नहले पर दहला

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एक बार शाम के समय अकबर और बीरबल बगीचे में चहलकदमी कर रहे थे. अचानक अकबर को बीरबल का मजाक बनाने की सुझी। अकबर ने बीरबल से कहा- बीरबल कल रात हमने एक अजीब सपना देखा लेकिन वह तुम्हें बताने लायक नहीं है.

बीरबल समझ गये कि बादशाह उसका मजाक बनाना चाहते हैं, फिर भी उन्होंने नम्रता पूर्वक कहा – जहापनाह सपना तो सपना है सच थोडे ही होता है। आपने सपने में जो भी देखा हो उसे कह डालिये हमारे ज्योतिषियों का कहना हैं कि अच्छा सपना भले किसी को न बताओ मगर बूरा सपना जरूर सूना देना चाहिए। इससे उसकी अशुभता कम हो जाती है। नहीं, नहीं बीरबल तुम्हें बूरा लगेगा सपना एसा विचित्र हैं कि तुम उसे सुनना पसंद नहीं करोगे. अकबर बीरबल की उत्सुकता बढाने लगे लेकिन बीरबल सब समझ रहे थे कि बादशाह चाहते हैं मैं जीद करके सपना सुनने की गुजारिश करूं. इसलिए संजीदा होकर वे बोले- जहांपनाह मैंने आपकी किसी बात का कभी बूरा नहीं माना फिर भी आप उसे न बताना चाहे तो कोई बात नहीं. जब अकबर ने देखा कि बीरबल तो बात ही खत्म कर रहा हैं तो जल्दी से बोखला कर बोले – अरे नहीं, नहीं सुनों जब तुम इतनी जीद कर रहे हो तो तुम्हें बताना ही पडेगा. बीरबल ने कहा- ठीक हैं बताईये।

अकबर बताने लगे कल रात हमने सपने में देखा कि शाम के समय हम दोनों सैर को निकले वहां रास्ते के एक ओर देा बडे-बडे कुण्ड बनें हुए थे एक में शहद था दूसरे में किचड (पाखाना). फिर अचानक हम दोनों के पैर फिसल गये हम शहद भरे कुंण्ड में जा गिरे और तुम किचड (पखाने) से भरे कुण्ड में…

फिर क्या हुआ ?

फिर क्या होना था ? हमारी आंख खुल गयी सपना पूरा हो गया.

कमाल हैं कुछ सोचनीय मुद्रा बनाकर बीरबल बोले – मैंने भी कल रात बिलकुल यही सपना देखा था पर मेरा सपना कुछ ज्यादा लंबा था. अच्छा तो जल्दी बताओं आगे क्या हुआ ? छोडिये जहांपनाह अब बीरबल नखरे दिखाने लगे। सपने का क्या वह तो बेसिर पैर का होता है। आगे का सपना शायद आपको अच्छा न लगे। यह सुनकर बादशाह की उत्सुकता बढ गयी बोले नहीं , नहीं बीरबल तुम बताओं तो सहीं आगे क्या हुआ. होना क्या था आपके शरीर पर तो शहद इस कदर चिपक गया था कि आप हाथ-पांव तक नहीं हिला पा रहे थे। आपने मुझे आवाज लगाई और कहा कि बीरबल बचाओं.

अब मालिक की पुकार सुनकर भला मैं  कैसे नहीं आता ? मैं जैसे तैसे बाहर निकला देखा आप तो गर्दन तक शहद में लिपटे पडे थे, मैंने बडी मुश्किल से आपको निकाला, यह सुनकर अकबर बेहद खुश हुए और बोले- बिलकुल ठीक ऐसा ही हुआ होगा और यही पर तुम्हारा सपना भी पूरा हो गया होगा.

बीरबल बोले नहीं जहापनाह इसमें खास बात तो अब आती है फिर हुआ यह कि कुण्ड से बाहर निकलने के बाद आपसे चला भी नहीं जा रहा था. आपने फिर कहा कि बीरबल कुछ करो फिर मैंने बुद्धि से काम लिया और आपके शरीर पर से शहद चाटने लगा.

जब आपकी तकलीफ दूर हो गई तो आपसे मेरी तकलीफ नहीं देखी गई और आप मुझे चाटने लगे और बस सपना पूरा हो गया. पर आप बूरा मत मानीयेगा सपना तो आखिर सपना ही होता हैं वह सच थोडे ही होता है। बादशाह बीरबल का मजाक उडाने चले थे पर बीरबल ने नहले पर देहला जड दिया.

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