राजकुमारी का चाँद

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राजकुमारी का चाँद एक समय की बात है। एक राजा की नन्ही लाडली बेटी आसमान से चांद तोड़ लाने की ज़िद कर बैठी। पर ज़िद पूरी ना होने के कारण वह खूब रोई और बुरी तरह बीमार पड़ गयी। वैद्य, हकीम सब उसे ठीक करने में नाकाम रहे। अंत में पुत्री प्रेम में भावुक बने राजा ने यह घोषणा करा दी कि – जो व्यक्ति उसकी बेटी के लिए चांद तोड़ कर लाएगा। उसे वह धनवान बना देंगे। राजा के इस पागलपन को सुन कर दरबारी और नगरवासी उस पर हंसने लगा। लेकिन राजा को बस अपनी लाडली बेटी के ठीक होने से मतलब था, और वह इसके लिए कुछ भी करने को तैयार था। नगर में रहने वाले एक बुद्धिमान व्यापारी से राजा का दुख देखा नहीं गया। वह तुरंत उन से मिलने आया। और बोला कि मैं आपकी बेटी के लिए चांद तोड़ लाऊँगा। इतना बोल कर वह राजकुमारी के पास गया। उसने नन्ही राजकुमारी से कहा, “चांद कितना बड़ा है?” राज कुमारी ने जवाब दिया, “मेरी उंगली की मोटाई जितना।” चूँकि जब मै अपनी उंगली उसके आगे रख देती हूँ तो वह दिखता नहीं है। फिर व्यापारी बोला, “चांद कितना ऊंचा है?” तब राजकुमारी ने कहा, “शायद पेड़ जितना ऊंचा है। चूँकि, महल के बाहर लगे पेड़ के ऊपर ही तो वह दिखता है।” फिर उसने पूछा चांद कैसा दिखता है? तब राजकुमारी बोली, “वह तो सफ़ेद चमकीला चाँदी जैसा दिखता है।” व्यापारी हंस कर बोल उठा। ठीक है, मै कल ही चांद तोड़ कर आप के लिए ला दूंगा। उसके बाद वह राजा को मिल कर अपनी युक्ति बता कर वहाँ से चला जाता है। दूसरे दिन व्यापारी एक चांदी का छोटा सा चांद ले कर महल में आता है। और राजकुमारी से कहता है की मै आकाश से चांद तोड़ लाया हूँ। राजकुमारी चांद देख ख़ुशी से उछलने लगती है। और दिन भर उसके साथ खेलती है। अपनी ज़िद पूरी होने से उसकी तबीयत भी ठीक हो जाती है। पर बावजूद इसेक राजा को एक चिंता थी, उन्होंने कहा, “अगर राजकुमारी नें खिड़की के बाहर आसमान में चांद देख लिया तो वह फिर से उदास होगी।” तब व्यापारी ने कहा कि उसके पास इसका भी समाधान है। वह राजकुमारी के पास गया और खेल-खले में पूछा, “आपको पता है जब किसी बच्चे का दांत टूट जाता है तो क्या होता है?” “हाँ, दूसरा दांत निकल आता है।”, राजकुमारी बोली। “बिलकुल सही!”, “अच्छा जब कोई चाँद तोड़ लेता है तो पता है क्या होता है?”, व्यापारी ने पुचकारते हुए पूछा। तब राजकुमारी मुस्कुरा कर बोली, “हाँ, वहाँ दूसरा चांद उग आता है।” “अरे वाह! आपको तो सब पता है! चलिए आज नए चाँद को देखें!”, और ऐसा कह कर व्यापारी ने खिड़कियाँ खोल दीं। राजकुमारी ने नया चाँद देखा और कहा, “मेरा चाँद तो उससे भी अच्छा है, और खेलने में व्यस्त हो गयी। यह सब देखकर राजा प्रसन्न हो गया और व्यापारी को ढेर सारा इनाम दिया। सीख – कई बार बड़ी मुसीबतें भी छोटी सी युक्ति आज़मा कर टाली जा सकती हैं

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