अडोल्फ़ हिटलर के अनमोल विचार

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विजेता से कभी नहीं पूछा जायेगा कि क्या उसने सच कहा था.

सभी महान आन्दोलन लोक्रप्रिय आन्दोलन होते हैं।  वे मानवीय जूनून और भावनाओं का विस्फोट होते हैं , जो कि विनाश की देवी या  लोगों के बीच बोले गए शब्दों की मशाल के द्वारा क्रियान्वित किये जाते हैं .

सभी प्रचार लोकप्रिय होने चाहिए और इन्हें  जिन तक पहुचाना है उनमे से सबसे कम बुद्धिमान व्यक्ति के भी समझ में आने चाहियें .

कोई भी गठबंधन जिसका उद्देश्य युद्ध शुरू करना नहीं है वो  मूर्खतापूर्ण और बेकार है .

जो कोई भी आकाश को हरा और मैदान को नीला देखता या पेंट करता है उसे मार देना चाहिए .

एक ईसाई होने के नाते  मुझे खुद को ठगे जाने से बचाने का कोई कर्तव्य नहीं है , लेकिन सत्य और न्याय के लिए लड़ने का मेरा कर्तव्य है .

कुशल और निरंतर प्रचार के ज़रिये , कोई लोगों को स्वर्ग भी नर्क की तरह दिखाया जा  सकता है या एक बिलकुल मनहूस जीवन को स्वर्ग की तरह दिखाया जा  सकता है .

आश्चर्य , भय , तोड़-फोड़ , हत्या के ज़रिये दुश्मन को अन्दर से हतोत्साहित कर दो .यह भविष्य का युद्ध है .

जनरलस सोचते हैं कि युद्ध मध्य युग की खेल-कूद प्रतियोगिताएं की तरह छेड़े जाने चाहिए . मुझे शूरवीरों का कोई काम नहीं है ; मुझे क्रांतिकारी चाहियें .

जर्मनी या तो एक विश्व-शक्ति होगा या फिर होगा ही नहीं .

महान असत्यवादी महान जादूगर भी होते हैं।

नफ़रत नापसंदगी की तुलना में अधिक स्थायी होती है .

केवल वही , जो युवाओं का मालिक होता है , भविष्य में लाभ उठता है .

कितना भाग्यापूर्ण है उन सरकारों के लिए कि जिन लोगों पर वो शाशन करते हैं वे सोचते नहीं .

मानवतावाद मूर्खता और कायरता की अभिव्यक्ति है.

मेरा मानना है कि आज मेरा आचरण सर्वशक्तिमान निर्माता की इच्छा के अनुसार है.

मुझे ये नहीं समझ आता कि इंसान प्रकृति के जितना ही क्रूर क्यों नहीं हो सकता .

मैं ज्यादातर लोगों के लिए भावना का प्रयोग करता हूँ और कुछ के लिए कारण बचा कर रखता हूँ .

अगर आज मैं यहाँ एक क्रांतिकारी के रूप में खड़ा होता हूँ तो यह क्रांति के खिलाफ एक क्रांतिकारी के खड़े होने के सामान होगा.

यदि आप एक बड़ा झूठ बोलते हैं और उसे अक्सर बोलते हैं तो उस पर यकीन कर लिया जायेगा .

हमेशा ही विश्वास के खिलाफ लड़ना ज्ञान के खिलाफ लड़ने से अधिक कठिन होता है।

वो सत्य नहीं है जो मायने रखता है , बल्कि वो जीत है .

मानवजाति शाश्वत संघर्ष  से शक्तिशाली हुई है और ये सिर्फ अनंत शांति के माध्यम से नष्ट होगी .

चुनाव के माध्यम से एक महान व्यक्ति खोजने से पहले एक ऊंट सुई की आंख से निकल जायेगा .

शक्ति बचाव में नहीं आक्रमण में निहित है .

संघर्ष सभी चीजों का जनक है . जानवरों की दुनिया में इंसान मानवता के सिद्धांत से जीता या खुद को बचाता नहीं है बल्कि वो सिर्फ क्रूर संघर्ष के माध्यम से जिंदा रह पाता है .

सफलता ही सही और गलत का एकमात्र सांसारिक निर्णायक है.

नेतृत्व की कला … एक एकल दुश्मन के खिलाफ लोगों का ध्यान संगठित करने और यह सावधानी बरतने में है कि कुछ भी इस ध्यान को तोड़ न पाए .

व्यापक जनसँख्या किसी और ताकत से अधिक भाषण की अपील के प्रति संवेदनशील होती है .

व्यक्तिगत ख़ुशी के दिन बीत चुके हैं .

किसी देश का नाश केवल जूनून के तूफ़ान से रोका जा सकता है , लेकिन केवल वो जो खुद जुनूनी होते हैं दूसरों में जूनून पैदा कर सकते हैं .

लोगों का बड़ा समूह छोटे झूठ की अपेक्षा बड़े झूठ का आसानी से शिकार बन जाता है .

अधिनायकवादी राज्य की सबसे बड़ी शक्ति यह है कि जो लोग उसका अनुसरण करने से डरते हैं वो उसपर बल प्रयोग करता है .

सफलता की सबसे पहली आवश्यकता हिंसा का नियमित और निरंतर नियोजन है .

विजेता से कभी नहीं पूछा जायेगा कि क्या उसने सच कहा था .

जो जीना चाहते हैं उन्हें लड़ने दो और जो अनंत संघर्ष वाली इस दुनिया में नहीं लड़ना चाहते हैं उन्हें जीने का अधिकार नहीं है .

यूनीवर्सल एजुकेशन सबसे अधिक नुक्सान पहुंचाने वाला ज़हर है जिसका उदारवाद ने अपने विनाश के लिए आविष्कार किया है .

कौन कहता है कि मैं भगवान् की विशेष सुरक्षा के अंतर्गत नहीं हूँ ?

जो कोई भी यूरोप में युद्ध की मशाल जलाता है वो कुछ और नहीं बस अराजकता की कामना कर सकता है .

शब्द अज्ञात क्षेत्रों में पुल का निर्माण करते हैं .

किसी भी विज्ञापन को विश्वास करने से पहले जांच करें ।
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