लैक बेल्ट हांसिल करने का असली मतलब क्या है ?”
“ मेरी यात्रा का अंत ,” नवयुवक बोला . “मेरे कठोर परिश्रम का इनाम .”
सेंसेई इस उत्तर से संतुष्ट नहीं हुए और बोले ; “ तुम अभी ब्लैक बेल्ट पाने के काबिल नहीं बने हो . एक साल बाद आना .”
एक साल बाद नवयुवक एक बार फिर ब्लैक बेल्ट लेने के लिए पहुंचा , सेंसेई ने दुबारा वही प्रश्न किया , “ब्लैक बेल्ट हांसिल करने का असली मतलब क्या है ?”
“ यह इस कला में सबसे बड़ी उपलब्धि पाने का प्रतीक है ,” नवयुवक बोला
सेंसेई संतुष्ट नहीं हुए और कुछ देर इंतज़ार किया की वो कुछ और भी बोले पर युवक शांत ही रहा .
“ तुम अभी भी बेल्ट पाने के हकदार नहीं बन पाए हो , जाओ अगले साल फिर आना .” , और ऐसा कहते हुए सेंसेई ने युवक को वापस भेज दिया .
एक साल बाद फिर वह युवक सेंसेई के सामने क्ल्हादा था . सेंसेई ने पुनः वही प्रश्न किया ,
“ब्लैक बेल्ट हांसिल करने का असली मतलब क्या है ?”
“ ब्लैक बेल्ट आरम्भ है एक कभी न ख़त्म होने वाली यात्रा का जिसमे अनुशाशन है ,कठोर परिश्रम है , और हमेशा सर्वोत्तम मापदंड छूने की लालसा है .” नवयुवक ने पूरे आत्म -विश्वास के साथ उत्तर दिया .
“सेंसेई उत्तर सुन कर प्रसन्न हुए और बोले , “ बिलकुल सही . अब तुम ब्लैक -बेल्ट पाने के लायक बने हो . लो इस सम्मान को ग्रहण करो और अपने कार्य में लग जाओ .”,
Friends, कई बार किसी बड़ी उपलब्धि को हांसिल करने के बाद हम थोड़े निश्चिंत हो जाते हैं , शायद यही वजह है की शिखर पर पहुंचना शिखर पर बने रहने से आसान होता है. हमें चाहिए की हम अपनी उपलब्धि के मुताबिक और भी कड़ी मेहनत करें और अपने सम्मान की प्रतिष्ठा बनाये रखें.