अल्बर्ट आइंस्टीन के अनमोल विचार

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  1. एक मेज, एक कुर्सी, एक कटोरा फल और एक वायलन; भला खुश रहने के लिए और क्या चाहिए?
  1. इन्सान को यह देखना चाहिए कि क्या है, यह नहीं कि उसके अनुसार क्या होना चाहिए.
  1. जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की.
  1. क्रोध मूर्खों की छाती में ही बसता है.
  1. यदि मानव जाति को जीवित रखना है तो हमें बिलकुल नयी सोच की आवश्यकता होगी.
  1. जो छोटी-छोटी बातों में सच को गंभीरता से नहीं लेता है, उस पर बड़े मसलों में भी भरोसा नहीं किया जा सकता.
  1. ईश्वर के सामने हम सभी एक बराबर ही बुद्धिमान हैं-और एक बराबर ही मूर्ख भी.
  1. कोई भी समस्या चेतना के उसी स्तर पर रह कर नहीं हल की जा सकती है जिसपर वह उत्पन्न हुई है.
  1. जब आप एक अच्छी लड़की के साथ बैठे हों तो एक घंटा एक सेकंड के समान लगता है. जब आप धधकते अंगारे पर बैठे हों तो एक सेकंड एक घंटे के समान लगता है. यही सापेक्षता है.
  1. दो चीजें अनंत हैं: ब्रह्माण्ड और मनुष्य की मूर्खता; और मैं ब्रह्माण्ड के बारे में दृढ़ता से नहीं कह सकता.
  1. दुनिया में जो चीज समझना सबसे कठिन है, वो है इनकम टैक्स.
  1. कुछ ही ऐसे हैं जो अपनी आँखों से देखते हैं और अपने दिल से महसूस करते हैं.
  1. कल्पना ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है.
  1. सत्ता के प्रति विचारहीन सम्मान सत्य का सबसे बड़ा शत्रु है.
  1. सफल व्यक्ति बनने का प्रयास मत करिए, बल्कि सिद्धांतों वाला व्यक्ति बनने का प्रयत्न करिए.
  1. महान आत्माओं ने हमेशा मामूली सोच वाले लोगों के हिंसक विरोध का सामना किया है.
  1. हर वो चीज जो गिनी जा सके मायने नहीं रखती, और हर वो चीज जो मायने रखती है वो गिनी नहीं जा सकती.
  1. हर कोई जीनियस है. लेकिन अगर आप एक मछली को उसके पेड़ पे चढ़ने की काबिलियत के हिसाब से आंकेंगे तो वो पूरी उम्र यही सोच कर जियेगी कि वो मूर्ख है.
  1. प्रकृति में गहराई से देखो, और तब तुम हर एक चीज बेहतर ढंग से समझ पाओगे.
  1. सभी धर्म, कला और विज्ञान एक ही वृक्ष की शाखाएं हैं.
किसी भी विज्ञापन को विश्वास करने से पहले जांच करें ।
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