हाथी और चतुर खरगोश ~ पंचतंत्र

एक वन में ’चतुर्दन्त’ नाम का महाकाय हाथी रहता था । वह अपने हाथीदल का मुखिया था । बरसों तक सूखा पड़ने के कारण वहा के सब झील, तलैया, ताल सूख गये, और वृक्ष मुरझा गए । सब हाथियों ने मिलकर अपने गजराज चतुर्दन्त को कहा कि हमारे बच्चे भूख-प्यास से मर गए, जो शेष हैं मरने वाले हैं । इसलिये जल्दी ही किसी बड़े तालाब की खोज की जाय । बहुत देर सोचने के बाद...

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सबसे बड़ा काम किसने किया? – बेताल पच्चीसी सोलहवीं कहानी!

हिमाचल पर्वत पर गंधर्वों का एक नगर था, जिसमें जीमूतकेतु नामक राजा राज करता था। उसके एक लड़का था, जिसका नाम जीमूतवाहन था। बाप-बेटे दोनों भले थे। धर्म-कर्म मे लगे रहते थे। इससे प्रजा के लोग बहुत स्वच्छन्द हो गये और एक दिन उन्होंने राजा के महल को घेर लिया। राजकुमार ने यह देखा तो पिता से कहा कि आप चिन्ता न करें। मैं सबको मार भगाऊँगा। राजा बोला...

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सबसे बड़ा पुण्य

एक राजा बहुत बड़ा प्रजापालक था, हमेशा प्रजा के हित में प्रयत्नशील रहता था. वह इतना कर्मठ था कि अपना सुख, ऐशो-आराम सब छोड़कर सारा समय जन-कल्याण में ही लगा देता था . यहाँ तक कि जो मोक्ष का साधन है अर्थात भगवत-भजन, उसके लिए भी वह समय नहीं निकाल पाता था. एक सुबह राजा वन की तरफ भ्रमण करने के लिए जा रहा था कि उसे एक देव के दर्शन हुए. राजा ने देव को प्रणाम...

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उसका प्रेमी – मैक्सिम गोर्की

मुझे एक बार मेरी जान-पहचान वाले एक व्यहक्ति ने यह घटना बताई थी। उन दिनों मैं मास्को में पढ़ता था। मेरे पड़ोस में एक ऐसी महिला रहती थी,जिसकी प्रतिष्ठाम को वहां सन्दिग्ध माना जाना था। वह पोलैंड की रहने वाली थी और उसका नाम टेरेसा था। मर्दों की तरह लम्बा कद, गठीला डील-डौल,काली घनी भौंहे, जानवरों जैसी चमकती काली आंखें, भारी आवाज,कोचवान जैसी चाल, बेहद...

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व्याघ्री-कथा -जातक कथा

कुलीन वंश में पैदा हो कर एक बार एक ज्ञानी संसार से वितृष्ण हो संन्यासी का जीवन-यापन करने लगा । उसके आध्यात्मिक विकास और संवाद से प्रभावित हो कुछ ही दिनों में अनेक सन्यासी उसके अनुयायी हो गये। एक दिन अपने प्रिय शिष्य अजित के साथ जब वह एक वन में घूम रहा था तब उसकी दृष्टि वन के एक खड्ड पर पड़ी जहाँ भूख से तड़पती एक व्याघ्री अपने ही नन्हे-नन्हे बच्चों...

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असामाजिक व्यक्तित्व विकार (ASPD)

असामाजिक व्यक्तित्व विकार (ए.एस.पी.डी या ए.पी.डी) एक व्यक्तित्व विकार है जिसे की दीर्घकालिक दूसरों की उपेक्षा, दूसरों  के अधिकारों के उल्लंघन या उनके उत्पीड़न के नमूना की लक्षण के आधार पर निर्धारित किया गया है. व्यक्तित्व विकार से पीडित लोग अक्सर नैतिक हीनता, हीन भावना या अविवेक में ग्रसित होते हैं, साथ ही अपराध का इतिहास, कानूनी समस्याएं, या आवेगी...

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दो शब्द

बहुत समय पहले की बात है , एक प्रसिद्द गुरु अपने मठ में शिक्षा दिया करते थे। पर यहाँ शिक्षा देना का तरीका कुछ अलग था , गुरु का मानना था कि सच्चा ज्ञान मौन रह कर ही आ सकता है; और इसीलिए मठ में मौन रहने का नियम था । लेकिन इस नियम का भी एक अपवाद था , दस साल पूरा होने पर कोई शिष्य गुरु से दो शब्द बोल सकता था। पहला दस साल बिताने के बाद एक शिष्य गुरु के...

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चिड़िया और बन्दर ~ पंचतंत्र

महिलारोप्य नाम के नगर में वर्धमान नाम का एक वणिक्‌-पुत्र रहता था । उसने धर्मयुक्त रीति से व्यापार में पर्याप्त धन पैदा किया था; किन्तु उतने से सन्तोष नहीं होता था; और भी अधिक धन कमाने की इच्छा थी । छः उपायों से ही धनोपार्जन किया जाता है-भिक्षा, राजसेवा, खेती, विद्या, सूद और व्यापार से । इनमें से व्यापार का साधन ही सर्वश्रेष्ठ है । व्यापार के भी...

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नाई के कुबड़े भाई की कहानी – अलिफ लैला

सरकार, मेरा सबसे बड़ा भाई जिसका नाम बकबक था, कुबड़ा था। उसने दरजीगीरी सीखी और जब यह काम सीख लिया तो उसने अपना कारबार चलाने के लिए एक दुकान किराए पर ली। उस की दुकान के सामने ही एक आटा चक्कीवाले की दुकान थी। चक्कीवाले का काम अच्छा चलता था और वह बहुत धनवान था किंतु मेरे भाई का काम नया था और वह बेचारा रोज कमाता और रोज खाता था। एक दिन मेरा भाई काम कर...

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सबसे बड़ी समस्या

बहुत समय पहले की बात है एक महा ज्ञानी पंडित हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहते थे . लोगों के बीच रह कर वह थक चुके थे और अब ईश्वर भक्ति करते हुए एक सादा जीवन व्यतीत करना चाहते थे . लेकिन उनकी प्रसिद्धि इतनी थी की लोग दुर्गम  पहाड़ियों , सकरे रास्तों , नदी-झरनो को पार कर के भी उससे मिलना चाहते थे , उनका मानना था कि यह विद्वान उनकी हर समस्या का समाधान...

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दो खरगोशों की कहानी

एक बार की बात है, दो खरगोश थे. एक का नाम वाईजी था और दूसरे का नाम फूली. वाईजी अपने नाम के अनुसार वाइज यानी बुद्धिमान था और फूली अपने नाम के अनुरूप फूलिश यानी बेवकूफ था. दोनों में गहरी दोस्ती थी. एक दिन उन्हें गाजर खाने का बड़ा मन किया और वे फ़ौरन इनकी खोज में निकल पड़े. कुछ दूर चलने पर उन्हें अगल-बगल लगे दो गाजर दिखे. एक गाजर के ऊपर बड़े-बड़े पत्ते लगे...

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बुझी मोमबत्ती

एक पिता अपनी चार वर्षीय बेटी मिनी से बहुत प्रेम करता था। ऑफिस से लौटते वक़्त वह रोज़ उसके लिए तरह-तरह के खिलौने और खाने-पीने की चीजें लाता था। बेटी भी अपने पिता से बहुत लगाव रखती थी और हमेशा अपनी तोतली आवाज़ में पापा-पापा कह कर पुकारा करती थी। दिन अच्छे बीत रहे थे की अचानक एक दिन मिनी को बहुत तेज बुखार हुआ, सभी घबरा गए , वे दौड़े भागे डॉक्टर के पास गए...

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बुर्जुआ जनवाद – लेनिन

बुर्जुआ जनवाद : संकीर्ण, पाखण्डपूर्ण, जाली और झूठा; अमीरों के लिए जनवाद और गरीबों के लिए झाँसा- लेनिन ”…केवल संसदीय-सांविधानिक राजतंत्रों में ही नहीं, बल्कि अधिक से अधिक जनवादी जनतंत्रों में भी बुर्जुआ संसदीय व्यवस्था का सच्चा सार कुछ वर्षों में एक बार यह फैसला करना ही है कि शासक वर्ग का कौन सदस्य संसद में जनता का दमन और उत्पीड़न करेगा।” (मार्क्‍स)...

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बाड़े की कील

बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक लड़का रहता था. वह बहुत ही गुस्सैल था, छोटी-छोटी बात पर अपना आप खो बैठता और लोगों को भला-बुरा कह देता. उसकी इस आदत से परेशान होकर एक दिन उसके पिता ने उसे कीलों से भरा हुआ एक थैला दिया और कहा कि , ” अब जब भी तुम्हे गुस्सा आये तो तुम इस थैले में से एक कील निकालना और बाड़े में ठोक देना.” पहले दिन उस लड़के को...

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यह परमात्मा कि दूनिया में काम का हो गया है

बहुत पूरानी कहानी है. एक बार एक राजा के दरबार में एक आदमी आया. वह अपने बेटे को साथ लाया था. उसने बेटे को बडे ढंग से बडा किया था, बडे संस्कारो में ढाला था, बडा पढ़ाया लिखाया था. सदा से उसकी यही आकांक्षा थी कि उसका एक बेटा कम से कम राजा के दरबार का हिस्सा हो जाए. उसने उसके लिए ही बडी मेहनत से उसे तैयार किया था. उसे बडा भरोसा था, क्योंकि उसने सभी...

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फुस्स बुद्ध -जातक कथा

चौबीस बुद्धों की परिगणना में फुस्स बुद्ध का स्थान अट्ठारहवाँ हैं । इनका जन्म काशी के सिरिमा उद्यान में हुआ था । मनोरत्थपूरणी के अनुसार उनके पिता का नाम महिन्द्र था । उनकी एक बहन थी और तीन सौतेले भाई । इनकी पत्नी का नाम किसागोतमा था, जिससे उन्हें आनन्द नाम के पुत्र-रत्न की प्राप्ति हुई थी। सम्बोधि के ठीक पूर्व उन्होंने एक श्रेष्ठी कन्या सिरिवड्ढा...

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लोभी नाई ~ पंचतंत्र

एक प्रदेश में एक धनिक महाजन रहता था । लोक-सेवा और धर्मकार्यों में रत रहने से उसके धन-संचय में कुछ़ कमी आ गई, समाज में मान घट गया । इससे महाजन को बहुत दुःख हुआ । दिन-रात चिन्तातुर रहने लगा । यह चिन्ता निष्कारण नहीं थी । धनहीन मनुष्य के गुणों का भी समाज में आदर नहीं होता। उसके शील-कुल-स्वभाव की श्रेष्ठता भी दरिद्रता में दब जाती है । बुद्धि, ज्ञान और...

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वेश्या और ऋषि

ऋषि मुनि एवं शास्त्र से यह ज्ञात होता है की अगर जाने अनजाने में किसी से पाप कर्म हो जाए, तो उसका प्रायश्चित करने से पाप कम हो जाते हैं. प्रायश्चित, अर्थात पश्यताप. इसी सन्दर्भ में एक विद्वान ने एक कथा का विवेचन करते हुए बताया था की एक कस्बें में एक महात्मा रहते थे. उसी कसबे में एक वेश्या रहती थी. महात्माजी अपना कार्य करते थे और वह वेश्या अपना...

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हज की यात्रा और पानी का जहाज

संत राबियां के पास हसन ठहरा । दोनों बैठे थे एक आदमी आया । उस आदमी ने हसन के चरणों में सोने की अशर्फियां रखीं । हसन तो एक दम नाराज हो गया । उसने कहा तू यह सोना लेकर यहां क्यों आया ? सोना मिटटी है, धूल है । हटा यहां से सोने को । राबियां हंसी । हसन ने पूछा क्यों हस्ती हो ? राबिया ने कहा हसन तो तुम्हारा सोने से मोह अभी तक गया नहीं ? सोने से मोह हसन ने...

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विलियम शेक्सपीयर के अनमोल विचार

Quote 1: A fool thinks himself to be wise, but a wise man knows himself to be a fool. In Hindi: एक मूर्ख खुद को बुद्धिमान समझता है, लेकिन एक बुद्धिमान व्यक्ति खुद को मूर्ख समझता है. Quote 2: All the world’s a stage, and all the men and women merely players: they have their exits and their entrances; and one man in his time plays many parts. In...

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