किसी राजा के राजमहल में एक बन्दर सेवक के रुप में रहता था । वह राजा का बहुत विश्वास-पात्र और भक्त था । अन्तःपुर में भी वह बेरोक-टोक जा सकता था । एक दिन जब राजा सो रहा था और बन्दर पङखा झल रहा था तो बन्दर ने देखा, एक मक्खी बार-बार राजा की छाती पर बैठ जाती थी । पंखे से बार-बार हटाने पर भी वह मानती नहीं थी, उड़कर फिर वहीं बैठी जाती थी । बन्दर को क्रोध...
एक गाँव में एक गरीब लड़का रहता था जिसका नाम मोहन था । मोहन बहुत मेहनती था लेकिन थोड़ा कम पढ़ा लिखा होने की वजह से उसे नौकरी नहीं मिल पा रही थी । ऐसे ही एक दिन भटकता भटकता एक लकड़ी के व्यापारी के पास पहुँचा । उस व्यापारी ने लड़के की दशा देखकर उसे जंगल से पेड़ कटाने का काम दिया । मोहन अब एक लकड़हारा बन गया था| नयी नौकरी से मोहन बहुत उत्साहित था , वह जंगल...
हज़ारों साल पहले वाराणसी में एक सँपेरा रहता था। उसके पास एक साँप और एक बंदर था। लोगों के सामने वह उनके करतब दिखा जो पैसा पाता उससे ही अपना गुजर-बसर करता था। उन्हीं दिनों वाराणसी में सात दिनों का एक त्यौहार मनाया जा रहा था, जिससे सारे नगर में धूम मची हुई थी। सँपेरा भी उस उत्सव में सम्मिलित होना चाहता था। अत: उसने अपने बंदर को अपने एक मित्र के पास...
एक बार नारायण; जिन्हें हम भगवान विष्णु भी कहते हैं; ने सोचा कि वो अपने इष्ट देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए उन्हें एक हजार कमल के पुष्प अर्पित करेंगे। पूजा की सारी सामग्री एकत्रित करने के बाद उन्होंने अपना आसान ग्रहण किया । और आँखे बंद कर के संकल्प को दोहराया। और अनुष्ठान शुरू किया । भगवान विष्णु की कहानी यथार्थ में शिव जी के इष्ट...
अगली सुबह से पहले शहरजाद ने नई कहानी शुरू करते हुए कहा कि पहले जमाने में बसरा बगदाद के अधीन था। बगदाद में खलीफा हारूँ रशीद का राज था और उसने अपने चचेरे भाई जुबैनी को बसरा का हाकिम बनाया था। जुबैनी के दो मंत्री थे। एक का नाम था खाकान और दूसरे का सूएखाकान। खाकान उदार और क्षमाशील था और इसलिए बड़ा लोकप्रिय था। सूएखाकान उतना ही क्रूर और अन्यायी था और...
अत्यंत गरीब परिवार का एक बेरोजगार युवक नौकरी की तलाश में किसी दूसरे शहर जाने के लिए रेलगाड़ी से सफ़र कर रहा था | घर में कभी-कभार ही सब्जी बनती थी, इसलिए उसने रास्ते में खाने के लिए सिर्फ रोटीयां ही रखी थी | आधा रास्ता गुजर जाने के बाद उसे भूख लगने लगी, और वह टिफिन में से रोटीयां निकाल कर खाने लगा | उसके खाने का तरीका कुछ अजीब था , वह रोटी का एक...
ऋषिकेश के एक प्रसिद्द महात्मा बहुत वृद्ध हो चले थे और उनका अंत निकट था . एक दिन उन्होंने सभी शिष्यों को बुलाया और कहा , ” प्रिय शिष्यों मेरा शरीर जीर्ण हो चुका है और अब मेरी आत्मा बार -बार मुझे इसे त्यागने को कह रही है , और मैंने निश्चय किया है कि आज के दिन जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा तब मैं इहलोक त्याग दूंगा .” गुरु की वाणी सुनते ही...
मनुष्य प्राकृतिक रूप से ज्ञान कि इच्छा रखता है. सभी भुगतान युक्त नौकरियां दिमाग को अवशोषित और अयोग्य बनाती हैं. डर बुराई की अपेक्षा से उत्पन्न होने वाले दर्द है. मनुष्य के सभी कार्य इन सातों में से किसी एक या अधिक वजहों से होते हैं: मौका, प्रकृति, मजबूरी, आदत, कारण, जुनून, इच्छा. कोई भी उस व्यक्ति से प्रेम नहीं करता जिससे वो डरता है. अच्छा व्यवहार...
डा बी.आर. अम्बेडकर ने दीक्षा भूमि, नागपुर, भारत में ऐतिहासिक बौद्ध धर्मं में परिवर्तन के अवसर पर,15 अक्टूबर 1956 को अपने अनुयायियों के लिए 22 प्रतिज्ञाएँ निर्धारित कीं. 800000 लोगों का बौद्ध धर्म में रूपांतरण ऐतिहासिक था क्योंकि यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक रूपांतरण था. उन्होंने इन शपथों को निर्धारित किया ताकि वैदिक/हिंदू धर्म के बंधनों को पूरी...
एक बार हंस, तोता, बगुला, कोयल, चातक, कबूतर, उल्लू आदि सब पक्षियों ने सभा करके यह सलाह की कि उनका राजा वैनतेय केवल भगवान की भक्ति में लगा रहता है; व्याधों से उनकी रक्षा का कोई उपाय नहीं करता; इसलिये पक्षियों का कोई अन्य राजा चुन लिया जाय । कई दिनों की बैठक के बाद सब ने एक सम्मति से सर्वांग सुन्दर उल्लू को राजा चुना । अभिषेक की तैयारियाँ होने लगीं...
रामू एक बहुत ईमानदार और मेहनती युवक था। वह बहुत हंसमुख और मधुर स्वाभाव का व्यक्ति था। एक दिन रामू एक किराने की दुकान पर गया। वहां सिक्का डालने वाला सार्वजनिक फ़ोन लगा था। रामू ने सिक्का डाला और एक नम्बर डायल किया। ट्रिंग-ट्रिंग..ट्रिंग-ट्रिंग…. किसी ने फ़ोन उठाया। रामू बोला, “ हेलो सर… नमस्ते, मैंने सुना था कि आपको एक ड्राईवर की आवश्यकता है। मैं भी...
शहरजाद ने कहा कि हे स्वामी, एक वृद्ध और धार्मिक प्रवृत्ति का मुसलमान मछुवारा मेहनत करके अपने स्त्री-बच्चों का पेट पालता था। वह नियमित रूप से प्रतिदिन सवेरे ही उठकर नदी के किनारे जाता और चार बार नदी में जाल फेंकता था। एक दिन सवेरे उठकर उसने नदी में जाल डाला। उसे निकालने लगा तो जाल बहुत भारी लगा। उसने समझा कि आज कोई बड़ी भारी मछली हाथ आई है लेकिन...
एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया ! कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये! हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी ख़राब हो जाये! एक दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा ,देखिये प्रभु, आप परमात्मा हैं , लेकिन लगता है आपको खेती-बाड़ी की ज्यादा जानकारी नहीं है ,एक प्रार्थना है कि एक साल मुझे...
बुद्ध एक गाँव में उपदेश दे रहे थे. उन्होंने कहा कि “हर किसी को धरती माता की तरह सहनशील तथा क्षमाशील होना चाहिए. क्रोध ऐसी आग है जिसमें क्रोध करनेवाला दूसरोँ को जलाएगा तथा खुद भी जल जाएगा.” सभा में सभी शान्ति से बुद्ध की वाणी सून रहे थे, लेकिन वहाँ स्वभाव से ही अतिक्रोधी एक ऐसा व्यक्ति भी बैठा हुआ था जिसे ये सारी बातें बेतुकी लग रही थी . वह कुछ देर...
असली कारण, जो हम नहीं करना चाहते उसके लिए हमेशा न्यायुक्त कारण खोज लेते है। और बेफिक्र हो जाते हैं । ऐसी कौन सी परिस्थिति हैं जिसमें आदमी शांत न हो सके ? ऐसी कौन सी परिस्थिति हैं जिसमें आदमी प्रेमपूर्ण न हो सके ? ऐसी कौन सी परिस्थिति हें जिसमें आदमी थोडी देर के लिए मौन और शांति में प्रविष्ट न हो सके ? हर परिस्थिति में वह होना चाहे तो बिलकुल हो...
कपिलवस्तु के शाक्यवंशीय सुद्धोदन और महामाया के पुत्र सिद्धार्थ गौतम का जन्म ५६३ ई.पू./४८० ई.पू. में वैशाख-पूर्णिमा के दिन लुम्बिनी के उपवन में स्थित एक साल-वृक्ष के नीचे हुआ था जब उनकी माता अपने माता-पिता से मिलने अपने मायके देवदह जा रही थी। पुत्र-जन्म के तत्काल बाद महामाया वापिस कपिलवस्तु लौट आयी थी। शिशु के जन्म की सूचना पाते ही शिशु के दादा...
एक बार की बात है . एक व्यक्ति को रोज़-रोज़ जुआ खेलने की बुरी आदत पड़ गयी थी . उसकी इस आदत से सभी बड़े परेशान रहते. लोग उसे समझाने कि भी बहुत कोशिश करते कि वो ये गन्दी आदत छोड़ दे , लेकिन वो हर किसी को एक ही जवाब देता, ” मैंने ये आदत नहीं पकड़ी, इस आदत ने मुझे पकड़ रखा है !!!” और सचमुच वो इस आदत को छोड़ना चाहता था , पर हज़ार कोशिशों के बावजूद वो...
ख्वाजासरा नामक एक हिजडा बादशाह अकबर का काफी मूंहलगा था. वह बीरबल से काफी चिढता था इसलिए हर वक्त बीरबल की बुराई करते हुए उनके कान भरा करता था. वह बीरबल को किसी न किसी बहाने दरबार से निकलवा देने की फिराक में रहता था. एक दिन ख्वाजसरा ने बीरबल के खिलाफ बहुत सी बातें बादशाह के कानो में डालकर कहीं – जहांपनाह आपने बैकार में ही बीरबल को अपने दरबार में रखा...
शेरा नाम का शेर जंगल के सबसे कुशल और क्रूर शिकारियों में गिना जाता था . अपने दल के साथ उसने न जाने कितने भैंसों , हिरणो और अन्य जानवरों का शिकार किया था . धीरे -धीरे उसे अपनी काबिलियत का घमंड होने लगा . एक दिन उसने अपने साथियों से कहा …” आज से जो भी शिकार होगा , उसे सबसे पहले मैं खाऊंगा …उसके बाद ही तुममे से कोई उसे हाथ लगाएगा .”मुस्बित का सामान...
शेरा नाम का एक शेर बहुत परेशान था । वो एक नौजवान शेर था जिसने अभी -अभी शिकार करना शुरू किया था । पर अनुभव न होने के कारण वो अभी तक एक भी शिकार नहीं कर पाया था । हर एक असफल प्रयास के बाद वो उदास हो जाता , और ऊपर से आस -पास घूम रहे लकड़बघ्घे भी उसकी खिल्ली उड़ा कर खूब मजे लेते । शेरा गुस्से में उनपर दहाड़ता पर वे ढीठ कहाँ डरने वाले थे , ऐसा करने पर वे...