तीन-तीन गधों का भार

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एक बार अकबर अपने दो शहजादों के साथ तालाब में स्नान करने गये हमेशा कि तरह आज भी बीरबल उनके साथ थे, बीरबल को स्नान नहीं करना था इसलिए अकबर और दोनों शहजादों ने अपने-अपने कपडे उतार कर बीरबल को दे दिये.

बीरबल ने सभी कपडे अपने कंधे पर रख लिये, अकबर ने पानी में तैरते-तैरते बीरबल की ओर देखा वह मन ही मन सोचने लगे बडा मूर्ख हैं बीरबल यहां नहाने का मजा लेने के बदले कंधे पर कपडे लिये किनारे पर बैठा है, फिर जोर से उन्होंने कहा – बीरबल तुम्हारे कंधों पर तो एक गधे का बोझ आ पडा है.

बीरबल चोंके वह समझ गये कि बादशाह अकबर उन्हें गधा कह रहे है, ऐसे अवसरों पर बीरबल कभी नहीं चुकते थे, उन्होंने फौरन नहले पर देहला मारा, जहांपनाह एक गधे का नहीं तीन-तीन गधो का बोझ आ पडा है. अकबर क्या बोलते उनकी बोलती बंद हो गयी. बीरबल ने उन्हें मूंहतोड जवाब दे दिया था।

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