एक धर्म गुरु एक हवाई जहाज पर एक छोटी लड़की के बगल में बैठा था और वह उसके पास गया और कहा, “क्या आप बात करना चाहते हैं? अगर आप अपने साथी यात्री के साथ वार्तालाप करते हैं तो उड़ानें तेज हो जाती हैं। “
छोटी लड़की, जो एक विज्ञान की पुस्तक को पढ़ना शुरू ही किया था, अजनबी धर्म गुरु को जवाब दिया, “आप किस बारे में बात करना चाहते हैं?”
धर्म गुरु एक कुटिल मुस्कुराहट के साथ कहा, “ओह, मुझे नहीं पता!” अच्छा भगवन के वारे में कैसा रहेगा? जिन्होंने ये सुन्दर दुनिया बनाई, मुझे और तुम को बनाया, स्वर्ग और नरक बनाई? या मृत्यु के बाद क्या कोई जीवन है?” ये कैसा रहेगा?
“ठीक है,” छोटी लड़की ने कहा।” वह बोली वे दिलचस्प विषय हो सकते हैं, लेकिन मुझे पहले आपको एक प्रश्न पूछना है; एक बकरी, एक गाय, और एक घोड़ा सभी एक ही समान खाते हैं – वह है घास। फिर भी एक बकरी छोटे छोटे मल को निकालता है, जबकि एक गाय से सपाट टट्टी निकलती है, लेकिन एक घोड़ा गुच्छों जैसा टट्टी पैदा करता है, वो क्यों ? आप का इसके वारे में क्या कहना है?”
धर्म गुरु, छोटी लड़की की बुद्धि से आश्चर्यचकित, इसके बारे में सोचा और कहा, “हमम…, मुझे कोई जानकारी नहीं है।”
छोटी लड़की जवाब देती है, जब आप को ये मल (shit) के वारे में ही पता नहीं “क्या आप वास्तव में चर्चा करने के लिए योग्य महसूस करते हैं; जैसे भगवान है, या कोई स्वर्ग या नरक है, या मृत्यु के बाद कोई जिंदगी है?
* इस कहानी को उल्टा करके यानि “धर्म गुरु” को रिप्लेस करके “एथीस्ट” लगाके इसके पूरा उलट कहानी कुछ धूर्त्त पेश करते हैं उससे ध्यान में रखे. यहाँ घास को सांकेतिक “ईस्वर” लिया गया है जो की तरह तरह की लोगों की सोच से पचता है और उसके रिज़ल्ट भी अलग अलग हो जाता है कोई ईस्वर को यीशु कहता है तो वही ईस्वर हिन्दू धर्म में ३३ करोड़ भगवान हो जाते हैं और इस्लाम में बस एक अल्लाह; जैसे घास खाने के वाद इन पशुओं की मल अलग अलग हो जाते हैं.