मोम का शेर

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पुराने समय में बादशाह एक-दुसरे की बुद्धि की परीक्षा लिया करते थे. एक बार पारस के बादशाह ने अकबर को नीचा दिखाने के लिए एक शेर बनवाया और उसे एक पिजंरे में बंद करवा दिया. इस पिंजरे को उसने एक दूत के हाथों बादशाह अकबर के पास भेजा और कहलवा दिया कि यदि उनके दरबार में कोई बुद्धिमान पुरूष होतो “इस शेर को बिना पिंजरा खोले ही बाहर निकाल दें”

साथ ही यह शर्त भी थी कि यदि इस का हल न हुआ तो पारस के बादशाह का सारे राज्य पर अधिकार हो जायेगा. अब तो बादशाह बडे चिंतित हुए सारे दरबार में उन्होंने यह प्रश्न रखा इस समय बीरबल वहां न थे कोई भी दरबारी इस प्रश्न को हल न कर सका.

बादशाह को बडी चिंता हुई कि “शान” भी मिटटी में मिल जायेगी और राज्य भी हाथ से चला जायेगा. उसी समय बीरबल आ पहूंचे बादशाह ने उनके सामने भी यह प्रश्न रखा तो बीरबल ने पहले अच्छी तरह से शेर को देखा और फिर एक गर्म लोहे की छड से उन्होंने थोडी देर में सारे शेर को पिंजरे से गायब कर दिया.

कारण यह था कि शेर मोम का था जो धातु का मालूम होता था. इस बात को बीरबल ने पहचान लिया. पारस का राजदूत बीरबल की बुद्धिमता को देखकर दंग रह गया और बादशाह भी बडे प्रसन्न हुए.

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क्रमरहित सूची

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