Category - मनोहर कहानियाँ

मियां शेख चिल्ली चले चोरी करने

मियां शेख चिल्ली चले चोरों के संग “चोरी करने” एक बार अंधेरी रात में मियां शेख चिल्ली अपने घर की ओर चले जा रहे थे। तभी अचानक उनके पास से चार चोर गुज़रे। चुप-चाप दबे पाँव आगे बढ़ रहे चोरों के पास जा कर मियां शेख चिल्ली नें उनसे पूछा कि आप सब इस वक्त कहाँ जा रहे हैं। चोरों नें सोचा कि मियां शेख चिल्ली...

Read More

खयाली सपनें टूट कर बिखर जाते हैं

मियां शेख चिल्ली चले लकड़ीयां काटनें एक बार मियां शेख चिल्ली अपने मित्र के साथ जंगल में लकड़ियाँ कांटने गए। एक बड़ा सा पेड़ देख कर वह दोनों दोस्त उस पर लकड़ियाँ काटने के लिए चढ़ गए। मियां शेख चिल्ली अब लकड़ियाँ काटते-काटते लगे अपनी सोच के घोड़े दौड़ने। उन्होने सोचा कि मै इस जंगल से ढेर सारी लकड़ियाँ काटूँगा।...

Read More

मियां शेख चिल्ली के खयाली पुलाव

मियां शेख चिल्ली के खयाली पुलाव एक दिन सुबह-सुबह मियां शेख चिल्ली बाज़ार पहुँच गए। बाज़ार से उन्होने अंडे खरीदे और उन अंडों को एक टोकरी नें भर कर अपने सिर Shekh Chilli Stories in Hindi शेख चिल्ली की कहानियांपर रख लिया, फिर वह घर की ओर जाने लगे। घर जाते-जाते उन्हे खयाल आया कि अगर इन अंडों से बच्चे...

Read More

मियां शेख

क्यों पड़ा “मियां शेख” का नाम “मियां शेख चिल्ली” बचपन में मियां शेख चिल्ली को मौलवी साहब नें शिक्षा दी थी की लड़के और लड़की के लिए अलग अलग शब्दों का प्रावधान होता है। उदाहरण के तौर पर “सुलतान खाना खा रहा है” लेकिन “सुलताना खाना खा रही है।” मियां शेख चिल्ली नें मौलवी साहब की यह सीख गाठ बांध ली। फिर एक...

Read More

आरी

एक बार की बात है एक बढ़ई था। वह दूर किसी शहर में एक सेठ के यहाँ काम करने गया। एक दिन काम करते-करते उसकी आरी टूट गयी। आरी के बिना वह काम नहीं कर सकता था, और वापस अपने गाँव लौटना भी मुश्किल था, इसलिए वह शहर से सटे एक गाँव पहुंचा। इधर-उधर पूछने पर उसे लोहार का पता चल गया। वह लोहार के पास गया और बोला...

Read More

विश्वास करना सीखो!

“मॉम .!!… “मैं सोच रही थी! कि आज रात को मैं शिखा के घर पर ही रुक जाऊंगी…थोडी़ कम्बाइन्ड स्टडी करनी है, वो परसों मैथ्स का टेस्ट है ना उसी की तैयारी करनी है”। किताबें समेंटते हुए चारू बोलती जा रही थी! “पर बेटा ..रात को ..किसी के घर रुकना मुझे तो ठीक नहीं लगता।” “मॉम!!”, नाराज होती हुई चारू ने कहा...

Read More

पागल हाथी

एक बार की बात है। एक गुरूजी थे। उनके बहुत से शिष्य थे। उन्होंने एक दिन अपने शिष्यों को बुलाया और समझाया- शिष्यों सभी जीवों में ईश्वर का वास होता है इसलिए हमें सबको नमस्कार करना चाहिए। अंधा अनुसरणकुछ दिनों बाद गुरूजी ने एक विशाल हवन का आयोजन किया और कुछ शिष्यों को लकड़ी लेने के लिए पास के जंगल भेजा।...

Read More

परेशान चिड़िया

कैसोवैरी चिड़िया को बचपन से ही बाकी चिड़ियों के बच्चे चिढाते थे। कोई कहता, ” जब तू उड़ नहीं सकती तो चिड़िया किस काम की।”, तो कोई उसे ऊपर पेड़ की डाल पर बैठ कर चिढाता कि,” अरे कभी सकारात्मक सोच पर कहानी सुनने हमारे पास भी आ जाया करो…जब देखो जानवरों की तरह नीचे चरती रहती हो…” और ऐसा बोलकर सब के सब खूब...

Read More

राजा भोज

एक बार राजा भोज की सभा में एक व्यापारी ने प्रवेश किया। राजा ने उसे देखा तो देखते ही उनके मन में आया कि इस व्यापारी का सबकुछ छीन लिया जाना चाहिए। व्यापारी के जाने के बाद राजा ने सोचा – मै प्रजा को हमेशा न्याय देता हूं। आज मेेरे मन में यह अन्याय पूर्ण भाव क्यों आ गया कि व्यापारी की संपत्ति छीन ली...

Read More

पांडु पुत्र भीम

भीमसेन का अभिमान पांडु पुत्र भीम को अपनें बलशाली होने पर अत्यंत गर्व हो जाता है। वनवास काल के दौरान एक दिन वह वन की ओर विचरते हुए दूर निकल जाते हैं। रास्ते में उन्हे एक वृद्ध वानर मिलता है। वानर की पूँछ भीमसेन के रास्ते में बिछी होती है। तभी भीम उसे अपनी पूँछ दूर हटा लेने को कहते हैं। परंतु वृद्ध...

Read More

किसी भी विज्ञापन को विश्वास करने से पहले जांच करें ।

loading...

क्रमरहित सूची

Recent Posts

ज्ञान, आजाद है; और किसी को भी बिना किसी प्रतिबंध के ज्ञान का आनंद लेने का अधिकार है. इस में प्रकाशित कोई भी कहानी या लेख को आप बिना प्रतिबन्ध के उपयोग कर सकते हो. आप अपने ब्लॉग में यहाँ से कॉपी करके पेस्ट कर सकते हो लेकिन कोई भी फेब्रिकेशन या फाल्सीफिकेशन की जिम्मेदारी आप की होगी. वेबसाइट का सिद्धांत नैतिक ज्ञान फैलाना है, ना कि ज्ञान पर हक़ जताना. ज्ञान की स्वतंत्रता वेबसाइट का आदर्श है; आप जितना चाहते हैं उतना उसकी प्रतिलिपि(Copy) बनाकर बिना प्रतिबन्ध के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक फैला सकते हो.