कबीर के दोहे – संगति/Company

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ऐक घड़ी आधो घड़ी , आधो हुं सो आध
कबीर संगति साधु की, कटै कोटि अपराध।

एक क्षण,आध क्षण, आधे का भी आधा क्षण के लिये यदि साधु संतों की संगति की जाये तो हमारे करोड़ों अपराध
पाप नाश हो जाते है।

Ek ghari aadho ghari,aadho hun so aadh
Kabir sangati sadhu ki,katai koti apradh.

One moment, even half of a moment ,even half of the half
Kabir says the company of saint,it omits the sin of crores.

उजल बुन्द आकाश की, परि गयी भुमि बिकार
माटी मिलि भई कीच सो बिन संगति भौउ छार।

आकाश से गिरने वाली वर्षा की बूदें निर्मल और उज्जवल होती है किंतु जमीन पर
गिरते ही गंदी हो जाती है। मिटृी में मिलकर वह कीचड़ हो जाती है।
इसी तरह आदमी भी अच्छी संगाति के अभाव से बुरा हो जाता है।

Ujal bund aakash ki,pari gayee bhumi bikar
Mati mili bhaiyee kich so,bin sangati bhau chhar.

A drop from the sky is white but becomes dirty on the land
A man in a bad company becomes bad.

उंचे कुल का जनमिया करनी उॅच ना होय
कनक कलश मद सो भरी साधुन निन्दा सोय।

अच्छे कुल खानदान मे जन्म लेने का क्या लाभ यदि कत्र्तत्य अच्छे नहीं है।
यदि सोने के कलश में मदिरा भरी हो तो भी एक संत उसकी निंदा ही करेंगे।

Unchey kul ka janmiya,karni unch na hoye
Kanak kalash mad so bhari,sadhun ninda soye.

Being born in a upper caste does not make one better
Even if a goldn pitcher is filled with intoxicant, a saint will speak ill of it.

कोयला भी होये उजल, जरि बरि है जो सेत
मुरख होय ना उजला, ज्यों कालर का खेत।

कोयला भी अच्छी तरह जल कर उजला हो जाता है परंतु मूर्ख कभी भी उज्जवल
नहीं होता जैसे कि एक वंजर भूमि में बीज नहीं उगता है।

Koela bhi hoye ujal,jari bari hai jo set
Murakh hoye na ujala,jyon kalar ka khet.

Fully burnt , even the coal turns white
But a fool can never become white as the seed do not grow in the fallow land.

चंदन जैसे संत है, सरुप जैसे संसार
वाके अंग लपटा रहै, भागै नहीं बिकार।

संत चंदन की भाॅंति होते है और यह संसार साॅंप की तरह विषैला है। किंतु साॅंप यदि संत
के शरीर में बहुत दिनों तक लिपटा रहे तब भी साॅंप का विष-विकार समाप्त नहीं होता है।

Chandan jaise sant hai,sarup jaise sansar
Wake ang lapta rahai,bhagai nahi bikar.

A saint is like sandal,the world is like a snake
It is coiled in his body for long but the perversions do not go away.

जा घर हरि भक्ति नहीं, संत नहीं मिहमान
ता घट जम डेरा दिया, जीवत भये मसान।

जिस घर में ईश्वर की उपासना नहीं होती है और संत अतिथि नहीं माने जाते हैं
उस घर में मृत्यु के देवता यमराज का वास रहता है और वह श्मसान की भाॅंति है।

Ja ghar Hari bhakti nahi,sant nahi mihman
Ta ghar jam dera diya,jibat bhaye masan.

The house where is no devotion to God and a saint is not a guest
The God of death stays there and that is a living burial ground.

जीवन जोवन राज मद अविचल रहै ना कोये
जु दिन जाये सतसंग मे, जीवन का फल सोये।

यह जमीन,यौवन,राजपाट,धन संपत्ति,अभिमान कुछ भी स्थायी नहीं है।
किंतु जो दिन संतों के सत्संग में बीतता है-वही जीवन का वास्तविक फल है।

Jeevan jovan raj mad,abichal rahai na koye
Ju din jaye satsang me,jeevan ka fal soye.

The life, youth, wealth and pride,nothing is permanent
The day spent in the company of saint is the,real fruit of life.

जो छोरै तो आंधरा, खाये तो मरि जाये
ऐसे खान्ध छुछुन्दरी, दोउ भांति पछताये।

यदि साॅंप छछुंदर को पकड़ कर छोड़ देता है तो अंधा हो जाता है और खा लेने पर मर जाता है। वह दोनों ही भांति पछताता है। इसी प्रकार बुरे लोगों के साथ से पतन होता है और उन्हें छोड़ देने पर वे दुश्मन वन जाते हैं। कुसंगति से हर प्रकार से बुरा ही होता है।

Jo chhorai to aandhra,khaye to mari jaye
Aise khandh chhuchhundari,dou bhanti pachhtai.

A snake becomes blind if it catches a mole but lets it go. The snake dies if it eats the mole.
The snake repents in both ways,such is the case with bad company.

जा पल दर्शन साधु का ता पल की बलिहार
हरि नाम रसने बसै, लीजैय जनम सुधार।

जिस क्षण किसी संत का दर्शन होता है-उस क्षण को कोटिशः धन्यवाद।
उनके दर्शन मात्र से मुॅंह में हरि नाम का वास हो जाता है और हमारा जीवन सुधर जाता है।

Ja pal darshan sadhu ka,ta pal ki balihar
Hari nam rasne basai, leejay janam sudhar.

The moment you see a saint,thank for that moment
When the name of God comes to the tongue, the life is transformed.

ब्राहमन केरी बेटिया मांस शराब ना खाये
संगति भयी कलाल की मद बिना रहा ना जाये।

ब्राम्हण की बेटी माॅंस शराब नहीं खाती थी पर जब शराब बनाने वाले कलाल
के साथ संगति हो गई तो बिना शराब के वह नहीं रह सकती है।

Brahman keri betiya,mansh sarab na khaye
Sangati bhayee kalal ki,mad bina raha na jaye.

The daughter of brahman does not eat meat and wine
When she got in the company of wine maker,she cannot live without wine.

ऋद्धि सिद्धि मांगु नहि, मांगु तुम पै येह
नित प्रति दर्शन साधु का कहे कबीर मुहि देह।

कबीर धन दौलत या मुक्ति की कामना नहीं करते हैं।
वे मात्र एक ही मांग करते हैं कि उन्हें प्रति दिन संतों का दर्शन अवश्य हो।

Ridhi sidhi mangu nahi,mangu tum pai yeh
Nit prati darshan sadhu ka,kahai Kabir muhi deh.

I am not demanding wealth or liberation,I am demanding only this
Daily give me the company of saints, Kabir says only this.

संगति किजै संत की , जिनका पूरा मान
अंतोले ही देत है, हरि सरीखा घान।

संतों की संगति करे जिनका मन ज्ञान से परिपूर्ण हो।
बिना मोल भाव और तौल के ही वे हरि जैसा धन प्रदान करते है ।

Sangati kijay sant ki,jinka pura man
Antole hi det hai,Hari sarikha dhan.

Keep the company of saints who have the complete mind
Only a saint gives without weighing the wealth like God.

हरि बुलाबा भेजिया, दिया कबीरा रोये
जो सुख साधु संग मे सो वैकुंठ ना होये।

हरि का बुलावा सुन कर कबीर को रोना आ गया । साधु की संगति में जो सुख
उन्हें मिलता है वह प्रभु के निवास वैकुण्ठ में नहीं प्राप्त है। संत की संगति का यह महत्व है।

Hari bulawa bhejiye, diya Kabira roye
Jo sukh sadhu sang me, so Baikunth na hoye.

Kabir started weeping on the call of God
The happiness which is in the company of saint is not in the heaven.

सज्जन को सज्जन मिलै, होबै दो दो बात
गदहा सो गदहा मिलै, खाबै दो दो लात।

जबदो भक्त पुरुष मिलते हंै तो परस्पर उन में प्यार भरी बातें होती है
पर दो गद्हे जब एक जगह मिलते हैं तो वे दोनों एक दूसरे को दुलत्ती मारते हैं।

Sajjan ko sajjan milai,hobai do do bat
Gadha so gadha milai, khabai do do lat.

A gentleman meets another gentleman,they exchane ideas.
An ass meets another ass,they exchange kicks.

ज्ञानी को ज्ञानी मिलै, रस की लूटम लूट
ज्ञानी अज्ञानी मिलै, होबै माथा कूट।

जब दो ज्ञानी परस्पर मिलते है तो उनमें ज्ञान एंव प्रेम रस की लूट होती है
पर ज्ञानी और मूर्ख के मिलने पर उनमें सिर फोड़ने और माथा पीटने का काम होता है।

Gyani ko gyani milay,ras ki lootam loot
Gyani agyani milay,hobai matha koot.

When two meritorious people meet there is infinite loot of knowledge and love
If the meritorious meets an idiot,there is breaking of heads.

हरिजन केवल होत है, जाको हरि का संग
बिपति पड़ै बिसरै नहीं, छाड़ै चैगुन रंग।

हरिजन उसे कहते ह्रैं जो भक्ति एंव सुमिरण द्वारा सर्वदा प्रभु के संग रहते है।
विपत्ति एंव दुर्दशा के समय वे ईश्वर को नहीं भूलते हैं वल्कि उनपर प्रभु प्रेम का रंग चार गुणा बढ़ जाता है।

Harijan kewal hot hai,jako Hari ka sang
Bipati parai vishrai nahi,chadhai chaugun rang.

Only he is the Harijan who is always with the God in remembrance
They don’t forget God in adversity rather it becomes four times more.

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