आप सोने की तलाश में हैं या मिट्टी की

loading...

Andrew Carnegie अपने बचपन के दिनों में हि Scotland से America चलें गए थे। उन्होंने छोटे-मोटे कामो से शुरूआत क़ी और अंत में आख़िरकार America में Steel बनाने वाली सबसें बडी Company के मालिक बन गए।

उनके पास एक़ ऐसा वक्त भी आया जब उनके लिये 43 करोडपति काम करते थे । करोड़ों रूपये इस ज़माने में भी बहूत होते हैं लेक़िन सन 1920 के आसपास तो उनकी क़ीमत बहूत ज़्यादा थी।  किसी व्यक्ति ने Carnegie से पूछा- आप लोगो से कैसे पेष आते हैं ?

उन्होने जवाब में कहा – लोगों से पेष आना काफ़ी हद तक़ सोने क़ी ख़ुदाई करने जैसा हि है। हमकों एक़ तौला सोना खोद निकालनें के लिये कई Ton मिट्टि हटानी पढ़तीं है । लेक़िन ख़ुदाई करते वक्त हमारा ध्यान मिट्टी पर नहीं बाल्की सोने पर रहता हैं।

Andrew Carnegie के ज़वाब में एक़ बहूत ही महतव्पूर्ण संदेष छूपा हुआ है। हो सकता हैं किसी इंसान या हालात में क़ोई अच्छी बात साफ तौर पर न दिखाईं दें रही हो ऐसे हालात मे उसे हमें गहराई मे जाकर तलाशना होगा। ठीक सोने क़ी तरह – जब हम सोने कि खुदाई करते हैं तो बहूत समय तक़ सिर्फ मिट्टी हात लगती हैं, फिर अंत में सोना मिल पाता हैं –

Carngie ने कहा – हमकों एक़ तौला सोना खोद निकालनें के लिये कई Ton मिट्टि हटानी पढ़तीं है, यानी कि किसी अच्छी चीज़ को पाने के लिये बहूत सी बुराइयों को नजरअंदाज करते हुए अच्छी चीज़ कि और ध्यान देते हुए अपने काम में संलग्न रहना चाहिए | जब हम गैर उपयोगी चीज़ों यानी यहाँ पर मिट्टी को नजरअंदाज क़र देंगे और सिर्फ अपने लक्ष्य कि और हि ध्यान केंद्रित रखेंगे तो हम सोना पा ही लेंगे |

हमारा मकसद क्या है ? सोना तलाषना । अगर हम किसी इंसान या किसी चीज़ में कमियाँ ढूँढेंगे तो हमें ढेरों कमियाँ दिखाईं देगी । लेक़िन हमें किस चीज़ क़ी तलाष हैं सोने की या मिट्टि क़ी ? और कमियाँ ढूँढने वाले लोग तो स्वर्ग में भी कमियाँ निकाल देंगे । इसलिए अपने लक्ष्य पर ध्यान दो लक्ष्य में आने वाली बाधाओं पर नहीं | क्योंकि हमें मिलता वही हैं जिसपर हम ध्यान देतें हैं |

किसी भी विज्ञापन को विश्वास करने से पहले जांच करें ।
loading...

किसी भी विज्ञापन को विश्वास करने से पहले जांच करें ।

loading...

क्रमरहित सूची

Recent Posts

ज्ञान, आजाद है; और किसी को भी बिना किसी प्रतिबंध के ज्ञान का आनंद लेने का अधिकार है. इस में प्रकाशित कोई भी कहानी या लेख को आप बिना प्रतिबन्ध के उपयोग कर सकते हो. आप अपने ब्लॉग में यहाँ से कॉपी करके पेस्ट कर सकते हो लेकिन कोई भी फेब्रिकेशन या फाल्सीफिकेशन की जिम्मेदारी आप की होगी. वेबसाइट का सिद्धांत नैतिक ज्ञान फैलाना है, ना कि ज्ञान पर हक़ जताना. ज्ञान की स्वतंत्रता वेबसाइट का आदर्श है; आप जितना चाहते हैं उतना उसकी प्रतिलिपि(Copy) बनाकर बिना प्रतिबन्ध के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक फैला सकते हो.