क्या बनाता है आपको सफल, IQ या EQ ?

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“ना मजबूत प्रजातियां ना बुद्धिमान प्रजातियां सर्वाइव करते हैं, बल्कि सबसे ज्यादा बदलाव/परिवर्तन को अपनाने वाला प्रजातियां ही ज्यादा देर सर्वाइव करते हैं।” – चार्ल्स डार्विन

“It is not the strongest of the species that survives,  nor the most intelligent, but the one most responsive to change.” – Charles Darwin

कहा जाता  है कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है  और इस बदलती हुई प्रकृति में  survive केवल  वही प्राणी कर सकता है जो अपने आप को बदलाव के साथ fit या  adjust कर पाए . इसका अर्थ है  ‘survival of the fittest’.

प्रतियोगिता  का  सामना  हमें  हर क्षेत्र  में करना पड़ता है चाहे वो professional life हो, social life  हो या personal life. मनुष्य को हर क्षेत्र में अपने आप को विपरीत परिस्थितियों से उबारना पड़ता है. प्राचीन काल से ही सफलता की कसौटी intelligence को माना  जाता रहा है. ऐसा माना जाता है की एक व्यक्ति की IQ और  उसकी सफलता में positive correlation है. यानि अगर IQअधिक  है तो सफल होने की संभावना बढ़ जाती है. दुसरे  शब्दों में अधिक IQ वाला व्यक्ति को कम IQ वाले व्यक्ति से अधिक श्रेष्ट माना जाता है. क्या एक औसत IQ वाला व्यक्ति Genius IQ वाले व्यक्ति से अधिक सफल हो सकता है? आप के क्या विचार है ‘बुक स्मार्ट ‘और ‘स्ट्रीट स्मार्ट ‘व्यक्तियों के बारे में? क्या दोनों में कोई अंतर है? तो उत्तर है हाँ अंतर है, और वो है EMOTIONAL QUOTIENT या EMOTIONAL INTELLIGENCE ( संवेगिक बुद्धि)  का. और कुछ लोग इन दो IQ का तरह तरह का अनुपात की अधिकारी होते हैं यानि दो IQ में अच्छे भी होसकते हैं और कुछ एक दूसरे से कम.

IQ आपको सिर्फ academics या अपने educational institution की परीक्षा  में अच्छे अंक दिलवाता है पर EQ आपको अपने जीवन की परीक्षा  में अच्छे अंक दिलवाता है. Emotionally intelligent लोग बदलते पर्यावरण से सबसे जल्दी adapt करते  हैं और इसलिए उनके survive करने की  संभावनाएं  बढ़ जाती हैं. वे अपने emotions के साथ साथ  दूसरों के emotions को भी manage करते हैं. आज के वातावरण में सफल होने के लिए ये आवश्यक है कि आप के अन्दर अच्छे communication और organizational skill हो ताकि आप  अच्छे  निर्णय ले सके और दूसरों से बेहतर तरीके से deal कर पाएं.

EQ (Emotional Quotient) या EI (Emotional Intelligence) के बारे में सबसे पहले Goleman ने बताया  था. उनका कहना  था कि  जीवन में 20% सफलता  IQ के कारण मिलती है जबकि 80% सफलता  EI के कारण मिलती है. एक बड़ी कंपनी AT & T Bells Labs के मेनेजर को अपने कर्मचारियों को  rank करने के लिए कहा गया तो  high IQ उनकी कसौटी नहीं थी बल्कि उनकी कसौटी थी अच्छे relationships और कितनी बेहतर तरीका से वे  अपने clients से deal करते है. अक्सर स्कूल और कोलेज  में विद्यार्थियों  द्वारा प्राप्त aptitude test scores पर अधिक बल दिया जाता है. पर हम ये भूल जाते हैं की ये टेस्ट सिर्फ कुछ प्रश्नों का एक सेट होते हैं जिन्हें हम विद्यार्थियों की सफलता की कसौटी मान लेते हैं. बहुत  कम ऐसे स्कूल या कोलेज  है जहा emotional intelligence पर कोई program करवाया जाता है. अपनी मशहूर पुस्तक ‘Emotional Intelligence’  में Daniel Goleman ने लिखा है कि एक genius student ने अपने प्रोफेस्सर को सिर्फ इसलिए चाकू मार दिया  था  क्यों कि उन्हों ने उसे परीक्षा में कुछ कम अंक दिए, तो क्या इस तरह की intelligence कभी असली सफलता की कसौटी बन सकती है? Aristotle ने कहा भी है ,”Anyone can become angry- that is easy but to be angry with the right person to the right degree at the right time for the right purpose and in the right way, this is absolutely  not easy.” Goleman ने  ये भी कहा है  कि जो व्यक्ति अपने अन्दर emotional skills develop कर लेते है उनके अपने जीवन में प्रभावशाली होने की और अधिक  संतुष्ट होने की संभावना बढ़ जाती है.

जिन व्यक्तियों का EQ कम होता है उनका जीवन अपनी परेशानियों को गिनने में ही कट जाता है क्यों कि उनका ध्यान  ‘How’ की जगह ‘What’ पर अधिक रहता है. मानव  जाति के प्रारम्भ  में  मनुष्य  को कई निर्णय  ऐसे लेने  थे . कुछ निर्णय ऐसे थे जिन्हें  लेने से उसकी जान  बच सकती थी  तथा  कुछ निर्णय  ऐसे थे  जिन्हें लेने से उसकी जान जा सकती थी. अगर मनुष्य  का अपने  emotional mind पर  control नहीं होता तो शायद आज  मानव जाति  का कोई अस्तित्व ही नहीं होता. दुर्भाग्य  से खराब  emotional skills और बढ़ते  crime rate में  सीधा सम्बन्ध है. जिन बच्चों की emotional skills develop नहीं हो पाती वो बहुत जल्दी समाज विरोधी गतिविधियों का शिकार बन जाते हैं. खराब  emotional और  social skills खराब  concentration और  frustration को पैदा  करते हैं  जिस से लोगो के सम्बन्ध बिगड़ते हैं और परिणाम  स्वरुप  performance भी. एक बच्चे के  अन्दर शुरू से ही  emotional skill develop की जा सकती है इस के लिए पूरे परिवार का साथ देना अति आवश्यक है. बच्चो को  अपने  emotions को  manage करने के साथ -साथ दूसरों के emotions का भी ध्यान रखना सिखाया जा सकता है. Self control और   Delay of gratification  ये सब emotional skill के ही पहलू हैं.  अगर हमे जीवन में सफल होना है तो दूसरों  के emotions को पहचानना  बहुत आवश्यक है. अच्छे emotional skills एक अच्छे  नेता की पहचान होते हैं. बहुत से लोग आपने ऐसे देखे होंगे जिन्होंने अपने  school और college में बहुत  अच्छे अंक प्राप्त किये पर  उनके बहुत ही कम दोस्त होते है और जीवन के अधिकतर संबंधों  को निभाने में वे विफल  हो  जाते हैं. स्वस्थ सम्बन्ध एक खुशहाल  जीवन का सार है इसलिए  अपने अन्दर इन दो IQ और EQ का पर्याप्त डेवलपमेंट होना जरुरी है.

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